ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।🌿🙏
देवी दुर्गा के इन स्वरूपों को मंत्र जप के माध्यम से श्रद्धा एवं विश्वास के साथ प्रणाम करने पर जीवन से जुड़ी कैसी भी बाधा या दोष हो, तुरंत दूर हो जाता है🙏।
सिंधु तीर एक भूधर सुंदर। कौतुक कूदि चढ़ेउ ता ऊपर
बार-बार रघुबीर सँभारी। तरकेउ पवनतनय बल भारी।
समुद्र के तीर पर एक सुंदर पर्वत था। हनुमान्जी खेल से ही (अनायास ही) कूदकर उसके ऊपर जा चढ़े और बार-बार श्री रघुवीर का स्मरण करके अत्यंत बलवान् हनुमान्जी उस पर से बड़े वेग से उछले।
जय
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।। श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥
सुप्रभात।
ख़्वाहिश नहीं है मुझ को, मशहूर होने की,
यूं ही चाहतों की चाहत में, मग़रूर होने की ,
मैं तो लिखता हूँ सिर्फ अपनी ख़ुशी के लिए,
न दिखती कोई वजह, मेरे मज़बूर होने की।
🌿 मुंशी प्रेमचन्द।🌿
🌺कठिन है राहगुजर थोड़ी दूर साथ चलो,
बहुत कड़ा है सफर थोड़ी दूर साथ चलो,
तमाम उम्र कहां कोई साथ देता है,
यह जानता हूं मगर थोड़ी दूर साथ चलो,
यह एक शब की मुलाकात भी गनीमत है,
किसे है कल की खबर थोड़ी दूर साथ चलो
अभी तो जाग रहे हैं चिराग राहों के,
अभी है दूर शहर थोड़ी दूर साथ
कितनी प्यारी बात प्रभु श्री राम ने मां सीता से कही है
जो मन को समझ ले, वह पूजनीय है,
फिर चाहे वह मां हो ,प्रेमी हो ,या परमेश्वर।
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं 🌿🙏
ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नम:
गंगा मईया का ये मंत्र सबसे शक्तिशाली माना जाता है. गंगा स्नान के समय 3 बार गंगा में डूबकी लगाते हुए इस मंत्र का जाप करें. मान्यता है इससे सात जन्मों के पाप धुल जाते हैं. मनुष्य मृत्यु के बाद स्वर्गलोक में जाता है.
ओम नमो गंगे नमः ओम
सनातन धर्म में लाल रंग की तरह ही हरे रंग को सुहाग का प्रतीक माना जाता है और कहते हैं सावन में हरी चूड़ियां पहनने मां पार्वती प्रसन्न होती हैं. यदि सावन में भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती को भी प्रसन्न कर लिया जाए तो दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है और सुहागिनों को अखंड सौभाग्य
दरिया तलाशना,कहीं सहरा (रेगिस्तान) तलाशना
मुश्किल है खुद के जैसी ही दुनिया तलाशना
देखे हुए से ख्वाब सा.... एक ख्वाब देखना...
फिर ख्वाब में ही ख्वाब के जैसा तलाशना।🙏🌿
जन्म से लेकर मरण तक दौड़ता है आदमी,
दौड़ते ही दौड़ते दम तोड़ता है आदमी,
एक रोटी ,दो लंगोटी, तीन गज कच्ची जमी,
चार दिन में तीन चीजे जोड़ता है आदमी,
है यहां कितना भरोसा आदमी को मौत पर,
मौत के ही हाथों सब छोड़ना है आदमी।
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