इंडिया गठबंधन में जो दल लोकसभा चुनाव के परिणाम में कमजोर निकले उनसे कांग्रेस किनारा करना चाह रही है।तेजस्वी यादव पर भी कांग्रेस आगे आने वाले समय में दबाव बनायेंगी और। कहेगी की बिहार में लोकसभा में प्रदर्शन के आधार पर आगामी विधानसभा का टिकिट वितरण हो।
एक पार्टी के दो नेता
राहुल गांधी लखनऊ एयरपोर्ट से रायबरेली के लिए निकले थे खराब मौसम के चलते हेलिकॉप्टर लैंडिंग नहीं हो पाई फिर वो सड़क मार्ग गए।
अगर यही कमलनाथ होते तो दौरा कैंसिल कर देते क्युकी वो जहां जाते हैं हेलीकॉप्टर से ही जाते हैं।
@OfficeOfKNath
@RahulGandhi
कर्नाटक की तर्ज पर कांग्रेस मध्यप्रदेश में 50% कमीशन वाली सरकार टाइप के नारे और कैंपेन खड़े कर रही है। पिछले दिनों आंधी तूफान से महाकाल लोक में खंडित हुई मूर्तियों के मामले में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए 50% कमीशन वाली सरकार जैसे पोस्ट सोशल मीडिया में ट्रेंड कर रहे हैं
@INCMP
सज्जन सिंह वर्मा को लोकसभा चुनाव का टिकिट दे सकती है कांग्रेस.विधानसभा चुनाव हारने के बाद वो जिस तरह से जीतू पटवारी के साथ आए हैं उससे साफ़ है की लोकसभा चुनाव लड़ना चाह रहे हैं.
मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में कांग्रेस 12 से 13 सीटों में बड़ी मजबूती के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी में है बाकी सीटों में उन्हें परिणाम पहले से पता है इसलिए ज्यादा जोर नहीं लगाया जाएगा।
@digvijaya_28
@OfficeOfKNath
@jitupatwari
मप्र की सतना संसदीय सीट से पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल को कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व चुनाव लड़ना चाहता था लेकिन उनके मना करने के बाद सूत्र बता रहे हैं कि उन्होंने नीलांशु चतुर्वेदी का नाम बढ़ाया है नीलांशु चुनाव लड़ेंगे और कमान पूरी अजय सिंह राहुल संभाल सकते हैं।
मध्य प्रदेश कांग्रेस के एक बड़े नेता जो विधानसभा चुनाव अच्छे खासे वोट से जीते हैं वह भाजपा में जाने का जुगाड़ जमा रहे हैं। अगर सब कुछ ठीक रहा तो 2024 लोकसभा का टिकट लेकर बीजेपी में जा सकते हैं।
यूपी 80 सीटें
महाराष्ट्र 48 सीटें
बंगाल 42 सीटें
बिहार 40 सीटें
ये टोटल 210 सीटें है 2019 में NDA को यहां 162 सीटें मिली थी इस बार आपको क्या लगता है।क्या NDA की सीटें घटेगीं और अगर घटेंगी तो कितनी।
पहले ये जोड़ी यूपी में फेल हो चुकी है लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव में संविधान वाले मामले में और बेरोजगारी वाले मामले में यूपी में टक्कर देने की कोशिश कर रहे हैं NDA को।
अगर मध्य प्रदेश में कांग्रेस तीन से चार लोकसभा सीटें जीतने में सफल होती है तो आप यकीन मानिए की 2028 का विधानसभा चुनाव मध्य प्रदेश में जीतू पटवारी के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।
@jitupatwari
रीवा में कल प्रियंका गांधी की जनसभा के अच्छी खासी भीड़ उमड़ी।प्रियंका गांधी ने 50 मिनट भाषण दिया लोगो को अच्छे से कनेक्ट किया ।
@priyankaavishal
@INCMP
@digvijaya_28
मैंने दिग्विजय सिंह से पूंछा की विंध्य की नाराज भाजपा आपके संपर्क में हैं तो उन्होंने कह दिया आपके पास सुझाव होता दे दीजिएगा और जोर से ठहाके लगाकर हंस दिए।विंध्य के कुछ बीजेपी के नेता लगता है दिग्विजय सिंह के संपर्क में हैं।
@BabelePiyush
@BJP4MP
@digvijaya_28
@INCMP
@JVSinghINC
2023 विधानसभा चुनाव में सतना संसदीय सीट से गणेश सिंह के चुनाव हारने के बाद बीजेपी विंध्य के कद्दावर नेता बेहद खुश थे। वह अभी यही चाहते हैं कि लोकसभा चुनाव में गणेश सिंह हार जाए। आपको क्या लगता है वह कद्दावर नेता कौन है?
दिग्विजय सिंह ने सिंधिया के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ने की बात कही है। मतलब अगर कांग्रेस पार्टी कहेगी तो वो लड़ जाएंगे।मुझे लगता है दिग्विजय सिंह को सिंधिया में खिलाफ लड़ाना चाहिए। बड़ी रोचक लड़ाई होगी और दोनों नेताओं का राजनैतिक सामर्थ्य भी पता चलेगा।
@digvijaya_28
@JM_Scindia
या तो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बीजेपी कुछ बड़ा देने वाली है या तो कुछ भी नहीं देने वाली क्योंकि कल दिल्ली में जो बैठक हुई उसमें शिवराज सिंह चौहान को ना बुलाना बहुत बड़े संकेत दे रहा है जबकि उसमें हारे हुए फग्गन सिंह कुलस्ते तक को बुलाया गया था।
लोकसभा चुनाव के बाद मध्य प्रदेश बीजेपी और सरकार में बड़े स्तर पर बदलाव होंगे अगर लोकसभा के परिणाम 29-0 नहीं रहे तो आप यकीन मानिए कैबिनेट से लेकर संगठन तक सब कुछ बदला जाएगा।
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी के बचाव में निश्चित ही राहुल गांधी हैं। प्रदेश के कुछ अखबारों और सोशल मीडिया में एक न्यूज चली की जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया जा सकता है लेकिन फिलहाल दिल्ली का ऐसा कोई विचार नहीं है।
@jitupatwari
नारायण त्रिपाठी के कांग्रेस में शामिल होने की अटकले शुरू हुई हैं , सूत्र बता रहे हैं की 14 तारीख को कमलनाथ की मौजूदगी में सदस्यता ले सकते हैं ।
@NarayanMlaBjp
जीतू पटवारी को मध्य प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष और मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार को बनाने का फैसला सीधे तौर पर राहुल गांधी का फैसला लगता है। राहुल गांधी मध्य प्रदेश में नई लीडरशिप खड़ी करना चाह रहे हैं।
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सतना महाविद्यालय के स्टूडेंट्स का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।प्राचार्य ने इसे अनुशासनहीनता बता दिया है अभी कॉलेज के किसी कार्यक्रम में यही डांस हुआ होता तो तालियां बज रही होती और अनुशासनहीनता नहीं होती। वैसे इसमें कोई अश्लीलता तो है नहीं यह तो सिर्फ एक कला है।
महाराष्ट्र,हरियाणा,उत्तर प्रदेश,राजस्थान जैसे राज्यों में बीजेपी की सीटें अगर काम हो रही है ऐसी स्थिति में बीजेपी को सबसे ज्यादा उड़ीसा और कर्नाटक से है।
प्रदेश में रीवा लोकसभा सीट चर्चा में है क्योंकि लोकसभा चुनाव में इस बार अबतक सबसे कम वोटिंग इस सीट पर हुई है।स्वस्थ लोकतंत्र के लिए यह बिल्कुल ठीक नहीं है।
लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की जगह पर भाजपा नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन करेगी। ऐसी स्थिति में जेपी नड्डा जी को क्या जिम्मेदारी मिलेगी।
सीधी से कमलेश्वर पटेल
सतना से निलांशु चतुर्वेदी
झाबुआ से कांतिलाल भूरिया
छिंदवाड़ा से नकुलनाथ
नर्मदापुरम से संजय शर्मा
मंडला से नारायण सिंह पट्टा
धार से सुरेंद्र सिंह बघेल
ग्वालियर से प्रवीण पाठक
उज्जैन से महेश परमार
गुना से वीरेंद्र रघुवंशी/केपी यादव(अगर बागी हुए तो)
मध्य प्रदेश की मुरैना संसदीय सीट में जहां शुरुआती दौर में कांग्रेस के नीटू सिकरवार बढ़त बनाते हुए दिख रहे थे अब जब मतदान हो चुका है तो उन्हें सिर्फ इस बात का डर है कि चुनाव के दौरान विजयपुर विधायक रामनिवास रावत के भाजपा में शामिल होने के बाद परिस्थितियां बदल भी सकती हैं।
मप्र.युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विधायक विक्रांत भूरिया ने युवा कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है और कारण दिया है कि पिताजी के चुनाव में ज्यादा मेहनत करनी है इसलिए युवा कांग्रेस की जिम्मेदारी नहीं उठा सकता। वैसे भी युवा कांग्रेस में इनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है।
बीजेपी ने कमलनाथ को छिंदवाड़ा में घेरने के लिए बड़ी रणनीति बनाई है।उधर कांग्रेस ने भी मध्���प्रदेश भाजपा के तमाम बड़े नेताओं को विधानसभा चुनाव में घेरने के लिए मजबूत प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर ली है जैसे बुधनी से शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ दीपक जोशी।
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान किसी भी कीमत में मीडिया में बने रहना चाहते हैं क्योंकि उन्हें जिस तरह से दरकिनार किया गया है आने वाले समय में उनके सामने बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा होने वाला है.दिल्ली में बैठे नेता अब शिवराज सिंह को कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं देना चाहते.
सतना संसदीय सीट से बीजेपी ने गणेश सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है।कांग्रेस की ओर से सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को लोकसभा टिकट दिया जा सकता है अगर ऐसा होता है तो बसपा से रत्नाकर चतुर्वेदी चुनाव लड़ेंगे यानी कि विधानसभा चुनाव में जो प्रत्याशी आमने-सामने थे वहीं लोकसभा में होंगे
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्व.श्रीनिवास तिवारी के पोते सिद्धार्थ तिवारी राज कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए। सिद्धार्थ रीवा जिले की त्यौंथर सीट से टिकट मांग रहे थे लेकिन कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया तो भाजपा में शामिल हो गए भाजपा उन्हें त्यौंथर से प्रत्याशी बना सकती है।
मायावती का आकाश आनंद के खिलाफ एक्शन लेना बसपा के लिए भारी पड़ गया। उत्तर प्रदेश में बसपा का वोट बैंक खिसकर सपा और कांग्रेस की ओर चला गया है। कुल मिलाकर बसपा एक्सपोज्ड हो गई।
रीवा विधानसभा बसपा के पूर्व प्रत्याशी ने बसपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा।राष्ट्रीय सचिव सीपी मित्तल ने ज्वाइन कराई पार्टी। गुरमीत सिंह मंगू की बड़ी भूमिका ज्वाइन कराने में।
कमलनाथ आज शाम दिल्ली में बीजेपी की सदस्यता ले सकते हैं।उनके साथ कई पूर्व मंत्री और मौजूदा 10 विधायक कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होंगे।दिल्ली में वो और उनके बेटे शामिल होंगे बांकी एक बड़ा कार्यक्रम मप्र में होगा जहां अन्य लोग शामिल होंगे:सूत्र
राज्यसभा चुनाव में एक सीट मध्य प्रदेश कोटा से कांग्रेस को मिलेगी और इस पर कमलनाथ, जीतू पटवारी और अरुण यादव जैसे दावेदार हैं।अब आलाकमान किसके नाम पर सहमत होता है यह भी देखना है संभावना यह भी है की इसके बाद एक बड़े नेता अगर राज्यसभा नही भेजा गया तो कांग्रेस छोड़ सकते हैं।
लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद मप्र.के पूर्व गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को बड़ी जिम्मेदारी या तो प्रदेश में या राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी आलाकमान देने जा रहा है। भाजपा के अंदर के कुछ बड़े नेता चाहते हैं कि वह प्रदेश से हटकर केंद्र में चले जाएं लेकिन मिश्रा जी प्रदेश में रहना चाहते है
मध्य प्रदेश में भाजपा विधायकों का अपनी सरकार के खिलाफ लगातार धरने में बैठने का दौर जारी है। सिवनी, जबलपुर और मऊगंज जिले के विधायक अपनी सरकार की प्रशासनिक व्यवस्था से खुश नहीं है और धरने पर बैठ रहे।
दिग्विजय सिंह पिछले दिनों रीवा प्रवास पर थे और इस दौरान कुछ कांग्रेसियों ने दिग्विजय सिंह से आग्रह किया कि अब आप अगला लोकसभा चुनाव रीवा लोकसभा क्षेत्र से लड़िए।
@digvijaya_28
@ASinghINC
@mrkamleshwar
अगर कमलनाथ कांग्रेस नहीं छोड़ते हैं तो यह मानकर चलिए बीजेपी से बात नहीं बन पाई होगी और दूसरा सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी ने पहल की होगी कांग्रेस न छोड़ने की।
सतना संसदीय सीट से बसपा ब्राम्हण चेहरे को उतारने जा रही है।बीजेपी और कांग्रेस ने अंचल के दोनों बड़े ओबीसी चेहरे को मैदान में उतारा है।अब बारी बीएसपी की है।नारायण त्रिपाठी,शिवा चतुर्वेदी का नाम चर्चा में है।
यूपी में बीजेपी के प्रदर्शन के खराब होने की सबसे बड़ी वजह मायावती की bsp का पूरी तरह से एक्सपोज्ड हो जाना। बीएसपी का कार्यकर्ता खुद गली,मोहल्ले,चौराहे में कह रहा था कि हमारी पार्टी तो भाजपा के हाथों बिक गई।
बसपा अगर 2019 टाइप का चुनाव लड़ती तो बीजेपी को ज्यादा फायदा होता।
सतना लोकसभा सीट से वर्तमान सांसद गणेश सिंह को पार्टी के अंदर ही चुनौती मिल रही।चुनौती मिलने की बड़ी वजह बीते विधानसभा चुनाव में उनको हार मिलना है।अब बीजेपी में स्वप्ना वर्मा,राकेश मिश्रा मजबूती से दावेदारी कर रहे हैं।
सीधी संसदीय सीट के एक गाँव की महिला का वीडियो देखिए।
हमारे यहां रोड तो बनवाय देई ,हमने पूरी 29 की 29 सीटें आपको जिताईं,ये रोड देखें,कबाड़ हैं! हमारे यहां के लोग सांसद, विधायक,कलेक्टर तक से मिले,लेकिन कोई नहीं सुनता,मेरा गांव खड्डी खुर्द,जिला सीधी,मध्यप्रदेश है।
सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा पहले विधायक बने फिर महापौर का टिकट मिला चुनाव हारे। अब लोकसभा का टिकट मिला है ऐसे में सतना संसदीय सीट के नेताओं में जबरदस्त आक्रोश है और आज कई नेता कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले हैं।
ख़बर यह भी है की पूर्व राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह (सीधी) बीजेपी छोड़ने के बाद अब लोकसभा चुनाव में बसपा या गोंडवाना से चुनाव लड़ सकते हैं इससे बीजेपी को सीधी संसदीय सीट में कुछ नुकसान हो सकता है।
सतना लोकसभा चुनाव में बीजेपी के बाद अब कांग्रेस ने सिद्धार्थ कुशवाहा को मैदान में उतार दिया है अब बस बसपा से रत्नाकर चतुर्वेदी शिवा के नाम का ऐलान होना है और अब लगभग यह तय है ।चुनाव बेहद रोमांचक होने वाला है बिलकुल सतना विधानसभा 2023 जैसा।
जिस हालत में मध्यप्रदेश में कांग्रेस है ऐसा लगता है किसी अन्य दल के लिए एक अवसर तैयार हो रहा है।बस वो दल प्रदेश के मुद्दों की लड़ाई मजबूती के साथ लड़ना शुरू कर दे।वैसे जन आंदोलन वाली क्रांति मप्र में दिख नहीं रही।कांग्रेस रसातल की ओर जा रही उनकी बंदूकों में कारतूस ही नहीं बचे।
मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव सीधे तौर पर मध्य प्रदेश के नई नवेले मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की परीक्षा है और परीक्षा में 100 में से 100 नंबर प्राप्त करने हैं इसके अलावा कोई ऑप्शन नहीं है।
मीडिया अपनी जिम्मेदारी किस तरह से निभा रहा है इसका जीता जागता उदाहरण यह है कि दिल्ली के जंतर मंतर में एक बड़ा आंदोलन ईवीएम के खिलाफ चल रहा है लेकिन किसी भी मेन स्ट्रीम मीडिया में यह खबर नहीं है। सोचिए मीडिया हाउस कितने बड़े दवाब में हैं।
मध्य प्रदेश भाजपा के हालात अब बिल्कुल कर्नाटक बीजेपी जैसे हो चुके हैं। पार्टी छोड़कर कई पूर्व विधायक कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। संगठन और सत्ता के बीच तालमेल पूरी तरह से बिगड़ चुका है।सरकार में वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई।
@BabelePiyush
@BJP4MP
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मप्र में सीएम चयन को लेकर जबरदस्ती माहौल बनाया जा रहा ह। जबकि यह बिल्कुल तय है की कमान फिर से एक बार शिवराज सिंह के हाथ में ही होगी।बड़े पोर्टफोलियो वाले मंत्रालय और विधानसभा अध्यक्ष को लेकर जरूर चर्चा चल रही क्योंकि केंद्रीय मंत्रियों को प्रदेश में लाकर एडजस्ट करना थोड़ा कठिन है
राजनीति में संभावनाएं और सूत्रों से मिली जानकारी निरंतर आती रहनी चाहिए। आगे आने वाले समय में लोकसभा चुनाव के पहले कुछ अन्य महापौर भी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
मतलब साफ है की अब मध्य प्रदेश की राजनीति से शिवराज सिंह चौहान धीरे-धीरे कर अप्रासंगिक हो जाएंगे। शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री पद से हटाने के बाद कई बयान आए और अब देखिए वो ख़ामोश हो गए विरोध के स्वर कमजोर हो गया। शीर्ष नेतृत्व ने समझा दिया।
4 जून को परिणाम चाहे जो भी हो लेकिन एक बात साफ है कि जिन विपक्षी प्रत्याशियों ने लोकसभा चुनाव को लोकल चुनाव बनाकर और बीजेपी के मौजूदा सांसद के कामों को टारगेट करके चुनाव लड़ा है उन्हें फायदा हो सकता है।
लोकसभा चुनाव संपन्न होते-होते मध्य प्रदेश कांग्रेस की हालत क्या से क्या होने वाली है यह वह खुद जाने। लेकिन जिस तरह से कांग्रेस के नेता पदाधिकारी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं ऐसे में आगामी चुनाव के लिए कांग्रेस को बूथ लेवल पर कार्यकर्ता भी नहीं मिलेंगे।
रीवा जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष त्रियुगीनारायण शुक्ल भगत ने आज कांग्रेस पार्टी छोड़ दी अब कल बीजेपी में शामिल होने की प्रबल संभावना है।कल सीएम मोहन यादव रीवा में बीजेपी प्रत्याशी जनार्दन मिश्र के नामांकन कार्यक्रम में शामिल होंगे।
मध्य प्रदेश लोकसभा चुनाव के लिए रीवा संसदीय सीट से कांग्रेस के कई दावेदार प्रदेश नेतृत्व के सामने दावेदारी कर चुके हैं जिनमे
1 नीलम अभय मिश्रा
2महापौर अजय मिश्रा बाबा
3 पूर्व विधायक सुखेंद्र सिंह बन्ना
4त्रियुगीनारायण शुक्ल भगत
5विद्यावती पटेल
प्रमुख हैं।
ऐसा लगता है देश भर में लोकसभा चुनाव सिर्फ अमेठी और रायबरेली की सीट पर हो रहा है। कांग्रेस के अलग-अलग प्रदेशों के तमाम दिग्गज अमेठी और रायबरेली में तैनात है वहीं भाजपा ने भी कसावट कर दी है और अलग-अलग राज्यों के नेताओं को तैनात कर दिया है।
इस समीकरण की संभावना ज्यादा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर
डिप्टी सीएम प्रह्लाद पटेल
डिप्टी सीएम कैलाश विजयवर्गीय
प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा बने रहेंगे।
सतना विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाहा है लेकिन अब जब भाजपा ने सांसद गणेश सिंह को सतना विधानसभा सीट से प्रत्याशी बना दिया है ऐसी स्थिति में सिद्धार्थ कुशवाहा का टिकट बदलकर ब्राह्मण समाज से कांग्रेस दे सकती है।
मध्य प्रदेश में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहने वाला है जैसा मध्य प्रदेश ने सोचा था कि आम आदमी पार्टी दिल्ली मॉडल पर काम करते हुए टिकट वितरण करेगी वह सब कुछ फेल हुआ। टिकट वितरण में भी बड़े हेर फेर की खबर है।
@AamAadmiParty
@ArvindKejriwal
बिग ब्रेकिंग मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी
रीवा से राजेंद्र शर्मा
सेमरिया से अभय मिश्रा
देवतालाब से पद्मेश गौतम
सिरमौर से रामगरीब वनवासी को टिकिट ।
आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सतना संसदीय सीट से एक बार फिर से भाजपा गणेश सिंह को चुनाव मैदान में उतर सकती है। बीते विधानसभा चुनाव में गणेश सिंह को सतना सीट से हार का सामना करना पड़ा था गणेश सिंह के अलावा कई अन्य दावेदार भी दावेदारी कर रहे हैं। वर्तमान में सतना सांसद गणेश सिंह ही है।
भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए मप्र को सात हिस्सों में बाँटा है, सात क्लस्टर्स बनाकर नेताओं को ज़िम्मेदारी सौंपी गई।
ग्वालियर चंबल-नरोत्तम मिश्रा
महाकौशल-प्रह्लाद पटेल
विंध्य-राजेंद्र शुक्ल
उज्जैन-जगदीश देवड़ा
इंदौर-कैलाश विजयवर्गीय
सागर-भूपेन्द्र सिंह
भोपाल - विश्वास सारंग
जब लोकसभा चुनाव शुरू हुए थे तो ऐसा लगा था कि शिवराज सिंह चौहान पूरे मध्यप्रदेश में, छत्तीसगढ़ में और अन्य कई राज्यों में तूफानी दौरे करेंगे जनसभाएं करेंगे लेकिन शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश में भी उसे स्तर से जनसभाएं नहीं कर पाए वजह क्या थी।
सिद्धार्थ तिवारी और नारायण त्रिपाठी इस समय पूरे विंध्य की राजनीति इन्हीं के इर्द-गिर्द घूम रही है और इर्द-गिर्द सिर्फ इसलिए घूम रही है कि आखिर यह दोनों अगले दो दिन में क्या कुछ करेंगे।
@NarayanMlaBjp
@rssurjewala
मध्य प्रदेश सरकार में अंदर खाने बहुत कुछ चल रहा है कुछ बड़े नेताओं ने लॉबिंग करना शुरू कर दिया है क्योंकि उन्होंने बहुत बड़े सपने देख लिए हैं। चर्चा तो यह भी है कि आगे आने वाले समय में कुछ बड़े परिवर्तन हो सकते हैं।
सरकार और संगठन दोनों में।
मैहर विधानसभा सीट से पूर्व बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी अब हांथी की सवारी करेंगे।नारायण त्रिपाठी सतना संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।
@Narayan_Maihar