कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी।
सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी॥
चिदानंद संदोह मोहापहारी।
प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी॥
कलाओं से परे,कल्याणस्वरूप,कल्प का अंत करने वाले,सज्जनों को सदा आनंद देने वाले,त्रिपुर के शत्रु, सच्चिदानंदघन,मोह को हरने वाले,मन को मथ डालने वाले हे प्रभो! प्रसन्न होइए🙏🏻
With grateful hearts,
We treasure the ride,
In moments of stillness,
In times of pride.
Each breath a gift,
Each heartbeat's song,
In life's grand tapestry,
We all belong.
जब तक दिल एक था
तब तक मोहब्बत भी बस एक से ही थी,
अब दिल टूट गया
तो जितने टुकड़े उतनी ही मोहब्बतें...
mujhe smjh nhi aa rha,
pta nhi kyu post ko kaha h tumne mujhse😭😭
हां मैंने दुनिया में रंग देखे हैं प्रेम के सारे
कि फीके लगे हैं सब रंग मुझे इनके आगे
जैसे राधा संग कान्हा, है ये प्रेम रे
संग शिव के मां गौरा, है ये प्रेम रे
मां सीते संग राघव, सा है प्रेम रे
दुनिया में सबसे मीठा, है ये प्रेम रे ...✍🏻
कुछ संबंधों के नाम नहीं होते
मन नहीं करता उनको
किसी बंधन में बांधने को
उनका पास रहना भी जरूरी नहीं
फिर भी हमारे दिल के किसी खास कोने में
इकलौते हकदार होते हैं वो...
ये भी प्रेम का ही एक रूप है...
@KashyapJee7559
Roasting each other is the most important part of friendship.
(teri bezzati karna mera janam siddha adhikaar hai)😁
और मैं नहीं डरता तुमसे😅 ,जब तक तुम डराओ ना 🥹
No one is perfect even...
khushi is sad
akash live in ground floor
pratham got 4th rank
lucky got bad luck
arti never go to temple
aamir, woh toh 200 mein bik gya.
आपको बिना वजह मामूली सी चीज़ें ही आकर्षित करती हैं,
बहुमूल्य के पास तो काफी वजह होती हैं आकर्षण की...!
मुझे मामूली चीज़ें चाहिए जिन्हें में सहेज सकू अपने मन मुताबिक..!🤌🏻🫰🏻💮🌼
एक कन्या/स्त्री के अश्रु प्रभु की नाराजगी है तुमसे, उसे दुखी कर कभी खुश नहीं रह पाओगे।
वो साथ है हर के साथ एक देवी के रूप में,साकार को खुश रखो निराकार खुद प्रसन्न हो जायेगा।🙏🏻
jo pSnd aaye,uske aage jhuk bhi skta hai aashmaa;
pr nazrOn se utra footi aankh nhi bhaata charon jahaa....🙏🏻
sabRa ae misaal kya de tumhein sa se shivaa
ek baaR kh ke toh dekho,
kadam na tham lu toh khna....😔🙍Y
मैं उस माटी का वृक्ष नहीं जिसको नदियों ने सींचा है…
बंजर माटी में पलकर मैंने…मृत्यु से जीवन खींचा है…
मैं पत्थर पर लिखी इबारत हूँ…शीशे से कब तक तोड़ोगे…
मिटने वाला मैं नाम नहीं…
तुम मुझको कब तक रोकोगे…तुम मुझको कब तक रोकोगे…॥
~हरिवंशराय बच्चन
काश...
मैं कुछ कर पाता
कि कुछ कर जाता
हैं कुछ बिखरे पन्ने तेरे
मैं उनको फिर से मड़वाता
कि कर पाता तुझको कुछ
अपना जीवन सफल बना पाता
आज नहीं करू,तो करूं कभी
फिर भी हूं दिल को समझाता
कि काश...
मैं कुछ कर पाता
अपना जीवन सफल बना पाता..✨
पथ मेरा आलोकित कर दो
मैं नन्हा - सा पथिक विश्व के
पथ पर चलना सीख रहा हूँ
मैं नन्हा -सा विहग विश्व के
नभ में उड़ना सिख रहा हूँ
पहुंच सकूँ निर्दिष्ट लक्ष्य तक
मुझको ऐसे पग दो,पर दो।।
पाया जग से जितना अब तक
और अभी जितना मैं पाऊं
मनोकामना है यह मेरी
उससे कहीं अधिक दे जाऊं।