याद करेंगी पुश्तें, इक दिन,
ऐसा शासक आया था
बेच के सब सरकारी उसने,
इतना माल जुटाया था
ऊंचा उड़ने वाला, खुद का,
उड़न खटोला लाया था ✈️
~ विजय ढिल्लों
#ModiAeroplane
जब मर्द गए हों जंगो में, तब नारी खेत जुताती है
उस कौम को क्या तोड़ोगे तुम, जहां रोजी रोटी चल जाती है
ये लोग वतन के रक्षक हैं, तुम कहते हो उन्मादी हैं
ये चाहे कुछ भी कर सकते हैं ये 70 प्रतिशत आबादी हैं।
~ विजय ढिल्लों। #किसान_आंदोलन
हिंदुस्तान की राजनीति में पार्टी या विचारधारा पर हमले ना कर के व्यक्तिगत हमले की शुरुआत
@narendramodi
जी ने
@RahulGandhi
पर कर के की थी।
@NayakRagini
👍 जी ने क्रिया नही प्रितिक्रिया की है और करती रहेंगी
उसके चेहरे से नूर बहता है
वो बादशाह खुद को फकीर कहता है
जमाने भर में उसकी धूम है
और उसका फेवरेट मशरूम है
नए-नए Swag सदा करता है
अदाकार है, बेहतरीन अदा करता है
घूमने फिरने, फोटो खिंचवाने के
सारे शौक पूरे हों
दुआ है जल्द उसके बाल
सफेद से भूरे हों
#HappyBdayNaMo
@narendramodi
हैरत में है माँ, हर तरफ, नफ़रत का जिक्र है
ना हिंदू को फिक्र है, ना मुस्लिम को फिक्र है
सब खून के प्यासे हैं और मज़हब का राग है
पल्लू पे माँ के है तरफ ..अब खूनी दाग है 😢
दिल्ली के तीन तरफ जाट बहुल हरियाणा, एक तरफ पश्चिमी उत्तर प्रदेश,
मुगलों को जो बात समझ आ गई थी वो भाजपा को अब तक नही आई।
जाट एक स्वंत्रत विचारों वाली कौम है, उसे जबरदस्ती ना तो धार्मिक बनाया जा सकता है ना गुलाम। भाईचारा बढ़ाओ 😊
~ विजय ढिल्लों
@AmitShah
@BJP4India
@JAT_SAMAAJ
"मत पूछो कितना मत मेरी पेटी में आया है
मैं खुश हूं कि मैंने इक इतिहास बनाया है"
इतिहास बना ही दिया। 14 साल पहले हिंदुस्तान की राजनीति में आए एक नेता के लिए ये करना पाना एक सपने जैसा है। गर्व है के मैं इस रण में इनका यौद्धा बना।
#1072
💪✌️
@ShashiTharoor
@diljitdosanjh
इसे रुकना कहां पे आता है
ये भगतसिंह सिंह की माता है
ये कफन बांध के निकली है
तू क्या पानी बरसाता है?
ये डरी नही कभी गोली से
ना अपनी सूनी झोली से
ये आँखें,अपने रो लेंगी
पर इंकलाब ही बोलेंगी
तू इसका बोया खाता है
ये भगतसिंह की माता है
~ विजय ढिल्लों
माँ तुझे सलाम 🙏
"जानने वाले कहते हैं, कभी नेता ना बन पाओगे
जहां पे झुकना होगा कविवर, वहां पे तुम तन जाओगे"
~ विजय ढिल्लों। शायद इसी लिए बड़े-बड़े कवि नेता बनते-बनते रह गए। क्यों
@DrKumarVishwas
भैया?
"समझ के आग लगाना हमारे घर में तुम
हमारे घर के बराबर तुम्हारा घर भी है
है हम में हौंसला इतना मिटा दें हस्तियां तेरी
मगर, कहीं मासूम ना मारे जाएं हमे ये डर भी है"
@ShashiTharoor
जी का कश्मीर पर पाकिस्तान को दो टूक जवाब। Mind your own Business bro 👏👏
कुछ पद से बड़े होते हैं कुछ कद से बड़े होते हैं
जो झुक के खड़े होते हैं, वो खाक खड़े होते हैं
@ShashiTharoor
one of the Tallest leader in Indian Politics.
~ विजय ढिल्लों।
@manojmuntashir
मुंतसिर भूल गया औकात अपनी
अब बताने लगा है जात अपनी
कभी सड़को पे सोया करता था
तू भूखे पेट रोया करता था
तू सवर्ण है ये जताता है अब
सबको छुटभैया बताता है अब
तुझको औकात बताएगी तब
लक्ष्मी छोड़कर जाएगी जब 👎😡
~ विजय ढिल्लों
@JM_Scindia
जयचंदो और विभीषण से ये दुनिया भरी पड़ी है
मध्य में जाकर देखो तुम वफादारी मरी पड़ी है
जीत कह रहे हैं जिसको वो मानवता की हार है
गद्दारों पर 'कुल सिंधिया' धिक्कार था, धिक्कार है
~ कवि विजय पृथ्वी ढिल्लों
पीछे बूढ़ा बाप और बूढ़ी माई छोड़ गया
अपनी यादों की तू बस परछाई छोड़ गया
हर मुश्किल को धोनी वाले बल्ले से धो देता
माँ की गोद में रखकर सिर, या थोड़ा रो देता 😢
#SushantSinghRajput
मुझे नहीं लगता के कुर्ते पजामे के अलावा इस आदमी का कोई निजी खर्चा था। जब भी ईमानदार नेताओं की बा�� होगी लाल बहादुर शास्त्री, मनमोहन सिंह के साथ
@mlkhattar
जी का नाम भी ओएन पड़ेगा।
@jayantrld
आपका हौंसला और आपके
@RLDparty
के कार्यकर्ताओं का आप के चौतरफा ढाल बन कर तन जाना काबिले तारीफ है। ऐसे लोग जिसके साथ हैं उसे और क्या चाहिए। 👏👏🙏
सर्दी है...मगर खून गर्म रखना है
अन्नदाता! ये जुनून गर्म रखना है
फसल कच्ची है, तो और पकानी है
मगर सरकार ..घुटनों पर लानी है
~ विजय ढिल्लों। #किसानआंदोलन
"जिनको ये शिकायत है उन्हें घर नही मिला
वो उनको देख लें जिन्हें बिस्तर नही मिला"
सर्दी आ गई हैं 😢 कम्बल बाँटना मत भूलना 🙏
✍️ कवि विजय पृथ्वी ढिल्लों।
@Rekhta
क्या करेगा मुकाबला कोई?
सबको ये झट से पटक देता है
थोड़े इंग्लिश से ही मर जाते हैं
थोड़ी ये ज़ुल्फ़ झटक देता है
नेता तो, और बहुतेरे हैं
इसकी हर बात बड़ी प्यारी है
दिलों पे राज इसी का होगा
इसका, अश्वमेघ यज्ञ जारी है
जन्मदिन पर ये छोटी सी कविता भेंट स्वीकार करें
@ShashiTharoor
Any Guess? 😊
UN से संसद तक जाते पंथ पढ़े हैं
इस चश्मे ने जाने कितने ग्रंथ पढ़े हैं
दुनिया भर का इसमें जोखा-लेखा है
इस चश्में ने विश्व ये, सारा देखा है
सच और झूठ को इसने काफी परखा है
चश्मा नही, ये गाँधी जी का चरखा है
आधा-आधा मस्त मटकता रहता है
किसकी छाती पर कहो लटकता रहता है?
तू भी जिद्दी, हम भी जिद्दी
एक तो इक दिन हारेगा
सब चौड़ी छाती करे खड़े हैं
कितनी लाठी मारेगा
हारना इक दिन तुझको ही है
आज नही कुछ साल सही
तानाशाह की, बता हुकूमत?
कहां व कितने साल रही
तेरे सिर से ताज ये तेरा
अब अन्नदाता ही तारेगा
तू भी जिद्दी हम ...
~ विजय ढिल्लों
#KisanAndolan
ना कोई हल्की है न कोई भारी है
हिंदी और उर्दू में गजब की यारी है
~ विजय ढिल्लों।
सालों सालों हिंदू मुसलमान के रिश्तों के असल पहरेदार चले गए।
#MotilalVora
@_sayema
@ShayarImran
"भरतपुर का दुर्भाग्य है, जो ऐसे वंशज उपजाए
जो न हुआ हो बाप का, वो कुल का कैसे हो जाए?"
हीन भावना से ग्रसित इंसान अपने जन्मदाता, अपने कुल और अपने राष्ट्र, सब से नफरत करने लगता है।
@RubikaLiyaquat
Psychology says डरपोक ही तानाशाह बनते हैं because they are scared and have no confidence on themselves. They want to hold positional power to feel safe.