"एक छोटी सी कविता और, लालच आ गया एक कविता पढ़ने का, अगर आप कहें तो वो सुनाऊँ, छोटी सी है, पन्ना पलटूँगा नहीं इसमें, इसका नाम है ‘ठाकुर का कुँआ’..."
2014 की सर्दियाँ,
@JaipurLitFest
में इरफ़ान ने ओमप्रकाश वाल्मीकि की यह कविता पढ़ी थी।
आना, इरफ़ान फ़िर एक बार और...🌻