मेरे असली गुरु तो ED है इनके कारण मैंने बहुत कुछ सीखा अकेले छः महीने की बच्ची को पालना अपनी लड़ाई अकेले लड़ना , अकेले अपने आँसू पोछना , दलालों को झेलना , कोर्ट में जाकर दिन भर बैठना , अपनी भूख को मारना इन्होंने मुझे बहुत मज़बूत बना दिया
ताक़त का असली मतलब समझना है ,तो कभी किसी माँ को अपने बच्चे के लिए लड़ते देखना ,इस पूरे ब्रह्माण्ड में माँ से ज़्यादा ताकतवर कोई नहीं !! मातृ दिवस की शुभकामना 😊
जब ED office से निकलें तो कुछ लोगो ने अभद्र व्यवहार किया पर ख़ुद मीडिया वालों ने उनका विरोध किया .मेरी लड़ाई तब तक जारी गई जब तक अपनी बेटी को उसके पिता से ना मिला दु ..ये लड़ाई में सिर्फ़ अपनी बेटी के लिए लड़ रही ही पता ही नहीं जीत भी पाऊँगी या नहीं ?(2)
काश ये बात झारखण्ड हाईकोर्ट भी पूछता ED से …छवि रंजन से कोई पैसा नहीं मिल ना ही मनी ट्रेल है फिर भी उन्हें हिरासत में रखना क्यों ज़रूरी है ?
@SupremeCourtFan
4 may 2022 रात के 8.23 मिनट पर किसी ने लिखा एक बहुत बड़ी खबर थोड़ी देर में और मेरी ज़िंदगी बदल गये वो सबके लिए बड़ी खबर थी और मेरी ज़िंदगी बदल गये आज मेरे पति के अरेस्टिंग को एक साल हो गये सब कुछ बदल गया पर वो दर्द भी वैसा ही है जैसा एक साल पहले दिया गया था (1)
चैत मास नवरात्री के हार्दिक शुभकामना माता रानी के कृपा सबपर हो ,,,,हर घर में स्त्री का सम्मान हो …. अपशब्द का प्रयोग ना हो किसी भी स्त्री के लिये जय माता दी
@ranjanchhavi29
हो सकता है आप कहीं रास्ते में जा रहे हों... और अचानक से सनसनाता हुआ पानी या रंग की धार आप पर आकर गिरे....
तो गुस्सा न हों, न उन बच्चों को डांटे...
बल्कि खुद को भाग्यशाली समझें...कि आपको उन नादान हाथों ने चुना है, जो हमारी संस्कृति को जिन्दा रखे हुए हैं...
मधुश्रावणी पूजा के लिए मिट्टी का नाग-नागिन, हाथी, गौरी, शिव की प्रतिमा बनायी जाती है. मौसमी फल, मिठाई, फूल को चढ़ाया जाता है. आठवें और नौवें दिन प्रसाद के रूप में खीर रसगुल्ला का भोग लगाया जाता है. संध्या में नवविवाहिता आरती सुहागन गीत, कोहबर गीत गाकर भोले शंकर को पसंद करती हैं.
सीओ /सब रजिस्ट्रार पर कोई करवाई नहीं हुई। सिर्फ़ मौखिक आदेश के आधार पर केस को अलग रंग दिया जा रहा है। अगर किसी के कहने पर कोई बंदूक़ चलाता है तो बंदूक़ चलाने वाला भी एक्यूस्ड होता है। पर यहाँ कुछ और ही हो रहा है और सब मौन है।(2)
@abhishekangad
@akhileshsi1
@rajkumargurya
इनका तो समझ आता है के राजनीति है पर ऑफ़िसर्स का दुख किसी को दिखता है उनकी क्या गलती यही की वो नोन बीजेपी स्टेट में है ? नेता के साथ तो पूरा देश होता है पर ऑफ़िसर्स के साथ कोई नहीं होता और ना ही उनका दुख किसी को दिखता है
"Justice delayed is justice denied," but what if justice is completely denied? The God in the black robe blesses even the most sinful among sinners, but lesser mortals are bound to suffer.
मैं बैरी सुग्रीव पिआरा । अवगुन कवन नाथ मोहि मारा ॥
Why this with me?
She’s been through hell than you’ll ever know . That’s makes make her fierce and powerful. You can’t touch a woman who wears her pain like the grandest of diamond around her neck.
रूह काँप गया और दिल दहल गया आज राजस्थान के घटना देख के। मैं राज्य/केंद्र सरकार से निवेदन करती हूँ कि बलात्कारियों के ख़िलाफ़ एक ऐसा क़ानून लाये ,जिससे हर एक बच्ची और महिला अपने आप को सुरक्षित महसूस करे और बलात्कार का अंत हो। जमानत पर PMLA/UAPA जैसा प्रावधान होना ज़रूरी है।
जब न्याय सेलेक्टिव होता है तब ऐसे ही हालात पैदा होते हैं। किसी के लिए न्याय के सारे रास्ते बंद कर दिए जाते हैं तो किसी को बचाने के लिए सारी कायनात बिछ जाती है।
न्याय होते हुए दिखना भी चाहिए
@LiveLawIndia
ऐसे कम ही नासमझ मिलेंगे...वैसे भी सारे समझदार बच्चे विडियोगेम, डोरेमोन और एंड्रॉइड के अंदर घुसे होंगे..
आपकी शर्ट ज़रूर ख़राब हो सकती है, पर जब उनकी इस शरारत का जबाब आप मुस्कुराहट से देंगे तो उनकी ख़ुशी आपको ख़ुशी रिटर्न करेगी, और...
होली ज़िन्दा रहेगी..
बचपन ज़िन्दा रहेगा..
हे राम जी मेरे सारे शत्रु को सदबुद्धि दीजीए ताकि उनकी बुद्धि ठीक हो जाए और बाक़ी सारे लोगो पर कृपा बरसा दे …राम जी के निकली सवारी राम जी के लीला है न्यारी जय श्री राम
माँ काली और माँ दुर्गा की सबसे ज़्यादा पूजा करने वाला शहर ..नारी सशक्तिकरण पर बात करने वाले शहर में किसी लड़की के साथ ये दरिन्दी होना बेहद शर्मनाक है ऐसे पापीयों को सीधे फ़ासी की सजा दी जाये वो भी चौराहे पर. BNS में भी इस तरह की सज़ा का प्रावधान किया जाना चाहिये
#Nirbhaya2
आर्द्रा ऋतु का आगमन हो चुका है।इसी ऋतु में मिथिला के किसान धान की रोपाई शुरू करते हैं। इस मौसम का महत्व मिथिला में एकचीज के लिए है खीर के साथ-आम का भोजन। मिथिला में इसे ‘अरदरा’ के नाम से भी जाना जाता है। इस नक्षत्र में घर की कुलदेवी की पूजा की जाती है और फिर हर कोई खीर खात��� हैं।
पति के साथ कंधा मिलाकर चलने से अर्द्धांगिनी बन जाती
ज़िम्मेदारियों का बोझ उठा��र नारी बन जाती हूँ,
अधिकार लेने के लिए मैं दुर्गा बन जाती हूँ,
बंधनों में पिस कर में अबला भी कहलाती हूँ
बेटी बनकर माँ बाप का आँगन भी महकातीं हूँ,
समाज में स्त्री के प्रति नज़रिये में बदलाव चाहती हूँ
एक सवाल है मेरे मन में शायद आपलोगों के पास उसका जवाब हो .. एक तरफ़ देवी माँ से आशीर्वाद लेने जाते है दूसरी तरफ़ एक माँ और पत्नी की आह लेते है क्यों ? एक तरफ़ नारी को दुखी करते है और दूसरी तरफ़ नारी शक्ति से आशीर्वाद के उम्मीद क्यों ?