उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में 5th Schedule/Tribe Status लागू करवाने के लिए जुड़े l इस मुद्दे से जुड़े सभी सरकारी,आधिकारिक दस्तावेज़ आपकों यहां मिल जाएंगे l
22 दिसंबर 2024 जंतर-मंतर में लगेगी “उत्तराखंड के मूलनिवासियों की संसद”
उत्तराखंड के प्रत्येक ब्लॉक से उत्तराखंड जनमानस
#5thSchedule_TribeStatus
का अधिकार वापस पाने का संकल्प लेंगे l संकल्प जल्द पूरा हो, इसके लिए स्थानीय कुल देवी, कुलदेवता का आशीर्वाद लेंगे l उत्तराखंड के
वन विकास निगम,लालकुआं डिपो,उत्तराखंड l
उत्तराखंडियो के पूर्वजों द्वारा उगाएं गए जंगलों से उत्तराखंडियो को तो बांस का एक टुकड़ा ले जानें की भी इजाज़त नहीं है l
फिर ये हजारों करोड़ की लकड़ी काट कौन रहा है ? बेच कौन रहा है ? इसकी कमाई जा किसकी जेब में रही है ?
हमारे पूर्वजों के
ये भव्य मंदिर पहाड़ियों के पूर्वाजो ने बनाएं है l किसी नेता के बाप ने नहीं बनाएं l जो नेता, अधिकारी अपने कमीशन के चक्कर में हमारी आस्था से खिलवाड़ कर रहे हैं l
सोए हुए पहाड़ियों को जागना होगा l नदी, जंगल,पहाड़ बचाने के लिए पहाड़ में 5th Schedule/Tribe Status की मांग करनी ही होगी
प्रसिद्ध वैज्ञानिक,पर्यावरणविद सोनम वांगचुक ने भी कहा हिमालय को बचाने है तो 6th Schedule/5th Schedule लागू करना ही होगा l
यह लड़ाई सिर्फ उत्तराखंडी की नहीं है l अपितु हिमालय को बचाने की भी है, मां गंगा को बचाने की भी है l सभी देशवासियों से निवेदन है l हिमालय को बचाने के लिए 5th
सरकारी दस्तावेजों के अनुसार उत्तराखंड के मूलवंशी -भोटिया,थारू,जौनसारी,बुक्शा,राजी l
जल्द ही सरकारी दस्तावेजों के अनुसार उत्तराखंड के मूलवंशी बनने वाले हैं - वन गुर्जर,नेपाली,पूर्वी पाकिस्तानी l
गढ़वाली कुमाऊनी अपने को मूलवंशी मानते है l पर सरकार दस्तावेजों के अनुसार मूलवंशी
देवभूमि उत्तराखंड में जल्द ही वन गुर्जरों को मिलेगा Tribe Status. मिलेगा जंगल में अधिकार l
लेकिन गढ़वाली कुमाऊनी कब जागेंगे l कब लड़ाएंगे अपनें Tribe Status के लिए l कब लड़ेंगे अपने नदी, जंगल पर अधिकार के लिए l
#5thScduleTribe4UK
#ST
#Tribe
#Nature
#हिमालय #अंबानी
देवभूमि उत्तराखंड में बिकने लगी है बेटियां l
गरीबी ने किया मजबूर l
यदि पहाड़ी अभी भी अपने अधिकार 5th Schedule/Tribe Status के लिए नहीं लड़े l तो आने वाले सालों में यह गरीबी, यह बेबसी पूरे पहाड़ को निगल जाएगी l
#5thScduleTribe4UK
#ST_Act
@TribalAnoop
@TribalNishant
हमारी अंकिता जैसी कई बेटियो की हत्या अपराधियो द्वारा की जा रही है l भाई रवि बडोला की हत्या की गई l अब पुलिस से एक पहाड़ी को घर से उठा कर ले गई l थाने में उसकी मौत हो गई l यदि पहाड़ को Tribal Status/5th Schedule नहीं मिला l तो एक दिन पहाड़ में एक और मुज्जफर नगर कांड l और हम कुछ
Invitation by Mr. Sunil Joshi (भू-कानून विशेषज्ञ)
जैसे की आपको पता है, हम सब कुमाऊं और गढ़वाल के पर्वतीय क्षेत्र में 5th Schedule Tribe Status (संविधान की पांचवी अनुसूची) लगाने की मांग उत्तराखंड और भारत सरकार के समक्ष रख रहे है। जिसके संदर्भ में उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में
उत्तराखंड के पहाड़ के अलावा शायद ही मुल्क में कोई ऐसा क्षेत्र होगा जहां मूलनिवासी इतनी विषम परिस्थितियों में रहते हैं l क्या इतनी विषम परिस्थितियों में रहने और पढ़ते वाले हजारों बच्चों को Tribe Status मिलना चाहिए ?
उत्तराखंड के चौखटिया में भी उठने लगी है 5th Schedule Tribe Status की मांग l
5th Schedule के द्वारा ही मूलनिवास 1950 और 100% भूमि पर भू कानून लागू होगा l।
#5thScheduleTribe4UK
#uem4uk
उत्तराखंड आंदोलन में महिलाओं ने अपने जल जंगल पर अधिकार के लिए लड़ाई लड़ी l
हमारी लड़ाई भी जल जंगल पर अधिकार की है l 5th Schedule/Tribe Status की है l हमारी लड़ाई सिर्फ़ अपने 2 छोटे खेतों को बचाने की नहीं l सिर्फ हिमाचल वाले भू कानून की नहीं l बल्कि हिमाचल के लाहुल स्पीति वाले
Tribe वाला भू-कानून 100% भूमि पर लगता (जैसे उत्तराखण्ड के जौनसार में लगा है) और हिमाचल वाला भू-क़ानून सिर्फ़ 4-6% कृषि भूमि पर लगता है। आपकी क्या राय है?
#5thScheduleTribe4UK
उत्तराखंड में अगर हिमाचल वाला भू कानून लग भी गया l तो सिर्फ 4% भूमि पर लागू होगा l निगम क्षेत्र में लागू नहीं होगा l 90% पहाड़ियो के पास केवल 1 या 2 छोटे खेत बचे हैं l भू कानून से वह सुरक्षित हो जाएंगे l पहाड़ के 85% नदी, जंगल पर वन विभाग का कब्ज़ा बरकरार रहेगा l जब��ि हिमाचल के
अब विदेशी भी बेचने लगे हैं उत्तराखंड-हिमाचल के पहाड़ l हिमाचल का भू-कानून यह नहीं है की बाहरी व्यक्ति ज़मीन नहीं खरीद सकता l कानून यह है की सरकार की मर्जी के बिना नहीं खरीद सकता l सरकार की मर्जी से तो जितनी चाहे जमीन खरीद सकते है lलेकिन उत्तराखंड में तो सरकार ही प्रॉपर्टी डीलर है
देख तेरे हिमालय की हालत क्या हो गई भगवान्
नदियों के राज्य उत्तराखंड में लोग अब सरकारी टैंकर के भरोसे lहमें अपनी नदियों,जल स्रोत पर सरकारी कब्ज़ा खत्म करना है lबाकी हिमालय राज्यों की तरह अपनी नदी एवं जल स्रोत पर मूल वंशियों का आधिकार चाहिए
Tribe Status चाहिए
#5thScheduleTribe4UK
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जी
@harishrawatcmuk
ने कहा उत्तराखंड को सशक्त #भू_कानून चाहीए l हरीश जी संवैधानिक पद पर रह चुके हैं l इसलिए उन्हें जनमानस को पूरी जानकारी देनी चाहिए l
इसलिए हरीश रावत जी से 3 सवाल ?
1) हिमाचल जैसा भू कानून तो केंद्र सरकार ही बना सकती है l
उत्तराखंड में रावत,पांडेय,भट्ट,नेगी,बिष्ट,राणा,
पंत,भंडारी,जोशी,चौहान,प्रसाद,दत्त आदि सभी जातियां l
नदी के इस पार जौनसार में Tribe है,नदी के उस पार जौनपुर में OBC है,थोड़ी दूर जाने पर General Category की हो जाती है l
एक ही मां के तीन बेटे अलग अलग Categery में ? अपनी राय अवश्य दें
उत्तराखंड एकता मंच के मार्गदर्शक भारत सरकार द्धारा सम्मानित पद्मश्री यशवंत सिंह कठोच द्वारा उत्तराखंड का इतिहास ,खस सभ्यता का इतिहास बताया गया है l कृप्या जरुर देखें l किसी भी राज्य के सुनहरे भविष्य के लिए l उसके अतीत का पता होना जरूरी है l अतीत जानें बिना हम नदी, जंगल, पहाड़ पर
आदरणीय श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी का योगदान समाज की एकजुट-एकमुट करने और जल्द होगा एक और आंदोलन! जरूर सुने नेगी जी को।
#5thScheduleTribe4UK
#delhi
#Uttarakhand
#उत्तराखण्ड_एकता_मंच
उत्तराखंड के क्षेत्रीय दल भी उठाने लगे हैं उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र के लिए 5th Schedule/Tribe Status की मांग l
राष्ट्रीय रीजनल पार्टी के अध्यक्ष शिव प्रसाद सेमवाल जी ने भी किया समर्थन I
उत्तराखंड एकता मंच ने की RRP पार्टी के कार्यकर्ताओं से 5th Schedule/Tribe Status पर चर्चा
उत्तराखंड के
@DrRPNishank
पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, "उत्तराखंड को सशक्त #भू_कानून चाहिए " l निशंक जी संवैधानिक पद पर रह चुके हैं, इसलिए उन्हें जनमानस को पूरी जानकारी देनी चाहिए l इसलिए निशंक जी से 4 सवाल ?
1) हिमाचल जैसा भू कानून तो केंद्र सरकार ही बना
निशांत रौथन: जिस भू-कानून के लगाने की बात पुर्व CM हरीश रावत और निशंक कर रहे है वो आपको फिर से मूर्ख बनाना का काम कर रहे है। नदी और जंगल के अधिकार सिर्फ
#5thScheduleTribe4uk
से मिलेगा।
मूलनिवास 1950 जनरल कैटेगरी को नहीं मिलता है, बल्कि यह सिर्फ़ ट्राइब के लोगों को मिलता है।
जो
देख रहे हो,बिनोद,अब पहाड़ीयो को उत्तराखंड में बोझ बता रहे हैं lजल्द ही बचे हुए पहाड़ियों को पहाड़ में बोझ बता कर मैदान शिफ्ट कर दिया जाएगा lजैसे जानवरों को Shift करते हैं lवैसे भी सरकार ने गलत नीतियां बना कर पिछले 24 साल में 67% पहाड़ियो को पहाड़ से Shift होने को मजबूर कर दिया है
इसीलिए हम Tribe Status की मांग कर रहे हैं l क्योंकि अक्सर लोग हमारे Tribal रीति रिवाजों को नहीं समझते l समाजिक संगठन, मीडिया हमारे Tribal रीति रिवाजों को समाज में कुप्रथा के रुप में प्रस्तुत करते हैं l और फिर सरकार और कोर्ट उसे बंद करवाने का आदेश दे देते है l पहाड़ में देवीधुरा
देश के सभी नागरिकों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं l
उत्तराखंड के मूलनिवासी डर से आज़ादी चाहते हैं l हमारी बच्चियां सुरक्षित रहें l धन्ना सेठों की कमाई के लिए नदी एवं हिमालय बर्बाद करने के कारण l हमारे घरों पर दर्रार ना आए l हमें भूस्खलन से आज़ादी मिले l हमें नदी एवं जंगल से
अनूप बिष्ट : ट्राइब स्टेटस मिलने से उत्तराखंड में रिवर्स माइग्रेशन होगा, जिसका अर्थ है कि लोग वापस उत्तराखंड में आएंगे और यहां के विकास में योगदान करेंगे।
ट्राइब स्टेटस मिलने से उत्तराखंड के लोगों को कई फायदे होंगे, जैसे कि:
- उनके अधिकारों की रक्षा होगी
- उन्हें विशेष दर्जा
देख रहे हो बिनोद l उत्तराखंड में मुख्यमंत्री से पुलिस में पहाड़ियों को भर्ती ना करने की गुहार लगाई जा रही है l सिर्फ लंबे लोगो को ही पुलिस में भर्ती करने की बात की जा रही है l
#5thScheduleTribe4UK
#ST
#5thSchedule
#Tribe
#भू_कानून
#Reservation
#मूलनिवास_1950 #मूलनिवासी #वनवासी
उत्तराखण्ड की छेत्रीय संगठन और पोल्टिकल पार्टी भी उठाने लगी है संविधान की (5th Schedule Tribe) की माँग।
सभी एकजुट- एकमुट हो गये।
#जल_जंगल_और_नदी_पर_अधिकार
#5thScheduleTribe4uk
झारखंड में 42 फीसदी हिस्सा जंगल है l यहां 32 फीसदी Tribe है l झारखंड Tribe State है l उत्तराखंड में 75% हिस्सा जंगल है l लेकिन उत्तराखंड में सरकारी दस्तावेजों के अनुसार सिर्फ 4% Tribe है l जबकि उत्तराखंड के सभी मूलनिवासियों को Tribe Status मिलना चाहिए l हमें हिमालय के बाकी
पद्मश्री डॉ. यशवंत सिंह कठोच जी ने किया उत्तराखंड एकता मंच की मांग 5th Schedule/Tribe Status का समर्थन l
उत्तराखंड समाज आज बुद्धिजीवी वर्ग से आवाहन करता है की आप इस मुहिम का हिस्सा बनकर हमारा मार्गदर्शन करें I
#uem4uk
#5thScheduleTribe4UK
#Dehradun
कश्मीर के पहाड़ियों को Tribe Certificate मिलना शुरु हो गया है l उन्हे Tribe Certificate बनाने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की जरूरत है l जम्मू कश्मीर में में 40 लाख लोगो को Tribe Status मिल गया है l जल्द ही उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र के मूलनिवासियों को भी 5th Schedule/ Tribe
उत्तराखंडी मूलवंशी रवि बडोला की डोभाल चौक पर हत्या हुई l अब मुकदमा भी मूलवंशियों पर होगा l उत्तराखंड में 90%अपराध मूलवंशियों के खिलाफ़ होते हैं lइसलिए हमें Tribe Status/ 5th Schedule चाहिए l ताकी पहाड़ियों के खिलाफ़ अपराध करने वालों पर मजबूत ST Act के तहत तुरंत सख़्त कारवाई हो l
सिर्फ़ Tribe के लोगो को मिलता है मूलनिवास 1950। जैसे जौनसर के लोगो को आज भी मूलनिवास 1950 मिलता है।देखे सबूत के साथ समाधान l
@TribalAnoop
#5thScheduleTribe4UK
@uem4uk
@HimalayanRoars
माननीय प्रधानमंत्री जी
@PMOIndia
, पहाड़ों पर रहने वाले हिंदुओं को ST का दर्जा मिलना चाहिए। क्योंकि उन्होंने संघर्षशील जीवन जिया है और मुख्य धारा के लाभ उन्हें नहीं मिल सके।
सरकार/कोर्ट के अनुसार देवताओं को बलि देने से बकरे को बेहद पीड़ा होती है
लेकिन सरकार बताए lपूरे देश मे जो बकरे खाए जाते हैं lउन जिंदा बकरों की गर्दन काटी जाती है या बकरे आत्म हत्या करते हैं ?सरकार/कोर्ट पहाड़ियों के देवी देवताओं,धर्म ��ें दखल ना दे
पहाड़ी बलि प्रथा दुबारा चालू करें
*हमसे छीने हुए अधिकार वापिस दो l
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में लागू हो *5th Schedule/Tribe Status*
5th Schedule/Tribe Status के लाभ 👇👇
▪️मूल निवास 1950▪️रोजगार
▪️नदी ,जंगल,पहाड़ पर 100% *भू-कानून*
▪️महिला सुरक्षा▪️परिसीमन
▪️भाषा एवं संस्कृति-संरक्षण
सारी समस्याओं का एक
उत्तराखंड पर्वतीय क्षेत्र के 80% से अधिक व्यक्तियों के पास सिर्फ 1 या 2 खेत है l अगर हिमाचल वाला भू-कानून लग भी गया l तो वे 2 खेत सुरक्षित हो जाएंगे l लेकिन 85% नदी, जंगल पर अधिकार नहीं मिलेगा l
लेकिन अगर हिमाचल के लाहुल स्पीति वाला भू कानून (5th Schedule) लागू होगा l तो नदी,
जम्मू के रहने वाले सिख भाई हरसिमरन सिंह जी को मिला Tribe Certificate. हम सरकार का धन्यवाद करते हैं की उन्होंने हिमालयी राज्य के लोगो को Tribe का दर्जा देना शुरु कर दिया है l अब उत्तराखंड के मूल निवासीयो को भी अपनी 5th Schedule/Tribe Status की मांग को जोरदार तरीके से उठाना चाहिए
संविधान में 5वीं अनुसूची से क्षेत्र को लाभ - सुरक्षा,संरक्षण और विकास l
1) क्षेत्रीय संस्कृति का संरक्षण और विकास किया जाता है l जिसमें उनकी बोली, भाषा, रीति-रिवाज़ और परंपराएं शामिल हैं l
2) 5वीं अनुसूची में शासन और प्रशासन पर नियंत्रण की बात भी कही गई है l ऐसी व्यवस्था है कि इन
प्रोफेसर सुरेश कुमार बन्दुनी जी ने उत्तराखंड एकता मंच की माँग 5वीं अनुसूची को समर्थन दिया। बंदुनी जी शहीद भगत सिंह कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के रूप में कार्यारत है।
प्रोफेसर सुरेश कुमार बन्दुनी जी ने कहा है कि उत्तराखंड के लोगों को अपनी संस्कृति को बचाने और जागृत
हिमाचल के भू कानून का मतलब l "4% कृषि भूमि " को कोई बाहरी व्यक्ति सरकार की मर्जी के बिना नहीं खरीद सकता l हां, सरकार की मर्जी से जितनी मर्जी जमीन खरीद सकता है l
हिमाचल के "लाहुल स्पीति" में लागू 5th Schedule का मतलब l बाहरी व्यक्ति सरकार की मर्जी से भी जमीन नहीं खरीद सकता l
5th
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की पत्रिका पांचजन्य ने मंदिरों पर सरकारी कब्जे का मुद्दा उठाया l RSS ने शुरु से ही मंदिरों में सरकारी कब्जे का विरोध किया है I RSS को उत्तराखंड में नदी एवं जंगल पर भी सरकारी कब्जे का विरोध करना चाहिए I इन नदियों एवं जंगलों में हमारे पूर्वज ,हमारे कुल
उत्तराखंड के समाजिक संगठन एवं राजनैतिक दल l स्थानीय लोगो के जल,जंगल पर अधिकार के मुद्दे उठाने बंद कर दिए हैं l इस बात का आंदोलनकारियों एवं जनता को दुख है l
हमें नदी, जंगल पर अधिकार के लिए 5th Schedule/Tribe Status की मांग करनी ही होगी l
#5thScduleTribe4UK
#ST
#Tribe
#Nature
सभी इतिहासकार ,सन् 1931 के जनगणना के अनुसार उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र की 90% जनसंख्या खस जनजाति की है l उत्तराखंड के विश्वविद्यालयों की किताबों में भी यही है l तो फिर सरकार इन्हे ढूंढ कर Tribe Status क्यों नहीं देती l जैसे जौनसार के लोगो को खस होने के कारण Tribe Status मिला l
हिमालय एवं मां गंगा को बचाने के लिए l
उत्तराखंड के मूल निवासियों को "नदी,जंगल, पहाड़ " पर आधिकार देना होगा l
5th Schedule/Tribe Status देना होगा l
#uem4uk
#5thScheduleTribe4UK
अपने पूर्वजों द्वारा उगाएं गए जंगलों में जानें पर l उत्तराखण्डियों से वन विभाग वसूल रहा है जजिया कर l अपने ही माइके जाने पर गौरा देवी से पैसे वसूल रहा है वन विभाग l
औरंगजेब की औलाद "वन विभाग "
#5thScheduleTribe4UK
देश के हिमालयी राज्यों में Tribe आरक्षण कितने प्रतिशत है l
लद्दाख - 93% , अरुणाचल प्रदेश 80%, मणिपुर 34%, मेघालय 80%, मिज़ोरम 80%, त्रिपुरा 31%, नागालैंड 80%, सिक्किम 38%, , जम्मू कश्मीर - 20% l
इन सभी राज्यो की राज्य सरकारों ने कई समुदायों को Tribe Status देने के लिए केंद्र को
आज 18 अगस्त को 5th Schedule/Tribe Status के मुद्दे पर “उत्��राखंड एकता मंच” का अधिवेशन को सफल बनाने के लिए सभी कार्यकर्ताओं का शुक्रिया l
आज के वक्ताओं में हिंदी,संस्कृत, गढ़वाली, कुमाऊनी एवं जौनसारी अकादमी के पूर्व सचिव डा. जीतराम भट्ट, उत्तराखंड पत्रकार परिषद् दिल्ली के पूर्व
मूलनिवासी का अर्थ Tribe होता है l गढ़वाली कुमाऊनी सरकारी दस्तावेजों के अनुसार उत्तराखंड के मूल निवासी नहीं है l
संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार मूल निवासी का अर्थ किसी विशेष स्थान पर स्वाभाविक रूप से उत्पन्न होना है l मूल निवासी शब्द Tribe लोगो के लिए इस्तमाल होता है l
अनुसूचित
टिहरी किताब कौथिग में स्वतंत्र पत्रकार चारु तिवारी जी ने उत्तराखंड के बेहतर भविष्य के समाधान के लिए श्री भवानी प्रताप सिंह पँवार जी से सवाल पूछा l वार्ता में भवानी ठाकुर जी ने कहा नदी, जंगल, पहाड़ पर अधिकार के लिए उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों पर 5thSchedule/Tribe Status ही
उत्तराखंडी लोग बाहरी ताकतों से अपने नदी,जंगल,पहाड़ बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं,एकजुट हो रहे हैं lलेकिन मैदानी इलाकों की बिमारी छुआछूत lजिसके कारण उत्तराखंड के गांव में हमारे शिल्पकार भाइयों के साथ भेदभाव हो रहा है l उसे भी खत्म करने के लिए मुहीम चलानी चाहिए l
इस पर आपकी राय ?
आजकल उत्तराखंड में ✒️ 5th Schedule/Tribe Status की चर्चा जोरों पर है l खासकर बुद्धिजीवी एवं युवा इस मुद्दे पर एकजुट हो रहे हैं l इसी मुद्दे पर विस्तार से चर्चा l
🗓️ आज 11 अगस्त, रविवार l
⏰ 8:30pm Tweeter (X) Live.
📻आज के Live Session में आप अपने सवाल भी पूछ सकते है l
यह Report है l जिसके आधार पर जौनसार को Tribe Status मिला l उन्होंने लिखित में अपने को खस जनजाति का सिद्ध किया है l यदि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में सिर्फ 50 % लोग भी अपने को खस साबित कर दे तो l 5 साल में Tribe Status/ 5th Schedule मिल जाएगा l
सन 1865 में कुमाऊं की जनगणना के अनुसार l केवल 11% ब्राहमण एवं 0.02% राजपूत ही बाहर से आकर उत्तराखंड में बसे हैं l बाकी सभी ब्राह्मण ठाकुर यहां के मूलवंशी है l जो बाहर से भी आएं l वे भी कई सौ साल पहले यहां बसे थे l स्थानीय लोगो से शादी करने के कारण वे भी यहां के मूलवंशी हो गए l
इस
महाभारत में खश समुदाय का जिक्र l हिन्दुस्तान में बहुत कम समुदाय है जिनका जिक्र महाभारत में है l उत्तराखंड के पहाड़ में रहने वाले जनसमुदाय का पांडवो से बेहद करीबी रिश्ता रहा है l आज भी लगभग सभी गांव में पांडव पूजे जाते हैं l ऐसे प्राचीन संस्कृति के पहाड़ के मूलनिवासियों को Tribe
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र का 85% हिस्सा नदी एवं जंगल है l इस पर सरकार का कब्जा है l जबकी सभी हिमालय राज्यों में l नदी,जंगल पर स्थानीय लोगों का आधिकार है l
उत्तराखंडी कौन से कानून की मांग करें की हमें नदी,जंगल पर आधिकार वापिस मिले ?
अपनी राय दीजिएगा 🙏
उत्तराखंड एकता मंच टीम ने लोकगायक सम्राट श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी से उनके आवास में मुलाकात की lउत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में 5th Schedule/Tribe Status लागू करवाने को लेकर विस्तार से चर्चा हुई l
हमारी टीम ने उनके सामने सभी दस्तावेज प्रस्तुत किए l उन्होंने इस मुद्दे पर
उत्तराखंड एवं इसके मूलनिवासियों के बारे में महाभारत,पुराणों में, रोम, ग्रीस की किताबों, बौद्ध एवं यहूदियों की किताबों में लिखा हुआ है l उत्तराखंड एवं इनके मूलनिवासियों का इतिहास महाभारत से भी पुराना है l
उत्तराखंड के गौरवपूर्ण इतिहास को दिखाते कुछ सबूत 👇