@budhwardee
नारायण मूर्ति एक आईकॉनिक फिगर रहे हैं और उन्होंने पहले कभी भी बेवकूफी भरी बातें नहीं की हैं. लगता है इनका सत्तर घंटे वाला बयान इनका किसी प्रभाव में दिया गया है. और आपका यह कहना बिल्कुल सही है कि इससे बेरोजगारी और बढ़ेगी. सत्तर घंटे काम करना संभव नहीं है.
मुझे ये समझ नहीं आता कि लोग अपना नाम प्रमोशन लिस्ट में क्यों जुड़वाते हैं जब इन्हें फालोबैक देना नहीं होता. लोगों से अपने अकाउंट फालो करवा कर सो जाते हैं. फालोबैक देने में कंजूसी जैसे इनका पैसा लग रहा है
@news24tvchannel
@sanjaymanjrekar
बेवकूफ आदमी इतनी अकल तो होनी चाहिये. यदि कोहली 76 रन नहीं बनाता तो भारत का स्कोर कितना होता और एक सौ पच्चीस तीस रनों के भीतर क्या भारतीय गेंदबाज साउथ अफ्रीका को आउट कर पाते.
@sakshijoshii
जुर्माना लगाने से कुछ नहीं होना. कौन सा इनकी जेब से गया होगा. मालिकों ने भरा होगा. जब तक इन्हें सजा नहीं होगी ये ऐसे ही जहर उगलते रहेंगे.
@deepika_pad
सौ बात की एक बात.. पढ़ाई सबके लिए अनिवार्य हो और सबको पढ़ने की सुविधा उपलब्ध की जाएँ.. जब सब शिक्षित होंगे तो ये सवाल ही नहीं उठेगा.. एक शिक्षित व्यक्ति शिक्षित व्यक्ति को ही वोट देगा
@budhwardee
एक सौ बाईस लोगों की तो हो ही गई. वैसे मेरे विचार से इन बाबाओं से बड़े दोषी इनके अंधभक्त हैं जिन्हें शॉर्टकट में सब जल्दी जल्दी चाहिए. इन्हें समझना चाहिए कि ईश्वर के सामने सभी मनुष्य बराबर हैं. जब तक यह व्यक्ति पूजा बंद नहीं होगी तब तक ऐसे हादसे होते रहेंगे.
@budhwardee
बोलने वाला तो जानता है कि ��कवास कर रहा है. मजे की बात तो यह है कि वो यह भी जानता है सुनने वाले भी सब समझ ��हे हैं और उसके बाद भी सब सहमति से सिर हिला कर तालियां भी बजा रहे हैं. महोदय रात को बिस्तर पर याद कर सोते नहीं ठहाके लगाते रहते होंगे.
We have lost a great visionary, an icon personality, a gem of industrial revolution and a noble human charitarian . Deep condolence. May his soul rests in peace. Lacs of salutes
@budhwardee
@BeingSamHunter
Sorry Deepak ji, मैं आपकी लगभग हर बात से सहमत रहता हूँ पर इस बात से असहमत हूँ.. इतनी जहर से भरी, इतनी बदतमीजी से चिल्लाने वाली.. इतने घटिया शब्दों का इस्तेमाल करने वाली मासूम तो कहीं से नहीं हो सकती.
@ShivaniV2901
@Abhinav_Pan
आपने सही कहा मैडम, लोग एस बी आई के लंच का अक्सर मजाक उड़ाते रहे हैं और फिर दौड़ कर वहीं जाते हैं क्योंकि उनको वहां बेहतर सर्विसेस मिलती हैं.. पैसे की सुरक्षा का विश्वास.. यदि एस बी आई इतना ही खराब होता तो इतने फायदे में साल दर साल ग्रोथ नहीं होती और भीड़ अत्यधिक होने से ही समस्या
@t_d_h_nair
He is behaving as if airlines staff has put that halaal certification.. bhai khana hai toh kha nahin toh wapas kar de.. Apna religion kyon bata raha .
कुछ लोग कहानी लिखते हैं और लोग वो कहानी पढ़ते हैं
कुछ लोग कहानी सुनाते हैं
और लोग वो कहानी सुनते हैं
और कुछ ही लोग ऐसे होते हैं जो अपनी कहानी ख़ुद लिखते हैं और अपने पीछे अपनी कहानी लोगों के पढ़ने पढ़ाने और सुनने सुनाने के लिए छोड़ जाते हैं
ऐसे ही कुछ लोग रतन टाटा कहलाते है
अलविदा