व्यंग्यकोण / सर्व तर्केभ्यः स्वाहा / सबसे सस्ते दिन / एक चुनाव की आत्मकथा / ट्वीविताएँ / साथ तुम्हारे पाना खोना /बनराकस /अर्बन-राकस/ चाहा बहुत समेटूं पल में
भेड़िये राजनीति में ही नहीं समाज में भी किसी न किसी रूप में उपस्थित होते हैं. समस्या तब विकराल हो जाती है जब...?
#AjayChandel
के
@sbhashatrust
से प्रकाशित कथा-संग्रह 'बनराकस' पर जानें वरिष्ठ पत्रकार
@jai_shiven
की राय.
शेर जंगल में रहता, शिकार वगैरह करता था। दहाड़ता था तो पशु-पक्षी डर जाते थे। जंगल की एक गुफा में बैठा था कि शेरनी उसके पास आई।
शेरनी-खाने में क्या लाऊँ।
शेर-जो मन करे ले आओ।
- फिर भी बोलो तो।
- ठीक है दो मुलायम खरगोश ले आओ।
- खरगोश तो कल ही खाये थे।
एक शहर था हसीनापुर ।हसीनापुर पर तात्कालीन मार्जनीदण्ड नामक वंश का शासन था ।
महाराज रीजक स्वयं को हसीनापुर का मालिक मानते थे और हसीनापुर उनके वंश की संपत्ति । विरोध इनका जीवन था , अवरोध बनना इनका उद्देश्य | आत्म प्रसंशा इनका ध्येय था | प्रतिवाद इनका कर्म था और विवाद इनका धर्म |
#जंगल_जंगल_बात_चली_है
मगरमच्छ की पीठ पर बैठा हुआ वानर विचार कर रहा था, कितने हर्ष का विषय है मेरी बातें सुनने के लिए मेरे मित्रों ने मुझे अपने घर बुलाया है। मगरमच्छ विचार कर रहा था कि वह कैसे अपने मन की बात वानर से कहे और उसका मन हल्का हो जाए।
#पोल_व्रत_कथा
मीडियारण्य में एक बार ऋषि पोलक अपने अट्ठासी हज़ार पोलस्टर शिष्यों के साथ एग्जिट-पोल नामक महायज्ञ कर रहे थे| तब एक जिज्ञासु शिष्य ने पोलक ऋषि से प्रश्न किया, हे ऋषि श्रेष्ठ -
यह पोल क्या है और यह किस प्रकार किया जाता है?
पोल के क्या भेद हैं?
#ExitPolls
#ExitPoll
आम आदमी का हाथ चाँद तक पहुँचे न पहुँचे बूढी अम्मा का हाथ राष्ट्रपति के सर तक पहुँच गया है, यह सुखद है.
यूँ समझिये पूरे देश को आशीष मिला है 🙂
कुछ लोगों का कलेजा इसी में छनक रहा है कि कोई पेड़ लगाने वालों को भी इतना बड़ा इनाम देता है क्या?
एक बार एक आदमी को अपने पूर्वजों की बहुत याद आई। उसने सोचा चलो जाकर कब्रिस्तान में अपने पूर्वजों के सम्मान में उनकी कब्र पर एक चादर चढ़ा आते हैं। ठण्ड भी बहुत है चादर से शायद उनको सुकून मिले और उनकी दुआ से उसको भी सुकून मिले।
आज का थ्रेड - कांग्रेस राज में G20
कुंठित पत्रकारों की सभा हो रही थी। सभी आदि इत्यादि पत्रकार रोनी सूरत बनाकर बैठे हुए थे। बैठे-बैठे सामूहिक सपना देखने लगे। कांग्रेस की सरकार आ गई है और राह–उल–गान्ही प्रधानमंत्री बन गए हैं। जी–२० का आयोजन हो रहा है।
एक बार की बात है, दो मित्र एक एसयूवी में बैठकर यात्रा पर जा रहे थे। उनमें से एक ने कहा "मित्र हम हसीनापुर के पास हैं, मेरी मानो तो कोई बायपास लेकर बाहर से ही इस नगर को पार कर लो। इस नगर से हमें दूर ही रहना चाहिए। अंदर जाना खतरनाक है।"
दूसरे ने आश्चर्य पूछा – "क्यों मित्र?"
हमको अचानक यह ब्रह्मज्ञान प्राप्त हुआ है कि जो यह हमारी भारी भरकम देह है, कुल मिला कर अस्सी किलो वजन की, वह देह है ही नहीं। वह तो पचास ग्राम से लेकर पांच किलो तक के वजन के अंगों का समूह है। हर अंग अलग अलग है,उसकी अलग अलग पहचान है और हर अंग को स्वयं के सञ्चालन की स्वतंत्रता है।
किसान आंदोलन भारत में प्रतिवर्ष सितम्बर से दिसंबर माह के बीच में आयोजित किये जाते हैं। यह वार्षिक आयोजन है राजनैतिक पार्टियों और धरना-प्रेमियों के सहयोग से कोई भी किसान बनकर आंदोलन कर सकता है। चाहे वो गमलों में गोभी उगाने वाले किसान हों अथवा डी.एल.एफ वाले ब्रांडेड शाही किसान।
फूफा ने दो पैग लगा लिए थे। बारात निकलने को ही थी, कि निकासी की रस्म के बाद अड़ गए घोड़े पर तो हम ही बैठेंगे।
लोगों ने समझाया आपकी शादी नहीं है, घोड़े पर तो दूल्हा ही बैठता है।
"ऐसे कैसे? वो घोड़े पर बैठेगा और मैं पैदल चलूँगा?मेरी भी कोई इज्जत है कि नहीं?"
Sanjay Raut, Shiv Sena: Met Nationalist Congress Party (NCP) chief Sharad Pawar at his residence today. I had come to wish him on the occasion of Diwali. We also discussed the politics in Maharashtra. (file pic)
एक बहुत भयंकर किस्म का मोहभंग होने वाला है भाजपा समर्थकों का।
पराजय में समर्थक साथ खड़े हो सकते हैं कायरता में नहीं।
आज अगर भाजपा के नेता चुप रहते हैं और अपने कार्यकर्ताओं को मरने देते हैं तो अगले दस वर्षों में भाजपा वहीं होगी जहाँ आज कांग्रेस है।
आपके पास कई विकल्प हैं -
१. लालकिला फतह कर लिया था आपने, वहीं सूखने ड़ाल दीजिये।
२. आधी गाज़ीपुर और आधी सिंधु बॉर्डर पर ले जाकर बैठ जाइये।
३. टिकैत जी को दे सकते हैं, वो बैठे-बैठे बक्कल तारते रहेंगे।
४. सलीम जादौ जी के झोले में रखवा दीजिये।
५. सबका OCI लगाकर कनेडा भेज दीजिये।
Any wholesaler, trader, commodity house, processor, interested in buying
#chilli
#(green/red)in bulk, direct from
#Punjab
#Ferozepur
farmers, please D.M me !!
@Sandhwan
एक मूर्ख शिरोमणि कहता था odd-even से प्रदूषण कम होगा।फिर कहता दीपावली पर प्रतिबंध से प्रदूषण कम होगा।
कभी कहता बुलेट ट्रेन का किराया 75000 होगा।
कभी कुछ कहता कभी कुछ।
इसीलिए सीएम भी स्थिर दिमाग वाला होना चाहिए। अस्थिर दिमाग वाले को खुद ही पता नही होता कहना क्या है, करना क्या है।
पहले बोले 2000 का नोट लाने से भ्रष्टाचार बंद होगा। अब बोल रहे हैं 2000 का नोट बंद करने से भ्रष्टाचार ख़त्म होगा
इसीलिए हम कहते हैं, PM पढ़ा लिखा होना चाहिए। एक अनपढ़ पीएम को कोई कुछ भी बोल जाता है। उसे समझ आता नहीं है। भुगतना जनता को पड़ता है।
India’s first Lok Sabha MP to be disqualified in the wake of a corruption conviction enjoys a game of badminton while out on bail for ill health. Wish him a speedy recovery.
#जंगल_जंगल_बात_चली_है
वाघोबा आला पळा पळा
जंगल में पिछले दिनों से बड़ी उथल पुथल थी। सरकार भेड़ियों और कानून व्यवस्था चिम्पांजियों के हाथ में आ गई थी। भेड़ियों ने मिलकर एक नए जानवर को राजा बना दिया था।
साथ ही घर में दारू का नल कनेक्शन, रोज एक मुर्गी। पकाने के लिए बावर्ची। एक पजेरो दो निजी सेवक,Z+ सुरक्षा भी देनी चाहिए।साल में दो बार थाइलैंड का टिकट, एक बार कनेडा का रिटर्न टिकट।
सरकार चाहे तो इनके मनोरंजन के लिए एक टैक्सपेयर को रोज इनके सामने फांसी पर लटका दे। आखिर अन्नदाता हैं।
#WATCH
| General Secretary of Punjab Kisan Mazdoor Sangharsh Committee, Sarvan Singh Pandher says, "We will start from Beas & stay at Fatehgarh Sahib. Our demands are the same- MSP guarantee law, Sugar cane should be joined with C200...When a farmer turns 60 years old he should
इंद्र बोले - इसमें हमारा हाथ नहीं है। हमारे पानी का स्टॉक तो मानसून में ही समाप्त हो गया था। बच खुचा हमने दक्षिण भारत में मुरुगन स्वामी को सप्लाई कर दिया। हो सकता है केजरीवाल ने स्वयं अपने तपोबल से यह वृष्टि कराई हो?
आखिर वो भी तो महान तपस्वी हैं। IIT से पढ़े हैं।
दिल्ली में हल्की बारिश शुरू भाजपा नेताओं का प्रतिनिधि मण्डल इंद्र देवता के पास पहुँचा “प्रभु ये क्या किया? यही तो मौक़ा था
@ArvindKejriwal
के विरोध का आपने पानी फेर दिया”
युवराज ने धनुष उठाया, और तेल की कड़ाही के पास जाकर खड़ा हो गया। उसने कड़ाही हो देखा, कड़ाही में भरे तेल को देखा, सभा में भरे लोगों को देखा, दो तीन को तो मन ही मन गले भी लगाया। ऊपर लटकती मछली को देखा और उसे अपना चुनाव चिन्ह दिखाते हुए कहा डरो मत।
#पंचसिन्धु_अभियान
रीजक की सभा में सुरा प्रवाहित हो रही थी। एक पर एक मुफ्त मिलने वाली सुरा को दरबारी जम कर पी रहे थे। प्रजा के लिए भी रीजक नें गली गली मधुशाला की व्यवस्था कर दी थी, प्रजा में भी पूस-माघ के शीतकाल में योजनाओं का भरपूर लाभ उठा रही थी।
जाहिल, गँवार,जंगली सब ग्रसने आ गए।
कैसे कैसे लोग मेरे मुल्क में बसने आ गए।
एक साँप को पकड़ कर जंगल में छोड़ दिया,
और कई सांप बिलों से निकले, डसने आ गए।
एक बुजुर्ग, सीढ़ियों पर फिसल के गिर गया,
और सब गिरे हुए लोग उसपर हँसने आ गए।
गुड़िया पापा के घर आते ही,
जाकर तत्काल लिपटती है।
क्या लाये हो पापा कहकर,
कौतुहल से झपटती है।
और आज यह दृश्य विदारक,
नहीं वो कुछ भी कहती है।
नन्ही गुड़िया दूर खड़ी,
पिता को अपने टकती है।
#CoronaWarriors
संयुक्त किसान मोर्चा ने सिंघु बॉर्डर की घटना से अपना पल्ला झाड़ लिया और कहा कि हमारा निहंग समूह से कोई लेना देना नहीं है।
हर घटना के बाद ऐसे कह देना कि हमारा कोई लेना देना नहीं है ... ऐसे कैसे काम चलेगा
@RakeshTikaitBKU
जैसे साइकिल वालों के लक्षण दिख रहे हैं, अगर बदकिस्मती से जीत गए तो बंगाल से अधिक उत्पात उत्तर प्रदेश में होगा और हार गए तो बीजेपी इकलौती पार्टी बनेगी जो हारने पर भी पिटती है जीतने पर भी।
एक बात समझ नहीं आती, कोई शोभयात्रा निकाले या जुलूस, लेकिन दूसरे पक्ष वालों का हुजूम अचानक उमड़ पड़ता है, मतलब एकदम 'फ्लैशमॉब'? भड़कते तो दो-चार आदमी भड़कते और दस बीस देखने जमा हो जाते, लेकिन उधर तो सब भड़कने के लिए पहले से ही झुण्ड बनाकर तैयार बैठे रहते हैं।
Punjab must remain under president rule for 1 year before any election. Let them cry, but Khalistan cleanup is required before elections.
If they stopped PM from entering the state, they will kill BJP leaders during elections. West Bengal model.
शेर बड़ा बेआबरू सा होकर वहां से निकला, सामने से एक वामपंथी वोक आता दिखा। शेर ने कौए से कहा इससे और पूछ लूँ क्या?
कौआ बोला रहने दो महाराज कल प्रातः स्मरणीय अजीत ब्रो का वीडियो देखा था, अगर इस वामपंथी से पूछा तो आपके मुंह में बीड़ी और हाथ में रंगीन झंडा पकड़ा देगा भागो।
बोले कौआ कैसी होली? क्या होता है रंग।
काले तन मन वाले कौए ठीक नहीं तोरे ढंग।
तू काला, तेरी चोंच है काली, काले बोले बोल।
तुझपर रंग चढ़े न कोई, ओ डामर के घोल।
एक गरीब नेता था, चुपचाप नेतागिरी करता था। नेतागिरी करते करते जो मिलता उसी में गुजारा कर लेता। कभी सत्ता मिलती कभी न मिलती। लेकिन वह अपना काम करता रहता । एक बार वह चुनाव में गया और वोट मांगने लगा। किसी झूठे प्रचार के कारण उसके हाथ से फिसल कर उसका वोटबैंक चुनाव के बीच गिर गया।
शेर भागते भागते वापस सम्राट अशोक के पास पहुंचा तो सम्राट हंसने लगा, बोला - न नख न दांत, न दहाड़ न गुर्राहट, शेर हो या शेरू-ऑन-टॉप? तुम रहने दो, मैं शेर जैसे चार साधारण शेर ढूंढ लूंगा, जाओ कहीं भजन करो।
शेर वहीं धम्म से बैठ गया।
Beware of the leader who bangs the drums of war in order to whip the citizenry into patriotic fervor, for patriotism is indeed a double-edged sword. It both emboldens the blood, just as it narrows the mind. And when the drums of war have reached a fever pitch... 1/2
I repeat PK से सावधान। भले दो चरण बचे हैं लेकिन अचानक इनके इतने इंटरव्यू, भाजपा को जीता हुआ बताना। पुरानी रणनीति ही लगती है।
वोटर और कार्यकर्ता घर न बैठ जाएं। खासकर दिल्ली, हरियाणा में।
मंदिर जो होता है वो मंदिर तब ही लगता है जब वह जर्जर हो। आसपास गंदगी हो और भीड़ भाड़ अव्यवस्था से पटा हुआ हो। पास का जलकुंड या नदी इतनी गन्दी हो कि उसमें आस्था की डुबकी जानलेवा हो। जहां प्रवेश द्वार संकीर्ण और दर्शन धक्के के साथ होते हों।
“काशी में मंदिर तोड़कर होटल बनाये जा रहे हैं..
अब वो काशी विश्वनाथ मॉल हो गया है, मंदिर नहीं।”
बनारस विश्वनाथ मंदिर के महंत से
@thewire_in
पर मेरी ख़ास बातचीत
गांधीजी बोले - वो तो है। खूंखार तो हो। एक काम करो तुम अपना सर झुका कर रहा करो। आखें और सर झुका रहेगा तो सभ्य शरीफ समझे जाओगे। नहीं तो ऐसे घूर के देखोगे तो मेरी बकरी डर जाएगी। फिर पता नहीं दूध दे या न दे। सर झुका कर असहिंसक बने रहना, कोई कितना भी उकसाए दहाड़ना भी मत।
लालू जी ने नील आर्मस्ट्रांग को अपने तबेले में ही पाला था। भैसों का दूध दुहने से ही नील के आर्म स्ट्रांग हो गए थे। और फिर वो भैंस का दूध भी पीता था। बचपन में तेजप्रताप और नील आर्मस्ट्रांग एक साथ खेलने का काम करते थे।
- तो हिरन ही मार लाओ।
- उसके शिकार के लिए तो बहुत दौड़ना पड़ेगा। आज मन नहीं है।
- तो एक भैंसा ले आओ।
- भैंसा हैवी हो जाएगा।
- फिर कोई छोटा जानवर ले आओ।
- अब छोटे मोटे जानवर के लिए क्या ही शिकार पर निकलूं।
- तो जो मन करे ले आओ।
- फिर भी बोलो तो।
भारतवर्ष में कहीं कोई भी बात हो गांधी जी सबका मार्गदर्शन कर डालते हैं,कोई उनका मार्गदर्शन न माने तो अनशन कर के मार्गदर्शन करवा के ही दम लेते हैं।
शेर गाँधीजी के पास गया बोला-गांधीजी बड़ी दुविधा में हूँ, समझ नहीं आ रहा क्या करूँ। मॉडलिंग करनी है,ये कौआ कहता है मैं खूंखार दिखता हूँ
शेर बोला - ऐसा ही करूँगा और उसने सर झुका लिया।
गांधीजी बोले - थोड़ा नेहरू से भी पूछ लो, बढ़िया सलाह देंगे। वे मॉडलिंग मामलों के जानकार हैं।
शेर नेहरू के पास गया। बोला पंडित जी मॉडल बनने के लिए क्या करें, कुछ सलाह दीजिए।
"तुम तो पूरे छलनी हो गए हो। जब तुम्हारा युद्ध ही नहीं था तो दोनों रथों के बीच खडे होकर क्या कर रहे थे?" वैद्य ने प्रश्न किया।
"उड़ते हुए तीर गिन रहा था, अर्जुन ने भी उड़ाए अंगराज ने भी, मैंने सब ..." कहते हुए योद्धा कराह उठा।
Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal: There was no negativity against AAP in Delhi...many people said "it is a big election, election of Rahul ji & Modi ji, it isn't Kejriwal's election, let your election come & we will vote for you based on your work"
इतनें में एक कौआ उड़ता हुआ आया और बोला - कांव कांव महाराज।
क्या खबर लाया रे कौए, आज फिर किसी नें पैनी कलम मार दी क्या?
नहीं महाराज, सम्राट अशोक ने आदेश निकाला है - एक स्तम्भ बनवाना है, मॉडल शेरों की आवश्यकता है। आप प्रयास क्यों नहीं करते।
- वो तो नहीं पता महाराज, ये या तो सम्राट अशोक बता सकते हैं या उनके कोट धारी प्रोफेसर साहब। अगर मैंने बता दिया तो इतिहास की चोरी का इलज़ाम मेरे सर आएगा।
शेर कुछ सोच कर बोला - कोई है जो मेरा मार्गदर्शन कर सकेगा?
कौआ बोला-आप चाहो तो महात्मा गाँधी जी से पूछ लो।
- रहने दे! कल के शिकार की कुछ हड्डियाँ पड़ी हैं आज वही खा लूंगा।
- कल का ज्यादा नहीं बचा है, कुछ तो लाना ही पड़ेगा।
- तो एक काम कर आज मैगी ही उबाल ले।
शेरनी ने कहा ठीक है, आराम से करती हूँ फिर, और वहीं आराम से बैठ गई।
नेहरू बोले-तुम लोग खूंखार दिखने की कोशिश करते हो, इसीलिए मैं लोगों को सांप-सपेरे देखने बुलाता हूँ। वैसे तो सब ठीक है, लेकिन तुम्हारे नाखून बड़े पैने हैं। ये किसी को चुभ सकते हैं इनको कटवा दो, इससे किसी को अहसास ही नहीं होगा कि तुम शिकार करते हो। शेर बिलौटा भाई भाई का नारा लगाओ।
फिर क्या करें?
एक काम कीजिये इंदिरा जी से और पूछ लीजिए, वो कोई उपाए बातएंगी।
शेर इंदिरा जी के पास पहुंचा और अपना दुःख सुनाया।
इंदिरा जी ने संजय को बुलाया और कहा इसके मुंह में सेकुलरिज्म ठूंस के इसके दांत निकलवा दो, और सबको इसका नाम शेर बताना। ये शेर सिंह है किसी को पता न चले।
जिस दिन ट्विटर पर जनता ने झूठे समाचार और जहरीले पत्रकार पकड़ना शुरू कर दिया था जनता उसी दिन चौकीदार हो गयी थी.
मीडिया का चौकीदार बना है सोशल मीडिया, मीडिया में न झूठ चल पाता है और न कोई बकवास, यह चौकीदारी भी कम है क्या?
वैसे तो इस थ्रेड में तर्क वगैरह हो स्वाहा ही समझिये। फिर भी अगर बिना किसी तर्क के ही पढ़ सकें तो पढ़ें।
एक नई फिल्म के टीजर देखने के बाद, हमने सोचा अगर पुराने जमाने के टिपिकल मसाला फिल्मों वाले इस फिल्म के डायलॉग लिखते तो कैसे लिखते। डायलॉग और सीन कैसे होते?
शेर - अरे मैं कहाँ, मैं तो जंगल में ही खुश हूँ ,कहाँ मॉडलिंग वगैरह करूंगा।
कौआ - भत्ता योग्यता अनुसार और खाना-रहना अलग मिल रहा है ।
शेर ने शीशे में स्वयं को देखा, स्वयं को चुस्त-दुरुस्त फिट-फाट पाया जैसा कि जंगल के राजा को होना चाहिए।
आधे इसे शेर खान समझें आधे शेर सिंह। फिर ये पूरी तरह से भारतीय संविधान का प्रतीक बन जाएगा।
शेर इससे पहले कि वहां से भागता उसके गले में ट्रांजिस्टर लटक गया था, दांत कुंद कर दिए गए थे।
शेर जैसे तैसे भागा तो राजीव जी ने रोक लिया।
#SuperAgentD
जम्बूद्वीप में महाराज का जबसे शासन हुआ तब से राज्य में सब प्रसन्न थे। महाराज को हर बात की खबर होती थी, देश के अंदर की भी और बाहर की भी। उसका कारण था महाराज का विश्वासपात्र जासूस, एजेंट डी।
#SuperAgentD
डी के बारे में बहुत सी कहानियां प्रचलित थीं।
शेर का दुःख सुनकर बोले, मॉडलिंग करना चाहते थे तो मिलान-पैरिस क्यों नहीं गए। वैसे भी भारत में पहले पेड़ गिरते हैं और फिर धरती हिलती है, उसके बाद स्मारक बनते हैं।
शेर बोला - सीधा बताओ।
राजीव जी ने पत्नी की तरफ देखा। सोनिया जी ने कहा हमारे पास अपना सिंह है, इसकी क्या जरूरत है।
शेर बोला-ऐसा ही होगा। शेर ने नाखून कटवा लिए।फिर भी शेर को कुछ कमी सी लग रही थी।
बोला-अभी भी कुछ खटक रहा है।
कौआ बोला-महाराज आपका नाम।आपका नाम शेर सिंह है, इससे राष्ट्रवादी,पितृसत्तात्मक मानसिकता का भान होता है।एक वो MGM वाला शेर देखिये कितना क्यूट लगता है एक अपने आप को देखिये।
भाजपा के लिए सीख :
जब मौका मिले पहले वो करो जो करने के लिए मौका मिला है। दो बार में नहीं करेंगे तो तीसरी बार में ऐसे ही धोखे मिलेंगे।
बाकी जैसी अब राम जी की इच्छा।
वहां से निकला तो सामने से मोदीजी आते दिखे, मोदीजी ने शेर को देखते ही पहचान लिया कि किसी काम का नहीं रह गया है तो उसके कान खींचे फोटू खिंचवाई और ये कहते हुए निकल गए कि स्मारक वाले शेर तो वही होंगे जिनको सम्राट अशोक चुनेंगे।
अभी देखना शुरू किया है
हिंद के पहरेदारों ने
कितना लूटा, कितना खाया
पिछले सब गद्दारों ने
कितना रोका, कितना बांधा,
कितने अत्याचार किए
क्या क्या तोड़ा, क्या क्या लूटा,
कितने नर संहार किए
कितना खून पिया हिंद का,
अंसारी–मुख्तारों ने।
अभी देखना शुरू किया है
हिंद के पहरेदारों ने।
हमारा नैरेटिव यह है कि जिस पार्टी का मुखिया कैलकुलेट कर के बुलेट ट्रेन का किराया 75000रू बताता हो उसे आर्थिक मामलों में नहीं पड़ना चाहिए। विज्ञापन दीजिए मीडिया को खुश रखिए और आप भी रहिए।
मोदी जी के कारण हमारे बैंकों और LIC ने देश के आम लोगों का पैसा अड़ानी को दे दिया और हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक़ अड़ानी ने उस पैसे से फ्रॉड करके अपने शेयर उछाले, यानी पैसे कमाए। और फिर बैंकों से पैसा लिया।इसलिए दोनों नैरेटिव सही हैं।
बताइए आपका नैरेटिव क्या है ?
ऊपर से आप ठहरे खूंखार मांस खाने वाले। सम्राट अशोक तो बौद्ध हो गए हैं, बौद्ध शेरों को ही प्राथमिकता देंगे।
- ये बौद्ध शेर कैसे होते हैं?
- महाराज वही, जो मांस नहीं खाते, शिकार नहीं करते, और शांत रहते हैं।
- अब शेर मांस नहीं खाते तो क्या खाते हैं?
बाल थोड़े बिखरे से थे, चाल थोड़ी गर्वीली थी, नाखून बड़े तेज़ और मुँह खोला तो दांत एकदम पैने, किस जैसे किसी जानवर की गर्दन पर गड गए तो बचना नामुमकिन। फिर भी कम्पटीशन की बात थी, क्या पता सम्राट अशोक को कैसा शेर पसंद आए।
शेर ने शेरनी को आवाज दी-सुनती हो! कहो तो चले जाएँ मॉडल बनने।
मेरे हिसाब से तो हिमंता विश्वशर्मा नें बरैया के छत्ते में पत्थर मारा है। मिज़ोरम-असम के सारा कांड माहौल बिगाड़ने के लिए ही रचा गया है। असम पर शासन चलाना आसान नहीं होगा। पूरा क्रिस्लामी लिबरल इकोसिस्टम पूरा जोर लगाएगा।
आगे मुँह बंद रखना चाहिए, कोई गबन्नर FIR लेकर पीछे न पड़ जाए।
शेरनी बोली - दिन भर गुफा में पड़े रहते हो, जो करना हो करो बस किसी दूसरी शेरनी की तरफ मुंह उठा के मत देख लेना, नहीं तो कल से खाना नहीं मिलेगा।
शेर नें पूछा - क्या करूँ कि कम्पटीशन जीत जाऊँ?
शेरनी ने प्यार से कहा - आप तो वैसे भी हीरो हो।शान से जाओ उनको मॉडल बनाना हो तो बनायें
हमारे गाँव में लोग बूढ़े नहीं होते, बाल सफ़ेद होने पर सियाने हो जाते हैं। गाँव की परम्पराओं, रीति रिवाजों और विधियों को सियाने ही जानते हैं। सियाने ही कहानियाँ सुना सुना कर बच्चों और जवानों को सिखाते हैं कि किस त्यौहार या अन्य किसी उपलक्ष्य पर क्या कैसे और कब करना होता है।
नहीं तो भाड़ में जाएँ। दो वक़्त के खरगोश तो मार कर हम खा ही रहे हैं। सीना चौडा कर के, गुर्राते हुए जाओ।
शेर खुश हुआ। थोड़ा आत्मविश्वास भी बढ़ गया। शेर ने कौए से पूछा - तू बता जाऊं ऐसे ही?
कौआ बोला - जाओ महाराज जैसा ठीक लगे, लेकिन ऐसे में कोई आपसे डर न जाए।
बहुत कम लोग जानते हैं कि यह 6000 साल पुरानी मस्जिद स्वयंभू है। अपने आप प्रकट हो गई थी।
कुछ लोग ऐसा भी मानते हैं की इसका निर्माण मयदानव ने औरंगजेब के कहने पर किया था। उस समय मयदानव दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में पढ़ता था। सिसोदिया जी उस समय नए शिक्षा मंत्री बने थे।
दिल्ली में एक मस्जिद जो लगभग 6000 साल पुरानी थी, जहां अनाथ बच्चे रहते थे और इंजीनियर बनने के लिए जी जान से लगे हुए थे, उस इमारत को अतिक्रमण और अवैध निर्माण कहकर जमींदोज कर दिया गया है। क्या सोचते होंगे वह यतीम? 6 हजार साल पुरानी मस्जिद अवैध निर्माण कैसे?? क्या यही संविधान है???
कुछ ही देर में मतगणना होगी। सूत्रों के अनुसार इस बार मतगणना में वोटों की गिनती की जायेगी। चुनाव आयोग ज्यादा वोट पाने वालों को विजेता भी घोषित कर सकता है। हारने वाले नहीं बन पाएँगे विधायक।
In 2014, we all believed Modi was the answer.. he could achieve anything. He proved us right - in just 5+ years he has made even Rahul Gandhi look like a better option!!
इस अनपढ़ महिला की बातों में न आएँ अपनी अकल लगाएँ। विरोध का कार्यक्रम अगर इस स्तर तक प्रायोजित है तो समझें कि सरकार का निर्णय सही दिशा में है।
ये अपढ़े jnu वाले mphil बंद होने की भड़ास कहीं तो निकालेंगें।
It’s deeply unfair that students of India are asked to sit national exams during the Covid-19 pandemic and while millions have also been impacted by the extreme floods. I stand with their call to
#PostponeJEE_NEETinCOVID
अगर मैं रेलमंत्री होता तो पश्चिम बंगाल की रेल सेवा तुरंत बंद कर देता। सभी अखबारों , टीवी, लोकल टीवी में खबर चला देता कि जब तक प.��ंगाल की मुख्यमंत्री रेल, स्टाफ, यात्रियों, संपत्ति और स्टेशनों की सुरक्षा की गारंटी या CRPF को खुली छूट नहीं देती, तब तक सेवा बंद रहेगी।
अगले २१ दिन हमको यह विचार करना है कि बाईसवें दिन जब हम शून्य से शुरू करेंगे तो चुनौतियाँ और विकराल होंगी। कोरोना के चक्र को तोड़ने के बाद चीन की कमर भी तोड़नी है। चलो २१ दिन योजना बनाते हैं। कुछ मिथक तोड़ते हैं। हमें एक साथ खड़ा होना ही पड़ेगा।
इसमें कुल दो साल एक महीना और पच्चीस दिन लगेंगे और छब्बीसवें दिन से वहाँ सालाना उर्स शुरू हो जाएगा। परम्परा सदियों पुरानी होने की मान्यता स्थापित होगी और उर्स भी हज़ारों साल से कम क्या ही माना जाएगा?
फ़कीर ने कहा - ऐसे ही लोगों के जज़्बात का सौदा होता है। ऊपर वाला सब देख रहा है।
पढ़ंतरा के पठ्ठे देखो हाथ में पत्थर है,
लाइब्रेरी के 'लाई' का कौन सा चक्कर है?
बस फूंक आये हैं, मुँह भी छुपाए हैं,
किताबें तो बहाना है, दंगाई घुस आए हैं।
चोरी कर सीनाज़ोरी दिखा रहे सारे सठ,
उपचार इनका हो, बजाए जाएँ रोज लठ।
आपके पास गुस्से की ढेरी है, क्रूरता बथेरी है
हमारे पास टूटी-फूटी ही सही, एक लाइब्रेरी है।
आपके पास गोली की गति है, डंडे की क्षति है,
हमारे पास किताबें हैं, सितार है, माँ सरस्वती हैं।
दीपावली हो गयी। इस बार कई वर्षों के बाद अपने घर, मध्यप्रदेश में थे। कोरोना के बाद भी दीवाली खुलकर ही मनाई गई। वास्तव में कोई प्रतिबन्ध नहीं था।
@ChouhanShivraj
जी को बहुत धन्यवाद।
घर से हम सब जो पिछले छह सात महीनों से बंद से थे, थोडा बहुत बाहर निकले। परिवार इक साथ आया।
एक था न्यायालय। सबसे ऊँचा। ऐसा समझो कि उसके सामने बाकी सब नीचा था। उसमें न्यायाधीश थे - मु.न्या. , दू.न्या. और ती.न्या।
जब चाहे लेते संज्ञान,
और बघारा करते ज्ञान।
गुस्सा होकर बैठी देवी,
मिली नहीं थी उन्हें जलेबी।
तीनों ने एक बेंच बनाई।
और शुरू कर दी सुनवाई।
JNU के कुलपति का सीना चौड़ा होकर फैला गया होगा जब उन्होंने सुना होगा कि उनके यहाँ के एक छात्र के पीछे पांच राज्यों की पुलिस लगी है।
छात्रों में भी भारी आनंद का माहौल होगा, उनका एक साथी इत्ता बड़ा आदमी बन गया। JNU का आदर्श विद्यार्थी इमाम।वाह!
वैसे कहीं और का होता तो निकाल देते।
माई बाप तो वैसे भी आप लोग ही हैं मीलॉर्ड। आप ही देख लेते, कौन सी क्रीम गोरा करती है, कौन से डियो से अप्सराएं उतर आती हैं। कौन सी मैगी दो मिनट में पक जाती है। आप सब विज्ञापनों की विवेचना करिये प्रभु।
बिन शक्कर के फीके लड्डू,
���ैया बांटें मनमौजी
खुद आजमगढ़ जीत गए,
हार गईं पर भौजी
भैया सबकी थाली में,
रख रहे पूड़ियाँ चार
डिंपल भौजी गुस्से में थीं,
न सब्जी दी न अचार
हार गई भौजी डिंपल,
जीते भैया अखिलेश
हाथी वाली बुआ को लेकर,
घर में मचा कलेश
अरे लडैया!
डूबी नैया
कौन खिवैया?
गधा गधैया
टुकड़ा टुकड़ा
काला मुखड़ा
चेंथी लाल
मोटी खाल
रवीश कुमार
किए प्रचार
सूखे मुंह के
जनता थूके
खूब मवाली
फिल्मो वाली
पैसा वैसा
कैसा कैसा
गाडी वाड़ी
चिरकुट दाढ़ी
खोटी नीयत
पूरी आफत
जनता ताड़ी
लात पिछाड़ी
एक बार बादशाह अकबर ताजमहल के आँगन में बैठकर एक नाई से दाढ़ी बनवा रहे थे। नाई बीरबल से बहुत चिढ़ता था इसलिए हमेशा अकबर के कान भरता रहता था। पुष्पेश जी बस रसोई से रिसर्च करके निकले ही थे, और निकलते ही उनके मुंह से निकल पड़ा वाह बादशाह सलामत आज आपके दादा बाबर होते तो -
फ़ैल बाबू को प्रणाम पहुँचे,
आप यह सोचिये जो आदमी इस पंद्रह मिनट के भाषण जे लिए सालों पहले से तकनीक विकसित करवाता है, फिर परिक्षण के लिए महीनो पहले एक फ़र्ज़ी सैटेलाइट अंतरिक्ष में बिठाता है ताकि चुनाव के बीच में उसे फोड़ सके. उसने कितनी दूर की सोच रखी होगी?
😁
सिद्धू डीके थे दो भाई
एक कुर्सी पर हुई लड़ाई
सिद्धू बोला मैं बैठूंगा
डीके बोला मैं बैठूंगा
झगड़ा सुनकर मम्मी आई
दोनों एक चपत लगाई
आधा टाइम सिद्धू बैठे
आधा टाइम डीके बैठे
ऐसा झगड़ा कभी न करना
दोनो मिलकर खाते रहना
If Indian troops don't withdraw from the southern bank of Pangong Tso Lake, the PLA will confront them all winter long. Indian troops' logistics are poor, many Indian soldiers will die of freezing temperature or COVID-19. If a war breaks out, Indian army will be defeated quickly.
रावण परलोक में दुखी बैठा था। उसे अपने जीवनकाल के सारे कांड याद आ रहे थे। कैसे उसके कट्टर सनातनी पिता के होते हुए उसमें राक्षसों के गुण आ गए। कैसे उसने अपने भाई से लंका को पाया। उसे दुख इस बात का था कि विभीषण ने उसके साथ विश्वासघात किया, जिसके कारण उसका राजपाट चला गया।
डुग डुग-डुग डुग-डुग डुग-डुग डुग-डुग डुग
मेहरबान कदरदान साहिबान
कुर्सी का खेल देखिये,
खेल की धार देखिये।
मुँह से टपकती लार देखिये,
उसपर वक़्त की मार देखिये।
जमूरा हाज़िर है मेहरबान,
बच्चे बूढ़े, कमसिन और जवान।
'घडी' देखते रहिये साहिबान...