उत्तर प्रदेश में आपके नाम के आगे तिवारी पाठक पांडे मिश्रा त्रिपाठी शुक्ला आदि लगा है तो आप चाहे कितने बड़े अपराधी हो आप बदमाश नही माने जाओगे, आप प्रकांड पंडित ही रहोगे।
अगर आपका सरनेम सिंह है और राजनीति में हैं तो आप ऑटमेटिकली गुंडा बाहुबली और अत्याचारी सिद्ध माने जाओगे
#Thread
फूलन देवी की असली कहानी उसकी माँ की जुबानी-
फिल्मी लोगो द्वारा अपने फायदे के लिए तथ्यो को तोड़ मरोड़ कर फिल्म बनाने का आम जनमानस पर कितना नकारात्मक असर होता है ये फूलन देवी की कहानी से पता चलता है। जानने के लिए पूरा थ्रेड पढ़ें ..
एनसीआर के साठा चौरासी के देहरा में राजपूतो ने जाटीवादी खाप के खिलाफ फूंका बिगुल.
इन राजपूतो को धरना वरना देना ना आता. ये सीधे आर पार में यकीन करते हैं. अब इस देश कि कुंठित मीडिया, न्यायपालिका और शासन व्यवस्था को तय करना है कि वो क्या चाहते हैं...
ये एनसीआर/आसपास के इलाकों में कल इकठ्ठा हुए राजपूती लश्करो कि झलकी है
शराफत से रहो और रहने दो. नहीं तो लुटियन मीडिया/शासन तंत्र के इन पालतू अरबी टट्टूओं का इलाज करना हमे आता है
ये सीधी कौम धरना वगैरह नहीं जानती.ये सड़क पर उतरेगी तो आर पार के इरादे से ही उतरेगी. बस इशारा चाहिए
अब तुम लोग कान खोल के सुन लो. अकेले हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश के ही ठाकुर आ गए तो तुम लोग इन्ही ट्रेक्टर ट्राली को छोड़ के भागोगे. हमें दिल्ली जाम करने को ट्रेक्टर ट्रालीयों की जरूरत ना है.
बृज भूषण शरण कान खोल के सुन ले, यदि
@BajrangPunia
@SakshiMalik
@Phogat_Vinesh
व अन्य पहलवानों ने एक बार इशारा कर दिया तो हम इतने ट्रैक्टर लेकर दिल्ली पहुंच जाएंगे कि कहीं भी पैर रखने की जगह नहीं होगी। बीजेपी सरकार को 26 जनवरी, 2021 का किसानों का ट्रैक्टर मार्च तो याद ही होगा?
जाटो को भी कौला पूजन दिवस या नथ तुडाई दिवस या सांड प्रथा दिवस या पासबान/बांदी बनवाई दिवस या डाक बंगले पे औरत भिजवाई दिवस, जांघ दिखा के खेत लिखवाई दिवस या औरत की कमाई खाओ दिवस आदि बनाने चाहिए जिससे भारतीय इतिहास मे दर्ज जाट मर्दो की बहादुरी का सबको पता चले।
राजपूत वोट - 15% (90% भाजपा के वोटर) मंत्री -3 (राजा+रानी+खिलाड़ी)
जाट वोट - 8% (70% कांग्रेस के वोटर ) मंत्री -4
मीणा वोट- 8% (70% कांग्रेस के वोटर ) मंत्री - 3
#वोट_हमारा_राज_तुम्हारा_नहीं_चलेगा
जैसे अहीर सपा को वोट देता है, जैसे चमार बसपा को वोट देता है, वैसे ही राजपूत भाजपा को वोट देता है, फिर भाजपा में राजपूतों की वो हैसियत क्यों नही जैसे सपा बसपा में अहीर और चमार की है?
अगर भाजपा राजपूतों को जाट गूजर की तरह समझती है तो राजपूत उन्ही की तरह व्यवहार क्यों न करें?
मध्यप्रदेश में राजपूतों को भाजपा ने बुरी तरह रगड़ दिया है। ऐसा लगता है कोई दुश्मनी निकाली हो। 13% आबादी होने बावजूद मात्र 1 टिकट सीमित कर दिया है जबकि ब्राह्मणों को रिकॉर्ड 6 टिकट मिले हैं। विधानसभा में हारा हुआ चुनाव जिताने का इनाम राजपूतों को मिला है।
जिस भूमिहार जाति कि भीड़ ने डीएम कृष्णय्या कि हत्या की, जिसके नेता की हत्या पर इंसाफ दिलाने आनंदमोहन गए थे, जिनके कारण आनंद मोहन बिना दोष के आधा जीवन जेल में बिता दिए,आज वो भूमिहार जाति ही आनंद मोहन की रिहाई का सबसे ज्यादा विरोध कर रही है, ये है जातिय चरित्र जो कभी नहीं बदल सकता
विश्वस्त सूत्रो से ज्ञात हुआ है कि बिहार की जातिगत जनगणना में क्षत्रिय आबादी हमारे अनुमान 11% से भी ज्यादा के रुझान आने और गोप और कुर्मी की आबादी की पोल खुलने के कारण खुद नितीश-लालू ने कोर्ट में याचिका दायरे करवा रुकवाई है और दोष ऊँची जातियों को दे रहे हैं.
राजस्थान की इस जाति में राजपूतों के प्रति नफरत की कोई सीमा नहीं है। इन्होंने राजपूतों के विरुद्ध जेहाद छेड़ा हुआ है। यह पहली बार नही है, इससे पहले भरे राजनीतिक मंच तक से जाट नेताओं द्वारा परमवीर चक्र विजेता राजपूतों को गालियां दी जा चुकी हैं।
मुजफ्फरनगर में जितना वोट भाजपा को मिल रहा है उससे ज्यादा अकेले मुसलमानो का सपा को गया है। इसके ऊपर कम से कम 10% हिंदू वोट हरेंद्र मलिक को मिला है। बसपा कम से कम 7% गैर जाटव हिंदू वोट ले गई है।
भाजपा को 35% मिलना भी मुश्किल लग रहा है। सपा कम से कम एक लाख से ज्यादा से जीत रही है
जयपुर ग्रामीण लोकसभा में 4 लाख राजपूत और मात्र 1.70 लाख जाट वोट हैं। लेकिन मीडिया में जाट बहुल सीट बताकर भाजपा से भी जाट को टिकट देने के प्रयास किए जा रहे हैं। जबकि यहां राजपूत अहीर ब्राह्मण के बाद जाट वोट चौथे स्थान पर हैं। 8 में से 3 विधानसभाओं में जाटों की आबादी ही नही है।
Elvish k Tatte "Yadav Card" Nikal rahe hai or Victim khel rahe
Maxtern Agar Rajput Card nikal liya to Karni sena Ghar se Uthwa legi wo bhi Legally
Jaati ka Angle mat laao Warna Bhari padega
Hindu bano , Castiest nahi
Jai Shree Ram
#ArrestElvishYadav
ये लोग राजपूतों को जाट, दलित आदि के समकक्ष रखते हैं। इन्हे पता ही नही भाजपा के लिए राजपूतों के बलिदान के बारे में।
और फिर आश्चर्य करते हैं विरोध क्यूं हो रहा है?
जब तुम राजपूतों को जाट दलित के समकक्ष ही रखते हो तो राजपूत उन्ही की तरह बर्ताव क्यों ना करें? 1/2
Say something derogatory against Rana Pratap, and Rajputs will flood the streets. The same goes for Jats and Raja Surajmal, Brahmins and Bhagwan Parshuram, Dalits and Ambedkar, and so on.
But say something against Bhagwan Ram, and hardly anyone will come on the streets. Keeping
भाजपा की प्रथम लिस्ट में 195 में से मात्र 10 टिकट राजपूतों को मिले हैं। गुजरात, झारखंड, छत्तीसगढ़, दिल्ली में राजपूत साफ कर दिए हैं। राजपूत बहुल मध्य प्रदेश और राजस्थान में सिर्फ 1-1 टिकट में समेट दिया गया है।
यूपी में 80 लोकसभा में से कम से कम 15 में न्यूनतम 3 लाख राजपूत वोट हैं, करीब 45 अन्य में 2 लाख से ऊपर राजपूत वोट हैं, मात्र 5 में 1 लाख से कम राजपूत वोट हैं लेकिन इन चिरकुट मीडिया वालो को ले देकर इन 8 सीट पर राजपूत प्रभावी दिखाई दे रहे हैं। इन गधों की हमीरपुर की लोकेशन देखो।
पूरे देश के राजपूतो से अपील है कि खाली कार्यवाई कि थोथी मांग कर और प्रदर्शन कि रसमपूर्ती कर के टाइमपास ना करें.
अगर वाकई मे सुखदेव सिंह के बलिदान का सम्मान करना चाहते हैं तो इस हत्याकांड के लिए वसुंधरा और संजीव बेनीवाल कि गिरफ़्तारी कि मांग करने का दबाव बनाएँ
क्यों तुम्हारे बाप का देश है जो इस्तीफा दे? बिना ठोस आरोप, बिना पीड़ित, बिना ट्रायल बस इस्तीफा दे दो क्योकि वो क्षत्रिय जाति से है?इतनी ही नफरत है तो एलान कर आमने सामने मुकाबला कर लो, फैसला हो जाएगा, या तुम रहोगे या हम. कम से कम रोजाना की जिल्ल्त से तो छुटकारा मिलेगा
@ajitanjum
मोदी अब भी बृजभूषण को इस्तीफ़ा देने नहीं कहेंगे ?
बृजभूषण शरण सिंह ने अब साफ़ कह दिया है कि अगर मोदी , शाह या नड्डा कहेंगे तो मैं कुश्ती संघ से इस्तीफ़ा दे दूँगा .
यानि बृजभूषण सिंह ने गेंद मोदी के पाले में डाल दी है .
अब तो बोलें मोदी कि सिंह साहब बहुत बेइज़्ज़ती हो गई . अब
जिस जाति का जन्म ही नाजायज संबंधों से हुआ है. जिस जाति का पूरा इतिहास ही औरतों का सौदा कर कमाई खाने का है. जो जाति अपनी लड़कियों को छोटे मोटे ठाकुरो तक कि रखैल बनाने के लिए जूझती रही हो, तुम किस मुँह से ठाकरो से बहस करते हो?कन्यादान होता है हमारे यहां,लड़कियो को बेचा ना जाता
हरी सिंह नलवा जाट नहीं खत्री थे.
इनसे इतनी बड़ी जाति में, हजार साल के इतिहास में अपना एक महापुरुष नहीं मिलता असली का. फर्जीवाड़ा कर के सबको जाट बताते फिरते हैं.
और ये ठाकुरो को इतिहास बताने कि बात करते हैं!!
वीपी सिंह, अर्जुन सिंह, भैरों सिंह, राजनाथ सिंह जैसे अनगिनत क्षत्रिय नेता रहे हैं जिन्होंने अपनी जाति का नुकसान कर दूसरी जातियों का भला किया. अपनी ही प्रतिद्वंदी जातियों को आरक्षण दिया. ये बलिदान और परोपकार कि भावना सिर्फ क्षत्रियों में मिलती है. 1/2
मेरठ-सहारनपुर मंडल में पूरे यूपी में सबसे कम राजपूत हैं। पूरे यूपी में 6 लोकसभा हैं जहां लगभग 1 लाख या कम राजपूत वोट हैं। उनमें से 4 इस क्षेत्र में हैं। इसके बाद भी यहां कुल आबादी का लगभग 8.5% राजपूत हैं।
ये आईटी सेल वाले पूरे यूपी में 7% राजपूत बता रहे हैं।
गढ़वाल सीट पर 60% क्षत्रिय और 20% ब्राह्मण हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनो ने ब्राह्मणों को टिकट दिया है
इसके बावजूद क्षत्रियों द्वारा विरोध नहीं
लेकिन ये जातिवादी लोग पहाड़ में भी जातिवाद करने से बाज नहीं आते।
उत्तराखंड की राजनीति में एक मजबूत ब्राह्मण नेता की जरूरत थी।भाजपा ने ऐतिहासिक गढ़वाल लोकसभा सीट से
@anil_baluni
जी को प्रत्याशी बनाकर इसी आंकाक्षा को पूरा किया है।
गढ़वाल लोकसभा रिकार्ड मतों से जीतने जा रहे हैं। जय परशुराम 🙏
करणी सेना से लेकर राजपूत महासभा तक जितने भी क्षत्रियों के नाम पर संगठन हैं उनमें 99% दक्षिणपंथी हैं,भाजपा समर्थक हैं, क्षत्रियों की जगह हिंदुत्व की बात करते हैं, जबकि संघप्रिय जातियों के 99% जातिगत संगठन वामपक्ष के नजदीक हैं, हिंदुत्व से दुर्भावना रखते हैं, तब भी...
पश्चिम उत्तर प्रदेश में जिन जिलों में जाट और गूजर आबादी मिलती है सिर्फ उन्ही की गिनती करें तो लगभग 23 लाख जाट, 8 लाख गूजर और 39-40 लाख के करीब राजपूत वोट हैं।
इस तरह इन जिलों में कुल वोट का लगभग 11% राजपूत, 6.6% जाट और 2.3% के लगभग गूजर वोट हैं।
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भक्तपूतो के अनुसार जोधपुर के वीभत्स अग्निकांड में जहां एक ही राजपूत कुटुम्ब के 80 लोग जल गए और 55 लोग जिंदगी मौत से जूझ रहे थे जिनमे 33 की मौत हो चुकी है, वहां अगर स्थानीय सांसद गजेन्द्र शेखावत सक्रियता दिखाते तो उनकी छवि को नुकसान होता और मुख्यमंत्री बनने की संभावनाएं कम होती
इनसे बड़ा बेशर्म कोई नही।
हिंदुत्व के लिए बरबाद हो राजपूत, हिंदुत्व का विरोध कर मजे ले जाट मीणा गूजर सिक्ख।
फिर भी ये लोग एक भी बार राजपूतों को उनके बलिदान के लिए appreciate तक नही कर सकते।
अगर करेंगे तो जाट मीणा गूजर सिक्ख जैसों का नाम जरूर लेंगे।
We have Proud Rajputs
We have Proud Brahmins
We have Proud Jaat
We have Proud Meena
We have Proud Gurjars
We have Proud Sikhs
In All We are Proud Hindus
But for them you are all KAFIRS!
Unite Hindus! Shatru Bodh is Important!
बिना नेतृत्व के कोई कौम नही लड़ सकती, चाहे कितना ही आक्रोश हो
आज क्षत्रिय नेतृत्व हीन है, कोई सिविल सोसाइटी तक नही बची है
इसके लिए खुद क्षत्रिय समाज जिम्मेदार है।
भाजपा द्वारा थोपे हुए किसी भी ऐरे गेरे को आंख बंद कर अपना नेता मान लेते हो, फिर ब्राह्मण बनियों को दोष देते हो
रामपुर में चमार और कुर्मी जाति के लोगो में जमीन पर कब्जे को लेकर झगड़ा हुआ जिसमे एक चमार जाति का लड़का मारा गया। वहां एसडीएम ओबीसी और सीओ एससी जाति का। बिहार की ये कुर्मी/काछी इसे ठाकुरों का आतंकराज बताती है।
कानून तुम्हारा
प्रशासन तुम्हारा
झगड़ा तुम्हारा
और आतंक ठाकुर का
ठाकुर आतंकराज में रक्षक ही भक्षक बन चुके हैं।
अनुच्छेद 356 लगा के उत्तर प्रदेश सरकार को तत्काल बर्खास्त करना चाहिए और राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए।
#cm_
योगी_इस्तीफा_दो
सरनेम कुशवाहा लगाए घूम रहा है, इस दावे के आधार पर कि हम भी श्रीराम पुत्र कुश के वंशज हैं।
इसी आधार पर सूर्यवंशी क्षत्रिय बनते हैं। इसी आधार पर बुद्ध, अशोक, चंद्रगुप्त सब साग सब्जी उगाने वाली जाति के बना दिए।
अब उन्ही राम को हवा में उड़ाने की बात कर रहा है। 1/2
जेएनयू में ब्रह्मेश्वर मुखिया के नाम का नारा लगता है, रणवीर का नारा लगता है, मरे-मुलायम कांशीराम का नारा लगता है। मुसलमानों के ख़िलाफ़ तो जमकर नारा लगता है।
तब लिबरल लॉबी चुप रहती है। श्याम मीरा सिंह जैसे भेड़ियें चुप हो जाते हैं। लेकिन किसी सांप्रदायिक नारे को हवा में उड़ाने की
भारत में राजशाही से कुंठा रखेंगे और ब्रिटेन के राज्याभिषेक समारोह में वहां के शाही परिवार के सामने मुजरा करेंगे. ये इस Nehruvian state के एलीट का चरित्र है.
सहारनपुर से इमरान मसूद की जीत पक्की है। अकेले मुस्लिम वोट से जीत जाएगा। लेकिन चमार, गूजर, सैनी भी उसे अच्छी संख्या में मिलेगा। ठाकुर वोट की जरूरत उसे है नही
लेकिन ये भी पक्का है कि सोशल मीडिया की महामूर्ख हिंदूवादी जमात द्वारा इमरान की जीत का क्रेडिट ठाकुरों को ही दिया जाएगा 😅
इस राजवीर प्रकरण ने इन दासिपुत्रो की असलियत दिखा दी।
कितना भी फुकरेबाजी कर के, गाने बजाने कर माहौल बना लें लेकिन जिगर इनमे आज भी नही है।
बंदा कमजोरो के सामने बदमाश बने था लेकिन चुनौती मिलते ही फरीदाबाद से 70 किमी दूर बहादुरगढ़ भग गया। वहां बुला रहा। क्या बेशर्मी है
#Thread
आज दिल्ली यूनिवर्सिटी के नार्थ कैंपस में राजपूत छात्रों ने सैकड़ो कि संख्या में इकठ्ठा होकर सत्ता के संरक्षण में चल रहे खाप पंचायत के जंगलराज का विरोध किया.
अगर खाप के नाम पर धौंस बाजी बंद नहीं कि तो ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा.
राजपूत समाज के राजनीतिक पतन के लिए सबसे बड़े जिम्मेवार राजपूत नेता हैं जिन्हे समाज का कोई आइडिया नही, कोई विजन नही, समाज की आबादी तक का नही पता, भाजपा के लिए समाज कितना क्रिटिकल है नही पता।
आज समाज के लोग इन्ही नेताओ के लिए मरे जा रहे हैं लेकिन डरपोक नेता अभी भी शांत हैं।
पुराने जमाने में जो राजपूत डर के मारे युद्ध में जाने से मना करता था वो समाज से बाहर कर दिया जाता था।
वो वर्णसंकर जातियों में ब्याह कर उनमें मिल जाता था।
आज इन डरपोक वर्णसंकरो की औलादे खुली बेशर्मी पर उतरकर राजपूतों को कायर बता उनके पुरखों पर को अपना बताना चाह रही हैं।
तेरे अकेले के पुरखे थे क्या भाई, हमारे भी वही थे, हमारे बाप दादा से कोई अपनी पहचान चाहता है तो जाके पत्थर थोड़े ही मारेंगे कि न ये तो खाली हमारा दादा था, इसकी इज्जत बस हम ही करेंगे।
और दूसरा जिन पुरखों की इज्जत का प्रोटोकॉल आज के दिन बिना अपने किसी अचीवमेंट के खा रहा है वो पुरखे
जाट कट्टर भाजपा विरोधी जाति है इसलिए संपूर्ण विपक्षी दल, मीडिया, बुद्धिजीवी वर्ग सबका साथ मिलता है, तब भी भाजपा इनका तुष्टिकरण करती है
राजपूत भाजपा का सबसे वफादार वोटर है इसलिए कांग्रेस, वामपंथ, सपा समेत समस्त विपक्ष के निशाने पर रहता है लेकिन भाजपा का साथ नहीं मिलता
घोर कलयुग है. अपनी जात का mla बनाने के लिए भिवानी के होटल में आधी रात कपडे फाड़ के एक ब्राह्मण को फ़साने वाली भी इज्जत पे बात कर रही है. वैसे जाति के लिए इज्जत भी दाँव पर लगा देने वाला इनकी औरतों का समर्पण खतरनाक है. अब वहां लन्दन में किसको फ़साने गई है?
प्रिय ट्रॉलर्स , मुझे गालियाँ देने की बजाय थोड़ा क़ानून पढ़िए और IT सेल में दिहाड़ी कम कीजिए ।। भीड़ बुलाना और अपनी खिलाड़ी बेटियों की इज्जत के लिए समाज की बुलाना अलग बात है ।ट्रॉल्स के ज्ञान के लिए बता देती हूँ की ब्रिटिश सरकार में बोलने की आज़ादी है , मैं लंदन में रहती हूँ और
कैथल में भाजपा कि सरकार में राजपूतो का जो दमन हुआ है वो खुद भाजपा के शीर्ष राजपूत नेताओ के आदेश पर हुआ है.भाजपा को राजपूतो कि अहमियत का अंदाजा है लेकिन राजपूत नेताओ ने खुद राजपूतो के दमन कि सलाह दी है.इन्हे पूर्ण यकी है कि राजपूतो को मात्र मंच से अकबर को गाली देकर मना लिया जाएगा
रामपुर कि मुस्लिम बहुल स्वार सीट पर पहली बार सपा ने एक ठाकुर और भाजपा ने एक मुसलमान को टिकट दिया. निकाय चुनाव में पूर्ण उपेक्षा के बावजूद ठाकुरो ने एकतरफा भाजपा को वोट कर भाजपा के मुस्लिम को जिता दिया. जितना मुसलमान भाजपा विरोधी है उससे कहीं ज्यादा ठाकुर भाजपा का अंधभक्त है.
उल्टा चोर कोतवाल पे दोष लगाए. ये दुनिया की सबसे धूर्त कौम है. सोशल मीडिया पर जातिगत पेज आईडी बनाने और उनसे अन्य जातियों को गाली देने की शुरआत जाटों ने ही की. इनके एडमिन 60 साल के बुड्ढे होते हैं जो इंटरनेट पर जातिगत विद्वेष की जड़ हैं... 1/2
यह पेज खुल कर जाट समाज के लिए अपशब्द लिख रहा है ॥ जबदस्ती जाट समाज को आंदोलन वे जोड़ रहा है ॥ राजपूत समाज के ज़िम्मेदार व्यक्ति एक बार देखें ॥ खोट हर समाज में होती है पर हम किसी समाज के लिए कुछ लिखना नहीं चाहते ॥ धन्यवाद ॥
बिहार में 7 टिकट मिलने को लोग राजपूतों पर एहसान मान रहे हैं। जबकि बिहार के राजपूतों ने भी अंधभक्ति के कारण बहुत कुछ गंवाया है। जिस दिन बिहार के राजपूतों ने राजद से डरना और भाजपा भक्ति छोड़ दिया उस दिन 7 नही कम से कम 15 सांसद राजपूत होंगे बिहार में। 1/2
तुम्हारी सर्वखाप पंचायत की किताब में लिखा है कि गठवाला सोमवंशी राजपूतों से निकले हैं
गोयला कांड में खुद गठवाला खाप ने कोर्ट में खुद के सोमवंशी राजपूतों के वंशज होने का दावा किया था
और तुगलको के समय का रिकॉर्ड निकलवा देख ले, सोनीपत के गठवालो को किसने बसाया और मलिक सरनेम दिया
अपनी राजनीति के चक्कर में जाटों के नेताओ से मूर्ख कोई नही है।
राजपूतो के गॉव में मुजफ्फरनगर से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हरेन्द्र मलिक के सामने गठवाला खाप का राजपूतों से संबंध बताया गया तो हरेन्द्र मलिक ने तालियाँ बजा रहे है।
अपनी राजनीति के लिए ये लोग कल को अपना ईमान तक बेच
पुरबियो की तरह अपनी जनसंख्या कम बता orgasm लेने की सजा
राजनाथ और योगी जैसे समाज से कटे हुए लोगो को अपना नेता बना पूजने की सजा
संगीत सोम, सुरेश राणा टाइप कायरो को अपना नेता मानने की सजा
अपनी संख्याबल,योगदान,बलिदान आदि को ना जानकर सिर्फ नेताओ की जय जयकार को राजपूतवाद मानने की सजा
@sengarlive
सहारनपुर से आगरा तक दर्जनों जिलो के लाखों राजपूतो को किस बात की सजा दी गयी??
कभी इस इलाके से 6 राजपूत सांसद होते थे, पिछली बार भी 2 थे इस बार शून्य कर दिए??
किसान आंदोलन में मूर्खधिराज मोदी-भाजपा कि कायरता के कारण चौड़े होने वाले जाटों को उनके नेताओं ने समझाया है कि जाट vs राजपूत मत करो. ये राजपूत हैं कायर संघी नहीं जो दब जाएंगे. इनका इतिहास है जाटों के डंडा करने का.
जितने भी गूजर नेता चुनाव लड़ते हैं सभी की सीट पर राजपूत वोट हैं, राजपूतो के दम पर विधायक, सांसद बनते हैं तब भी वो खुलकर राजपूत विरोधी बयान दे रहे हैं.
95% राजपूत नेताओं की सीट पर कोई गूजर आबादी नहीं है तब भी समाज के समर्थन में एक शब्द नहीं बोल पा रहे!!
जिस व्यक्ति की वजह से पिछले एक दशक में पूरे देशभर के राजपूतों का राजनीतिक सामाजिक और आर्थिक पतन हुआ है, जिसमें सामाजिक भाव जरा भी नही है, उसी की रैली के बाद राजपूत समाज भाजपा के घोर राजपूत विरोधी प्रत्याशियों तक को वोट कर आता है और फिर उपेक्षा या विकल्प न होने का रोना रोता है
ये आनंद मोहन 'सिंह' 'कु-शासन' से पीड़ित कोसी के ब्राह्मणो को न्याय दिलाने के लिए बाहुबली बना था. सु-शासन के लिए लड़ने, दूसरी जाति के न्याय के लिए अपना सर्वस्व बलिदान देने कि क्षमता सिर्फ असली 'सिंह' लोगो में है और घनघोर एहसान फरामोशी और धूर्तता कि क्षमता 'अवस्थी' जैसो में
बिहारी मित्रों #संयम रखने के लिये धन्यवाद —- अब सूबे में चारों ओर ‘आनंद’ ही आनंद होगा! क्योंकि ‘मोहन’ जेल से बाहर आ गये हैं! कितने ‘सिंह’ ऐसा सु-शासन देने में सक्षम होंगे !?!?!?!!!!! #आनंद_मोहन_सिंह
जाट बहुल शेखावाटी-नागौर-जंगलदेश क्षेत्र में इस बार भी कांग्रेस को जीत मिली है. राजपूत बहुल मेवाड़-गोडवाड़ ने भाजपा को एकतरफा वोट कर जिताया है. लेकिन एहसान फरामोशी कि परंपरा का पालन करते हुए भाजपा ने मेवाड़-गोडवाड़ से एक भी राजपूत को मंत्री नहीं बनाया जबकि 4 जाट मंत्री बना दिए
इन लोगो को बड़ी हैरानी हो रही है ये देख कर, जबकि इस देश मे अधिकतर क्षत्रिय लड़को की ये ही कहानी है,ना सरकार से कुछ मिलता,ना उनके खुद के समाज मे सामुदायिकता का भाव जो कोई मदद मिल सके ना ही अन्य जातियों कि तरह कोई और privilege, क्षत्रिय को जो भी मिलता है खुद कि मेहनत से ही मिलता है
खुद की सीट पर एक बार को भाजपा की हार संभव है, लेकिन वहां की कोई बात ना कर लोग गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर में भाजपा को हराने की बात कर रहे है।
जिस दिन भाजपा गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर लोकसभा हार गई उस दिन भाजपा की पूरे देश में 10 सीट भी नही आनी।
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इन लोगो ने बेशर्मी की सारी हदें पार कर दी हैं। दिनभर क्षत्रियों की गालियां देंगे, क्षत्रियों को कायर और मलेच्छ जातियों को योद्धा और हिंदू धर्म रक्षक बताएंगे, सब जातियों को क्षत्रिय घोषित करेंगे, दिनभर उनका चारण गान करेंगे, लेकिन मार खाते ही असल क्षत्रिय याद आ जाएंगे
क्षत्रियों में सिर्फ बृजेश सिंह कंपनी को संघी लॉबी का समर्थन हासिल है। वो सिर्फ मुख्तार अंसारी के कारण था। अब मुख्तार अंसारी के खात्मे के बाद बृजेश सिंह एंड कंपनी की भी उल्टी गिनती शुरू हो सकती है। वैसे भी नई रणनीति के तहत पूर्वांचल में ओबीसी बाहुबलियों की जरूरत होगी।
परिणाम जो हो, गौतमबुद्धनगर ने आज इतिहास रच दिया। लोकतंत्र में अपने ही समर्थको का तिरस्कार नही करना चाहिए, उसके समर्पण, त्याग और सहनशीलता को गुलामी नही समझना चाहिए। जनता के पास विकल्प की कमी कभी नहीं होती।
वो नाराज हो तो किसी डमी को भी मुकद्दर का सिकंदर बना सकती है।
दो दशक से हरियाणा के हर चुनाव में सभी राजपूत बाहुल्य क्षेत्र में राजनाथ सिंह प्रचार करते हैं जिसके हर भाषण में राजपूतो को देशभक्ति का वास्ता देकर भाजपा को वोट करने की अपील की जाती है. उनके कारण राजपूत समाज भाजपा के घोर राजपूत विरोधी प्रत्याशियों को भी वोट कर देता है 1/2
हरियाणा में राजपूत मात्र कँवरपाल गूजर का विरोध कर रहे हैं. भाई तुमने कँवरपाल के गुण देखकर थोड़े ही वोट किया था. तुमने तो राजनाथ सिंह जैसो के कहने पर कँवरपाल जैसो को वोट किया था. फिर इन बिचौलियो को पकड़ने के बजाए खुले दुश्मन के झुकने की उम्मीद कैसे कर रहे हो??
मुट्ठीभर जमीन के लिए तुगलक, मुग़ल से लेकर अंग्रेजो कि चाटने वाला कौन?
जरा सी जमीन के लिए अपनी औरतों से कौला पूजवाने, नाता, पांचाली और सांड जैसी प्रथा अपनाने वाला कौन?
तुम लोगो कि उत्पत्ति ही लालच, गद्दारी, अनैतिकता का परिणाम है. कम से कम तुम लोग तो इतिहास पर बात मत ही किया करो
सबसे ज्यादा आदर सम्मान महाराणा प्रताप के वंशज ही करते हैं ब्राह्मणों का। बाकी पूरी दुनिया गालियां देती है ब्राह्मणों को।
तब भी ब्राह्मणों का बहुसंख्यक तबका सबसे ज्यादा नफरत क्षत्रियों से ही करता है।
इसके पीछे रहस्य को तो पूरी दुनिया जानना चाहती है?
@ranapushpendra3
फर्जी आईडी भीमते " तुम्हें ये पता नहीं ब्राह्मणों की सबसे ज्यादा आदर सम्मान अगर कोई करता है तो महाराणा प्रताप के वंशज ही करते हैं ......
जो जाट जैसो को भी बहन बेटी कि इज्जत और सतित्व कि बात करने पर मजबूर कर दे वो राजपूत
जो जाटो को भी जातिवाद ना करने कि दुहाई देने और सर्वसमाज कि बात करने पर मजबूर कर दे वो राजपूत
जो जाटों को भी हिंदूवादी और राष्ट्रवादी होने का ढोंग करने पर मजबूर कर दे वो राजपूत
सोशल मीडिया पर मौजूद सभी महानुभावों से आग्रह है कि जिस जिस को पहलवानों और बृजभूषण का विरोध करना है खूब करे ॥ बशर्ते दोनो की जातियों को बीच में ना लाया जाए ॥ जाती बीच में लाना और समाज की बहन बेटियों के बारे में लिखना बहुत हो गया ॥ अब ओछि हरकतों से दो समाजों में ज़हर ना घोलें ॥
बाड़मेर में जाट वोट मात्र ढाई लाख हैं, राजपूत 4 लाख तक हैं। इन्होंने उल्टी ही गंगा बहाई हुई है।
बायतु 75 हजार, गुड़ा मलानी 60 हजार, बाड़मेर 40 हजार, चौहटन 25 हजार, शिव 25 हजार, पचपदरा 15 हजार जाट हैं। स्वा 4 लाख कौन से समीकरण से बना रहे हो।
जो अपने बाप दादा का नाम जानने के लिए भी ठाकुरों की वंशावली खंगालते हैं
जो अपने पुरखों का नाम जानने के लिए अपने गांव की पटवारी और लेखपालों की लिस्ट चेक करे हैं
वो अकड़ किस बात की दिखावें?
अकड़ के लिए जिगर चाहिए,जो गाने बजाने और फुकरेपन से ना आता,ठाकुरों में पैदा होना पड़े है
बड़े आश्चर्य की बात है कि एक ऐसी जाति के लोग जिनका अस्तित्व ही अपनी औरतो कि दलाली करने पर बना है,जिनमे औरत के सतीत्व का कोई कांसेप्ट नही, जिनका पूरा इतिहास ही औरतो को बेचने और उनकी कमाई खाने का रहा है वो एक सतीत्व को पूजने वाली जाति पर इस तरह का व्यंग्य करने की जुर्रत कर लेते हैं
भारत का सुप्रीम कोर्ट, शासन, राजनितिक वर्ग और मीडिया अपना स्टैंड क्लियर करे. अगर भीड़ के दम पर सड़क पर फैसले होने हैं तो क्षत्रिय इस फर्जी खाप से 10 गुना भीड़ लेकर दिल्ली पहुंचने को तैयार हैं और आमने सामने कि लड़ाई में कौन भारी पड़ेगा सबको पता.हमेशा कि तरह बाद में हमे दोष ना देना
योगी राज का ठाकुरों को सबसे बड़ा नुकसान ही ये है कि आज ठाकुर किसी को थप्पड़ तक नही मार सकता।
योगी राज में हर जाति दबंगई कर सकती है लेकिन ठाकुरों का एमपी एमएलए भी दबंग नही बन सकता।
ठाकुरों को ही मार कर उल्टा ठाकुरवाद का इल्जाम लगा अंदर करवा दिया जाता है 1/3
आज तक क्षत्रिय समाज के किसी व्यक्ति को बिना उकसावे किसी अन्य जाति पर गंदा लिखता हुआ नही देखा लेकिन इन मलेछ जातियों के लोग बिना कारण फर्जी कहानिया तक बनाकर क्षत्रिय समाज के लिए बेहद गंदा लिखते हैं, ये इनकी सेकड़ो साल कि कुंठा का परिणाम है.
देश में उत्पीड़न की 95% घटनाएं ओबीसी में आने वाली ग्वाल गूजर जाट जैसी अगड़ी जातियां करती हैं। ये इतने जातिवादी और मतलबी हैं कि अगर क्षत्रिय ब्राह्मण आदि ना हो तो ये लोग पिछड़ी दलित जातियों के तन पे कपड़े तक ना छोड़े। 1/n
दलित खाट पर न बैठे, मूंछ न रखें जैसे विवाद कुछ राज्यों में बेहद हिंसक तरीक़े से तो कई जगह लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीक़े से हल हुए। अधिकार तो हर जगह मिला। उम्मीद है कि राजस्थान इन सवालों को शांतिपूर्ण तरीक़े से हल कर लेगा। प्रगतिशील राजपूतों को इस बदलाव का नेतृत्व करना चाहिए।
आपको अपने गोत्र के इतिहास का आइडिया तक नही है, आप राजपूतों का इतिहास बता रहे हो।
बुलंदशहर के सिरोही जाट सरोहा राजपूतों के वंशज हैं। इनका राजस्थान के सिरोही नाम के नगर से कोई लेना देना नहीं।
राठौड़ साहब, ये फ़ालतू के गज़ेटियर वग़ैरह छोड़िए।
ये सब सरकारी इतिहासकारों-बाबुओं ने लिखे हैं! वैसे, कुछ ऐसे दस्तावेज़ देखे हैं मैंने भी! रही-सही कसर कालांतर में हमारे समाज के कर्ताधर्ताओं की कुछ विकृत परंपराओं ने पूरी कर दी! उनसे विभाजन और बढ़ता गया।
बाक़ी,आप सरनेम की जहां तक
ठाकुरो को नाराज होने का पहला इनाम मिला। मैनपुरी के बगल में फिरोजाबाद से भी टिकट मिला।
भाजपा की नीति रही है कि अगल बगल की सीट पर अन्य जातियों को तो मिल सकती है लेकिन ठाकुरों को टिकट नहीं मिल सकती।
"उत्तर भड़ किवाड़ भाटी"
भाटी हजारों साल से भारत कि उत्तर पश्चिमी सीमा के प्रहरी रहे हैं। आज भी सीमा पर ये ही राष्ट्रवाद का झंडा उठाए हैं।
भाजपा के रणनीतिकारों को पार्टी की लाइफलाइन राजपूतों की मानसिकता और भावनाओ की भी समझ नही है, एक सीट के चक्कर में पूरा राजस्थान खो बैठेंगे 1/2
मगध में मात्र राजपूत प्रभाव वाले गया औरंगाबाद क्षेत्र में ब्राह्मणों की आबादी है। बाकी पूरे मगध में ब्राह्मणों की आबादी नही है।
भूमिहार बहुल क्षेत्रों में ब्राह्मण जाति की कोई आबादी नही है।
ब्राह्मण श्रेष्ठ #आचार्य_चाणक्य की कर्मभूमि #मगध (वर्तमान बिहार का कुछ क्षेत्र) में ब्राह्मणों की राजनीतिक दुर्दशा का कारण....
ब्राह्मण बंधु #मगध क्षेत्र के ब्राह्मण जाति के प्रमुख नेताओ का नाम जरूर बताएं🙏
जय मगध⛳जय आचार्य चाणक्य⛳
जय मगध अधिपति सम्राट ,#पुष्यमित्र_शुंग⛳
मीनाक्षी अरोड़ा, संजय पारिख, केएस चौहान, पी विल्सन, सलमान खुर्शीद ये नाम है EWS कोटा के विरुद्ध केस लड़ने के लिए नियुक्त वकीलों के। इन मंडलवादीयो को खुद अपनी जातियों के वकीलों की प्रतिभा पर भरोसा नहीं और ये लोग चाहते हैं कि पूरा देश इनको अधिकारी डॉक्टर इंजीनियर के रूप में झेले...
जिस तरह भाजपा द्वारा राजनीतिज्ञ धर्मेन्द्र जाडेजा का टिकट काटकर रविन्द्र जाडेजा की पत्नी रीवा जाडेजा को टिकट दिया है उसी तरह धर्मेन्द्र जाडेजा के किसी रिश्तेदार का रविन्द्र जाडेजा की जगह क्रिकेट टीम में सिलेक्शन किया जाए। संभव है कि क्षत्रिय समाज इस पर भी जश्न मना ले।
मोदी जी अत्यंत कट्टर खोजा-बोहरा मुस्लिम बनियों को अपनी जाति का बताकर सरकार द्वारा वीआईपी ट्रीटमेंट दिलवाएं
भाजपा सबसे कट्टर दंगाई पसमांदा मुसलमानो के साथ गलबहियां करें
आरएसएस मुस्लिम गूजरो की रैली कराए तो कोई दिक्कत नही
लेकिन राजपूत अगर मुस्लिम राजपूतों से बात भी कर ले तो...
जाटों में खाप मुश्किल से सौ साल पहले राजपूतो की नक़ल कर के बनानी शुरू की है. खाप का असली मतलब है किसी गौत्र की शाखा जो राजपूतो में होता है. इन्होने राजपूतो की नक़ल कर के कई दर्जनों गौत्र के गाँवो को जोड़कर नकली खाप बनानी शुरू की. बेमतलब की इन्हे कृष्ण से क्यो जोड़ रहे हो?
खापों का दमखम दिखाने वाले यह क्यों भूल जाते हैं कि खापों का उद्गम कहां से हुआ था? हमारे पूर्वज यदुवंशी कुल में जन्मे श्री कृष्ण जी ने खापों की शुरुआत की थी, खापों का सरदार लोकतंत्रिक व्यवस्था से चुना जाता था।
धौलपुर में राजपूत सबसे बड़ा वोट बैंक है। एकमात्र जिला जहां कांग्रेस राज में राजपूतों का वर्चस्व था। लेकिन अब ये भाजपा का एकमात्र कोर वोटबैंक है। भाजपा के लिए इन्होंने अपने को राजनीतिक रूप से बर्बाद कर लिया। इसके बदले में ये इनाम मिला 👇 कौन पार्टी अपने वोट��� के साथ ऐसा करती है?
गौतमबुद्धनगर में महेश शर्मा से इतनी नाराजगी है कि भाजपा द्वारा ही उतारा गया डमी कैंडिडेट सिर्फ जनता के उत्साह के दम पर मुकाबले में आ गया है। अगर ढंग से लड़ता तो भाजपा हार भी सकती थी। दूल्हे को जबरदस्ती घोड़ी पे चढ़ा के बारात निकाल रहे।
राज्यसभा में साधना सिंह को टिकट देने से तय हो गया है कि भाजपा सोची समझी रणनीति के तहत क्षत्रियों पर कमजोर और हवाई नेतृत्व थोपना चाहता है। उत्तर प्रदेश से लोकसभा में क्षत्रिय कोटे से इस बार हवाई/कमजोर या अनजान चेहरों के लिए तैयार रहें। महिला कोटा क्षत्रियों से भरा जाएगा।
प्रस्तुत लिंक मे फूलन देवी की माँ का इंटरव्यू है। इनके अनुसार फूलन देवी को डाकू बनाने के पीछे उसका परिवार, कुटुम्ब और उसकी जाती जिम्मेदार थी, दादी ठाकुरो(जो कि एक स्थानीय जाती है) ने उसकी मदद ही कि थी...
आनद मोहन सिंह कि सिर्फ रिहाई से काम नहीं चलेगा. इस राष्ट्र राज्य को, न्यायपालिका को, इस पूरे तंत्र को प्रायश्चित करना होगा. इस सम्पूर्ण राष्ट्र राज्य को अपने क्षत्रिय विरोधी रवैये और चिढ़ से वशीभूत हो क्षत्रियों के दमन के लिए मांफी मांगनी होगी.
चित्तौड़ मे जब हमले होते थे तो जाट जैसी किसान जातियों के लोग लड़ने के बजाए किले मे शरण लेते थे,जहाँ अंतिम विकल्प के रूप मे राजपूत औरते जौहर और पुरुष शाका करते थे वही उसके बाद जाट जैसे स्वाभिमानहीन और गुलाम मानसिकता वाली जातियों के लोग हमलावरो के रहमो करम पर होते थे। Cont..
राजपूत कट्टर हिंदूवादी होने के कारण वामपंथी, कोंग्रेसी ecosystem के निशाने पर रहता है. झूठे मुकदमे, चरित्र हनन, गालियां, फर्जी propaganda कि मार सहता है और धूर्त हिंदूवादी ब्रिगेड "राजपूत-जाट हिन्दू भाई", "आपसी मामला" कहकर तटस्थता कि बात करती है.
ये भूमिहार जाति दशकों से क्षत्रियों से एकतरफा नफरत करती रही.लालू राज के इनके बुरे समय में जब इनके दशकों के अनाचार के कारण हर जाति इनका दमन चाहती थी, तब क्षत्रियों ने इनका साथ देकर खुद बाकी समाज की दुश्मनी मोल ली लेकिन भूमिहार में क्षत्रियों के प्रति जो कुंठा है उसका अंत नहीं हुआ
जबकि इनका इतिहास इतनी गंदगी से भरा है कि हमने इनके विरुद्ध लिखना शुरू कर दिया तो हमे फर्जी कहानी गढ़ने की जरूरत नही पड़ेगी। ये खुद जानते हैं अपने बारे मे। इसके बाद भी इनके क्षत्रियो के विरुद्ध कुंठित प्रलाप से पता चलता है कि इनमे क्षत्रियों के विरुद्ध कितनी नफरत भरी है
ये राणा कैसे बने वो सुन लो. छपरौली में झोटीयाना कछवाहा राजपूतो के जाट गोलो के 3-4 गांव हैं. जब इन्होने अपना आर्य समाजी इतिहास लिखा तो झोटीयाना को जटराना बना दिया और जटराना से बन गए राणा. इनसे पूछो राणा टाइटल होवे. इसको गोत क्यों बना रखा है.
मध्यप्रदेश में भाजपा ने राजपूतों को क्यों रगड़ा इसके पीछे का कारण जान कर माथा पीट लोगे। अभी बस इतना जान लो कि खुद राजपूत नेताओ की रिकमेंडेशन पर ये काम हुआ है।
राजस्थान में भाजपा को मिलने वाले कुल वोट में राजपूतो का योगदान - लगभग 33%
जाटों का योगदान - लगभग 5%
मीणाओ का योगदान - लगभग 5%
इसके बावजूद इन कांग्रेस समर्थक जातियों को भाजपा सरकार में राजपूतो के बराबर वरीयता मिलेगी तो राजपूत कांग्रेस राज में उत्पीड़न और अन्याय क्यों सहे?
लोग कहते हैं कि राजपूत भाजपा के चमार हैं।
ये बिलकुल गलत है। बसपा पार्टी और सरकार में चमारो का जैसा वर्चस्व होता है, क्या भाजपा में राजपूतों का हो सकता है?
चमारों का जितना बड़ा बौद्धिक वर्ग और आंदोलन है वैसा राजपूतो का है?
बहुत माथा पच्ची करनी पड़ी होगी फिर भी महिलाओ के सम्मान का एक ढंग का incident ना मिला तुम्हारे पूरे इतिहास में. दूसरों कि रक्षा छोड़, तुमने खुद अपनी लुगाईयो को कमाई का साधन ना मान उनकी इज्जत कि रक्षा कर ली होती तो तुम लोगो में आज इतनी कुंठा नहीं होती जिसकी वजह से आज ये भसड है.
बागपत का माया त्यागी कांड हो या मुगल काल मे हरदौल की रक्षा,हाथरस की बेटी हो या दिल्ली की दामिनी हम हमेशा सबसे अग्रिम पंक्ति में खड़े रहे।
लाठियां भी खाई गाली भी खाई लेकिन कभी पीछे नहीं हटे क्योंकि बहन बेटी सबकी सांझी होती है।
आज बात देश की बेटियों की है देखते है कौन कौन साथ है।
तुर्क/मुगल हमलावर इनका नरसंहार करते थे, इनकी औरतो की इज्जत लूटते थे, इन्हे गुलाम बनाते थे,इन्हे war booty माना जाता था,इन्हे सैनिको मे इनाम के रूप मे बाँट दिया जाता था। अकबर ने चित्तौड़ किले मे शरण लेने वाले 40 हजार गैर राजपूतो का नरसंहार किया था जिनमे बड़ी संख्या मे जाट किसान थे
जेएनयू से लेकर सोशल मीडिया तक पर पूरा मंडल गैंग अन्य 'शुद्रो' को ब्राह्मणवाद से दूर रहने की नसीहत देता है जिससे इनकी स्वजातीय सपा और राजद सत्ता में आ सकें लेकिन खुद इनका नेता तेरहवीं में ब्राह्मण को भोजन कराता है जिसे मंडल जैसे लोग 'गिद्धभोज' कहते हैं।
योगी हर बार भाजपा के कहने पर क्षत्रिय नेताओ को लॉलीपॉप देकर भाजपा में शामिल करवाता है लेकिन भाजपा हर बार वादा खिलाफी कर देती है। पिछले 7 साल में जितने भी क्षत्रियों से योगी ने वादा किया भाजपा ने सबको बर्फ में लगा दिया, योगी चू भी नही करता।अभी भी नेता लोग बर्बाद होने को तैयार हैं
भारतीय जनता पार्टी जो दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है, जिसके करोड़ो कार्यकर्ता हैं, उसका काम सिर्फ ट्वीट करना है? इनसे तो संवैधानिक तरीको से ही दबाव बनाना नही आता। करौली में भाजपा के कितने लाख कार्यकर्ता पहुंचे हैं संवैधानिक तरीके से दबाव बनाने के लिए?
इस रिटायर्ड मेजर जनरल का आशय यह है कि दिल्ली से सटे खालसाई इलाको में जाट जैसी जातियों के जो लोग भारी संख्या होनेके बावजूद भूमिहीन किसान/मुजारे बनकर मुगलों के अधीन गुलामी करते थे, वो राजपूतो के भी बड़े मानसिक गुलाम थे जो दूर बैठे भी इन्हे लड़ने या हथियार नही रखने देते थे नही तो...