राम, तुम्हें यह देश न भूले,धाम-धरा-धन जाय भले ही,
यह अपना उद्देश्य न भूले।निज भाषा, निज भाव न भूले,
निज भूषा, निज वेश न भूले।प्रभो, तुम्हें भी सिन्धु पार से सीता का सन्देश न भूले।
आप सबको दशहरा की शुभकामनाएँ . जय श्री राम
गुड मॉर्निंग दोस्तो, चाचा से खुश हैं? मैं तो खुश हूँ