गौतम एक गरीब गुजराती था।
किसी तरह हीरों के व्यापार और एक दो बंदरगाह चलाकर रूखी सूखी खुम्बी खाता।
उसकी गरीबी का आलम यह था कि वह, उसकी पत्नी, उसके बच्चे, उसका ड्राइवर, माली, पायलट, गार्ड, बारमैन, पीए, मालिशवाला, सेक्रेटरी और उसके हजारो कर्मचारी, सारे के सारे बड़े ही फटेहाल और