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61 years young National Award winning publishing house|Logo created by Artiste M.F. Hussain| @Vani_Foundation | @YuvaVani_VP | @yatrabooks | #VFDTranslatorAward

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@Vani_Prakashan ग्रुप के लिए यह मोहब्बत! शुक्रिया, दोस्तों। #Vani61 #ReadWithVani #VaniReaders
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5 years
जनवरी, 2003 में श्री हरिवंशराय बच्चन जी का देहावसान हो गया था। उपरोक्त चित्र सम्भवतः बच्चन जी का अंतिम चित्र वरिष्ठ लेखिका पुष्पा भारती जी के साथ है। संपादक कैलाश चंद्र पंत ने ‘अक्षरा’ पत्रिका में 'धरोहर’ शीर्षक से यह चित्र प्रकाशित किया था। #part1
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5 years
लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के संभलते क्यों हैं इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यों हैं राहत इंदौरी @rahatindori #vani56
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5 years
मैं एक दरवाज़ा थी मुझे जितना पीटा गया मैं उतना ही खुलती गई। अनामिका
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4 years
ईद मुबारक! वो चाँद है तो होने का अपने सबूत दे, मेहमान बन के छत पे मेरे साथ में रहे... - @rahatindori #Vani58 #EidUlFitr #HappyEid #EidMubarak #ईदमुबारक #ReadWithVani
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3 years
सरहद पे गोली खा के जब टूट जाये मेरी साँस मुझे भेज देना यारों मेरी बूढ़ी माँ के पास बड़ा शौक था उसे, मैं घोड़ी चढूँ, धमाधम ढोल बजें तो ऐसा ही करना... मुझे घोड़ी पे ले के जाना पूरे गाँव में घुमाना ढोलकें बजाना और माँ से कहना.. #Part1
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6 years
#सदाबहार अगर ख़िलाफ़ है होने दो जान थोड़ी है ये सब धुआँ है कोई आसमान थोड़ी है -चाँद पागल है @rahatindori @vani_prakashan #Vani55 #Ghazal
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7 years
देखिये कैसे @DrKumarVishwas ने @SahityaAajTak में 'कवि सम्मलेन' सत्र को अपने अन्दाज़ से ख़ुशनुमा बनाया। इतने मतभेदों में मन की क्या कहते हम कबीर के वंशज चुप कैसे रहते हम दिनकर के वंशज चुप कैसे रहते हे महाप्राण के वंशज चुप कैसे रहते। #SahityaAajTak2017 #KaviSammelan
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4 years
किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आयी। मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में माँ आयी।। यहाँ से जाने वाला लौट कर कोई नहीं आया। मैं रोता रह गया लेकिन न वापस जा के माँ आयी ।। - @MunawwarRana ‘सुख़न सराय’ ग़ज़ल संग्रह से #Vani57 #MorningGhazal
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5 years
इस दुनिया में कितनी दुनियाएँ ख़ाली पड़ी रहती हैं, जबकि लोग ग़लत जगह पर रहकर सारी ज़िंदगी गँवा देते हैं। ~ निर्मल वर्मा
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3 years
‘बिहार सरकार के राजभाषा हिन्दी पुरस्कार’ द्वारा स्वर्ण कमल से सुसज्जित @anantvijay को ‘डॉ. फादर कामिल बुल्के पुरस्कार’ से सम्मानित किया जायेगा। वाणी प्रकाशन ग्रुप की ओर से हार्दिक शुभकामनाएँ #Part1
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5 years
मैंने काग़ज़ पे सदा दिल की बिखर जाने दी, मुझको ये भी नहीं मालूम के क्या लिखना था... मर्तबा दिल का ग़ज़ल मेरी कसीदा उसका, कुछ न कुछ आज मुझे मेरे ख़ुदा लिखना था... - @rahatindori 'रुत' ग़ज़ल संग्रह यहाँ प्राप्त करें : #Vani56 #दास्ताँकहतेकहते #Ghazal
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5 years
मेरे सपने टिके नहीं हैं ऐरों-ग़ैरों पर मुझे भरोसा अपने हाथों अपने पैरों पर मनोज मुंतशिर @manojmuntashir #vani56
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3 years
#ख़बरमें कवि, शिक्षाविद, सामाजिक कार्यकर्ता और युवाओं के प्रेरणास्रोत डॉ. @DrKumarVishwas के 51वें जन्मदिवस पर वाणी प्रकाशन ग्रुप द्वारा प्रकाशित 'ब्रज व कौरवी : लोकगीत में लोकचेतना' का लोकार्पण नयी दिल्ली के होटल ताज मान सिंह 'दीवान-ए-आम' में हुआ। साभार : @NavodayaTimes
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5 years
हर क़दम पे काम अपनी जाँ निसारी आयेगी दोस्तों के बाद फिर दुश्मन की बारी आयेगी देखना ये है के इस बाज़ार का मालिक है कौन पूछना ये है, के क्या कीमत हमारी आयेगी? 'रुत' @rahatindori 'रुत' ग़ज़ल संग्रह यहाँ प्राप्त करें : #Vani56 #Rut #दास्ताँकहतेकहते #Ghazal
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5 years
*ईद मुबारक 🌙 मौत की तफ़सील होनी चाहिए शहर में इक झील होनी चाहिए चाँद तो हर शब निकलता है मगर ताक़ में क़िन्दील होनी चाहिए रौशनी जो ज़िस्म तक महदूद है रूह में तहलील होनी चाहिए 'चाँद पागल है' @rahatindori #Vani56 #Ghazals
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4 years
वाणी प्रकाशन ग्रुप के स्टॉल पर, वरिष्ठ पत्रकार @abhisar_sharma , फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की ग़ज़ल पढ़ते हुए... 'आज के ग़म के नाम' - फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ - शहरयार व नक़वी द्वारा सम्पादित पाठक यह किताब वाणी प्रकाशन के स्टॉल से प्राप्त कर सकते हैं। #ReadWithVani2020 #Vani57
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5 years
सात संदूकों में भर कर दफ़्न कर दो नफ़रतें आज इंसाँ को मोहब्बत की ज़रूरत है बहुत बशीर बद्र #Vani57
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3 years
#Hot_off_The_Press #नयीबहार ब्रज व कौरवी लोकगीतों में लोकचेतना – @DrKumarVishwas लोकगीत कभी शीतल फुहारों से मन को गुदगुदाते हैं, तो कभी ग़ुलामी, अन्याय, अत्याचार और बुराइयों के ख़िलाफ़ चिनगारियाँ जगाते हैं। इसीलिए वे राजनीतिक-सामाजिक परिवर्तन के उत्प्रेरक बनते हैं। #Part
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6 years
#सदाबहार जो किताबों ने लिखा, उससे जुदा लिखना था, लिख के शर्मिन्दा हूँ तुझको के सिवा लिखना था... चाँद लिक्खा कभी सूरज कभी मौसम लिक्खा, बात इतनी थी मुझे नाम तेरा लिखना था... 'रुत' @rahatindori #Vani55 #Rut @rahatindori_ #Ghazal #दास्ताँकहतेकहतेशृंखला
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4 years
रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है एक दीवाना मुसाफ़िर है मिरी आँखों में वक़्त-बे-वक़्त ठहर जाता है, चल पड़ता है - @rahatindori ‘चाँद पागल है’ पुस्तक से किताब यहाँ उपलब्ध है #Vani58
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5 years
#प्रेमगीत #प्रेमकहानी #रुत क्या ख़रीदोगे ये बाज़ार बहुत महँगा है, प्यार की ज़िद न करो प्यार बहुत महँगा है... आज तक तुमने खिलौने ही खरीदे होंगे, दिल है ये दिल मेरे सरकार बहुत महँगा है... - @rahatindori अपनी प्रति यहाँ पाएँ : #Vani56 #Rut #Ghazal
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6 years
#सदाबहार आसमां ओढ़ के सोए हैं खुले मैदां में अपनी ये छत किसी दीवार की मोहताज नहीं मैं हूँ ये कम तो नहीं है, तेरे होने की दलील मेरा होना तेरा एहसास दिलाता है मुझे चाँद पागल है - @rahatindori @vani_prakashan #Vani55
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3 years
#प्रीबुकिंग वाणी प्रकाशन ग्रुप से प्रकाशित @DrKumarVishwas आलोचनात्मक कृति 'ब्रज व कौरवी लोकगीतों में लोकचेतना' प्री-बुकिंग के लिए अब @amazonIN पर उपलब्ध है। आज ही अपनी प्रति सुरक्षित करें यहाँ : #Vani59 #NewBook #PreBook #Amazon #15March
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3 years
किताब या गुलाब? #ValentinesDay
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6 years
#सदाबहार रुत | @rahatindori @vani_prakashan #Vani55 #Ghazal #दास्ताँकहतेकहतेशृंखला
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6 years
मैं हिन्दू क्यों हूँ। @ShashiTharoor 2 दिसम्बर 2018 इंडिया इंटरनेशनल सेंटर।
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3 years
तुम्हारे शहर ने दफ़नाया बे-मज़ार हमें हमारे गाँव में कहते थे ज़मींदार हमें लकीरें हाथ की गिरवी हैं कारख़ाने में कहाँ ले आया है ख़ुशियों का इन्तज़ार हमें हम आसमान से बढ़ के बुलन्द हो जायें तू अपने क़दमों में बिछने दे एक बार हमें - @manojmuntashir 'मेरी फ़ितरत है मस्ताना' #Part1
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विश्व पुस्तक मेला 2023 में हरदिल अज़ीज़ कवि, लोक साहित्य विशेषज्ञ और दार्शनिक डॉ. @DrKumarVishwas वाणी प्रकाशन ग्रुप के ‘साहित्य–घर’ (हाल सं. 2, स्टाॅल सं. 72-89) प्रगति मैदान, नयी दिल्ली में अपने पाठकों से रूबरू हुए। #Vani60 #वाणीसाहित्यघर #VaniSahityaGhar #SahityaGhar
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5 years
जिन्हें बचपन और नासमझी में धर्म का ज्ञान मिल जाता है, वे जीवन भर बच्चे और नासमझ रहते हैं। असग़र वजाहत #Vani57
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5 years
संविधान अच्छे हाथों में रहा तो अच्छा, बुरे हाथों में रहा तो ख़राब साबित होगा। ~ डॉ भीमराव आंबेडकर आप सभी को संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनायें। #vani56 #SamvidhanDiwas #samvidhandivas
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4 years
ज़िन्दगी भर दूर रहने की सज़ाएँ रह गयीं मेरे कीसे में मिरी सारी वफ़ाएँ रह गयीं नौजवां बेटों को शहरों के तमाशे ले उड़े गाँव की झोली में कुछ मजबूर माँएँ रह गयीं प्रख्यात शायर @rahatindori साहब का ग़ज़ल संग्रह अब @AmazonKindle पर उपलब्ध है आज ही पढ़ें :
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4 years
रोज़ तारों की नुमाइश में ख़लल पड़ता है/ चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है// पढ़िए राहत इंदौरी के ऐसे ही लाजवाब शेर। वाणी प्रकाशन के स्टॉल पर उपलब्ध हैं, राहत इंदौरी के ग़ज़ल संग्रह। #WorldBookFair2020 #vanistory #ReadWithVani2020 #vanistory
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6 years
#सदाबहार चेहरे से धूप आँख से गहराई ले गया आईना सारे शहर की बीनाई ले गया डूबे हुए जहाज़ प' क्या तब्स करें ये हादसा तो सोचा कि गहराई ले गया ‘चाँद पागल है’ @rahatindori ​‘चाँद पागल है’ ग़ज़ल संग्रह यहाँ पाएँ : #Vani55 #RahatIndori #ChandPagalHai
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2 years
🇮🇳73वें गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ🇮🇳 बावन सेकण्ड खड़े होने में तुमको हैं ऐतराज़ बड़े सियाचीन की सरहद पर कोई बर्फ़ हो गया खड़े-खड़े - @manojmuntashir Muntashir मेरी फ़ितरत है मस्ताना... पुस्तक से किताब यहाँ उपलब्ध है: #RepublicDay
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5 years
जो पुल बनायेंगे जो पुल बनायेंगे वे अनिवार्यतः पीछे रह जायेंगे। सेनायें हो जायेंगी पार मारे जायेंगे रावण जयी होंगे राम, जो निर्माता रहे इतिहास में बंदर कहलाएँगे। अज्ञेय #Vani57
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7 years
#सदाबहार चाँद पागल है | @rahatindori @vani_prakashan #Ghazal #राहतइन्दौरी
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1 year
विश्व पुस्तक मेला 2023 में वाणी प्रकाशन ग्रुप से प्रकाशित हरदिल अज़ीज़ कवि, लोक साहित्य विशेषज्ञ और दार्शनिक @DrKumarVishwas 4 मार्च 2023 शाम 4:30 बजे वाणी प्रकाशन ग्रुप के ‘साहित्य–घर’ (हाल सं. 2, स्टाॅल सं. 72-89) प्रगति मैदान, नयी दिल्ली में अपने पाठकों से मिलेंगे। #Vani60
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3 years
#Part2 हम आधुनिकता के नशे में अपने पुरखों की इस धरोहर को भुलाते जा रहे हैं। इसे बचाना और बढ़ाना साहित्य, समाज और राष्ट्र की बहुत बड़ी सेवा है। - @k_satyarthi नोबेल शान्ति पुरस्कार सम्मानित बाल अधिकार कार्यकर्ता आज ही अपनी प्रति ऑर्डर करें यहाँ :
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5 years
कोई हाथ भी न मिलायेगा, जो गले मिलोगे तपाक से, ये नये मिज़ाज का शहर है, ज़रा फ़ासले से मिला करो। मुझे इश्तिहार-सी लगती हैं, ये मोहब्बतों की कहानियाँ, जो कहा नहीं वो सुना करो, जो सुना नहीं वो कहा करो। 'उजाले अपनी यादों के' #बशीर_बद्र #Part1
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4 years
#जन्मदिवस दुनिया के सामने भी हम अपना कहें जिसे इक ऐसा दोस्त हो कि सुदामा कहें जिसे चिड़िया की आँख में नहीं पुतली में जा लगे ऐसा निशाना हो कि निशाना कहें जिसे - @MunawwarRana ‘रुख़सत करो मुझे’ मशहूर शायर मुनव्वर राना को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
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3 years
जिस जलप्रलय ने पूरी केदार घाटी को मथ दिया, सैकड़ों जानें ले लीं और तबाही बरपाई, उससे आखिर केदारनाथ मंदिर कैसे सुरक्षित बच गया? ये सब आज भी तर्क पर खरा उतरता जवाब मांग रहा है। - @pantlp ‘हिमालय का क़ब्रिस्तान’ किताब यहाँ उपलब्ध है : #tehridam #Kedarnath
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7 years
I I सादर आमन्त्रण I I @vani_prakashan से प्रकाशित डॉ. @ShashiTharoor की नयी पुस्तक 'अन्धकार काल : भारत में ब्रिटिश साम्राज्य’ (An Era of Darkness: The British Empire in India’ published by @AlephBookCo का हिन्दी अनुवाद)
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5 years
आदमी बुलबुला है पानी का और पानी की बहती सतह पर टूटता भी है, डूबता भी है, फिर उभरता है, फिर से बहता है, न समंदर निगला सका इसको, न तवारीख़ तोड़ पाई है, वक्त की मौज पर सदा बहता आदमी बुलबुला है पानी का। गुलज़ार
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7 years
#सदाबहार मैं जो हूँ, 'जॉन एलिया' हूँ | @DrKumarVishwas @vani_prakashan #JaunElia #Ghazal #दास्ताँकहतेकहते
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3 years
जब हम कहीं न होंगे तब शहर भर में होंगे पहुँचेगी जो न उस तक हम उस ख़बर में होंगे थक कर गिरेंगे जिस दम बाँहों में तेरी आ कर उस दम भी कौन जाने हम किस सफ़र में होंगे -जॉन एलिया ‘मैं जो हूँ ‘जॉन एलिया’ हूँ' सम्पादक–डॉ. @DrKumarVishwas
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5 years
#VaniSahityaAajtak मिलिये मशहूर शायर @rahatindori से #SahityaAajTak में। सत्र : मुशायरा दिनांक : 3 नवम्बर 2019 समय : शाम 5:30 से 6:30 बजे स्थान : इन्दिरा गाँधी नेशनल सेंटर फॉर द आर्टस नयी दिल्ली #Vani56
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8 years
#दास्ताँकहतेकहते शृंखला की दूसरी किताब "मैं जो हूँ 'जॉन एलिया' हूँ" सम्पादक: @DrKumarVishwas #JonElia #urdupoetry #वाणीप्रकाशन #नयीसौगात
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#सदाबहार रुख़सत करो मुझे | @MunawwarRana @vani_prakashan #Ghazal
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2 years
खड़े हैं मुझको ख़रीदार देखने के लिए मैं घर से निकला था बाज़ार देखने के लिए। ~ @rahatindori वाणी प्रकाशन से प्रकाशित राहत इन्दौरी साहब की चुनिन्दा पुस्तकें कमेंट बॉक्स पर उपलब्ध है : #VaniPrakashanGroup @RahatIndouri #VaniAuthor #VaniBooks #अपनीभाषाअपनागौरव
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3 years
रोज़ तारों को नुमाइश में खलल पड़ता है चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है एक दीवाना मुसाफ़िर है मिरी आँखों में वक़्त-बे-वक़्त ठहर जाता है, चल पड़ता है - @rahatindori 'चाँद पागल है' किताब यहाँ उपलब्ध है : #Vani59 #ChandPagalHai #RahatIndauri
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2 years
मेरी साँसों में समाया भी बहुत लगता है, और वही शख़्स पराया भी बहुत लगता है, उससे मिलने की तमन्ना भी बहुत है, लेकिन आने-जाने में किराया भी बहुत लगता है। ~ @rahatindori वीडियो साभार : rahat_indouri_shayari (इंस्टाग्राम से ) #Vani59 #RahatIndori #Ghazal #shayari #VaniBooks
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#वाणीकालजयी द लल्लन टॉप के ‘किताबी बातें’ कार्यक्रम में वाणी प्रकाशन ग्रुप से प्रकाशित कालजयी कथाकार निर्मल वर्मा की पुस्तक 'रात का रिपोर्टर' पर द लल्लनटॉप के मुखिया सौरभ द्विवेदी से सुनिये पुस्तक के कुछ रोचक क़िस्से। @TheLallantop @saurabhtop #Vani60
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7 years
देखिये @_JonElia_ को @DrKumarVishwas की नज़र से, कल @JashneRekhta के ‘मैं जो हूँ जॉन एलिया’ सत्र में! साथ रहेंगी @Rjsayema #वाणीप्रकाशन
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चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है मैंने जन्नत तो नहीं देखी माँ देखी है... @MunawwarRana किताब: ‘माँ’ से #mothersday #किताबीबातें
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#WBF2019 #Vani56 #मेलेकीहलचल सुनिए खुशबू शर्मा से मशहूर शायर @rahatindori की पुस्तक 'रुत' से एक नज़्म - लम्हा लम्हा जंग है कुछ देर मोहलत चाहिए साहिबो अच्छी ग़ज़ल कहने को फुर्सत चाहिए ख़ुदखुशी को बुज़दिली कहना समझ का फेर है मौत से आँखें मिलाने में भी हिम्मत चाहिए
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#जन्मदिवस तेरी आँखों की हद से बढ़ कर हूँ दश्त मैं आग का समन्दर हूँ कोई तो मेरी बात समझेगा एक क़तरा हूँ और समन्दर हूँ उर्दू के विख्यात शायर डॉ. @rahatindori के जन्मदिवस पर वाणी प्रकाशन परिवार की ओर से हार्दिक शुभकामनाएँ 💐💐 #Vani56 #अपनीभाषाअपनागौरव
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मिलिये दिनांक 18 नवम्बर 2018 को शाम 7:00 बजे @SahityaAajTak के सत्र ‘मुशायरा’ में उर्दू के विख्यात शायर डॉ. @rahatindori से। 16,17,18 नवम्बर 2018 इंदिरा गाँधी नेशनल सेंटर फॉर द आर्टस नयी दिल्ली आइयेगा जरूर! #Vani55 #अपनीभाषाअपनागौरव #SahityaAajTak2018
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#सदाबहार घरों को तोड़ता है ज़ेहन में नक्शा बनाता है कोई फिर ज़िद की ख़ातिर शहर को सहरा बनाता है ख़ुदा जब चाहता है रेत को दरिया बनाता है फिर उस दरिया में मूसा के लिए रस्ता बनाता है 'घर अकेला हो गया' मुनव्वर राना #Vani55 @MunawwarRana @MunawwarRanaFC #Ghazal
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The pleasure is all ours, Sir. Many happy returns of the day to Lily ji, and many more wonderful books to go! @ShashiTharoor
@ShashiTharoor
Shashi Tharoor
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Touched that event organisers yesterday were kind enough to acknowledge & honour my mother on her birthday. Much appreciated @timeslitfestdel & ⁦ @vaniprakashan55 ⁩ !
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#शीघ्रप्रकाश्य उर्दू के विख्यात शायर डॉ. राहत इन्दौरी की नयी पुस्तक 'रुत' जल्द आप पाठकों के समक्ष होगी। @vani_prakashan #NewBook
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समय चाहे जितना कम हो स्थान चाहे उससे भी कम चाहे शहर में बची हो बस उतनी-सी हवा जितनी एक साइकिल में होती है पर जीना होगा जीना होगा और यहीं यहीं इसी शहर में जीना होगा इंच-इंच जीना होगा चप्पा-चप्पा जीना होगा और जैसे भी हो यहाँ से वहाँ तक समूचा जीना होगा #Vani56
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मैं पूरी ताक़त के साथ शब्दों को फेंकना चाहता हूँ आदमी की तरफ़ यह जानते हुए कि आदमी का कुछ नहीं होगा मैं भरी सड़क पर सुनना चाहता हूँ वह धमाका जो शब्द और आदमी की टक्कर से पैदा होता है यह जानते हुए कि लिखने से कुछ नहीं होगा मैं लिखना चाहता हूँ। 'पचास कविताएँ' केदारनाथ सिंह
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2 years
🇮🇳75आज़ादी का अमृत महोत्सव🇮🇳 🇮🇳 स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ🇮🇳 #Vani59 #azadikaamritmahotsav2022 #75 आज़ादीकाअमृतमहोत्सव #IndependenceDay #VaniBooks #VaniAuthor @manojmuntashir #अपनीभाषाअपनागौरव
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11 months
#पुण्यतिथि तूफ़ानों से आँख मिलाओ, सैलाबों पे वार करो मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पार करो फूलों की दुकानें खोलो, ख़ुशबू का व्यापार करो इश्क़ ख़ता है, तो ये ख़ता एक बार नहीं, सौ बार करो ~राहत इन्दौरी 'रुत' प्रख्यात शायर राहत इन्दौरी साहब की पुण्यतिथि पर सादर
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3 years
हम कभी जब दर्द के क़िस्से सुनाने लग गये लफ़्ज़ फूलों की तरह ख़ुशबू लुटाने लग गये लौटने में कम पड़ेगी उम्र की पूँजी हमें आप तक आने ही में हमको ज़माने लग गये - @MunawwarRana 'घर अकेला हो गया' किताब यहाँ उपलब्ध है: #Vani59 #ReadWithVani #अपनीभाषाअपनागौरव
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5 years
#दिलदारकिताबवाले #BestSeller #चाँद_पागल_है @rahatindori पाठकों द्वारा भेजा गया यह प्रेम हमें हमेशा सर्वोत्कृष्ट किताबें देने के लिए प्रतिबद्ध करता है। आप इसी तरह हमें अपना स्नेह भेजते रहें, हम आपको बेहतरीन किताबों की सौगात देते रहेंगे। #Vani56
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7 years
आज दोपहर 2:00 बजे @ndworldbookfair में! #जॉनएलिया से मिलने आ रहे हैं न! @DrKumarVishwas के साथ #वाणीप्रकाशन #NWBF17 #किताबीरौनक
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7 years
कितना दूर जाना होता है पिता से पिता जैसा होने के लिए! #अज्ञेय कविता: ‘चीनी चाय पीते हुए’ #किताबीबातें @Vani_Foundation
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6 years
#BookLaunch #2December2018 मैं हिन्दू क्यों हूँ। @ShashiTharoor "हिन्दू के रूप में मैं एक ऐसे धर्म के सम्बन्ध रखता हूँ जो दुनिया का एकमात्र प्रमुख धर्म है जो 'एकमात्र सच्चा धर्म' होने का दावा नहीं करता।" #अपनीभाषाअपनागौरव #Vani55 #NewBook #MainHinduKyonHoon #NonFiction
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5 years
जीवन कटना था कट गया अच्छा कटा, बुरा कटा, यह तुम जानो मैं तो ये समझता हूँ कपड़ा पुराना एक फटना था फट गया। जीवन कटना था कट गया। कविता : जीवन कट गया, पृष्ठ सं. 125 'हमारे लोकप्रिय गीतकार गोपालदास 'नीरज' सम्पादक : शेरजंग गर्ग अपनी प्रति यहाँ प्राप्त करें :
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5 years
एक आदमी रोटी बेलता है एक आदमी रोटी खाता है एक तीसरा आदमी भी है जो न रोटी बेलता है, न रोटी खाता है वह सिर्फ़ रोटी से खेलता है मैं पूछता हूँ- 'यह तीसरा आदमी कौन है ?' मेरे देश की संसद मौन है। कविता : रोटी और संसद, पृष्ठ. 66 कल सुनना मुझे - #धूमिल #Vani56
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5 years
ज़रूरी बात कहनी हो कोई वादा निभाना हो उसे आवाज़ देनी हो उसे वापस बुलाना हो हमेशा देर कर देता हूँ मैं   मदद करनी हो उसकी यार का ढांढस बंधाना हो बहुत देरीना रास्तों पर किसी से मिलने जाना हो हमेशा देर कर देता हूँ मैं मुनीर नियाज़ी #vani56
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6 years
#जन्मदिवस किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आयी। मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में माँ आयी।। यहाँ से जाने वाला लौट कर कोई नहीं आया। मैं रोता रह गया लेकिन न वापस जा के माँ आयी ।। *मशहूर शायर @MunawwarRana के जन्मदिवस पर वाणी प्रकाशन की ओर से हार्दिक शुभकानाएँ💐
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3 months
कोई दिवाना कहता है कोई पागल समझता है मगर धरती की बैचेनी तो बस बादल समझता है।। ~डॉ. कुमार विश्वास अगर आप डॉ. कुमार विश्वास की कविताएँ व गीत सुनते-गुनगुनाते हैं, तो उनके साथ अपना वीडियो रिकॉर्ड कर हमसे साझा करें। फेसबुक – ट्विटर –
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5 years
आज़ादी ने मुझे यह तो सिखलाया है कि इश्तहार कहाँ चिपकाना है और पेशाब कहाँ करना है और इसी तरह ख़ाली हाथ वक़्त-बेवक़्त मतदान करते हुए हारे हुओं को हींकते हुए सफलों का सम्मान करते हुए मुझे एक जनतान्त्रिक मौत मरना है। सुदामा पाण्डेय 'धूमिल' #Vani57
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5 years
खाली पेट का मज़हब रोटी होता है। मंटो #vani56 #manto सआदत हसन मंटो की किताबें आप नीचे दिये गये लिंक पर जाकर खरीद सकते हैं।
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7 years
#सदाबहार रुत | @rahatindori @vani_prakashan #Rut #DrRahatIndori #दास्ताँकहतेकहतेश्रृंखला #Ghazal
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6 years
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित वरिष्ठ कवि केदारनाथ सिंह जी नहीं रहे। वाणी प्रकाशन परिवार की ओर से उन्हें भावभीनी श्रंद्धाजिली। @vani_prakashan #Vani55
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5 years
#जन्मदिवस चले जाओ यहाँ से फ़ौरन जाओ ज़रा-सी परछाईं छोड़ जाना कृपया अपने पीछे सर रखकर सोना है मुझे उम्र तक - @udayprakash2009 कथाकार कवि उदय प्रकाश जी को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ #Vani57
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2 years
#CoverLaunch #RajeshTailang #ArrivingSoon #चाँदपरचाय #NayiBahaar #शीघ्र_प्रकाश्य गुलज़ार उनके बारे में कहते हैं कि - ‘राजेश तैलंग शौहरत के हाईवे के राहगीर हैं। ख़ूबसूरत कवितायें लुटाते आगे बढ़ रहे हैं। ये हाईवे शायद चाँद पर पहुँच कर रुके।’ @rajeshtailang
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5 years
पत्तों पर पानी गिरने का अर्थ पानी पर पत्ते गिरने के अर्थ से भिन्न है। जीवन को पूरी तरह पाने और पूरी तरह दे जाने के बीच एक पूरा मृत्यु-चिह्न है। बाक़ी कविता शब्दों से नहीं लिखी जाती, पूरे अस्तित्व को खींचकर एक विराम की तरह कहीं भी छोड़ दी जाती है... -कुँवर नारायण #Vani56
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5 years
#सादर_स्मरण बज़ा फ़रमा रहे आप मंज़ूर मुझे कि मैं हो गया हूँ शिकार नाउम्मीदी का। पर मुझसे ही क्यों चाहत इस तरह की बता दूँ आपको कि उम्मीद भी एक मुहावरा है गुमराह करने का... हिन्दी के विख्यात कवि चन्द्रकान्त देवताले की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि 🙏 #Vani56
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5 years
नये दिन के साथ एक पन्ना खुल गया कोरा हमारे प्यार का! सुबह, इस पर कहीं अपना नाम तो लिख दो। बहुत से मनहूस पन्नों में इसे भी कहीं रख दूँगा। और जब-जब हवा आकर उड़ा जायेगी अचानक बन्द पन्नों को; कहीं भीतर मोरपंखी की तरह रखे हुए उस नाम को हर बार पढ़ लूँगा। -केदारनाथ सिंह
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7 years
@ndworldbookfair में @vani_prakashan के बोधिवृक्ष तले @DrKumarVishwas ! साभार : @navodayatimes #वाणीप्रकाशन #NbtWorldBookFair2017 #किताबीरौनक
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2 years
आप सभी कल शाम 6 बजे लखनऊ में सांसद व लेखक डॉ. @ShashiTharoor की नयी पुस्तक 'अस्मिता का संघर्ष' के लोकार्पण व परिचर्चा में आमंत्रित हैं। डॉ. थरूर के साथ वरिष्ठ पत्रकार @1ALOKJOSHI संवाद करेंगे। स्थान: लेबुआ होटल @Metaphorlucknow का आयोजन, सहभागी @Vani_Prakashan और @lebuaHotels
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5 years
फ़र्ज़ करो हम अहले वफ़ा हों, फ़र्ज़ करो दीवाने हों फ़र्ज़ करो ये दोनों बातें झूठी हों अफ़साने हों इब्ने इंशा #vani56
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7 years
#पुण्यतिथि प्रख्यात ग़ज़लकार जॉन एलिया की पुण्यतिथि पर वाणी प्रकाशन परिवार की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि 🙏🏾 @vani_prakashan @JaunEliafd @DrKumarVishwas #दास्ताँकहतेकहतेश्रृंखला
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5 years
प्रेम में स्त्रियाँ चुपचाप हैं पुरुष वाचाल हैं प्रेम में बदल लेते हैं प्रेम और प्रेम करने वाली स्त्रियाँ प्रेम करता हुआ पुरुष कामान्ध है, हिंसक है प्रेम करती स्त्री प्रेमान्ध है, विकल है तुम्हें प्रेम करने के लिए मुझे 'स्त्री' होना है कविता : काया परिवर्तन #आग्नेय #Part1
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4 years
दुख का कोई पहाड़ नहीं होता कोई समुद्र नहीं होता दुख का सिर्फ़ हाथ होते हैं छोटे-छोटे जो दिनभर रस्सी की तरह बुनते रहते है दुख को -केदारनाथ सिंह #Vani57 #ReadWithVani #Poetry
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3 years
इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है माँ बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है मेरी ख़्वाहिश है कि मैं फिर से फ़रिश्ता हो जाऊँ माँ से इस तरह लिपट जाऊँ कि बच्चा हो जाऊँ - @MunawwarRana 'माँ' मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ #MothersDay #Vani59
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वाणी प्रकाशन ग्रुप की कार्यकारी निदेशक अदिति माहेश्वरी-गोयल को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ #Vani60 @kitabwali
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5 years
#जन्मोत्सव हिन्दी साहित्य के पुरोधा आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी के जन्मदिवस पर वाणी प्रकाशन की ओर से शत्-शत् नमन! #Vani56
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5 years
कुछ भी नहीं हुआ ऐसा जो सहने से बाहर हो न इतना बुरा कि उससे बुरा कभी हुआ न हो अकेली हुई वह मगर इतनी नहीं कि मरने का जी करे इस विरह का रंग उजला है अभी तक तुम दिखते हो पीड़ा में नहीं अपने सहने में कविता : इस विरह का रंग उजला है #गगन_गिल #Part1
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7 years
हिंदी स्पेशल: पढ़नी ही चाहिए आपको हिंदी की ये पॉपुलर किताबें
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'मुबारक़ क्षण' पुस्तक मेले का आख़िरी दिन वरिष्ठ पत्रकार @anantvijay , लेखिका @Vandanaanant के साथ। #ReadWithVani2020 #NDWBF2020 #Vani57
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5 years
वह धुन का पक्का था उसने नहीं कुचली किसी की उंगली और पट्टियाँ रखता था अपने वास्ते एक दिन ऊब कर उसने तय किया आख़िरकार और इस तरह छोड़ दी राजधानी मरने से पहले उसने कहा था...परिश्रम, नैतिकता, न्याय... वरिष्ठ साहित्यकार उदय प्रकाश जी की कविता 'किसका शव' से
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3 years
“एक हिन्दू आस्तिक भी हो सकता है और नास्तिक भी। यह भी कहा जाता है कि ये शब्द ईश्वर में विश्वास की बजाय व्यक्ति के कर्मों से सम्बन्ध रखते हैं, परन्तु कर्मों का आधार विचार ही होते हैं। एक आस्तिक के रूप में हिन्दू वेदों की पवित्रता और आत्मा के अस्तित्व को स्वीकार कर सकता है #Part1
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अख़बार के अलावा आज क्या पढ़ रहे हैं? 📚😀
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"अपने खुलेपन और विविधता के कारण हिन्दू धर्म एक ठेठ भारतीय उपज है, एक बरगद का वृक्ष । इसकी शाखाएँ दूर तक और चारों ओर फैली हुई हैं, और इनमें से कई फिर से धरती में घुसती रहती हैं और नयी जड़ों को जन्म देती रहती हैं।" @ShashiTharoor 'मैं हिन्दू क्यों हूँ' लिंक:
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