Fundamental duties :Article51A(h):to develop the scientific temper, humanism and the spirit of inquiry and reform || nt religious || Rt's ≠ endorsement
मैं हमेशा OBC/SC वर्ग से कहता हूँ। ये मंदीर की लड़ाई तुम्हारी नही है। न तुम्हे हिस्सा मिलेगा न सम्मान। हिंदू का भाव लेकर, पैदल सेना बनकर किसी एक समुदाय से लड़ना बंद कर दो। शिक्षा की तरफ बढ़ो।
Dear OBC/SC
किसी एक समुदाय का डर दिखाकर आपके हक़ ऐसे ही मारे जायेंगे। लाठी डंडे मिलेंगे। पैदल सेना न बने।
न मन्दिर की लड़ाई आपकी है न हिंदुतव् की। अपने हक़ के लिए लड़ो। शिक्षा ग्रहण करो। हिस्सेदारी लो।
उनको देखा जो अपने बच्चे विदेश पढ़ा रहे है। पैसा कूट रहे है। देखो तो...
@RebornManish
सैनिको का मूवमेंट उससे अधिक सम्भव नही था। ऐसा था जैसे सीधे मौत के कुवे मे झोंक देना। झोंक भी दे, जमीन ले भी ले, लेकिन उसे नियंत्रण मे बनाए रखने के लिए लोकल लोगो का समर्थन भी तो चाहिए जो नही था। इसलिए जितना नियंत्रण मे रख सकते थे लिया ।
@RebornManish
शेख अब्दुल्ला ने वादा किया था।
जहाँ तक कश्मीरी भाषी लोग है उसको मैं कंट्रोल कर सकता हूँ उसके आगे का मेरे वश मे नही।
गौर कीजिए वही तक अभी अपने पास है।
जमीन छिनो, जंगल काटो
विरोध हो तो बस्तियाँ जला दो
नक्सली बोल रेप- हत्त्या कर दो
अरे संस्कृति बचाने वाले कट्टर बिंदु
इधर ध्यान क्यों नही जाता?
साँप सूंघ क्यों जाता है?
किसी भी देश, समाज का एक दुसरे की मदद करने से ऊँचाइयों को छूना तय है। एक दुसरे की टांग खींचने पर निचे की ओर गिरना भी तय है!
ऊंचाइयां छू लेने वाले को हमेशा याद रहना चाहिए जिसके कंधे पर पैर रखकर आगे बढ़ा है उसे भी ऊंचाइयों तक लाना है। तभी एक समाज है।
यदि आप काली चींटियों और लाल चींटियों को एक जार में डाल दें तो कुछ नहीं होगा। लेकिन अगर आप जार को जोर से हिलाते हैं, तो चींटियाँ एक-दूसरे को मारना शुरू कर देती हैं।
लाल चींटियाँ काली चींटियों को अपना दुश्मन मानती हैं और काली चींटियाँ लाल चींटियों को अपना दुश्मन मानती हैं। जबकि
आदिवासी किस धर्म से आते है?
मतलब इनपर हो रहे अत्याच��र को देख कोई आँशु बहा रहा होता, विरोध जता रहा होता, नारे लगा रहा होता, जुलूस निकाल रहा होता तो समझने मे आसानी होती।
वो चाहते तो एंटायर सायंस की डिग्री खरीदकर थमा देते। लेकिन नही किया। तुम जाहिल मज़ाक उड़ाओगे ही। आज जंगल राज वालो ने सवा लाख नौकरियां बाँट दी, राम राज्य वाले भी लेकर गए।
गाली बकने से पहले अपने गिरेबा मे झाँका करो।
तुम्हारा फर्ज़ी डिग्रीधारी नौकरियां खाकर बैठा है।
आज हमारे 4 जवान शहीद हुए है। हर महीने कोई न कोई घटना हो रही है और जवान शहीद हो रहे है।।
किसी पनौती ने कहा था नोटबंदी और धारा 370 के हटने से आतंकवाद खत्म हो गया है।।
Dear OBC/SC/ST
जब आप इनकी व्यवस्था का हिस्सा रहेंगे तो इनके नियम का पालन करना ही पड़ेगा। ये कुछ भी नही गलत बोल रहे। आप कितना भी योग्य हो जाए ये आपको सम्मान नही देंगे।
उस द्वार कभी न जाए जहाँ सम्मान न मिले, न ऐसे लोगो को सम्मान दे। दलालो से सावधान।
तेजस्वी ने जब 10 लाख नौकरी का वादा किया था तब चचा ने मज़ाक बनाया की पैसा कहा से आयेगा।
तो जितने नौकरी बटे उसका 1℅ भी योगदान इस आदमी को नही जाता। उल्टा ये आदमी अब बिहार मे सांप्रदायिक दंगे करवाएगा हाफ पेंट के साथ मिलकर!
#धन्यवाद_तेजस्वी 4 लाख नौकरी के लिए!!
@ShubhamShuklaMP
नम्बर 3-4 के खिलाड़ी को 6-7 नंबर पर बैटिंग करवाओगे तो क्या उम्मीद रखते हो?
बाकी 40 ओवर मे 4 चौके लगाने वाले सभी से पूछो टेस्ट मैच चल रहा था क्या?
मितरो
1965-71-99 के युद्ध मे इन दो जाबाज योद्धाओ के वीर गाथाओ को नेहरू ने छुपा दिया।
लेकिन
2014 में भारत को आजाद करवाने वाले इन 2 जांबाज योद्धा, जिनके बमवर्षक विमानों ने अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर किया, इस वीर गाथा को स्वर्णिम पनौतिकाल मे नही छुपाने देंगे।।
@PriyanshuVoice
इसी बेईमानी को तो बताते रहना है।
सबसे अधिक किसी का कट रहा है तो वो है OBC।
पहले 2000 से अधिक जातियों को शामिल किया उसके बाद ये सब।
कितना हरामखोरी है सिस्टम मे।
@VoiceOfBrahmins
@SawarnArmychief
आप भी हमारे घर न आए। न दक्षिणा न वोट
कुछ भी न ले। पूरा बॉयकॉट कर दीजिए।
सारी दिक्कते एक दूसरे से देखिये
ठीक हो जायेगा। कर के देखिये।
शाकाहार हो जाने का ज्ञान
अनेको देते है
लेकिन कोई अपने बच्चे को
किसान बनाना पसंद नही करता!
इस देश मे न किसान की इज्जत है
न सुरक्षित भविष्य
सब्जी कौन उगायेगा भाई?
पंजाब के रहने वाले अमृतपाल सिंह अग्निवीर के तौर पर सेना में भर्ती हुए।
वो कश्मीर में तैनात थे, 10 अक्टूबर को गोली लगने से वे शहीद हो गए।
दुखद ये है कि देश के लिए शहीद होने वाले अमृतपाल जी को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई भी नहीं दी गई।
उनका पार्थिव शरीर एक आर्मी हवलदार और दो
ये समाज, ये सिस्टम, ये सरकार
आदिवासीयो के प्रति कितना क्रूर है
उसकी थोड़ी झलक यहाँ मिलेगी।
फुर्सत मे देखकर थोड़ा विचार कर लीजियेगा।
कही और देखने की जरूरत नही पड़ेगी।
दीदी बोली : आरक्षण की वजह से मुझे IIT नही मिला। लोगो ने दीदी का JEE रैंक चिपका दिया।
5 लाख के आस पास रैंक रखने वाली दीदी के मन मे कितना चिढ़ है, कोढ़ है। पता नही कौन सी पढाई पढ़ते है ये।
हो सकता है शर्म छुपाने का जरिया हो।
ऐसा होती तो चार वेद पढ़ने वाला हवाई जहाज, हाइड्रोजन बम, रॉकेट, रोबोट, कंप्यूटर, मोबाइल फोन बना रहा होता। अलग से ISRO, DRDO, EIL जैसे संस्थान बनाने की जरूरत नही पड़ती।
इतना भी पागल बनाना ठीक नही।
@DrTaKoMD
हाथ नही तोड़ना था
मूह तोड़ना था।
जब सरकार कोर्ट मे कह रही
टिके को अनिवार्य नही किया
फिर ये है कौन?
जनता जागरूक हो, सरकार तो कोर्ट मे पल्ला झाड़ लेती है