अच्छा हुआ मरने के बाद कोई मोबाईल लेकर नहीं जा सकता अन्यथा उधर से पोस्ट आती,
आज बड़े भाई यमराज जी का सानिध्य प्राप्त हुआ और गहन मुद्दों पर चर्चा की!...🙄🤣
जब पता हो कि अब शायद "कोई" लौट कर कभी नहीं आएगा...!! फ़िर भी ता-उम्र.. इंतज़ार में.. पल पल जीना.. तिल तिल मरना.. कतरा कतरा पिघलना.. जन्मों से..हर्फ हर्फ मिटना...लफ्ज़ लफ़्ज़ स्याह होना... यही...हां यही..प्रेम है..💔
आपने किया है कभी...??
मैंने प्रेम की कई व्याख्यायें पढ़ी,
ओर जाना सिर्फ़ इतना..
की मैं तुम्हें बिना बताये,
बिना जताए भी...
तुमसे प्रेम कर सकती हूं..
जिंदगी थोड़ी बंधी होती हैं
किसी के साथ,
बंधी तो सिर्फ़ भावनाएं होती हैं 💔
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मुझे कभी भी यह गलतफहमी नहीं हुई कि
कोई मुझे खोकर पछतायेगा...
पता है क्यों..?
क्योंकि लोगों को लोग मिल ही जाते हैं
कभी बत्तर से बत्तर....
कभी बेहतर से बेहतरीन....
पर मुझे तुम्हारे सिवा कभी किसी का
खास बनकर रहने का दिल नहीं हुआ......
जानते हो क्यों..?
क्योंकि , खैर जाने दो .. 💔
तुम्हें चाहने का मन
तुम्हें सोचने का मन
तुम्हें ढूंढने का मन
तुम्हें देखने का मन
तुम्हें देखते रहने का मन
तुमसे कहने का मन
तुमसे कहते रहने का मन
बार बार करता है ....💔
मां तो हमेशा खास होती है इसलिए ही तो वो हमारी पहली गुरु, पहली दोस्त और पहली सखी होती है। उनके आगे हम कुछ भी बोल देते हैं, वो हमें कभी भी जज नहीं करती हैं। जब भी हमें चोट या दर्द होता है तो हमारे मुंह से सबसे पहला शब्द ही मां निकलता है ♥️
Love you Mumma😘