बळती तो बळती , बिजळी लोही पीवे है
मरुधरा में मिनख अबार घणा दोरा जीवे है
रुखां को आसरो छोड़ कूलरां पर जीवे है
मिनख आपरी सोचे, जीनावर किया जीवे है
रूख़ थ्हे काट दिया, जीव छाया कठू लेवे है
मिनख आपरे खोटा कर्मा रा दुखड़ा पीवे है।
#एक_पेड़_मैं_भी_लगाऊंगा
@JATbera1
@ImSChoudhary01