घरवाले, बाहरवाले,इन सभी से,
कभी कभी कितना ऊब जाता है मन,
जी करता है कि भाग जाएं ,
कुछ वक्त के लिए ,कुछ दूर इन सब से,
(ऐसा नहीं की नाराज होकर जाने का मन हो ,बल्कि बस खुद के लिए थोड़ा सा वक्त सब से चुराया जाए बस )
न अपनो की सुने न गैरों की,
बस कुछ वक्त हो सिर्फ अपने लिए ,
खुद के