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कविता घर | Kavita Ghar📝

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पूरी तरह साहित्य को समर्पित, साहित्य प्रेमियों का अपना घर। अपनी कविताएँ इस पते पर भेजें 💌 Kavitaaghar @gmail .com हमें यूट्यूब पर फ्री में सब्सक्राइब करें;👇

Delhi, India
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कविता घर | Kavita Ghar📝
11 months
तुम्हारे पैरों में जूते भले न हो, लेकिन तुम्हारे हाथों में किताबें ज़रूर होनी चाहिए। - डॉ. भीमराव आंबेडकर
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कविता घर | Kavita Ghar📝
2 years
शिक्षक साधारण नहीं होता, प्रलय और निर्माण उसकी गोद में पलते हैं। ~ चाणक्य
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कविता घर | Kavita Ghar📝
1 year
दीक्षा जायसवाल । #kavitaaghar #hindiquotes
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1 year
आज भी ज़माना इसी बात से जलता है, कि ये आदमी इतनी ठोकर खा के भी, सीधा कैसे चलता है। - डॉ. विवेक बिंद्रा
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2 years
कभी धवल सा चाँद मैं कभी पीली सी धूप मैं कभी झूठ सा सुन्दर मैं कभी यथार्थ सा कुरूप मैं। ~ आयुष्मान खुराना/ @ayushmannk
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4 years
लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के संभलते क्यों हैं इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यों हैं मैं न जुगनू हूँ, दिया हूँ न कोई तारा हूँ रोशनी वाले मेरे नाम से जलते क्यों हैं नींद से मेरा त'अल्लुक़ ही नहीं बरसों से ख्वाब आ आ के मेरी छत पे टहलते क्यों हैं @rahatindori 🌼
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2 years
इस तस्वीर पर अपने भाव व्यक्त कीजिए।
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2 years
कविता घर अब दस हजार पाठकों का परिवार हुआ। सभी को शुभकामनाएं। सभी का धन्यवाद! सदा प्रेम बनाए रखें।।
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कविता घर | Kavita Ghar📝
1 year
रोटी के बाद मनुष्य की सबसे बड़ी कीमती चीज उसकी संस्कृति होती है। 🙏❤️
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1 year
"घर" से दूर रहकर मैंने यह जाना कि रहने की सबसे महफूज जगह "घर" है। कृष्णा कोहरे #kavitaaghar
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कविता घर | Kavita Ghar📝
4 years
रोटी की महक उनकी निगाहों को है मालूम रातों को जिन्हें भ��खा सुलाती है ज़िंदगी ~ हरिओम @dr_hariom_ias
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कविता घर | Kavita Ghar📝
3 years
एक दिन यह देश मूर्तियों का देश होगा मूर्तियाँ, जो न बोल सकती हैं, न देख सकती हैं, न चल सकती हैं, न विरोध कर सकती हैं, न्याय भी मूर्ति, क़ानून भी मूर्ति। ~सुजाता | @Sujata1978
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2 years
चिड़ी चोंच भर ले गई, नदी न घट्यो नीर। दान दिए धन न घटे, कह गए दास कबीर॥ ~कबीरदास
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3 years
माँ, तुम किस मिट्टी की बनी हो? वह मिट्टी चाहिए... एक पुख़्ता घर बनाना है...!! ~दिव्याशा | @dhoop_lautegi [कविता संग्रह:- 'धूप लौटेगी']
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2 years
खुद को उस 'शून्य' तक ले जाओ जहाँ से 'एक' तक की यात्रा करना आसान हो जाए। ~ दीपक चौधरी
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11 months
अमिताभ बच्चन कहते हैं ... "अपने करियर के चरम पर, मैं एक बार हवाई जहाज से यात्रा कर रहा था। मेरे बगल वाली सीट पे एक साधारण से सज्जन व्यक्ति बैठे थे, जिसने एक साधारण शर्ट और पैंट पहन रखी थी। वह मध्यम वर्ग का लग रहा था, और बेहद शिक्षित दिख रहा था। अन्य यात्री मुझे पहचान रहे थे
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1 year
स्त्रियाँ बड़ी अजीब होती हैं एक दिन समझ में आती हैं और दूसरे दिन पहेली बन जाती हैं किस बात को मन से लगा रखा है वो बूझना तुम्हारा काम है पर वो चाहती है कि तुम जवाब दो, कम से कम उनका मन तो टटोलो देखना वो ख़ुद भूल जाएगी कि आख़िर किस बात पर रूठी थीं - आभा @AbhaChhavi
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2 years
सूरज ने कभी नहीं किया वादा सुबह से मिलने का,जबकि वो हर रोज मिला नदियों ने कभी नहीं कहा सागर से, जबकि वे उससे मिलीं पेड़ों ने कभी नहीं किया वादा हमसे जबकि उन्होंने फल दिया जहाँ आश्वस्ती होती है वहाँ वादा नहीं होता वादा स्वयं से किया गया छलावा है।
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2 years
प्रेम दो आत्माओं का मेल है और विवाह दो जिस्मों का, विडंबना देखिए जिस्मों के मेल पर घरों में जश्न मनाया जाता है और आत्माओं के मेल पर मातम। ~ जैकी यादव | @JaikyYadav16
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11 months
किसी को छोड़ कर भले ही चले जाना, लेकिन किसी के मन में कोई ऐसा प्रश्न छोड़ कर न जाना जिसका उत्तर उसे सिर्फ़ तुम दे सकते थे। -नरेश गुर्जर
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1 year
लड़कियां ब्याही जाती है सरकारी मुलाज़िमों से ज़मीनों से दुकानों से, बस वो ब्याही नहीं जाती तो सिर्फ अपने प्रेमियों से. सीमा सिंह बौद्ध
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3 years
कविता मेरे धड़कते हृदय का रक्त है। - महमूद दरवेश
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1 year
तुम मिरी क़िस्मत में नहीं थी मगर मैं क्या करूँ मुझे आदत है सिलेबस से बाहर की क़िताब पढ़ने की..... -सावन #क़िताबें 📚 साभार: @poet_savan
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2 years
हमारे यहाँ विवाह का आधार प्रेम और इच्छा पर नहीं, धर्म और कर्तव्य पर रखा गया है। इच्छा चंचल है, क्षण-क्षण में बदलती रहती है। कर्तव्य स्थायी है, उसमें कभी परिवर्तन नहीं होता। - मुंशी प्रेमचंद
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3 years
"तमाम महिलाएँ अच्छा लिखती हैं। दरअसल वे स्वयं ही श्रेष्ठ रचनाएँ हैं।" ~ मंगलेश डबराल
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11 months
एक शब्द धोनी के लिए।❤️
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2 years
“लोकतंत्र में पत्रकार का सत्ता के साथ हाथ मिलाना नैतिक अपराध है।” ~ अटल बिहारी वाजपेयी
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1 year
ये हंसता हुआ चेहरा देख कर आपको ये याद रखना चाहिए कि “कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती”
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2 years
कुछ शब्द इस तस्वीर के बारे में।
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2 years
ख़ाली पेट और ख़ाली जेब इन्सान को जो सिखाते हैं वो किसी भी यूनिवर्सिटी-कॉलेज में नही सिखाया जाता। ~खान सर #KhanSir
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3 years
आप समय पर न टैक्स भरो जुर्माना भरो या होगी जेल लेकिन सरकार समय पर न वैक्सीन न ऑक्सीजन दे सच में उनको कुछ नहीं होगा क्योंकि सब ज़िम्मेदारी सिर्फ हम जनता की है साहब तो 'मन की बात' करेंगें और मंत्री हैं मनोरंजन के लिए __________________ ~प्रशांत कनौजिया | @PJkanojia
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11 months
दो तीन दिनों से ये तस्वीर ट्विटर यानि X पर दिखाई दे रही है। कहीं तो हमने पढ़ा था कि "जब किताबें सड़कों पर और जूते शीशे के शोरूम में बिकने लग जाए तो समझ लेना चाहिए कि समझ को सुधार और ज्ञान की जरूरत है।" पंक्तियां किसी है? और कितनी सही है? बताएं ज़रूर लेकिन इन पंक्तियों का भाव
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3 years
अतीत एक ठहरा हुआ स्टेशन भविष्य आने वाला पहाड़ी गांव वर्तमान अज्ञेय की कविता सी चलती रेलगाड़ी छुक छुक छुक छुक..... _________________ पियूष तिवारी 🌼 @_PiyushTiwarii
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3 years
अपनी हर प्रशंसा पर प्रश्नचिन्ह अवश्य लगाइये। ये देखिये कि वह कहाँ तक सही है। ______________________ नरेन्द्र कोहली
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11 months
पुरुषों को भी चाहिए होता है छोटी-छोटी बातों से दिखने वाला लाड़-प्यार उदास होने की थोड़ी सी आज़ादी एक अटूट विश्वास भरा कंधा, सर रखने के लिए और देर तक उनकी ख़ामोशी का कोई साथी पुरुषों में भी रहती है एक उपेक्षित स्त्री ! ~ श्रीधा
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1 year
तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुमको, मेरी बात और है मैंने तो मुहब्बत की है। — साहिर लुधियानवी
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3 years
बारिशों में भीगने की आरज़ू दिल में लिए ज़िंदगी हमने गुज़ारी धूप में चलते हुए I ~ हरिओम @dr_hariom_ias
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1 year
उन नालायक बेटे और बेटियों को कैसे नींद आ जाती है; जिनके पालन पोषण के लिए मां बाप ने अपनी जिंदगी खत्म कर दी। वीडियो साभार:। @KavyaKutir
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1 year
वो मस्ज़िद भी जाएगा, वो मन्दिर भी जाएगा, वो भूखा है साहब, उसे मज़हब कहाँ समझ आएगा। ~"गुलशेर अहमद"/ @Ahmads_voice /किताब "रेलवे स्टेशन की कुर्सी" से/
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2 years
पहाड़ों की कंदराओं में बैठकर तप कर लेना सहज है, किन्तु परिवार में रहकर धीरज बनाये रखना सबके वश की बात नहीं। ~ प्रेमचंद
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11 months
सुनो… यूँ “चुप” से न रहा करो, यूँ “खामोश” से जो हो जाते हो, तो दिल को “वहम” सा हो जाता है, कहीं “खफा” तो नही हो..?? कहीं “उदास” तो नही हो…?? तुम “बोलते” अच्छे लगते हो, तुम “लड़ते” अच्छे लगते हो, कभी “शरारत” से, कभी “गुस्से” से, तुम “हँसते” अच्छे लगते हो, सुनो… यूँ
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2 years
सपनों की क़ीमत इतनी बड़ी थी कि माँ और घर दोनों ही छूट गए। ~ अज्ञात
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2 years
इस समाज में जो आदमी बुरा नहीं है वो बेवक़ूफ़ है। ~ जौन एलिया
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3 years
कम पढ़ाना सब्जी कटवाना आटा गूंथवाना चूल्हा जलवाना घर में बिठाना चुप रहना सिखाना। हम सभी का भरपूर योगदान है एक लड़की को औरत बनाने में। ~आयुष चतुर्वेदी | @TheAyushVoice
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3 years
रात कितनी भी अंधेरी हो,पर एक माँ अपने बच्चे के पास रोशनी का एक टुकड़ा रख ही जाती है। ~नीलोत्पल मृणाल | @authornilotpal
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1 year
यदि ये राजनीति है तब ये बहुत ख़ूबसूरत राजनीति है।
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2 years
"ईश्वर सबका है" यह इतिहास से लेकर अब तक का बोला गया सबसे बड़ा झूठ है जो ताकतवर रहें ईश्वर उन्हीं का रहा या जो शक्तिशाली हुए वे ईश्वर बन बैठे जहाँ भी ईश्वर की सत्ता रही वहाँ शोषित अवश्य रहे कमजोर और वंचितों के लिए ईश्वर नहीं होता ईश्वर एक भ्रम है।
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3 years
चलो मोहब्बत का पैग़ाम फैलाएं सरेआम ना देखें हिंदू और ना देखें मुसलमान आओ सब मिलकर करे है वहीं काम जिसे देते है लोग इंसानियत का नाम क्यूंकि इससे ना होगा किसी का नुकसान ~मो० काशिफ खान | @MdKashif_khan
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2 years
बर्तन ख़ाली हो तो ये मत सोचो कि माँगने चला है, हो सकता है सबकुछ बाँट के आया हो। ~ बुल्लेशाह
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2 years
ध्यान से पंछियों को देते हो दाना-पानी, इतने अच्छे हो तो पिंजरे से रिहा कर दो ना। ~ जुबैर अली ताबिश
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1 year
प्रेमिकाएँ, बालों से ज्यादा प्रेमी चुनने में उलझी रहती है प्रेमियों के लिए कभी-कभी एक साधारण स्त्री भी सात अजूबों से ज्यादा सुंदर हो जाती हैं। जिस खिड़की से उसे डरावनी आवाजें सुनाई देती है उसी खिड़की पर वह घण्टों-घण्टों, बिना भय के प्रतीक्षा करती है; +++
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3 years
अपने अंदर की ख़ोज कोलंबस के अमेरिका खोजने से बड़ी है। ~नीलोत्पल मृणाल | @authornilotpal
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1 year
तुम अगर भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुमको, मेरी बात और है, मैंने तो मोहब्बत की है! - साहिर लुधियानवी
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3 years
तेरा ख़याल हो जैसे कि अमलतास कोई हवा में देर तलक रहती है पीली खुश्बू –हरि ओम #drhariomias @dr_hariom_ias
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2 years
तुम कितने ताकतवर हो? ये अखाड़े नहीं, किताबें बताएँगी कि तुमने उन्हें कितनी ताकत से पढ़ा। ~सत्यव्रत रजक | @Satyavrat_R
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4 years
जो लोग खरे थे वो खरी बात कह गए मौक़ापरस्त जितने थे हकला के रह गए ~हरिओम | @dr_hariom_ias
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3 years
कविता भी है तो स्त्री ही कोई उसे सुनता नहीं, सुनता भी है तो समझता नहीं, सब उसके प्रेमी हैं और दोस्त कोई नहीं! - अनामिका
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1 year
"लाख समझाया कि शक करती है दुनिया, तू पास से गुज़र जाया कर, पर मुस्कुराया ना कर” ~ आयुष्मान खुराना @ayushmannk
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1 year
समाज छीन लेता है एक रोते हुए पुरूष से उसका पुरुषत्व और विद्रोह करती स्त्री से उसका स्त्रीत्व। ~ अपूर्वा श्रीवास्तव
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1 year
"जब मैं कहता हूँ--'मैं ठीक हूँ' मैं चाहता हूँ कि कोई मुझे कसकर पकड़ ले मेरी आँखों में देखकर कहे कि 'नहीं, मुझे पता है कि तुम नहीं हो।' " ~ पाउलो कोएलो
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3 years
तस्वीर तो एक भी नही तेरे साथ मगर मैंने हर ख़्वाब तेरे साथ देखा है.! @ModernMira
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2 years
मेरे बेटे कभी इतने ऊंचे मत होना कि कंधे पर सिर रखकर कोई रोना चाहे तो उसे लगानी पड़े सीढियां, इतने धार्मिक मत होना कि ईश्वर को बचाने के लिए इंसान पर उठ जाय तुम्हारा हाथ, न कभी इतने देशभक्त कि घायल को उठाने को झंडा जमीन पर न रख सको। ~कविता कादंबरी
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2 years
मृत्यु बड़ी नहीं है। बड़ा है जीवन। समूची दुनिया को समाप्त कर देना बड़ा काम नहीं है। बड़ा काम है संसार के सुख-दुःख सहकर इसे चलाना… ~ कमलेश्वर
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1 year
पिता लोगों से छिप कर करता है अपने बच्चों से प्रेम पिता डरता है कि वो माँ होता जा रहा है पितृसत्ता ने महिलाओं से ही नहीं छीने हैं उनके अधिकार पुरुषों से भी छीना है उनका बापत्व! - आदित्य रहबर | @Adityarahbar120 (फ़ोटो: मसान) In frame- @imsanjaimishra & @RichaChadha
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2 years
आकाश को फ़र्क नहीं पड़ता कौनसी ऋतु गुज़र रही है, वह करता रहता है अपनी धरती से प्रेम... @parityakt
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2 years
सिक्के खेलते बच्चे | @Satyavrat_R
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2 years
आँखों में आँसू भरे किन्तु अधरों में मुसकाता हूँ चलते-चलते थक गए पैर फिर भी चलता जाता हूँ - गोपालदास ‘नीरज’
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2 years
ख़ुदा ऐसे एहसास का नाम है रहे सामने और दिखाई न दे. ~बशीर बद्र
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3 years
आओ बनते है हम सब इंसान ना हो तुम हमसे परेशान और ना हम हो तुमसे परेशान मिलकर बने एक अच्छा इंसान जिससे बढ़ा सके देश का स्वाभिमान तभी लोग कहेंगे कि कितना प्यारा है हिंदुस्तान जहां सब धर्म के मिलकर रहते हैं इंसान। ~मो० काशिफ खान | @MdKashif_khan
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1 year
हम उस समाज में जीते हैं जहां घर से भागे लड़कों का इंतजार होता है और घर से भागी लड़कियों का श्राद्ध ! - Gulshan Jha
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3 years
दर्द के मंज़र निगाहों से उठा लेते हैं हम दौर कैसा भी हो थोड़ा मुस्कुरा लेते हैं हम ~हरिओम | @dr_hariom_ias
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4 years
ओ माँ! ये दुनिया तेरे आँचल से छोटी है! ~नीलोत्पल मृणाल | @authornilotpal
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3 years
हर‌ पेड़ अपने हाथों में एक अदृश्य तख़्ती उठाए है, जिसपर‌ लिखा है, "मैं तुमसे प्रेम करता हूँ" क्या अब भी तुम्हारी कुल्हाड़ियाँ उस पर उठ सकती हैं...? ~पायल | @456_payal
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3 years
पहुँचने से अधिक ज़रूरी ठीक से यात्रा करना है। ~ गौतम बुद्ध
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3 years
कभी ख़ुद्दारी की सरहद ही नहीं लाँघते हैं ! भीख तो छोड़िए,हम हक़ भी नहीं माँगते हैं !! ~मनोज मुंतशिर @manojmuntashir
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3 years
राज़ जो कुछ हो इशारों में बता भी देना हाथ जब उससे मिलाना तो दबा भी देना @rahatindori
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1 year
वो मस्ज़िद भी जाएगा, वो मन्दिर भी जाएगा, वो भूखा है साहब, उसे मज़हब कहां समझ आएगा। ~अहमद #kavitaaghar
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1 year
जातिवाद का ढोंग करने वाले संकीर्ण मानसिकता के रोगी होते हैं। नीची जाति के हाथ का पानी नही पी सकते, किंतु नीची जाति की स्त्री को अपनी हवस का शिकार बनाने में गुरेज़ न करते।।🥺 ~अंकिता🍁 | @avykataprem1
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2 years
ये बाहरी दुनिया बदले , न बदले तुम किताबें पढ़ो कि तुम्हारा नज़रिया बदले । ~ प्रह्लाद पाठक | @PathakNagarwar #WorldBookDay 🌟📚
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2 years
भारत का कोई भी बच्चा, उसके सफलता में पैसा उसकी बाधा नही बनेगी । ~Khan Sir❤️
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2 years
निर्ममता से नहीं उन्हें प्रेम से विदा करना, जो निर्मम थे तुम्हारे प्रति। - स्मृति प्रशा | @smritiii_
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3 years
जब हर कोई अपने बुराई पर करे फ़िक्र तो बिल्कुल सब हालात जाएं बदल मगर अफसोस एक दूसरे में लगे है अपनी सारी बुराईयां भूले है ! ~मो० काशिफ खान | @MdKashif_khan
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11 months
रूबीना का रिजर्वेशन जिस बोगी में था, उसमें लगभग सभी लड़के ही थे। टॉयलेट जाने के बहाने रुबिना पूरी बोगी घूम आई , मुश्किल से दो या तीन औरतें होंगी। मन अनजाने भय से काँप सा गया। पहली बार अकेली सफर कर रही थी, इस लिए पहले से ही घबराई हुई थी। अतः खुद को सहज रखने के लिए चुपचाप अपनी सीट
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कविता घर | Kavita Ghar📝
3 years
अम्मा ! क्या कैसे क्यूँ रचूँ तुम पर छंद !! तुमने रचा गढ़ा मुझको, हूँ तुम्हारा ही निबन्ध !! ~मुकेश कुमार सिन्हा | @Tweetmukesh
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कविता घर | Kavita Ghar📝
3 years
____________ जाते हुए सुख की पीठ.... और आते हुए दुःख का चेहरा.... मनुष्य कभी नहीं देखना चाहता.... पर देखता है..... ____________ पायल | @456_payal २२-९-२०२१
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कविता घर | Kavita Ghar📝
3 years
मैं तेरे प्यार का मारा हुआ हूं, सिकंदर हूं मगर हारा हुआ हूं - डॉ.हरिओम | @dr_hariom_ias
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2 years
बुजुर्ग अनपढ़ हो सकते हैं पर अनुभवहीन कदापि नहीं । ~ नीरज @Neeraj_Writes_
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2 years
क्या यही ख़ूबसूरत भारत नही है? [नोट: "कविता घर" पक्ष या विपक्ष के साथ नही है।]
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1 year
जिन लोगों के हाथ ताकत होती है, उन लोगों के दिल में रहम नहीं होता। ~ भीष्म साहनी
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2 years
सबसे अधिक खूबसूरत क्या होता है?
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1 year
काम करके कुछ उपार्जन करना शर्म की बात नहीं, दूसरों का मुँह ताकना शर्म की बात है। ~ प्रेमचंद #kavitaaghar #premchand
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2 years
एक ही समय में जीवन के कई रास्तों पर चलना मुश्किल है। ~पाइथागोरस
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2 years
नौकरी! यह शब्द हमारी आत्मा के माथे पर ख़ून से लिखा हुआ है। यह शब्द ख़ून बनकर हमारी रगों में दौड़ रहा है। यह शब्द ख़्वाब बनकर हमारी नींद की हत्या कर रहा है। हमारी आत्मा नौकरी के खूंटे से बँधी हुई लिपि की नाँद में चारा खा रही है। ~ राही मासूम रज़ा
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2 years
एक छोटे से गांव में भी एक मंदिर ज़रूर होता है जबकि वहां स्कूल और अस्पताल होने चाहिए..! -नेहा यादव
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1 year
सूर्योदय होता है थोड़ा हिचकिचाते हुए जैसे उसे मेरे दुःख की ख़बर है, सूर्यास्त होता है इतनी तेजी से जैसे भागना चाह रहा हो मेरे विलाप से- दुःख मेरा आकाश है जिसमें ग्रह-नक्षत्र, रंग और आभाएं, आकाशगंगाएं सब अवसन्न हैं। -अशोक वाजपेयी साहब
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2 years
पहले अख़बार शाम आते-आते रद्दी हो जाता था लेकिन अब घर आते-आते ही रद्दी हो जाता है। ~ जैकी यादव | @JaikyYadav16
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1 year
वैश्या पैदा नहीं होती, बनाई जाती हैं या ख़ुद बनती है। जिस चीज़ की मांग होगी मंडी में ज़रूर आएगी। - सआदत हसन मंटो #kavitaaghar #manto #quotesaboutlife
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कविता घर | Kavita Ghar📝
2 years
कविता घर ( @kavitaaGhar ) अब बारह हज़ार (12K) पाठकों का परिवार हुआ। सभी साथियों और पाठकों का आभार, बधाई और शुभकामनाएं।🎉🎊 ऐसे ही अपने साथी पाठकों को जोड़ते रहें और परिवार को बढ़ाते रहें। सभी को शुभकामनाएं और बधाई।🎉🎉🎊
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3 years
बिखरा रहना भी एक प्रकार का आनंद है... कुछ चीज़ें इसलिए सुंदर हैं... कि वे समेटी नहीं जा सकतीं... जैसे नदियाँ... जैसे आकाश.... ~पायल | @456_payal
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11 months
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए ~बशीर बद्र
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