चाहे कर्नाटक के प्रवीण हों,
चाहे महाराष्ट्र के उमेश कोल्हे हों,
या फिर चाहे राजस्थान के कन्हैया लाल जी हों
इन सब का हत्यारा वही शांति-धूर्त, पड़ोसी और बरसों से जान पहचान वाले बकरी बाज ही थे !
कुत्ते की पूंछ सीधी हो सकती है, पर इनका सीधा होना असंभव है |
ब्रह्मांड का यही सत्य है !!