ये कौन-सा सिस्टम है भाई?
चाय की दुकान पर बैठा हूं।तीन भाई साहब आये गुटखा मुंह में भरकर, सिगरेट भी लिए हैं,चाय भी मंगा लिए।
अब मैं तो इस सोच में हूं इतना टैलेंटेड लोग कैसे हो सकते हैं… एक साथ इतने काम।
सबका स्वाद अलग-अलग होता होगा।
हद है यार, ग़ज़ब तमाशा है।