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Dushyant Kumar Profile
Dushyant Kumar

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This account is mainly dedicated to one of the greatest poets of all time, Dushyant Kumar. ( 1/09/1933 - 30/12/1975 )

Joined April 2019
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Dushyant Kumar
3 years
कौन शासन से कहेगा, कौन समझेगा, एक चिड़िया इन धमाकों से सिहरती है।🥺🙏
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Dushyant Kumar
3 years
ये कौन लोग हैं जो बम बनाते हैं ? इनसे अच्छे तो कीड़े है जो रेशम बनाते हैं। (अज्ञात)
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Dushyant Kumar
3 years
शहर की दवा और गाँव की हवा बराबर होती है❤️ - श्रीलाल शुक्ल
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Dushyant Kumar
3 years
पेड़ गाँव में ही रह जाता है फल शहर चला जाता है। - अज्ञात
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Dushyant Kumar
2 years
सुबह जल्दी सिर्फ़ तीन लोग ही उठते हैं - माँ, मेहनत और मजबूरी । - अज्ञात
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Dushyant Kumar
2 years
एक जंगल है तेरी आँखों में, मैं जहाँ राह भूल जाता हूँ। तू किसी रेल-सी गुज़रती है, मैं किसी पुल-सा थरथराता हूँ।
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Dushyant Kumar
2 years
एक दिन वर्षों का संघर्ष बहुत खूबसूरत तरीके से तुमसे टकरायेगा ! ❤️ #UPSC #Rank1
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Dushyant Kumar
2 years
अक्सर ढाबे का छोटू अपने घर का बड़ा बेटा होता है। - अज्ञात
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Dushyant Kumar
2 years
सफल होने का एक ही रहस्य है कि ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को नाराज़ कीजिए। - जार्ज बर्नार्ड शा
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Dushyant Kumar
2 years
बोलना सीख लो वरना ज़िन्दगी भर सुनना पड़ेगा । - प्रेमचंद
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Dushyant Kumar
5 years
ज़रा सी कैद से घुटन होने लगी ? तुम तो पंछी पालने के शौक़ीन थे । - अज्ञात
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Dushyant Kumar
3 years
युद्ध में योद्धाओं के शस्त्र ही उनके आभूषण होते हैं।
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Dushyant Kumar
5 years
कौन शासन से कहेगा, कौन समझेगा एक चिड़िया इन धमाकों से सिहरती है #RIP Son😢
@DrKumarVishwas
Dr Kumar Vishvas
5 years
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है...😢
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Dushyant Kumar
3 years
परिंदे भी नहीं रहते पराए आशियानो में, हमारी उम्र गुजरी है किराए के मकानो में। - मूनिस बरेलवी
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2 years
यहाँ तक आते आते सूख जाती है कई नदियाँ, मुझे मालूम है पानी कहाँ ठहरा हुआ होगा!
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3 years
तुम खुद को नेता कहकर, मेरे सुभाष को गाली मत दो। - अज्ञात
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3 years
जंग जो चंद रोज़ होती है ज़िंदगी बरसों तलक रोती है मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाए…🙏
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Dushyant Kumar
4 years
वक्त के क्रूर छल का भरोसा नहीं, आज जी लो कि कल का भरोसा नहीं... - डा० कुमार विश्वास @DrKumarVishwas
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3 years
जो कुछ तुम्हें मन से, बुद्धि से, शरीर से निर्बल करे उसे विष समझ कर त्याग दो। - स्वामी विवेकानन्द
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3 years
खाली बैठना दुनिया में सबसे थकाने वाला काम है। - अज्ञात
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5 years
दूसरे को मार कर खाइये ये विकृति हैं , वो अपना खाये मैं अपना खाऊ ये प्रकृति हैं, लेकिन वो खा सके इसकी चिन्ता करके मैं खाऊ ये संस्कृति हैं । - डॉ॰ कुमार विश्वास @DrKumarVishwas
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4 years
जो स्त्री से प्रेम नहीं कर सकता, उसके देश-प्रेम में मुझे विश्वास नहीं। - प्रेमचंद
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Dushyant Kumar
3 years
कामवासना के समान कोई रोग नहीं। मोह से बड़ा कोई शत्रु नहीं। क्रोध जैसी कोई आग नहीं और ज्ञान से बढ़कर इस संसार में सुख देने वाली कोई वस्तु नहीं। - आचार्य चाणक्य
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Dushyant Kumar
4 years
गूँगे निकल पड़े हैं ज़ुबाँ की तलाश में, सरकार के ख़िलाफ़ ये साज़िश तो देखिये। - दुष्यंत कुमार #modi_job_do
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Dushyant Kumar
3 years
चिंता से चतुराई घटे, दु:ख से घटे शरीर। पाप से लक्ष्‍मी घटे, कह गये दास कबीर।। - कबीर
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Dushyant Kumar
3 years
काट कर ग़ैरों की टांगें , ख़ुद लगा लेते हैं लोग। इस शहर में इस तरह भी क़द बढ़ा लेते हैं लोग। - अज्ञात
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3 years
इश्क़ का ताल्लुक़ दिलों से होता है और शादी का तनख़्वाहों से। - राही मासूम रज़ा
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Dushyant Kumar
3 years
एक बूढा आदमी है मुल्क में या यों कहो, इस अँधेरी कोठारी में एक रौशनदान है। #Hockey ❤️
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Dushyant Kumar
3 years
एक जंगल है तेरी आँखों में, मैं जहाँ राह भूल जाता हूँ। तू किसी रेल सी गुज़रती है, मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ। - दुष्यंत कुमार
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3 years
ये सारा जिस्म झुक कर बोझ से दुहरा हुआ होगा, मैं सजदे में नहीं था आपको धोखा हुआ होगा। - दुष्यंत कुमार
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Dushyant Kumar
3 years
जमीं बेच देंगे, गगन बेच देंगे, कली बेच देंगे, चमन बेच देंगे, कलम के सिपाही अगर सो गए तो, वतन के मसीहा वतन बेच देंगे। - अज्ञात
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Dushyant Kumar
3 years
हिंदी के सशक्त हस्ताक्षर पं. हज़ारी प्रसाद द्विवेदी की पौत्री डॉ. अपाला मिश्र ने UPSC में 9 वीं रैंक हासिल की हैं। हार्दिक बधाई 💐
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Dushyant Kumar
2 years
लड़कों को ईमानदार बाप निकम्मा लगता है। - हरिशंकर परसाई
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4 years
आपकी क़ालीन देखेंगे किसी दिन, इस समय तो पाँव कीचड़ में सने हैं। - दुष्यंत कुमार #modi_job_do
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Dushyant Kumar
3 years
कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता, इस देश में राजा कौरव हो या पांडव। जनता तो बेचारी द्रौपदी है। कौरव राजा हुए तो चीर हरण के काम आएगी और पांडव राजा हुए तो जुए में हार दी जाएगी। - सुरेंद्र शर्मा
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Dushyant Kumar
3 years
धर्म से बड़ा देश होता है। मातृभूमि होती है। सिख धर्म में बाल कटवाना वर्जित है, लेकिन अपने देश के लिये मैं बाल तो क्या गर्दन भी कटवा सकता हूँ। - शहीद भगत सिंह
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3 years
नया साल आए, नया दर्द आए मैं डरता नहीं हूँ, हवा सर्द आए - दुष्यंत कुमार
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2 years
जब सरकार ग़लत हो तो आपका सही होना ख़तरनाक हो सकता है। - वॉल्टेयर
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3 years
दुष्यंत कुमार ने अपने भाई की मृत्यु पर लिखा था… एक बाजू उखड़ गया जब से, और ज़्यादा वजन उठाता हूँ ।
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2 years
मज़ाक, चतुराई से किया गया अपमान है। - शिवानंद
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3 years
एक दिन वर्षों का संघर्ष बहुत खूबसूरत तरीके से तुमसे टकरायेगा ! - सिग्मंड फ्रायड
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3 years
अब इतनी सादगी लाए कहाँ से !!!❤️
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3 years
हिन्दू समाज में नीची से नीची समझे जाने वाली जाति भी अपने से नीची एक और जाति ढूँढ लेती है । - हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
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3 years
संतान कभी इतना बड़ा नहीं होता कि उसे माँ की जरूरत न पड़े। - नरेंद्र कोहली
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2 years
इस नदी की धार से ठंडी हवा आती तो है। नाव जर्जर ही सही लहरों से टकराती तो है।
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3 years
कौन शासन से कहेगा, कौन समझेगा, एक चिड़िया इन धमाकों से सिहरती है। - दुष्यंत कुमार
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Dushyant Kumar
3 years
सुनिए महादेवी वर्मा बता रही हैं कि निराला के अंतिम क्षणों में भी उन्हें ओढ़ने के लिए एक साफ चादर तक नहीं मिली। और आज हिंदी के एक प्रतिष्ठित लेखक विनोद कुमार शुक्ल महीने के कुछ 1k पर जी रहे हैं। ये क्रम कब टूटेगा? शुक्ल जी के लिए न्याय माँगेंगे? आवाज उठायेंगे? या आज भी चुप रहेंगे?
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Dushyant Kumar
3 years
गांधी की हत्या बताती है कि अच्छा होना कितना खतरनाक है । - जार्ज बर्नार्ड शॉ
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3 years
मधुर व्यवहार को भी कुछ लोग प्रेम समझ लेते हैं। - नरेंद्र कोहली
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3 years
अकेले में अपने विचारों पर और समाज में अपने शब्दों पर नियंत्रण रखना बहुत आवश्यक है। - अज्ञात
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3 years
सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नही, मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए। - दुष्यंत कुमार
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Dushyant Kumar
2 years
गूँगे निकल पड़े हैं ज़ुबाँ की तलाश में, सरकार के ख़िलाफ़ ये साज़िश तो देखिये। - दुष्यंत कुमार
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Dushyant Kumar
3 years
मैं तुम्हें सलाह दे रहा हूँ तो इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि मैं तुमसे ज़्यादा जानता हूँ, बस इसका मतलब इतना ही है कि मैंने ज़िंदगी में तुमसे ज़्यादा ग़लतियाँ की है। - अज्ञात
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3 years
इस नदी की धार से ठंडी हवा आती तो है, नाव जर्जर ही सही, लहरों से टकराती तो है। - दुष्यंत कुमार
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3 years
रक्त वर्षों से नसों में खौलता है, आप कहते हैं क्षणिक उत्तेजना है। - दुष्यंत कुमार
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Dushyant Kumar
1 year
एक जंगल है तेरी आँखों में, मैं जहाँ राह भूल जाता हूँ। तू किसी रेल-सी गुज़रती है, मैं किसी पुल-सा थरथराता हूँ। ❤️
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Dushyant Kumar
2 years
यदि आप जानना चाहते हैं कि शादी के बाद आपकी पत्नी आपके साथ कैसे व्यवहार करेगी, तो उसे उसके छोटे भाई से बात करते हुये सुनें। – सामी लेवेन्सन
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Dushyant Kumar
3 years
बादशाहों का इंतज़ार करें, इतनी फ़ुरसत कहाँ फ़क़ीरों को। (नवाज़ देवबंदी)
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3 years
तू किसी रेल सी गुज़रती है, मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ। - दुष्यंत कुमार
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Dushyant Kumar
13 days
एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा, आंँख हैरान है क्या शख्स ज़माने से उठा। 🙏
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3 years
असफलता का एक मात्र मतलब ये है कि ईश्वर ने आपको किसी बड़े काम के लिए रिज़र्व (reserve) रखा हैं। - कुमार विश्वास @DrKumarVishwas
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3 years
मैं बहुत कुछ सोचता रहता हूँ पर कहता नहीं, बोलना भी है मना, सच बोलना तो दरकिनार ! ~ दुष्यंत कुमार
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3 years
समझ किताबें पढ़ने से नहीं आती, दुनिया देखने से आती है। - प्रेमचंद
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3 years
बिना निराश हुए ही हार को सह लेना पृथ्वी पर साहस की सबसे बडी परीक्षा है । - इंगरसोल #PVSindhu
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Dushyant Kumar
3 years
डाका दोनो ने डाला डाकू और नेता ने डाकू को मिला कारावास नेता को मिला कार-आवास । - अज्ञात
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Dushyant Kumar
2 years
आपकी क़ालीन देखेंगे किसी दिन, इस समय तो पाँव कीचड़ में सने हैं। - दुष्यंत कुमार
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Dushyant Kumar
3 years
संसार पर बलवानों ने नहीं बुद्धिमानों ने शासन किया है। - नरेन्द्र कोहली
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2 years
रक्त वर्षों से नसों में खौलता है, आप कहते हैं क्षणिक उत्तेजना है । - दुष्यंत कुमार
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Dushyant Kumar
4 years
भारत इकलौता ऐसा देश है जहाँ लड़के पहले इंजीनियर बन जाते है, फिर सोचते है क्या बनना है। - शरद जोशी #EngineersDay
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Dushyant Kumar
5 years
जब दुनिया का सबसे पहला मूर्ख दुनिया के सबसे पहले धूर्त ��े मिला होगा, तब धर्म और मज़हब बने होंगे। - मार्क ट्वैन
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4 years
डिग्रियाँ तो तालीम के ख़र्चों की रसीदें है, इल्म वही है जो किरदार में झलकता है। - अज्ञात
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Dushyant Kumar
4 years
जिस तरह चाहो बजाओ इस सभा में, हम नहीं हैं आदमी, हम झुनझुने हैं। -दुष्यंत कुमार #cgl19marks
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3 years
एक अरसा हुआ कमरे से बाहर निकले, अब किताबों के साथ में ही रहता हूँ मैं। - कुमार रौनक
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Dushyant Kumar
3 years
दुखद समाचार…आज दुष्यंत कुमार जी की पत्नी राजेश्वरी जी का निधन हो गया । विनम्र श्रद्धांजलि🙏😔
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Dushyant Kumar
2 years
मेरे दिल पे हाथ रखो, मेरी बेबसी को समझो, मैं इधर से बन रहा हूँ, मैं इधर से ढह रहा हूँ। - दुष्यंत कुमार
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Dushyant Kumar
3 years
रहनुमाओं की अदाओं पे फ़िदा है दुनिया, इस बहकती हुई दुनिया को सँभालो यारों। - दुष्यंत कुमार
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Dushyant Kumar
3 years
एक बुद्धिमान व्यक्ति को चाहिए कि वह अपने धन के नष्ट होने को, मानसिक दुख को, घर के दोषों को, किसी व्यक्ति द्वारा ठगे जाने और अपना अपमान होने की बात किसी को भी न बताए। - चाणक्य
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@poetdushyant
Dushyant Kumar
3 years
पुरुष परेशान दिखे तो उसे अकेला छोड़ दो, उस वक़्त उसे बात करना नहीं पसंद होता , वो अपनी परेशानी का हल खुद ढूँढ निकालना चाहता है। ठीक इसके विपरीत महिला जब परेशान होती है तो वो चाहती है कि कोई उसकी परेशानी सुने, उससे बात करे। - डॉ. अबरार मुल्तानी
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3 years
'मरते तो वो है जिनकी कीर्ति मर जाती है’ । आप अमर रहेंगे अरविन्द जी 🙏 विदा 💐
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3 years
मेरी माँ भी कितनी अनपढ़ है, मैं रोटी एक मांगता हूँ वो दो दे देती है। #MothersDay ❤️
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@poetdushyant
Dushyant Kumar
3 years
पिता को अपनी पुत्री अबोध बालिका के रूप में ही अच्छी लगती है, वो उसे स्त्री के रूप में देखना नहीं चाहता। - नरेंद्र कोहली
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3 years
कैसे आकाश में सूराख़ हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो।❤️
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4 years
गूँगे निकल पड़े हैं , ज़ुबाँ की तलाश में, सरकार के ख़िलाफ़ ये साज़िश तो देखिये। - दुष्यंत कुमार
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Dushyant Kumar
3 years
गोपालदास नीरज जी की दुर्लभ वीडियो। आज की शाम नीरज के नाम ❤️
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3 years
तुम्हारे पाँव के नीचे कोई ज़मीन नहीं, कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यक़ीन नहीं। - दुष्यंत कुमार
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4 years
तनख़्वाह वो रिश्वत है, जो आपको दिया जाता है, ताकि आप अपने सपने भूल जाएँ। - अज्ञात
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3 years
बिना उद्देश्य घूमने के लिए जो समय निकाल सकता है, वह बेहतरीन मनुष्य है। - एपिक्टेटस
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3 years
सोचने की शक्ति बहुत बड़ा वरदान है, किन्तु न सोचने की शक्ति उससे भी बड़ा वरदान है। - दिनकर
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3 years
मरना लगा रहेगा यहाँ जी तो लीजिए, ऐसा भी क्या परहेज़, ज़रा-सी तो लीजिए। - दुष्यंत कुमार
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4 years
जिस तबाही से लोग बचते थे, वो सरे आम हो रही है अब। - दुष्यंत कुमार
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3 years
आपकी क़ालीन देखेंगे किसी दिन, इस समय तो पाँव कीचड़ में सने हैं। ~ दुष्यंत कुमार
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4 years
न्यूज़ वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। #हिंदी_पत्रकारिता_दिवस
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3 years
हिम्मत से सच कहो तो बुरा मानते हैं लोग, रो-रो के बात कहने की आदत नहीं रही। ~ दुष्यंत कुमार
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@poetdushyant
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2 years
चट्टानों पर खड़ा हुआ तो छाप रह गई पाँवों की, सोचो कितना बोझ उठा कर मैं इन राहों से गुज़रा। - दुष्यंत कुमार
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2K
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3 years
बस वही जीते हैं, जो दूसरों के लिए जीते हैं। - स्वामी विवेकानंद #NationalYouthDay
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Dushyant Kumar
4 years
मौन यही बतलाता है इन निर्वाचित सरकारों का, राजमहल की दीवारों से रिश्ता है हत्यारों का । - डॉ कुमार विश्वास @DrKumarVishwas
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Dushyant Kumar
4 years
काट कर ग़ैरों की टांगें , ख़ुद लगा लेते हैं लोग ���स शहर में इस तरह भी क़द बढ़ा लेते हैं लोग - अज्ञात
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Dushyant Kumar
3 years
वर्तमान को आग में झोंके बिना भविष्य का मार्ग प्रशस्त नहीं होता। - नरेंद्र कोहली
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Dushyant Kumar
3 years
राजनीति में हिस्सा न लेने का सबसे बड़ा दंड यह है कि मूर्ख व्यक्ति आप पर शासन करने लगते हैं। - प्लेटो
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3 years
गिड़गिड़ाने का यहाँ कोई असर होता नही, पेट भरकर गालियाँ दो, आह भरकर बद्दुआ ! - दुष्यंत कुमार
6
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