एक विधायक थे 89 में पार्टी से, 91 में चुनाव हार गए, ,2 दिन बाद लखनऊ में मीटिंग हुई, वो नेताजी से मिले,दुखी थे हार से, नेताजी ने कहा सब छोड़ो, अपनी विधान सभा मे जाओ जल्दी, अगले चुनाव की तैयारी में लग जाओ, समय कहाँ है?
हर वक़्त लड़ने को तैयार,
ऐसे थे नेताजी ऐसे है समाजवादी।