असदुद्दीन ओवैसी बोल रहे हैं भारत अगर किसी का है... तो वह "द्रविड़ों और आदिवासियों का है"। संभव है कि ओवैसी का यह बयान पीएम मोदी को घेरने के लिए हो, लेकिन ओवैसी ने बोला एकदम सच है।
काम करवा कर 10₹ देने की औकात नहीं है, और मेहनतकश आदमी को औकात दिखा रहा है ये दोगला। चमार कह कर खुद को बड़ा बता रहा है यह दोगला। मोची भाई ने भी पहले सहा, लेकिन फिर दोगले को कूट दिया। यह वीडियो पटना सचिवालय के पास का बताया जा रहा है।
मैं ... हूं, जिसने समाज में जाति का ऐसा जहर बोया, जिसके विष से भारत आज तक नहीं उबर पाया है। मैं वो ... हूं, जिसने क्षत्रियों का संहार कर दिया। मैं वो ... हूं, जिसने अपने काम वासना के लिए देवदासी की आड़ में हजारों बच्चियों की जिंदगी बर्बाद कर दी।
ये सब कौन बताएगा??
अम्बेडकरवादी नेता
@AdvRajendraPal
से आम आदमी पार्टी ने जिस तरह इस्तीफा ले लिया है, उससे अम्बेडकरवादियों को समझना चाहिए कि बाबासाहेब की तस्वीर लगाने से कोई पार्टी दलित हितैषी नहीं हो जाती।
@ArvindKejriwal
को अपने पोस्टरों में बाबासाहेब की तस्वीर लगाने का ढोंग बंद कर देना चाहिए।
अपने नाम के पिछवाड़े में इन दिनों जातीय गौरव का सरनेम चिपकाने वाला एक कवि इन दिनों अपनी जाति की गौरव गाथा गा रहा है। वो जितनी गौरव गाथा गाएगा, मैं उसे उसकी जाति का काला सच बताऊंगा।
जो सवर्ण बुद्ध को हिंदू मानते हैं। वो क्यों नहीं बुद्ध के रास्ते पर चलते हैं, छोड़ दिजिए हिंदू धर्म को, अपनाइए बौद्ध धम्म। क्षत्रिय बुद्ध के क्षत्रिय होने पे गर्व करते हैं, पर उनके रास्ते पर चलकर हिंदू धर्म नहीं छोड़ना चाहते।
मैं मिथिलेश गौतम की बात को दोहराता हूँ। इस शिक्षक ने ऐसा क्या बोला था कि यूनिवर्सिटी को मिर्ची लग गई। महिलाओं को हक़ हिन्दू कोड बिल से मिला है। धार्मिक ग्रंथों ने तो हमेशा उनका रास्ता मुश्किल ही किया है।
#मिथिलेश_गौतम_को_बहाल_करो
एक पांचवी क्लास का बच्चा अपने नाम के पीछे कुमार लगाता है। उसके दोस्त पांडे, शर्मा, गुप्ता लगाते थे। उसे लगा वो भी उनमें से एक है। किसी विषय के कॉपी में शर्मा, तो किसी में दुबे लगाने लगा। हिंदी और हिंदी व्याकरण की कॉपी चेक होने गई।
राजेन्द्रपाल गौतम
@AdvRajendraPal
जी अगली बार जब भी दिल्ली विधानसभा का सत्र हो, आप श्रामणेर के रूप में चीवर पहन कर #दिल्ली_विधानसभा में जाएं। तब मैं भाजपाइयों और आपाइयों का चेहरा देखना चाहूंगा।
हर ओर जातिवाद किस कदर हावी है, उसका एक उदाहरण ये रिजल्ट है। SC को written में 356 चाहिए। फाइनल मार्क्स 405 चाहिए। Written में 457 आये हैं, कुल मार्क्स 477 हैं। लेकिन इंटरव्यू में 35 की जगह मिला 20 नंबर। इस तरह सालों की मेहनत खराब हो गई। ये तो बस उदाहरण भर है। जाने कितने शिकार हैं
कुछ दिन पहले सारनाथ में प्रशासन न��� भिक्खुओं को पूजा नहीं करने दिया था. पुलिस ने कहा की पूजा करने के लिए परमिशन चाहिए... भंते जी ने कहा की "हम भंते हैं और हम पूजा करेंगे". और पूछा की कहां लिखा है की पूजा नहीं करना है? और वहीं धरने पर बैठ गए.
खबर मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ से आ रही है। दो हजार साल पुरानी 40 बौद्ध गुफाएँ मिली हैं। धम्म लिपि के अभिलेख भी मिले हैं। अनुमान है कि यहाँ बौद्ध गुफाओं की संख्या 100 हो सकती है।
स्रोत- राजेन्द्र प्रसाद सिंह
इतिहासकार, बौद्ध विद्वान
कांशीराम जी की कलम याद है? Thread 🧵
हाथ में कलम लिए उनकी वह फोटो काफी चर्चित है. कांशीराम जी यह पूछते कि कलम चलती कैसे है, लोग बताते कि स्याही या फिर लीड से कलम चलती है. फिर कांशीराम जी उनसे यह पूछते थे कि दिखता क्या है, जाहिर सी बात है मौजूद लोग पेन के कवर को बताते थे. (1/4)
यह तस्वीर अमेरिका के न्यूयॉर्क की है। वहां आज टाइम्स स्क्वेयर पर सतगुरु रविदास जी की 646 वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। इसके लिए 8500$ यानी 6 लाख से ज्यादा रुपये देकर विज्ञापन चलाया गया। गर्व करिये, जूता गांठने वाले आज अपनी मेहनत के बूते दुनिया मे परचम लहरा रहे हैं।
जो इस बात से खुश थे की मोदी सरकार बाबसाहब के नाम पर बड़े-बड़े संस्थान बना रही है, वो जरा दिल्ली के अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर की इस तस्वीर को देख ले। बाबसाहब की प्रतिमा के सामने शिवलिंग बना हुआ है। इसका पुरज़ोर विरोध ज़रूरी है।
@RamdasAthawale
@PMOIndia
ये ठीक नहीं।
तमाम पार्टियां और नेता बाबासाहेब की तस्वीर तो लगा सकते हैं, लेकिन बाबासाहेब के विचारों के तेज को झेल पाना सबके बूते की बात नहीं है। उसे सिर्फ अम्बेडकरवादी ही संभाल सकता है।
#StandWithRajendraPalGautam
वैसे तो कथित बाबाओं के दरबार में तमाम लोग चक्कर लगाते हैं। लेकिन जिस धीरेन्द्र शास्त्री का भाई गुंडई कर रहा है और जिस पर तमाम आरोप हैं, वैसे व्यक्ति के दरबार में
@nitin_gadkari
जी को देखना अजीब है। मैं गडकरी जी को समझदार समझता था।
कंगना रनौत की पिछली नौ फिल्में फ्लॉप रही हैं। ये फिल्में तब से फ्लॉप हो रहीं हैं.. जब से वो एक विचारधारा से जुड़ी हैं या उनकी छवि एक बेतुकी बात करने वाली हिरोइन की बनी है। वहीं दूसरी ओर, झुंड हो, जय भीम हो या फ़िर काला... इन सभी फिल्मों में आंबेडकरवाद दिखाया गया है। 1/2
"हरामी व्यवस्था "
29 मार्च को कर्नाटक में 15 साल का एक बच्चा स्कूल से परीक्षा देकर घर जा रहा होता है. रास्ते में उसे जूते दिखते हैं वह उन्हें देखने लगता है,तभी कुछ जातिवादी गुंडे उसे रोकते हैं,और बिना चोरी के बच्चे को चोर बना देते हैं और उस बच्चे को पीटते हैं .
गरीबों, वंचितों का दर्द बांटने वाली, दुनिया की शक्तिशाली शख़्सियत में से एक बहन
@Mayawati
जी को जन्मदिन की ढेरों बधाई। आप ऐसे ही हंसती-मुस्कुराती रहें। स्वस्थ रहें। आपका होना करोड़ो लोगों के लिए संबल सरीखा है।
#AmbedkarJayanti
पर यह तस्वीर मेरे लिए सबसे खास है। यह वीडियो मेरे गाँव से आया है। केक काटने वाले मेरे काका (चाचा) हैं। निरक्षर रहे। एक वक्त मरे जानवरों का खाल निकाला। मजदूरी की। 5 साल पहले तक बाबासाहेब का नाम नहीं जानते थे। आज केक काट रहे हैं। यह क्रांति है। भीम क्रांति। #जयभीम
दलितों ने ठेका नहीं लिया है कि "बहुजन समाज" बनाने के नाम पर हर किसी की मार खाते रहें।
झारखंड के पलामू से खबर है कि मुसलमानों ने दलित समाज के करीब 50 लोगों को गांव से भगा दिया है, जिससे वो जंगल में रहने को मजबूर हैं।
हिन्दू धर्म वर्ण व्यवस्था पर आधारित है। उसमें चार वर्ण ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र है। दलित-आदिवासी किसी वर्ण में नहीं आते, इसलिए वो हिन्दू नहीं हैं। सिंपल।
स्कूल की किताबों में तिरंगे के "अशोक चक्र" को 'सुदर्शन चक्र' पढ़ाया जा रहा है। अपने-अपने बच्चों की किताबें चेक करिये। अगर उसमें भी ये गड़बड़ी है तो स्कूल वाले का कॉलर पकड़िए। ऐसे प्रकाशन और स्कूल बंद हो।
@MSJEGOI
@EduMinOfIndia
@narendramodi
"लड़की हूं लड़ सकती हूं", का नारा देने के बावजूद प्रियंका गांधी जितना लड़कियों के बीच लोकप्रिय न हो सकी, उससे ज्यादा राहुल ने महिलाओं को जोड़ लिया है। इस बंदे ने बिना बहुत बोले, बहुत कुछ बोल दिया है।
@rahulgandhi
लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. रविकांत पर हमला करने वाला छात्र कार्तिक पाण्डेय को विवि ने निकाल दिया गया हैं। साथ ही LU से जुड़े किसी विवि में दाखिला लेने पर भी रोक लगाई है।
श्रद्धा मर्डर केस में श्रद्धा को दलित बताते हुए मुख और बाहु जने दलितों को निशाना बना रहे हैं कि आरोपी आफताब है, इसलिए दलित चुप हैं। गजब मूर्खता है।
यह मामला कोई जातीय उत्पीड़न की घटना नहीं है। दूसरी बात, जब तुम्हारे सगे दलितों से हैवानियत करते हैं, तब आवाज़ क्यों नहीं निकलती?
उत्तर प्रदेश के जालौन में शिक्षिका शशि यादव ने 9 साल के मासूम बच्चे अंकुश अहिरवार को इसलिए जमकर पीटा क्योंकि उसने शिक्षिका की बाल्टी से पानी पी लिया था। बहुजन समाज के नाम पर ऐसी हैवानियत छुपाई नहीं जानी चाहिए, मेरे लिए ये भी जातिवादी गुंडे हैं। सख्त कार्रवाई हो।
(स्रोतः नभाटा)
सवाल- भारत से जाति कैसे खत्म होगी?
जवाब- जिस दिन अपर कास्ट जाति के आधार पर दलितों से भेदभाव और उनका उत्पीड़न बंद कर देगा, उसी दिन भारत से जाति खत्म हो जाएगी।
देश की आज़ादी के 75वें साल के जश्न के ठीक पहले यह खबर आई है। यही है असली भारत। क्या प्रधानमंत्री
@PMOIndia
जी लाल किले से इस पर कुछ कहेंगे?? अपील करेंगे कि जातिवाद खत्म होना चाहिये??
अप्रैल डॉ. अंबेडकर और ज्योतिबा फुले की जयंती का महीना है। अमेरिका के Washington State ने इसे Dalit History Month तो Michigan ने Social Equity Week (9-15 April) के रूप में मनाने की घोषणा की है। भारत की मीडिया में यह खबर ग़ायब है।
#AntiAmbedkarMedia
भारत के तमाम हिस्सों में अम्बेडकरी समाज के युवाओं की भरमार है। बात बस मौका मिलने की है। नागराज मंजुले की फ़िल्म झुंड के क्लाइमेक्स में Rap गाने वाले विपिन तातड़ तेजी से उभरते Rapper हैं। बादशाह, हनी सिंह सावधान हो जाओ... अम्बेडकवादी शेर आ गया है। जय भीम कड़क....
@Vipin_Tatad_VIP
मैं बिहार के जिस चमटोली से ताल्लुक रखता हूं, उसमें 100 के करीब घर हैं। सिर्फ मेरे पापा सरकारी नौकरी में पहुंच सके थे। वर्तमान में सिर्फ मेरे बड़े भाई सरकारी नौकर हैं लेकिन क्रिमीलेयर से बाहर। बाकी चमटोली के लोग वहीं पड़े हैं। तो क्या यह माना जाए कि सभी चमारों का विकास हो गया है?
आज से #अंबेडकर_माह शुरू है। आप सबको बधाई। आज रिज़र्व बैंक का स्थापना दिवस है। इसमें बाबसाहब का बड़ा योगदान था है। ये आर्टिकल पढ़िए-
#JaiBheem
#Ambedkarmonth
गजब के खाली दिमाग हैं सब। पहले उन्हें दलितों के घोड़ी चढ़ने पर दिक्कत थी, अब बुलेट चढ़ने पर भी होने लगी है। यूपी के
संभल जिले के गुन्नौर थाना के घुंघईया गांव में जातिवादी गुंडे एक दलित परिवार को इसलिए धमका रहे हैं, क्योंकि दलित परिवार अपनी बेटी की शादी में बुलेट दे रहा है।
Supreme Court में एक advocate के रूप में संविधान दिवस पर लगा संविधान निर्माता बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर का स्टैच्यू।
@rashtrapatibhvn
राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू और CJI जस्टिस चंद्रचूड़ ने किया नमन।
अम्बेडकरवादी नेता और दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री
@AdvRajendraPal
14 अक्टूबर को आपको बुला रहे हैं। दरअसल यह सिर्फ राजेन्द्रपाल गौतम जी की अकेले की लड़ाई नहीं है। यह बाबासाहेब के सम्मान की लड़ाई है। यह
#22_
प्रतिज्ञा को बचाने की लड़ाई है। मैं पहुंच रहा हूँ, क्या आप आ रहे हैं?
आइए 14 अक्टूबर 2022 को समस्त समाज के क्रांतिकारी साथियों के साथ जातिविहीन व छुआछूत मुक्त भारत बनाने के लिए मेरे निवास स्थान 4/8 राज निवास मार्ग सिविल से राष्ट्रीय अम्बेडकर स्मारक 26 अलीपुर रोड पर बाबा साहेब को नमन करें।
1/1
जय भीम!
ये बबलू राम हैं... अपनी ज़िंदगी को शानदार बनाने की जद्दोजहज में लगे हुए हैं। बब्लू पैर से विकलांग हैं। बब्लू पढ़ते भी हैं, रोज़ 11 घंटे जूते भी गाँठते हैं, रोज़ कंप्यूटर क्लास जाते हैं। बबलू हर इंसान के लिए प्रेरणा हैं। खासकर दलित युवाओं के लिए। बबलू शिक्षक बनना चाहते हैं।
मैं चला अमेरिका जहां वाशिंगटन डीसी के मैरीलैंड में 14 अक्तूबर को होगा बाबासाहेब की 12 फ़ीट ऊँची प्रतिमा का अनावरण। यह भारत के बाहर किसी भी देश में बाबासाहेब की सबसे बड़ी प्रतिमा होगी।इसको अमेरिकी अम्बेडकरवादियों के संगठन अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर, यूएसए ने बनाया है।
आप आ रहे हैं या नहीं? हम आपका इंतजार कर रहे हैं। दलित दस्तक के स्टॉल पर आइए। दलित साहित्य का डेरा है यहां। दलित दस्तक मैगजीन भी। आईए आपका इंतज़ार रहेगा।
प्रगति मैदान,दिल्ली,
Hall No- 2, Stall No- 378. मेट्रो स्टेशन- सुप्रीम कोर्ट. दिक़्क़त हो तो फ़ोन घुमा लीजियेगा- 9013942612
RSS प्रमुख मोहन भागवत के “जाति ब्राह्मणों ने बनाई है” के बयान पर ताली बजाने से पहले ये सोचिए की आख़िर किस स्थिति में उन्होंने यह बयान दिया। यही लोग संविधान समीक्षा की बात करते हैं। इन्होंने ही बजट में दलितों की हिस्सेदारी में कटौती की। दरअसल यह बयान नहीं बल्कि आगे का प्लान है
यह तस्वीर आईएएस टीना डाबी और प्रदीप गवाड़े की शादी की है। शादी बौद्ध धर्म के तहत हुई है। बाबासाहेब की तस्वीर भी दिख रही है। टीना डाबी के जीवन से ये चीजें पहले मिसिंग थी। तो क्या यह तस्वीर, यह शादी कोई नया संकेत है। फिलहाल दोनों को बधाई।
ये आदिवासी युवा पीट कर भी नामर्दों की टोली से जीत गया। सारी लड़ाई डर जाने की है। यह डरा नहीं, गिड़गिड़ाया नहीं। इसने साबित किया कि यह बिरसा मुंडा जैसे क्रांतिकारी की संतान है। उम्मीद करिये की नामर्दों की इस टोली का कोई अकेला इस युवा साथी से टकराये। फिर यह बताएगा।
पीड़ित का नाम प्रकाश लोगर है, आदिवासी जज्बे से लबरेज। जातिवादी गुंडे उसे घेरकर मार रहे थे, लेकिन वह आंख में आंख डालकर उन्हें चुनौती देता रहा।
हमें अपने इस साहसी भाई पर गर्व है। बाकी इन कायरों का क्या है। वे जल्द ही सलाखों के पीछे होंगे।
वो तमाम नेता जो बाबासाहेब आंबेडकर की तस्वीर के आगे नतमस्तक होकर दलित समाज के हितैषी बनते फिरते हैं, हमने उन्हें शंकराचार्य से लेकर बड़े-बड़े तीर्थ स्थलों में माथा टेकते देखा है। सनद रहे, दलित समाज को बाबासाहेब को पूजने वाला नहीं, बाबासाहेब की कही बातों पर चलने वाला नेता चाहिए।
आज फ्रांस (पेरिस) से डाक्यूमेट्री फ़िल्म मेकर Velentine मिलने आए। वह भारत में SC-ST को लेकर डाक्यूमेंट्री बनाने की योजना बना रहे हैं। ढाई घंटे तक भारत और फ्रांस की पत्रकारिता सहित डाक्यूमेंट्री मेकिंग पर बात हुई। हमने भविष्य में साथ काम करने का भी फैसला किया है।
@DalitDastak
देख लिजिए तमाम कथित संत सिर्फ कथा के समय ही टीका चंदन लगाकर गेरुआ पहनकर आपको ठगने बैठ जाते हैं। बाकी समय शर्ट-पैंट पहनकर हाथ में सिगरेट और तमंचा लहराते हैं। आसाराम, राम रहीम, रामपाल, मिर्ची बाबा, नित्यानंद, निर्मल बाबा, जलेबी बाबा ... लंबी लिस्ट है। लेकिन हमें समझ ही नहीं आता।
जब ज्ञानवापी का मसला चल रहा है तो बौद्ध धर्म के अगुवों को भी पेटिशन डालनी चाहिए। बुद्ध की मूर्तियों को सजा के देवी-देवता बनाकर दान लेने वालों का कच्चा- चिट्ठा खुलना चाहिए। भारत में जितने प्राचीनतम मंदिर हैं... सबकी जांच होनी चाहिए।
#ब्राह्मण_महासभा को इस #ब्राह्मण कथावाचक की बात का पुरजोर खंडन करना चाहिए, अन्यथा समाज इसे सच मानेगा। ऐसे कथावाचक का तो पता नहीं, ब्राह्मणों की खूब फजीहत होगी।।
बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर ने हमें राजनीतिक प्रतिनिधित्व दिलाया। कांशीराम जी ने SC-ST नेताओं को चमचागिरी के दौर से निकाल कर उनको हनक के साथ राजनीति करना कांशीराम जी ने सिखाया।
#कांशीरामजी_स्मारक_स्थल #लखनऊ
बागेश्वर वाले धीरेन्द्र शास्त्री के भाई ने अपनी औकात दिखा दी। अपनी परवरिश बता दी। उसकी भाषा ने बता दिया कि वह गली के गुंडे से भी बदतर है। जब एक भाई में संस्कार नहीं है तो दूसरे में कैसे होगा? अब बागेश्वर धाम जाने वाले लोगों में कितनी समझ है यह देखना है। #बागेश्वरधाम #शालिगरामगर्ग
चंद्रशेखर आज़ाद पर हमले की कड़ी निंदा करता हूँ।
@BhimArmyChief
की सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए। ये भी पता करना चाहिए कि कहीं इसके पीछे सामंती ताकते तो नहीं हैं।
Feel the power of
@bspindia
in
#Telangana
. No money and no liquor and no biryani. यह तो सिर्फ़ ट्रेलर है, असली पिक्चर और बाक़ी है। बहुजन लहर एक आँधी और तूफ़ान बन के सत्ता हाज़िल करेगी।
आर.एस प्रवीण उन बहुजन लोगों में से हैं, जिनका जीवन संघर्ष प्रेरणा देता है। IPS रहें,
#Telangana
में लाखों बच्चों की जिंदगी बदली। अब राजनीति में
#KCR
को चुनौती दे रहे हैं।
@RSPraveenSwaero
का Exclusive Interview. पूरा इंटरव्यू इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं-
ये नए भारत के प्रगतिशील युवा हैं जो दोस्त के दलित होने पर आहत हो जाते हैं। उनकी हत्या कर देते हैं। और आप जातिवाद के खत्म होने को लेकर बड़े-बड़े दावे करते हैं।
#हरामी_व्यवस्था
YouTube पर दलित दस्तक के 10 लाख सब्सक्राइबर हो गए हैं। एक मिलियन का यह आंकड़ा हमने आज सुबह छुआ। यूं तो यह महज नंबर भर है, लेकिन कुछ नंबर महत्वपूर्ण होते हैं। सभी सब्सक्राइबर को धन्यवाद। हमारी पूरी टीम को बधाई के साथ धन्यवाद, जिन्होंने मेहनत की।
विश्व पुस्तक मेला में दलित दस्तक के स्टाल पर आने वाले बच्चों को हम बाबसाहब का बैच भेंट कर रहे हैं। दरअसल ये हमारे ऊपर भी निर्भर करता है कि हम अपने नायकों को कैसे नई पीढ़ी तक पहुँचाते हैं।
आप भी आइए, पुस्तक मेला 5 मार्च तक है। हमारा स्टाल नंबर है- 378, हॉल नंबर-2
@BhimArmyChief
भाई, आपको इसलिए Tag कर रहा हूँ क्योंकि इस युवक ने आप पर भरोसा जताया है। संभव है कि ऐसे ही तमाम युवा आप में उम्मीद देखते हों। संभव हो तो देश के हर जिले में मौजूद अपने कार्यकर्ताओं से कहिये की वो जातिवाद से कैसे लड़ा जाए इसको लेकर युवाओं को ट्रेनिंग दें।
मुझे ट्रेन से यात्रा करना सबसे ज़्यादा पसंद है। मैं अगर सरकारी नौकरी करता तो रेलवे में ही करता। वो भी गार्ड की। मालगाड़ी में सबसे पीछे गार्ड वाली छोटी सी ‘खोली’ ठिकाना होती। वहीं बाहर कुर्सी डालकर अपना “देस” देखता। आसमान निहारता, किताबें पढ़ता, टिसन आता तो झंडी हिला देता💕।
इस मामले ने पुलिस ने कोई मामला दर्ज नहीं किया है। पुलिस कह रही है कि कोई मामला ही नहीं बनता, लेकिन #काशी_विद्यापीठ के कुलपति ने दलित शिक्षक को निकाल बाहर किया। ये कैसा इंसाफ है??
#KashiVidyapeeth
के #कुलपति न्याय करेंगे ऐसी उम्मीद है।
@IgRangeVaranasi
आपका कुछ भी कहा अगर मनुवादियों और जातिवादी गुंडों को पसंद नहीं है तो फिर वो आपको निशाना बनाएंगे। इस बार निशाने पर काशी विद्यापीठ के दलित शिक्षक डॉ. मिथिलेश कुमार गौतम हैं। जिन्होंने बस इतना भर कह दिया नवरात्र में महिलाएं हिन्दू कोड बिल और संविधान पढ़ें-
ये तस्वीर नए संसद भवन की है। खबर है कि तस्वीर में जो चक्र दिख रहा है उसके सामने महामहिम राष्ट्रपति को बैठना है। अब सवाल यह है कि पूरा अशोक स्तंभ क्यों नहीं? सिर्फ चक्र ही क्यों? आप इसको अशोक चक्र समझ सकते हैं। लेकिन कौन जाने कल यह सुदर्शन चक्र हो जाये। पूरा अशोक स्तंभ चाहिए।
कितने जालिम लोग थे वो। अपने जैसे किसी इंसान के तालाब से पानी पीने से उन्हें इतनी चीढ़ थी, हद है। और किसी में यह दम नहीं कि सार्वजनिक तौर पर आज लिख दे कि हमारे बाप-दादाओं ने गलत किया। दरअसल शोषितों को दबाकर रखना उनके खून में है। वो बस संविधान की ताकत से डरे हुए हैं। #महाडसत्याग्रह
महोदया जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह हैं। दिल्ली हाई कोर्ट की जज हैं। इनका कहना है कि भारतीय महिलाएं धन्य हैं; मनुस्मृति जैसे ग्रंथ महिलाओं को बहुत सम्मानजनक स्थ���न देते हैं।
(सवर्ण मित्र, खासकर महिला, जिन्होंने मनुस्मृति पढ़ा है, वो इसका जवाब दें।)
डॉ. आंबेडकर प्रतीक हैं कि एक इंसान अपने जीवन में क्या-क्या कर सकता है। दुनिया के श्रेष्ठ स्कॉलर, बैरिस्टर, पत्रकार, राजनीतिज्ञ, सामाजिक परिवर्तन के पुरोधा, महिला मुक्ति के वाहक, संविधान निर्माता और नए भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले डॉ. आंबेडकर को परिनिर्वाण दिन पर नमन
जय भीम बाबसाहब। आपको आपकी जयंती की बधाई। आप ज़्यादा परेशान न होना, हम लड़ना सिख गये हैं। लड़ रहे हैं तो मनुवादी परेशान हैं। आपकी खूब मूर्तियाँ बनवा रहे हैं। हमे अच्छा लगता है लेकिन हम समझ रहे हैं कि हमें हमारे हक़ चाहिए, शिक्षा चाहिए, सम्मान चाहिए।
बसपा को खारिज नहीं किया जाना चाहिए। उसे खारिज किया भी नहीं जा सकता। बहनजी को भी खारिज नहीं किया जा सकता। क्योंकि बसपा और बहन मायावती बनने में सालों लगते हैं। इसको बनाने में लाखों लोगों का खून-पसीना लगा है। और बहनजी को बचाने के लिए उनका शीर्ष नेतृत्व से हटना जरूरी है।
@ Ashok Das
यादव लोग अब नये ठाकुर बनने लगे हैं। इनके भरोसे बहुजन समाज बन पाएगा, मुझे इस पर शक होने लगा है। इस समाज के बुद्धिजीवियों को चाहिए की वो अपनी जाति के भीतर सुधार आंदोलन चलायें। उनको दलितों का उत्पीड़क बनने से रोकें।
नोट वीडियो एकांत में या इयरफोन लगाकर ही सुनें।
क्या
@NCWIndia
इसके ख़िलाफ एक्शन लेगा? दूसरी बात 'बेशर्म रंग' पर महीनों तक माहौल ख़राब करने का षड़यंत्र करने वाला
@SureshChavhanke
गैंग की भावना इससे आहत नहीं हुई है? होली के नाम पर यह क्या परोसा जा रहा है!
माटसाब ने धर लिया, बोले की पहले कुमार लगाते थे और अभी शर्मा, दुबे लगाते हो, पहले घर से पूछ के आओ तुम क्या हो। वो घर गया, अपने दादा से पूछा मैं क्या हूं? पता नहीं घर वाले क्यों नहीं बता रहे थे। लड़के ने ज़िद की, रोया –बिलखा...
#मान्यवर_कांशीराम नेता नहीं थे, वो दूरदर्शी विचारक थे। ��नकी चाह न MP- MLA बनने की थी, न ही CM/PM। वो बहुजन समाज को शासक बनाना चाहते थे। बनाया भी। आज SC-ST-OBC नेता चाहे जिस पार्टी में हों, उनको हनक के साथ राजनीति करने का माद्दा मान्यवर कांशीराम ने दिया है। बहुजन नायक को नमन।
रामचंद्र मांझी जी मेरे पड़ोसी थे। मेरे गाँव के बगल के। इतिहास में दर्ज भिखारी ठाकुर के नाटक को उन्होंने आखिरी सांस तक जिंदा रखा। वह लौंडा नाच करते थे। साड़ी पहन सज-संवर कर स्टेज पर आते थे। कहते थे, तब मेरे भीतर एक स्त्री होती है।
मोदी और योगी जी अयोध्या में दिवाली मना रहे हैं। दीयों का रिकॉर्ड बन रहा है। लेकिन उनकी दिवाली आमलोगों के लिए मुसीबत बन गई है। लोग घंटो से जाम में फंसे हैं। सवाल है कि अपनी दिवाली के लिए वो आम जनता को मुसीबत में क्यों डाल रहे हैं।
@UPGovt
@PMOIndia
@MORTHIndia
@nitin_gadkari
हर रैली में संविधान लेकर पहुँचने वाले
@BhimArmyChief
ने ख़ुद पर हुए हमले का हवाला देकर पहले समर्थकों की भीड़ जुटाई, फिर उस नेता का समर्थन करने पहुँच गये जो संविधान बदलने की वकालत करता है। इसको क्या समझा जाना चाहिए??
जगदेव बाबू विद्रोही थे। उनकी क्रांति का नतीजा यह है कि वहाँ आज भी कोई ब्राह्मणवादी सरकार नहीं बन पाई। वो कहते थे "पहले पीढ़ी मारी जायेगी, दूसरी पीढ़ी जेल जायेगी, तीसरी पीढ़ी राज करेगी।"5 सितंबर 1974 को उन्हें गोली मार दी गई, फ़िर जो उन्होंने कहा पुख्ता हो गया।
शहादत दिवस पर नमन🌸
अपर कॉस्ट के प्रोगेसिव हिन्दू धर्म की खामियों पर खूब बोलते हैं। दलित भी उनकी क्रांतिकारिता पर मर मिटने को तैयार हो जाते हैं। उसे कट्टर अंबेडकरवादी से अच्छा प्रोगेसिव अपर कॉस्ट लगता है। गांधी जी भी प्रोगेसिव थे। सारी व्यवस्था बनाए रखकर सुधार की वकालत करते थे। ये भी कुछ ऐसे ही हैं।
किसान आंदोलन पर कलंक है यह घटना।
सिक्खों, हमारी नजरों में तुमने जितना कमाया था, सब खो दिया। तुम्हारे हजार लंगरों और दान कर्मों पर यह एक घटना भारी है।
#JusticeForLakhbirSingh
बिहार में ग्रेजुएशन की पढ़ाई बस ऐसे ही हो जाती है। कैंपस क्या होता है, मैंने नहीं जाना। किसी ढंग की युनिवर्सिटी में पढ़ नहीं पाया शायद इसलिए हर शानदार युनिवर्सिटी मुझे अपनी ओर खींचती है। कनाडा कि
University of British Columbia, जैसी खूबसूरत युनिवर्सिटी हो तो क्या ही कहने।
सभी आईपीएल में अच्छा खेलते हैं। फिर इंटरनेशनल में फूस हो जाते हैं।
सूर्या को फर्क नहीं पड़ता की वो इंटरनेशनल खेल रहे हैं या आईपीएल ,वो सिर्फ क्रिकेट खेलते हैं। और क्या गरदा खेलते हैं।
#SuryakumarYadav
19वीं सदी की शुरुआत में जब लोग अछूतों की परछाई तक से घृणा करते थे, उस दौर में अपना नाम हीरालाल से बदल कर अछूतानंद रख कर जातिवादियों और हरामी व्यवस्था के मुँह पर करारा तमाचा जड़ने वाले स्वामी अछूतानंद की आज (6 मई) जयंती है। अछूतानंद बनने के लिए ढेर सारा साहस चाहिए।
नौ साल के मासूम बच्चे को महज पानी का मटका छूने के कारण मार दिए जाने के विरोध में राजस्थान कांग्रेस के विधायक #पानाचंद_मेघवाल ने इस्तीफा देकर दलित नेताओं के सामने एक नजीर पेश की है। क्या किसी और विधायक-सांसद का ज़मीर जागेगा?? या फिर खुद को गिरवी रख दिया है?