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@aaadhyatmik

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||Vëd|| Pürãn|| Upnïshãd|| ग्रंथ|| Bhäktï|| Jyötish|| Tânträ|| Mânträ|| Yânträ|| Sâdhnä|| Pööjã|| Vâstü|| Itïhäs|| दर्शन|| सनातन||🚩

देवभूमि
Joined June 2017
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@aaadhyatmik
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20 hours
कुछ अन्य रेखाएं 👉🧵 1. स्वास्थ्य रेखा (Health Line): स्थान: छोटी अंगुली के नीचे से शुरू होकर, हथेली के निचले हिस्से तक जाती है। अर्थ: स्वास्थ्य, कार्यक्षमता और बीमारियों का संकेत देती है। यदि यह रेखा टूटी या बाधित हो, तो व्यक्ति को स्वास्थ्य की समस्या होती है।
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@aaadhyatmik
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11 days
And today....whole nation cried!💔 #RatanTata
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10 months
ऋषि परशुराम ने वासुदेव कृष्ण को दिया सुदर्शन चक्र 🚩
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11 months
समय बड़ा बलवान
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10 months
काल बड़ा बलवान है सबको नाच नचाए
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10 months
मृत्यु से अटल सत्य और कुछ भी नही ‼️
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11 months
समय बड़ा बलवान
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10 months
जीवन दाता एक है समदर्शी भगवान
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11 months
जहां धर्म है वहाँ कृष्ण है, और जहां कृष्ण हैं वहीं विजय है।
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8 months
हे शिशुपाल! १०० पाप माफ़ के पश्चात् मैं दंड भी देता हूँ क्यूँकि मैं कृष्ण हूँ ..
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11 months
जो हरि चरण ऋषि मन मे बसे है। वे ऋषि चरण पखार रहे है।।
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10 months
कर्म करे किस्मत बने जीवन का ये मर्म
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10 months
सब मान गए, सब मान रहे बस केशव को बस केशव को।
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10 months
प्रश्न हमेशा धर्म और अधर्म के बीच होता है।
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11 months
निरंतर अभ्यास से हर कार्य सुगमता से हो जाता है।
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11 months
तुम नर हो पार्थ, और मैं नारायण‼️
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11 months
ज्ञान ही उत्तम है पार्थ
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10 months
जहाँ धर्म है... वहीं मैं हूं...!
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8 months
हे अर्जुन ! सबके आंसू धीरे धीरे सूख जाते है यही मेरी मेरी प्रबल माया है
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10 months
सुख दुख लाभ हानि जय पराजय से ऊपर उठो पार्थ
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10 months
हे पार्थ ना ही मुझे कोई प्रिय है, ना ही अप्रिय|
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11 months
जिसे हर दिशा हर वस्तु में मैं दिखाई दूं वह तो कभी भटक ही नहीं सकता।
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10 months
तुम केवल एक नारी नही हो कल्याणी तुम समस्त नारी जाति का स्वाभिमान हो।
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10 months
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् । धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे!
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11 months
धर्म का अडिग मार्ग ही मोक्ष का रास्ता है।
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11 months
कर्म के बिना तो जीवन की यात्रा अकल्पनीय है। आप सभी कृष्ण परिवार को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं 🚩
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9 months
एक पल में त्यागने की क्षमता अवश्य होनी चाहिए - श्री कृष्ण
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10 months
जब संसार सोता है तब मुनि जागता है
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10 months
प्रभु का नाम भाव से लेने में प्रभु कृपा निश्चित है।
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10 months
कर्ण को ऋषि परशुराम का श्राप
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11 months
क्रोध बुद्धि का विनाश कर देता है।
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1 year
मृतकों से पटी हुई भू है, पहचान, कहाँ इसमें तू है।
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11 months
संसार मे ज्ञान से बढ़कर कुछ भी नही।
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10 months
कुरु वंश को शांति के मार्ग पर ले चलिए... प्रभु!
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10 months
जहाँ धर्म है...वहीं मैं हूं
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8 months
कृष्ण कहते है “दोष भाग्य को क्यूँ देना”…..
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11 months
केवल निष्काम कर्म करने वाले की ही आत्मा इस शरीर में खुश रह सकती है।
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11 months
श्री कृष्ण का विराट रूप
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1 year
मै ही वो धागा हूं जिसमे ये सारी प्रकृति मणियों की भांति पिरोई हुई है।
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10 months
अपनी इंद्रियों को अपने वश में रखो
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9 months
श्री कृष्ण : हे कौनतेय वेदों में ओंमकार मै ही हूं।
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10 months
ज्ञानी का कर्म निस्वार्थ क्यों है |
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11 months
अधर्म की भी एक सीमा होती है। नीचता की पराकाष्ठा को पार करते ही किसी भी अधर्मी का विनाश तय है।
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10 months
मृत्यु से अटल सत्य और कुछ नहीं
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11 months
तुम नर हो और मै नारायण
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10 months
क्रोध बुद्धि का विनाश कर देता है।
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10 months
हे धनंजय मुझ में मन लगाओ सबसे बड़ा सत्य तो मैं ही हूं।
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11 months
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत:। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ हे भारत, जब-जब धर्म का लोप होता है और अधर्म में वृद्धि होती है, तब-तब मैं धर्म के अभ्युत्थान के लिए स्वयम् की रचना करता हूं अर्थात अवतार लेता हूं।
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10 months
ज्ञानी पुरुष की भाँति कर्म करो।
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11 months
मोह से मुक्त होकर अपने कर्तव्य का पालन करना कर्म का कौशल है।
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11 months
जीवन कोई जुआ नही है,जीवन एक चेतना है। इसको बहुत सही ढंग से इस्तेमाल कीजिए।
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11 months
निष्काम कर्म ही जीव के मोक्ष का मार्ग है।
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1 year
जिसे हर दिशा, वस्तु में मैं दिखाई दूं, वह तो कभी भटक ही नहीं सकता।
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11 months
जिसे हर दिशा और हर वस्तु मे केवल मे ही दिखाई दू। वह तो कभी भटक ही नही सकता।
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11 months
मीत! शरण में आन खड़ी मैं, रक्षा मेरी आज करो| लाज बचाने को मधुसूदन, आकर मेरी बाँह धरो||
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10 months
नारी तो शक्ति है नारी के बिना नर सम्पूर्ण नही है।
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11 months
विश्व रूप दिखला रहे विश्वम्भर भगवान, आँखे जिनके पास हो, ले उनको पहचान ।
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11 months
जो मुझे नही भूलता मै उसको कभी नहीं भूलता
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11 months
मित्र चार दिन रोता है, भाई दस दिन रोता है, पत्नी उससे अधिक रोती है, माता सबसे अधिक समय तक रोती है। परंतु सबके आंसू धीरे-धीरे सूख जाते है।
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11 months
अपनी इंद्रियों को अपने वश में रखो !
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11 months
धर्म की हानि होती क्यों है?
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9 months
कर्म का परिणाम मनुष्य के हाथों में नहीं है ।अपने कर्म में स्थिर रहना चाहिए।
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11 months
जब जब धर्म का ह्रास होता है तब तब मै प्रकट होता है।
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10 months
यक्ष के युधिष्ठिर से प्रश्न
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11 months
कौन कहता है भगवान आते नही हम मीरा के जैसे बुलाते नही।
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10 months
क्रोध बुद्धि का विनाश कर देता है।
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8 months
पार्थ! बुद्धि बिना सुख और शांति दोनों प्राप्त नही होते
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11 months
ज्ञानी का कर्म निस्वार्थ भाव से किया गया कर्म है।
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10 months
द्रुयोधन जैसे अभिमानी और अधर्मी किसी भी राष्ट्र के लिए एक श्राप होते है।
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11 months
कर्मयोगी कर्म फल को त्याग कर परम शक्ति को प्राप्त होता है।
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11 months
अनन्य चिंतन का फल
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1 year
कल्याणकारी शुभ कार्य करने वालो की कभी भी दुर्गति नही हो सकती 🚩
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7 months
सबसे बड़ी आत्म रक्षा,धर्म रक्षा,देश रक्षा, स्त्री रक्षा,गौ रक्षा
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11 months
कर्म फल से कोई नही बच सकता ।
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11 months
धृतराष्ट्र : नौ द्वार वाले घर से आगे चलो संजय।
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11 months
कर्म का परिणाम मनुष्य के हाथों में नहीं है ।अपने कर्म में स्थिर रहना चाहिए।
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@aaadhyatmik
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1 year
कृष्ण में मन लगाओ सबसे बड़ा सत्य तो कृष्ण ही है।
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1 year
ज्ञानी का कर्म निस्वार्थ भाव से किया गया कर्म है।
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1 year
मेरे कृष्ण को जो प्रेम करता है वह उनका प्रिय है।
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11 months
कर्म त्याग तो वास्तव मे निहित स्वार्थ के त्याग का नाम है।
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@aaadhyatmik
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11 days
यक्षिणी के प्रमुख प्रकार जिस तरह धर्म ग्रंथों में, तेंतीस (33) देवता बताए गए हैं, उसी तरह चौसठ ( 64 ) यक्ष और यक्षिणियां भी होते हैं। इनमें से निम्न, आठ ( 8 ) यक्षिणियां प्रमुख मानी जाती हैं। इनके नाम और किस यक्षिणी की साधना करने से क्या फल मिलते हैं !
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@aaadhyatmik
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11 months
जब बुद्धि का विनाश होता है तो मनुष्य का विनाश स्वत: हो जाता है।
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11 months
❤️‍🔥
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1 year
कृष्ण ही भरोसा
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11 months
श्रीमद्भगवद्गीता में 18 अध्याय हैं और इसमें करीब 700 श्लोक हैं हरियाणा के कुरुक्षे‍त्र में जब यह ज्ञान दिया गया तब तिथि एकादशी थी महाभारत के भीष्म पर्व में श्रीमद्भागवद्गगीता आती है हिंदू धर्म मे चार वेद हैं और इन चारों वेद का सार गीता में है।
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@aaadhyatmik
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1 year
जिसने अपनी इंद्रियों को बस में कर लिया हो वह अपना ही मित्र है।
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1 year
हे कौनतेय वेदों में ओंमकार मै ही हूं।
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@aaadhyatmik
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1 year
अमरत्व फूलता है मुझमें, संहार झूलता है मुझमें।
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@aaadhyatmik
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1 year
मैं सभी में हूं, किंतु सबसे अलग भी।
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10 months
दुर्योधन का वध भीष्म प्रतिज्ञा ‼️
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7 months
सुखमय मार्ग🥰
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9 months
कान खोल कर सुनो पार्थ ……….
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11 months
श्रीमद् भागवत गीता के अध्यायों का क्रमश: सूक्ष्म अवलोकन:– अर्जुनविषादयोग ~ अध्याय एक सांख्ययोग ~ अध्याय दो कर्मयोग ~ अध्याय तीन ज्ञानकर्मसंन्यासयोग ~ अध्याय चार कर्मसंन्यासयोग ~ अध्याय पाँच आत्मसंयमयोग ~ छठा अध्याय ज्ञानविज्ञानयोग- सातवाँ अध्याय
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@aaadhyatmik
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1 year
जिनके पास न विद्या है, न धन है, न कोई सहारा है; जिनमें न कोई गुण है, न वेद-शास्त्रो का ज्ञान है; जिनको संसार के लोगो ने पापी समझकर त्याग दिया है, ऐसे मनुष्य भी जिन शरणागत पालक प्रभु की शरण लेकर सन्त बन जाते और मुक्त हो जाते हैं।
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@aaadhyatmik
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11 months
शस्त्र और शास्त्र
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