गोडसे से भरे इस देश में अब कई गाँधी की ज़रूरत.
मैं गाँधी जी के लिए हिन्दू -मुस्लिम दोनों से लड़ा हूँ. एक बार नहीं कई बार लड़ा हूँ. ज़रूरत है आपको भी लड़ने की..
क्यूँ?
1.क्यूंकि गाँधी जी ने देश के आज़ादी के लिए लड़ाई लड़ी थी, जेल गए थे, यातनाएं झेली थी अंत में अपने शरीर में
@NigarNawab
थे 1983 वर्ल्ड कप में
सैयद किरमानी
T20 2007 वर्ल्ड कप में है
पठान बंधुओ की निशानी
2011 वर्ल्ड कप में भी जुड़ती है
ज़हीर युसूफ की कहानी
इस वर्ल्ड कप में था एक सिराज
जिसपे पूरे इंडिया को है नाज़
देश को जो बाँट रहें हो तुम आज
एक दिन यही देश करेगा तुम्हारा नाश
@Ashok_Kashmir
लालू जी बेहतर कोई रेल मंत्री नहीं हुआ जिन्होंने रेलवे को फायदा भी पहुंचाया और उसका विस्तार भी किया. अब कि जब यात्रा और प्लेटफार्म का किराया कई गुना बढ़ा दिया गया है बोनस के रूप में असुविधा भी कई गुना बढ़ा दिया गया है. अब तो अव्यवस्था एसी डब्बो तक पहुँच गया है.अफ़सोस की बात है
@RebornManish
चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में जो आसानी से हार न माने वो लोक सभा जैसे देश के सबसे बड़े चुनाव में हार कैसे मानेगी? सत्ता तो हर दाँव खेलेगी. विपक्ष को सत्ता के हर दाँव को ज़मीदोज़ करना होगा. अगर वो सुस्त पड़े और आने वाले तीन दिन आराम किये तो वो अपना प्रभाव रिजल्ट वाले दिन खो देंगे.
@RebornManish
हम खामोश रहें
दे हैव कैप्चर्ड आवर इस्टीट्यूशन्स
हमें चिंता नहीं थी
दे हैव कैप्चर्ड आवर इस्टीट्यूशन्स
हमने सोचा ये तो उनके साथ हो रहा
दे हैव कैप्चर्ड आवर इस्टीट्यूशन्स
अब बारी अपनी आई
तब हमें समझ आई
दे हैव कैप्चर्ड आवर इस्टीट्यूशन्स
@KraantiKumar
1.सतीश मिश्रा डूबे हुए सूरज है पिछले कई सालों से विलुप्त है
2.बीजेपी के कार्यकर्ता कपिल सिब्बल से नफ़रत करते हैं
3. मुझे नहीं पता तुम्हारी सोच का दायरा इतना छोटा होगा
4. कोई बीजेपी में जाए या भाड़ में जाए किसी को आपत्ति नहीं पर अगर कोई धोखा देके, बहुजनों की पार्टियों को
@KraantiKumar
एक सवाल है उस वक़्त तो सब मैदान में ��ाते थे, नदी किनारे जाते थे, तालाब और पुखरों के किनारे जाते थे, पटरियों के किनारे जाते थे तो क्या उनसे इन जगहों से संडास साफ कराया जाता था? या दिलीप मण्डल ने जो बताया है वो ही आगे बढ़ा देते हो आप लोग बिना सोचे समझें?
@KraantiKumar
उन्नाव, हाथरस, कठुआ में जिस तरह से अपराधियों का बचाओ किया गया. बाबाओं को जिस तरह से पेरोल दिया जा रहा है. बिल्किस बानो केस में जिस तरह से बलात्कारियों को बाहर निकाला गया ये सब बहोत ख़तरनाक था... जब तक इस देश में अपराधियों को उनके कपड़े, उनके धर्म, उनकी जाति से पहचान किया जाएगा तब
@RebornManish
@epanchjanya
इस पोस्ट कर पढ़ साहिर साहब याद आ गए और उनकी वो रचना याद आ गई जो दिल के बहोत करीब है.
ख़ून अपना हो या पराया हो
नस्ल-ए-आदम का ख़ून है आख़िर
जंग मशरिक़ में हो कि मग़रिब में
अम्न-ए-आलम का ख़ून है आख़िर
बम घरों पर गिरें कि सरहद पर
रूह-ए-तामीर ज़ख़्म खाती है
खेत अपने जलें कि औरों के
@ChandanSharmaG
ग्लोरिया मेम ने मुझे बताया है ये फसादी लोग हैं.... राम नाम का इस्तेमाल कर सिर्फ पैसा कमाते है... हम इनसे नहीं लड़ सकते इसलिए इस मुद्दे पर कोई बात नहीं करेंगे....
@KraantiKumar
@Profdilipmandal
ओबीसी जब मक्कार बनता है तो दुख होता है
ओबीसी जब प्रोपेगंडा करता है तो दुख होता है
ओबीसी जब ईमान को बेचता है तो दुख होता है
ओबीसी जब नफ़रत फैलाता है तो दुख होता है
मुझे तो होता है आपको होता है?
जब हम लोग UPSC की तैयारी करते थे तो प्रीतियोगिता दर्पण के साथ- साथ दृस्टि मैगज़ीन भी लेते थे.
दोनों बेहतरीन मैगज़ीन थी मगर दृष्टि सच में आपको एक अलग दृस्टि देती थी. उस मैगज़ीन में सत्ता के फैसलों की समीक्षा होती थी, बेहतरीन लेखनी के साथ आलोचना होती थी थोड़ी बहोत वाह वाही भी.
@VivekGa54515036
न ही रूबी की वजह से आंदोलन शुरू हुआ न ही रूबी की वजह से आंदोलन ख़त्म होगा. इस आंदोलन का चेहरा एक हैं जो कि कॉलक्टिव छात्रों का चेहरा है.
@RebornManish
नेहरू के ज़माने से लेकर
मनमोहन के ज़माने तक
कुछ नहीं हुआ था
हर तरफ बदहाली थी
हर तरफ आग थी
हर तरफ धुआँ था
न ट्रेन थी न रोड था
ना थी मोटर गाड़ी
चलती थी 2014 से पहले
कच्ची सड़कों पर सिर्फ बैलगाड़ी
पुरुष ���हनते थे सिर्फ धोती
महिलाएं पहनती थी पत्तों की साड़ी
सिर्फ नेता लोग
@RebornManish
कमलनाथ जैसों पर अगर कांग्रेस बहोत पहले लगाम कस देती तो कल इंडिया अलायंस की सरकार बनती और राहुल गाँधी मोदी की जगह प्रधानमंत्री की शपत लेते.
@UpscforAll
मेरे कुछ सवाल ओझा सर से हैं
1. क्या 6 साल से ऊपर तैयारी करने वाले छात्र/छात्राओं का एडमिशन अवध ओझा सर अपने कोचिंग में नहीं करते? उन्हें जलील करके भगा देते हैं?
2. बहोत से छात्र / छात्राएं अपने ऐज लिमिट के आख़िरी साल में UPSC क्लियर करते हैं क्या आप उन्हें सिविल सर्वेंट मानने
@RebornManish
इस राजनीति की वजह से हमने कितने अजीज़ों को दुश्मन बनते देखा है, सोशल मीडिया पर लड़ते देखा है सोशल दूरी बनाते देखा है. पहले दुः�� होता था अब ख़ुशी होती है कि वो अब ज़िन्दगी का हिस्सा नहीं है.
@Ramraajya
ऐसा लगता भारत में पुलिस सिस्टम है ही नहीं. ये दिन भर सोशल मीडिया में ज़हर घोलता रहता है हिन्दू मुसलमानों को लड़ाता रहता है. मगर इसपे कार्यवाई नहीं होती.
@Profdilipmandal
सात को दे या साठ को हमें इससे नहीं मतलब बस हमें बता
तूने अपने बेटे का ही सेटिंग क्यों कराया किसी दलित या आदिवासी का क्यों नहीं जिनके नाम और खैरात पर वर्षों तेरी घर की रोजी रोटी चली है बस यही सवाल है.
@RebornManish
बहोत शानदार पोस्ट 👌
कुल मिलाकर जिन्ना के दादा को सूखी मछली का अगर व्यापार करने दिया जाता. उसपर रोक लगाने के लिए ब्लैकमेल नहीं किया जाता तो आज देश का बंटवारा नहीं होता. जिन्ना के दादा कराची नहीं जाते,जिन्ना के पिता कन्वर्ट नहीं होते, और जिन्ना क़ायदे से क़ायदे आजम नहीं बनते.
#विश्वगुरुभारत
नेहरू के ज़माने से लेकर
मनमोहन के ज़माने तक
कुछ नहीं हुआ था
हर तरफ बदहाली थी
हर तरफ आग थी
हर तरफ धुआँ था
न ट्रेन थी न रोड था
ना थी मोटर गाड़ी
चलती थी 2014 से पहले
कच्ची सड़कों पर सिर्फ बैलगाड़ी
पुरुष पहनते थे सिर्फ धोती
महिलाएं पहनती थी पत्तों की साड़ी
@KraantiKumar
जो दर दर बिका वो बेईमान है दिलीप मण्डल
जो नफ़रत फैलाए वो शैतान है दिलीप मण्डल
जो मुद्दा भटकाए, हिन्दू मुस्लिम को लड़ाए
इस तरह और ऐसा हैवान है दिलीप मण्डल
आपके भगवान, ईश्वर, ख़ुदा हैं दिलीप मण्डल.
@RebornManish
दिलीप मण्डल हीरो था ये हमारा आपका भरम था. वो कभी हीरो नहीं था बस हीरो की खाल पहना हुआ एक रंगा शियार था जो मौके की तलाश में घूम रहा था. अब उसे मौका मिला है. जब वो सही था तो उसकी लड़ाई लड़ी अब नहीं है तो उससे लड़ाई लड़ रहें हैं.
@RebornManish
जहाँ तक मुझे याद है चर्चिल भारत को आज़ाद करने के पक्ष में नहीं था. अगर चर्चिल एक बार और प्रधानमंत्री बनता और या उसकी जगह ऐटली कुर्सी पर न बैठता तो आज़ादी में कुछ साल और लग सकते थे.
नीचे दो तस्वीरें है दोनों ही पत्रकार है दोनों ही यूपी की राजनीति, लोकसभा चुनाव 2024 और उसके रिजल्ट पर लगातार कमैंट्स करते आ रहे आए हैं.
पहली तस्वीर अनिल यादव की है जो लगातार फिल्ड में कैमरा लेकर जिला जिला घूम रहे थे, उन्होंने लोगों को हिला ढुला के सवाल किया उन्हें जो उत्तर मिला
@RebornManish
अभी दो महीने पहले लकी अली का नया गाना आया है सुनने में ऐसा लगेगा आवाज़ में वही ताज़गी जो उनके पहले के गानों में होती थी. सुने इसे भी वक़्त निकाल के.
@SurajKrBauddh
जातियों को आपस में भिड़ाके के जो तू पाप कर रहा है वो सही नहीं है. बच्ची से इंसाफ से तुझे मतलब नहीं बल्कि उसपर राजनीति करके दो जातियों को आपस में भिड़ाना है. मत कर ऐसा.
@SurajKrBauddh
एक छोटी सी कहानी
कई हज़ारों सालों से वो गुलाम रहे, सताए गए, दबाये गए फिर एक दिन देश आज़ाद हुआ. देश में संविधान लागू हुआ, उन्हें ताक़त मिली, आज वो इतने ताक़तवर हो गए कि आज जो देश में सबसे सताए जा रहे है वो उनके खिलाफ अपने ताक़त का इस्तेमाल करने लगे.
कहानी ख़त्म.
@AnjaliKataria19
मेरे कुछ सवाल ओझा सर से हैं
1. क्या 6 साल से ऊपर तैयारी करने वाले छात्र/छात्राओं का एडमिशन अवध ओझा सर अपने कोचिंग में नहीं करते? उन्हें जलील करके भगा देते हैं?
2. बहोत से छात्र / छात्राएं अपने ऐज लिमिट के आख़िरी साल में UPSC क्लियर करते हैं क्या आप उन्हें सिविल सर्वेंट मानने
@AnupamPKher
टकलू अंकल अपराधी गिरफ्तार है जल्द ही फांसी भी होगी उसे बस आप राजनीति न करें.. उत्तराखंड में कल ऐसी ही घटना घटी, बिहार में भी वैसी ही घटना घटी उसके बारे में भी बोलो. बोलोगे?
@Profdilipmandal
हे मछलीखोर ज्ञानी कुछ सवाल है उसका जवाब दो.
सवाल 1. बौद्ध धर्म का पतन भारत में कैसे हुआ? किसने किया?
सवाल 2. अशोक के टाइम कई हज़ार के तादाद में स्तूप मौजूद थे उन्हें किसने तोड़ा?
सवाल 3. आज़ाद भारत में बाबा साहब की सबसे ज़्याद मूर्तियां किसने थोड़ी?
सवाल 4. पुष्यमित्रा शुंग
@Profdilipmandal
अब आपका प्रोपेगंडा नहीं चलने वाला मण्डल अंकल
बहुजन समाज आपके नापाक इरादों समझ चुका है. कुछ ही है जो नादानी में आपके चंगुल में है. वो भी वक़्त के साथ समझ जायेंगे.
@ShubhamShuklaMP
मुसलमानों के मरने पर जश्न मनाते हो. उनके घर गिरने पर ख़ुशी मनाते हो. अब वहीं भीड़ मुसलमानों को छोड़ दूसरे लोगों तक पहुँची तो रो क्यूँ रहें जश्न मनाओ? ये भीड़ है ये किसी की सगी नहीं है? मैं मुसलमानों के लिंच पर निंदा करता हूँ साधु बाबा के लिए भी करता हूँ ऐसा नहीं होना चाहिए.
@RebornManish
सुनो ऐ सबसे पुराने शहर के निवासियों
सुनो सुनो ऐ शहर-ए-काशी के वासियों
चौड़े रोड देख सीना चौड़ा न करो
फ्लाईओवर देख के मन फ्लाई न करो
घर में नहाओ या गंगा में डुबकी लगाओ
वोट जब देने जाना तो दिल पे हाथ रखना
काशी से पहले तुम देश को आगे रखना
शायद इस बार तुम सही फैसला कर पाओ.
और
@RebornManish
अब तक लार्ड कर्जन को मुर्दाबाद कहता आया हूँ आज उसके इन कार्यों के लिए ज़िंदाबाद कहता हूँ. ख़ैर साहिर लुधियानवी की ग़ज़ल के चंद शे'र याद आ गए.
ये चमन-ज़ार ये जमुना का किनारा ये महल
ये मुनक़्क़श दर ओ दीवार ये मेहराब ये ताक़
इक शहंशाह ने दौलत का सहारा ले कर
हम ग़रीबों की
@Dr_MonikaSingh_
मुझे नहीं समझ आता हर व्यक्ति को हर व्यक्ति की बात करना क्यूँ ज़रूरी है? जो व्यक्ति अपने बेटे के मामले में कुछ नहीं बोला ख़ामोश रहा वो दूसरे के मामले में वो भी जिसमें विवाद छिड़ सकता है क्यूँ बोलेगा?
@SurajKrBauddh
पिछला ट्वीट डिलीट कर इस नए ट्वीट में आशीष यादव को पहले लिख दिए और दूसरे नंबर पर नंदू पासवान को जबकी मुख्य आरोपी वही है.
मतलब यादव फैक्टर मिल गया शुक्र है मुसलमान नहीं है वर्ना यादव से पहले तू उसे लिखता...
बाक़ी गुंडे नहीं हैवान है वो निर्लज.......
@SurajKrBauddh
अबे निठल्ले न उसने हाथ में संविधान लिया हैं न ही उसने संविधान का अपमान किया हैं. हंसी मज़ाक़ को में भी तेरे जैसे ज़हरीले भाजपाई ज़हर घोल रहें हैं. सुधरजा इससे पहले बहन जी का हंटर तुझपे पड़े.
@ShubhamShuklaMP
जो ज्ञानी वो पंडित
अब सब ज्ञानी
सब पंडित
दुनिया के हर ज्ञानी को रोमाना का विरोध करना चाहिए:()
ख़ैर उस नफरतशुक्ला की भाषा पे तुझे कोई आपत्ति नहीं हैं?
@AnilYadavmedia1
आमिर खान किरण राव उस स्टेज पर पहुँच चुके थे जहाँ उन्हें एक अलग पार्टनर की तलाश थी दोनों ने साथ रह बाहर मुँह मारने से बेहतर अलग होना चुना. दोनों अब भी साथ होते हैं.
ख़ैर कुछ हद तक मैं भी सहमत हूँ शादी अपने धर्मों में हो तो ज़्यादा दिक्कत नहीं होती.
मगर ये व्यक्तिगत फैसला उस
@masijeevi
#विजेंद्र_चौहान_को_प्रेम_पत्र
हैल्लो विजेंद्र सर आप कैसे हैं, मैं ये नहीं पूछूंगा क्यूंकि मुझे पूरी उम्मीद है आप बढ़िया होंगे, स्वस्थ होंगे और इस झिमिर झिमिर बारिश का मज़ा ले रहें होंगे.
आप मुझे नहीं जानते लेकिन मैं 2019 से आपको ठीक ठाक जान लिया था जब मैं UPSC की तैयारी करता और
@Profdilipmandal
बीजेपी से ज़्यादा हाफ तू अंकल आप रहे हो. कहाँ कल तक कांग्रेस को भारत से मुक्त करने की बात होती थी और कहाँ आप पूरा सिस्टम ही कांग्रेस युक्त बता रहें हो😂.
ख़ैर हमारे प्रधानमंत्री जी ने कितना सिस्टम बदला आपको बताता हूँ.
-उन्होंने योजना आयोग बदलके नीति आयोग बना दिया
-उन्होंने