@dineshbohrabmr
स्प्रिंग को जीतना दबाओगे उतनी उछलेगी
निर्भीकता, निडरता को हराने के लिए कई आक्रमणकारियों ने ऐड़ी से चोटी तक जोर लगाया था
पर :-महाराणा,दुर्गादासजी, शिवाजी, चौहान जैसे रणवीरों,महावीर व माँ-भारती के सपूतों के साथ तत्कालीन जनता कँधे-से-कँधा मिलाकर खड़े थे
"हौशले रखें"
"क्रूरता