🚩जय सनातन
रामलीला मंचों,दुर्गापंडाल,कीर्तन मंडलियों,जागरण,डांडिया स्थलों,धर्म प्रसार सेअन्यत्र मात्रआजीविका के साधन बना चुके कथा वाचकों,ज्योतिषाचार्यों,योग गुरुओं,मठ,मंदिर,आश्रमों इत्यादि से इस विषय पर प्रखर मुखर स्वर गुंजायमान होना अति आवश्यक है।एक संगठन पर निर्भरता उचित नहीं।