बचपन में ऐसे घूमते थे दोस्तों के साथ कंधों पर हाथ रख के और आज दोनों हाथों से फोन पकड़ के घूमते हैं।
पुराना टाइम ही अच्छा था जहां यार दोस्त होते थे उनके साथ बैठते थे, खेलते थे, साथ घूमते थे। अब तो बस वो पास आते हैं जिनको काम होता नहीं तो बिना काम कोई याद ही नहीं करता है।