#2
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Please Do not use the meaningless term"RIP" when someone dies.Use"Om Shanti", "Sadhgati"or"I Wish this Atma attains Moksha/Sadhgati/Uthama Lokas".Hinduism neither has the concept of"Soul"nor its"Resting".The terms "Atma"and"Jeeva"are,in a way,antonyms for the word "soul".
जम कुबेर दिगपाल जहां ते, कबि कोबिद कहि सके कहां ते॥
यमराज, कुबेर आदि सब दिशाओं के रक्षक, कवि विद्वान, पंडित या कोई भी आपके यश का पूर्णतः वर्णन नहीं कर सकते।
शास्त्रों में श्री राधा कृष्ण की शाश्वत शक्तिस्वरूपा एवम प्राणों की अधिष्ठात्री देवी के रूप में वर्णित हैं अतः राधा जी की पूजा के बिना श्रीकृष्ण जी की पूजा अधूरी मानी गयी है।
न कोई आशा न कोई उम्मीद, दिल से बस दो शब्द कि आने वाला नव वर्ष जीवन में आपके लिए सुखद हो।
जीवन के हर क्षेत्र में खूब तरक्की करें, स्वस्थ रहें और सफल जीवन व्यतीत करें नव वर्ष मैं महादेव जी से आपके परिवार में सुख, शांति और समृद्धि लाने की प्रार्थना करती हूं🙏
#3
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Please Don't use the word "Mythology" for Our Historic Epics (Ithihaas) Ramayana and Mahabharata. Rama and Krishna are Historical Heroes, not just Mythical Characters.
समुद्र सभी के लिए एक ही है पर...
कुछ उसमें से मोती ढूंढते है...
कुछ उसमें से मछली ढूंढते है...
और... कुछ सिर्फ अपने पैर गीले करते है
ज़िदगी भी... समुद्र की भांति ही है
यह सिर्फ हम पर ही निर्भर करता है, कि...
इस जीवन रुपी समुद्र से हम क्या पाना चाहते है
और...हमें क्या ढूंढ़ना है..
#1
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Please Stop using the term "God Fearing" - Hindus never ever fear God. For us, God is everywhere and we are also part of God. God is not a separate entity to fear. It is Integral.
भक्ति" हाथ पैरो से नहीं होती है
भक्ति ना ही आँखो से होती है-वर्ना सूरदास जी कभी नहीं कर पाते
भक्ति ना ही बोलने से होती
ना ही "भक्ति" धन और दौलत से होती है
"भक्ति" केवल भाव से होती है-
" भक्ति "एक अनुभूतिहै " भक्ति "जो हृदय से होकर विचारों में आती है
यह बिहार, झारखंड पूर्वी उत्तरप्रदेश और नेपाल में भी मनाया जाता है।यह त्योहार सूर्य भगवान को समर्पित है,ऊर्जा और जीवन शक्ति के देवता सूर्य की पूजा छठ पूजा के दौरान कल्याण,समृद्धि और प्रगति को बढ़ावा देने के लिए की जाती है।मनुष्य की समृद्धि के लिए उन्हें छठीमैया के साथ पूजा जाता
#5
Please Don't refer to Ganesh and Hanuman as "Elephant God" and "Monkey God" respectively. You can simply Write / Say "Shree Ganesh and Shree Hanuman".
# 09.
Please Don't use the word "Sin" instead of "Paapa". We only have Dharma (Duty, Righteousness, Responsibility and Privilege) and Adharma (when Dharma is Not followed).
Please Avoid using the words "Spirituality" and "Materialistic". For a Hindu, Everything is Divine. The words Spirituality and Materialism came to India through Evangelists and Europeans who had a Concept of Church vs State. Or Science vs Religion. On the Contrary, in India,
#4
stop using the words 'Idols', 'Statues' or 'Images' when we refer to the Sculptures of Our Gods.
Use the terms 'Moorthi' or 'Vigraha'. If words like Karma, Yoga, Guru and Mantra can be in the mainstream, why not Moorthi or Vigraha?
लोहे को कोई नष्ट नहीं कर सकता बस उसका जंग..... उसे नष्ट करता है,
इसी तरह आदमी को भी कोई और नहीं बल्कि उसकी सोच..... ही नष्ट कर सकती है!!
सोच अच्छी रखो,
निश्चित अच्छा ...... ही होगा
केदार भी तू, काशी भी तू.
नाथों के नाथ सोमनाथ भी तू..
राम के अति प्रिय रामेश्वर भी तू..
देवों के देव मेरे महादेव हैं तू..
तेरी माया तू ही जाने,
जों जाने उसके अंतकरण में तू..
लफ्ज़ अलग है जज्बात तो एक ही है..
भोले कहो या महाकाल...बात तो एक ही है.
ॐ नमः शिवाय 🔱
मनुष्य का जीवन सरल व सहज होना चाहिए. जिस तरह भगवान् श्री कृष्ण शक्ति सम्पन्न होने के बावजूद भी अर्जुन के सारथी बने और युधिष्ठिर के दूत बने. एक बार तो भगवान् श्री कृष्ण ने दुर्योधन के छप्पन व्यंजन को छोड़कर विदुर के धर सादा भोजन करना पसंद किया.