आठ पहर चौंसठ घड़ी,
घुड़लै ऊपर वास।
सैल अणी हूँ सेकतो,
बाटी दुर्गादास।। 🚩🚩
वीर शिरोमणि दुर्गादास राठौड़ जी की जन्मजयंती पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि, उनका संघर्षमयी एवं स्वाभिमानी जीवन हम सभी के लिए सदैव प्रेरणादायी है।
"हौसले बुलंद हों तो पर्वत भी पानी है,
मुश्किलें कुछ भी नहीं, इंसान की कहानी है।
मंज़िलों को पाने का जज़्बा अगर हो दिल में,
तो रास्ते खुद-ब-खुद बनते जाते हैं सफर में।"