@govardhanmath
।श्रीगौड ब्राह्मण।ब्राह्मणों की जातियों में श्रीगौडजाति का ब्राह्मण श्रीगौड अर्थात् श्री प्रदेश में रहनेवाले ब्राह्मण श्री प्रदेश अर्थात् काश्मीर।
बिल्कुल घूँघट को शास्त्र में अवगुण्ठनम् कहा है हमें उस पर गर्व है अधर्मी नास्तिक सङ्घियों को सनातन हिन्दू धर्म के विषय में निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है सनातन हिन्दू धर्म में केवल शास्त्र प्रमाण है RSS अपने काम से काम रखें वह हिन्दू नहीं है जो वह हिन्दू के विषय में बात करेगा।
पर्दा प्रथा की परंपरा भारतवर्ष में बहुत पुराने समय से है I कालिदास के नाटक अभिज्ञान शाकुंतल में भी पर्दा प्रथा का चित्रण हुआ है l संघी लोगों की आदत है कि हर बुराई के लिए या तो विदेशी आक्रमणकारियों को दोषी ठहरा देते हैं या विपक्षी पार्टियों को l
रामलला तो ये ही है और ये ही रहेंगे रामलला शब्द अपने आप में भगवान् राम के शिशु रूप का द्योतक है भगवान् राम के बालक रूप या कुमार रूप का नहीं इसीलिए अभिनवशङ्कर हरिहरानन्दसरस्वती धर्मसम्राट् श्रीस्वामी करपात्री जी महाराज आदि द्वारा नेहरू के शासन काल में
"करपात्री जी (राम जन्मभूमि मुक्ति आन्दोलन की नींव रखने वाले)"
स्रोत- 'युद्ध में अयोध्या' पुस्तक, हेमन्त शर्मा।
गोवर्धन मठ पुरी पीठ के शङ्कराचार्य श्री निश्चलानन्दसरस्वती जी धर्मसम्राट् स्वामी श्री करपात्री जी के ही शिष्य है। मोदी जी और योगी जी की राम मन्दिर के आन्दोलन में
@MisraNityanand
तो मूर्ख धर्मसम्राट् श्रीस्वामी करपात्री जी महाराज कोई अपने मन से कोई नया अर्थ थोड़ी न लाएगे वही लिखेंगे जो गुरु परम्परा प्राप्त प्रकरण के अनुसार वेदार्थ चला आ रहाँ है उन्होंने अपने वाजसनेयि शुक्लयजुर्वेद माध्यन्दिन शाखा के मन्त्र भाग के भाष्य में अनेक परम्परा प्राप्त आचार्यों का
पुरी के शङ्कराचार्य श्री निश्चलानन्दसरस्वती जी का वेदादि शास्त्रानुसार स्पष्ट निर्णय हैं प्राण प्रतिष्ठा अशास्त्रीय होने से अमान्य हैं तथा यह मूर्ति दूषित होने से स्कन्द पुराण के अनुसार भूत प्रेत पिशाच डाकिनी शाकिनी यक्ष राक्षस चाण्डाल के तेज युक्त होने से
ज्ञानवापी तीर्थ काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिङ्ग का मूलस्थान है ही नहीं अभिनवशङ्कर हरिहरानन्दसरस्वती धर्मसम्राट् श्रीस्वामी करपात्री जी महाराज ने तो पूरी धजियाँ ही उड़ा दी है अपने ग्रन्थ नया काशी विश्वनाथ मन्दिर क्यों में इस ग्रन्थ में उन्होंने स्पष्ट सङ्केत किया है कि कलियुग के
देश के समस्त क्षत्रियों को पुरी के शङ्कराचार्य श्री निश्चलानन्दसरस्वती जी की सेना में शामिल होना चाहिए अब समय आ गया है जो क्षत्रिय गुरु परम्परा तपस्वी वेदज्ञ ब्राह्मण की आज्ञा मानता है उसके साम्राज्य को संसार में कोई नष्ट भ्रष्ट नहीं कर सकता साम्राज्य विहीन क्षत्रियों को भी
तो ब्राह्मणों ने सिद्धियाँ इस दिन के लिए रख रखी जब धर्म समाप्त हो जाएगा उसके बाद सिद्धि का क्या अचार डालेंगे ब्राह्मण 400 वर्ष हो गए म्लेच्छ अङ्ग्रेजों को राज करते करते काल का पहिया एक बार फिर घूम चुका है कलियुग में अब वापस धर्मराज आना है अब पानी सर से ऊपर चला गया है।
Puri Shankaracharya Ji says that if Adhokshajananda Tirtha (“terrorist”) is not hanged or jailed in 3.5 months, he will not let anybody live, will “chop/cut” one lakh people (एक लाख व्यक्तियोंको काटके छोड़ दूँगा), will establish the rule he wants, one lakh people will be killed.
अभिनवशङ्कर हरिहरानन्दसरस्वती धर्मसम्राट् श्रीस्वामी करपात्री जी महाराज जिनके इष्टदेव भगवान् राम थे जिन्होंने और जिनके राजनैतिक दल रामराज्य परिषद् ने राम जन्मभूमि राम मन्दिर अयोध्या का अभियान चलाया धर्मसम्राट् श्रीस्वामी करपात्री जी महाराज आदि के द्वारा नेहरू के शासनकाल में
Ram devotee Shabnam Sheikh travelled 1400 kms from Mumbai to Ayodhya and was given a grand welcome with tears of happiness, by the locals in Ayodhya.
This beautiful story of Ram devotion is the most unique example of the 'Idea of India'. Jai Jai Shree Ram!!
#AyodhyaRamMandir
@svaamishreeh
अविमुक्तेश्वरानन्द भाट
@svaamishreeh
यह समझ लें पुरी के शङ्कराचार्य के सामने तू बाल गोपाल है शङ्कराचार्य तो बहुत दूर की बात है तेरे लिए हितकर यही है कि तू जितनी शीघ्रता से पुरी के शङ्कराचार्य या भगवान् की शरण में चला जाए उतना अच्छा है अन्यथा तेरा विनाश निश्चित है।
कौनसा रामलला रामलला शब्द से ही स्पष्ट है यह शब्द भगवान् राम के शिशु रूप का द्योतक है पाँच वर्ष के बालक भगवान् राम का द्योतक नहीं है रामलला तो वहीँ है जो नेहरू के शासन काल में धर्मसम्राट् श्रीस्वामी करपात्री जी महाराज आदि के द्वारा राम मन्दिर राम जन्मभूमि अयोध्या में
आप इन्हें चाहें या इनसे नफरत करें... लेकिन एक बात तय है.... भारतीय सभ्यता और जनता अगले 5000 वर्षों तक नरेंद्र मोदी जी को याद रखेगी.... वह अमर हो गए हैं.
राम लला अपनी जन्मभूमि पर अवतरित हुए हैं...उन्होंने अब सत्ता संभाल ली है... देश के प्रधानमंत्री उनके सामने दंडवत हैं... सदियों
गणेश्वर शास्त्र द्राविड जी का खण्डन -
जिस प्रतिष्ठासारदीप का ग्रन्थ को उद्धृत कर गणेश्वर शास्त्री द्राविड जी ने बाद में कलश स्थापन का समर्थन किया है वह केवल खपुष्प मात्र है। मोदी BJP RSS के दबाव में प्रतिष्ठासारदीपिका का मूल वचन चित्र में नीचे दे रखा है वहाँ स्पष्ट कहाँ गया है कि
Received via WhatsApp; but authentic.
Shri Ganeshwar Shastri Dravida (who decided the Muhurt of Jan. 22) provides detailed answers to the allegations regarding the Pran Pratishtha in semi-constructed temple & why Jan. 22 Muhurt only
Questioner's letter to Shri Dravida in Pic 1
अब कौन कह रहाँ था मूर्ति दूषित नहीं हुई इसीलिए पुरी के शङ्कराचार्य श्री निश्चलानन्दसरस्वती जी का वेदादि शास्त्रानुसार स्पष्ट निर्णय हैं प्राण प्रतिष्ठा अशास्त्रीय होने से अमान्य हैं तथा यह मूर्ति दूषित होने से स्कन्द पुराण के अनुसार भूत प्रेत पिशाच डाकिनी शाकिनी यक्ष
तो धर्मसम्राट् श्रीस्वामी करपात्री जी महाराज ने क्या ग़लत लिखा जो भी लिखा एक दम शास्त्र सम्मत लिखा कि पृथ्वी स्थिर है करपात्री जी महाराज के सामने आ�� का एक भी progressive liberal communist व्यक्ति नहीं टिक सकता था शास्त्रार्थ में सब का खण्डन करने में वे समर्थ थे इस विषय पर
करपात्र स्वामी: “२५,००० मील परिमिति (भूमध्यरेखा पर परिधि, circumference at equator) वाली पृथ्वी स्थिर है।”
अनुवादक: “२५,००० मील व्यास (diameter) वाली पृथ्वी स्थिर है।”
करपात्र स्वामी के आधुनिक अनुयायी: “करपात्र स्वामी पृथ्वी ग्रह को नहीं, पृथ्वी तत्त्व को स्थिर कहते थे।”
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ये रहाँ पुरी के शङ्कराचार्य श्रीनिश्चलानन्दसरस्वती जी का स्पष्ट निर्णय जिनके क्षेत्र में भगवान् श्री शङ्कराचार्य द्वारा रचित मठाम्नाय महानुशासनम् के अनुसार अयोध्या आती है प्राण प्रतिष्ठा अशास्त्रीय होने से मान्य नहीं जाके मोदी को दिखा देना तथा अविमुक्तेश्वरानन्द भाट आदि
ये क्या हुआ?
हम तो समझे थी,केवल हम ही बदले, यहाँ तो पूज्य शंकराचार्य जी भी बदल गये।
क्या हमारी तरह इनकी भी कोई फ़ाइल खुल गई?
राम-प्रेम का रसपान ही ऐसा है।
अब मोदी विरोधी YT कब्र बिज्जू कहाँ मुँह छिपायेंगे?
जय सियाराम।
अपनी औक़ात रहो आर्य समाजी बचाया भी हम सनातनियों ने ही जितने बचे हैं और बनाएँ भी वापस हम सनातनियों ने ही जो पुनः बन हैं हमारे ही कारण बने हैं तुम्हारे कारण नहीं तुम तो वैसे भी मूर्ति पूजा से द्वेष करने वाले हो उसे नष्ट करने का षड्यन्त्र रचने वाले हो अपने काम से काम रखो।
@RushiUvach
इनको पूछो कि परिणाम की चेतावनी देने से पहले यह बताओ कि जो जो मन्दिर मुसलमानों ने तोडे थे उनकी प्रतिष्ठा भी ओबीसी ने ही की थी क्या? या जन्मना ब्राह्मणों ने? ढाई हजार साल से आपकी परंपरा है तबसे ना जाने कितने मन्दिर टूटे आपने कितनो को बचाया? तब जातिवादी परम्परा ने क्या उखाडा? सिवाय
अविमुक्तेश्वरानन्द भाट
@jyotirmathah
आदि ये video देख ले धर्मसम्राट् श्रीस्वामी करपात्री जी महाराज ने ज्योतिर्मठ के शङ्कराचार्य की असली वसीयत के अनुसार जिसे शङ्कराचार्य बनाया जाना था अयोग्य होने से जो सर्व शास्त्र विशारदः नहीं है उसे भी हटा दिया ज्योतिर्मठ के शङ्कराचार्य पद से तो
अयोध्या उत्सव से शंकराचार्यों की दूरी के क्या हैं मायने? राजसत्ता और धर्म सत्ता के बीच प्रोटोकॉल का क्या है मसला? सुनिए इस पर विशेषज्ञ और सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट पीएन मिश्रा को.
#ReporterDiary
#Ayodhya
#RamMandir
(
@mewatisanjoo
)
@MisraNityanand
तो ब्राह्मणों ने सिद्धियाँ इस दिन के लिए रख रखी जब धर्म समाप्त हो जाएगा उसके बाद सिद्धि का क्या अचार डालेंगे ब्राह्मण 400 वर्ष हो गए म्लेच्छ अङ्ग्रेजों को राज करते करते काल का पहिया एक बार फिर घूम चुका है कलियुग में अब वापस धर्मराज आना है अब पानी सर से ऊपर चला गया है।
@MisraNityanand
चल बे मूर्ख
@MisraNityanand
पुरी के शङ्कराचार्य श्री निश्चलानन्दसरस्वती जी वासुदेवानन्द जो कि शङ्कराचार्य नहीं का नाम क्यो लें रहे हैं जिसका कारण शङ्कराचार्य श्री स्वरूपानन्दसरस्वती जी के मान्य शिष्य श्री गोविन्दानन्दसरस्वती जी अपने YouTube channel के एक video में
वो समय बताएगा अहङ्कार योगी मोदी कहा है कि शङ्कराचार्य का भगवान् राम तुमको सद्बुद्धि दे नहीं तो अब तुम्हारा विनाश निश्चित है और इसे अहङ्कार नहीं कहते हैं इसे धर्म की रक्षा और रक्षा के स्वाभिमान के प्रति निष्ठावान् रखना कहते हैं जो तुम में है नहीं तभी वेदादि शास्त्रों को छोड़ के
तो मूर्ख धर्मसम्राट् श्रीस्वामी करपात्री जी महाराज कोई अपने मन से कोई नया अर्थ थोड़ी न लाएगे वही लिखेंगे जो गुरु परम्परा प्राप्त प्रकरण के अनुसार वेदार्थ चला आ रहाँ है उन्होंने अपने वाजसनेयि शुक्लयजुर्वेद माध्यन्दिन शाखा के मन्त्र भाग के भाष्य में अनेक परम्परा प्राप्त आचार्यों का
Recently discovered that Karapātra Svāmī plagiarized many parts of his commentary on Śukla Yajurveda’s Mādhyandina-saṃhitā from the commentary of Mahīdhara. Whole structure, sentences and phrases have been lifted verbatim from Mahīdhara’s Vedadīpabhāṣya. More sad than shocking.
Number of majority Hindu Trad excepting authority of Ved and Shastra is much higher in Bharat population wise than complete viewership of your media outlet they don’t all use social media don’t kid yourself and Bhimrao was a British stooge and whatever he propagated was
@news24tvchannel
पुरी शङ्कराचार्य श्री निश्चलानन्दसरस्वती जी द्वारा किया गया शृङ्गेरी शङ्कराचार्य का खण्डन तथा भगवान् श्री शङ्कराचार्य द्वारा रचित मठाम्नाय महानुशासनम् के अनुसार अयोध्या पुरी के शङ्कराचार्य के क्षेत्र में आता है इसलिए इस विषय में उन्हीँ का शास्त्र सम्मत निर्णय मान्य हैं जो
सुन बे Congress का agent तू होगा ये रहा पुरी के शङ्कराचार्य श्री निश्चलानन्दसरस्वती जी का स्पष्ट निर्णय स्कन्द पुराण प्रमाण है गुरु परम्परा प्राप्त तपस्वी वेदज्ञ ब्राह्मणों के आगे भागता फिरेगा शास्त्रार्थ में चल भाग यहाँ से धूर्त।
भाई और कौन है जो इन धुर्तो को सपोर्ट कर रहा है जो परम पवित्र भगवान के विग्रह को गाली दे रहे है ?
ये सब शास्त्र है ? या शास्त्र की आड़ में कांग्रेस का एजेंडा चला रहे है ।
नरेन्द्र मोदी आदि के द्वारा जो 22 January को Drama किया गया है इन्हीँ सब हरकतों के कारण कलियुग में प्राण प्रतिष्ठा केवल 10,000 हज़ार वर्षों तक होगी उसके बाद नहीं समस्त मन्दिरों से देवी देवताओं का तेज चला जाएगा कलियुग में मन्दिर नहीं बचेंगे फिर
ऐसा है धूर्त सञ्जय दीक्षित
@Sanjay_Dixit
रामो विग्रहवान् धर्मः वेदादि शास्त्रों का विग्रह स्वरूप धर्म साक्षात् भगवान् राम है उन वेद आदि शास्त्रों के मुहूर्त्तों का तिरस्कार करना साक्षात् उस धर्म के विग्रह स्वरूप भगवान् राम का तिरस्कार करना है भगवान् राम स्वयं मुहूर्त्त है अतः
मुझे तो कोई भी हिन्दू भ्रमित होता नहीं दिखा। सबको पता है कि स्वयं भगवान राम की इच्छा है अपने भवन में विराजने की। इसलिए राम से मुहूर्त है, न कि मुहूर्त से राम। मूर्ख उसे कहते हैं जो इष्ट और देवता में अंतर न समझे, भले ही कोई भी धर्माचार्य की पदवी हो।
श्री राम राम रामेति, रमे रामे
मधुसूदन ओझा का एक भी अशास्त्रीय मत जिस प्रकार मान्य नहीं और जो खिलवाड़ शास्त्र का उन्होंने किया वहीँ यह विनय झा की कहानी है।
आयोध्या में राम जन्मभूमि पर राम मन्दिर निर्माण का भूमि पूजन और प्राण प्रतिष्ठा दोनों के मुहूर्त्त ग़लत है शङ्कराचार्य श्री स्वरूपानन्दसरस्वती जी ने
पुरी पीठ के ही भूतपूर्व पञ्चाङ्गकार आचार्य विनय झा जी ने पुरी शंकराचार्य निश्चलानन्द सरस्वती जी को राममन्दिर प्राणप्रतिष्ठा मुहूर्त को अशास्त्रीय कहने पर शास्त्रार्थ की चुनौती दे दी है। साथ ही विनय झा जी ने कहा है यदि निश्चलानन्द सरस्वती जी उत्तर न दे पाएँ तो पद त्याग दें।
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@ANI
If this Shikhar(शिखर) is used then they have no right to break it after that they have to stick with it forever if they break it and make another permanent structure in it's place that will expose their drama that it is only being constructed, to fool people by showing that
@Sanjay_Dixit
ऐसा है धूर्त सञ्जय दीक्षित
@Sanjay_Dixit
रामो विग्रहवान् धर्मः वेदादि शास्त्रों का विग्रह स्वरूप धर्म साक्षात् भगवान् राम है उन वेद आदि शास्त्रों के मुहूर्त्तों का तिरस्कार करना साक्षात् उस धर्म के विग्रह स्वरूप भगवान् राम का तिरस्कार करना है भगवान् राम स्वयं मुहूर्त्त है अतः
मुहूर्त्त को लेकर गणेश्वर शास्त्र द्राविड का खण्डन - ये लो शास्त्रीय पञ्चाङ्गों का निर्णय स्पष्ट है तथा कथित प्राण प्रतिष्ठा जो भगवान् श्रीराम की होनी है उस का मुहूर्त्त ग़लत है पुरी शङ्कराचार्य श्री निश्चलानन्दसरस्वती जी ने स्पष्ट कर दिया है ���ब काशी का कोई
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी ने कहा है उनके पास जो पञ्चाङ्ग हैं उनमें २२ जनवरी को देवप्रतिष्ठामुहूर्त नहीं है और पूछा है पहले से मुहूर्त क्यों नहीं छपा है।
दो पञ्चाङ्गों (प॰ रामप्रसादजी सिद्धान्ती और निर्णय सागर) में पहले से इस दिन देवप्रतिष्ठा का मुहूर्त मुद्रित है।
There is no need for you to blabber about me you don’t know me I am way more authentic than you any day any time I study ved and Shastra Under guidance of disciple of Dharmsamrat Sriswami Karpatri ji maharaj I have way more authentic Sampradaya Parampara than yours.
ऐसा है
@Profdilipmandal
अभी तुम्हें अद्वैत का अधिकचरा ज्ञान है अद्वैती भगवान् के सगुण साकार रूप को भी मानता है जाति को भी मानते है और कर्मकाण्ड को भी मानते है आधे वेद को नहीं पूरे वेद को मानता है अद्वैत तो केवल वेद का ज्ञान काण्ड है और क्यों न पुरी के शङ्कराचार्य
पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती को इस बात से क्यों समस्या है कि
@narendramodi
के हाथों अयोध्या के राम मंदिर का लोकार्पण होगा और वे मूर्ति को स्पर्श करेंगे यानी छुएँगे?
दरअसल यह हिंदू धर्म में वर्णाश्रमी पोंगापंथ और प्रगतिशील धारा का संघर्ष है।
आप इसमें किस ओर हैं?
ये देख लो इसीलिए हिन्दुओं के मन्दिर अभी seculars के क़ब्ज़े में है म्लेच्छों से भी ज़्यादा बड़े सनातन हिन्दू धर्म के ये शत्रु है फिर चाहे वह BJP RSS आदि कोई भी हो जब तक हम इनसे अपने मन्दिर वापस नहीं ले लेते तब तक मन्दिर की मर्यादा की रक्षा करना मन्दिर को मन्दिर के रूप में
झूठ की दुकान सन्दीप देव
@sdeo76
शङ्कराचार्य श्री स्वरूपानन्दसरस्वती जी ने किसी को अपना उत्तराधिकारी नहीं बनाया शङ्कराचार्य श्री स्वरूपानन्दसरस्वती जी के मान्य शिष्य श्री गोविन्दानन्दसरस्वती जी
@pampakshetram
इस पत्रकार के ऊपर भी क़ानूनी कार्रवाई करें यह निरन्तर
शृङ्गारगौरी के स्थान का वर्णन धर्मसम्राट् श्रीस्वामी करपात्री जी महाराज के कृपापात्र शिष्य श्री शिवानन्दसरस्वती जी धर्मसङ्ध दुर्गाकुण्ड, वाराणसी ने अपने ग्रन्थ काशी गौरव में शृङ्गारगौरी का स्थान दे रखा है जोकि भिन्न है और
शास्त्र प्रमाण होता है सनातन हिन्दू धर्म में मोदी योगी नहीं और जनता क्या करेगी मार ही देगी न आराम से स्वर्ग जाएंगे चिन्ता की क्या बात है परन्तु मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान् राम के द्वारा स्थापित वेदादि शास्त्रों की मर्यादा के सत्य को कोई नहीं बदल सकता।
अरे सन्दीप देव
@sdeo76
कुछ पूरा पता वता होता है नहीं ओर बात करते हो कहता है धर्मसम्राट् श्रीस्वामी करपात्री जी महाराज के राजनीतिक दल रामराज्य परिषद् को RSS और जनसङ्ध खा गई और उस का जनसङ्घ में विलय हो गया इसलिए उसका पतन हुआ इस मूर्ख को कुछ पता है नहीं
देखो शास्त्र प्रमाण है सनातन हिन्दू धर्म में भगवान् भी प्रमाण नहीं होते हैं भगवान् भी वेदादि शास्त्रों के विरुद्ध आचरण करें तो उनका वह कृत्य मान्य नहीं वैष्णवाचार्य तो बहुत दूर की बात है और मेरे अनुसार नहीं स्कन्द पुराण के अनुसार जिस स्कन्द पुराण से ही राम जन्मभूमि सिद्ध हुई है।
अच्छा जी तो क्या वैष्णव अचार्य जिन्होनें राम जी की प्राण प्रतिष्ठा की है वह भी असुर और पिशाच हैं तुम्हारे हिसाब से , सरयू में स्नान करो तुम्हारा में कदापि शुद्ध हो जाए।
#सनातनी_होने_के_नाते_अवश्य_पढ़ें।
#षड्यंत्र_को_समझे
30 अक्टूबर 1990 की भयानक रात में पुलिस की गोलियों से बलिदान हुए कारसेवकों के शव गली-गली में बिखरे पड़े थे | इस आतंक काल में सारस्वत ब्राह्मण कुलसमुत्पन्न "स्वामी वामदेव जी महाराज" के अयोध्या निवास आश्रम में ट
ये देख लो इसीलिए हिन्दुओं के मन्दिर अभी seculars के क़ब्ज़े में है म्लेच्छों से भी ज़्यादा बड़े सनातन हिन्दू धर्म के ये शत्रु है फिर चाहे वह BJP RSS आदि कोई भी हो जब तक हम इनसे अपने मन्दिर वापस नहीं ले लेते तब तक मन्दिर की मर्यादा की रक्षा करना मन्दिर को मन्दिर के रूप में
ये कौन से ख़ुश होने की बा�� है मन्दिर का एक विधान होता है उस विधान को मानने पर ही मुसलमान को भी फल मिल सकता है अन्यथा उसका भी पतन होना तय है इसीलिए दण्डी सन्न्यासी श्री कृष्णचैतन्यभारती अर्थात् चैतन्य महाप्रभु ने जब एक मुसलमान भगवान् श्री कृष्ण के दर्शन के लिए जगन्नाथ मन्दिर के
A Muslim woman (Rubika Liyaquat) can enter Ayodhya Shri Ram Mandir for Ram Mandir Pran Prathisthan, even though she's not allowed to enter a mosque.
Beauty of Sanathan Dharma 🙏
The Power of SANATAN
@RubikaLiyaquat
शङ्कराचार्य बनने की योग्यता रखता है जो तुम नहीं हो करपात्री जी महाराज होते हैं तो अभी तक तुम्हारा हिसाब किताब कर दिया जाता इसलिए पुरी के शङ्कराचार्य का निर्णय बिल्कुल उचित है और उनके द्वारा निग्रह कर दिए जाने से अविमुक्तेश्वरानन्द भाट आदि शङ्कराचार्य नहीं है।
एक बार फिर अविमुक्तेश्वरानन्द भाट ने मोदी के विरोध का दिखावा किया और अन्त में जाकर पलट गया भाट तू नेतागिरी कर जीवन में सफल होगा वहीँ तेको आता है वहीँ तू कर सकता हैं।
#WATCH
| Shankaracharya Avimukteshwaranand Saraswati says, "The truth is, with Narendra Modi becoming the Prime Minister, Hindus' self-respect has awoken. This is not a small thing. We have said it several times publically, we are not anti-Modi but Modi's admirers. We admire him
अभिनवशङ्कर हरिहरानन्दसरस्वती धर्मसम्राट् श्रीस्वामी करपात्री जी महाराज जिनके इष्टदेव भगवान् राम थे जिन्होंने और जिनके राजनैतिक दल रामराज्य परिषद् ने राम जन्मभूमि राम मन्दिर अयोध्या का अभियान चलाया धर्मसम्राट् श्रीस्वामी करपात्री जी महाराज आदि के द्वारा नेहरू के शासनकाल में
लिए अनुभूति लगती है भगवान् के दर्शन करने पढ़ते हैं जो हमारे ऋषि मुनियों ने किये और उन्होंने जिस प्रकार मूर्तिकारों चित्रकारों को बनाने का निर्देश दिया ठीक उसी अनादि परम्परा के अनुसार मूर्तिकार और चित्रकारों के द्वारा भगवान् की मूर्ति चित्र भारत में बनते चले आ रहे हैं और
पृथ्वी की सतह चपटी ही है जो अण्डाकार है वह पृथ्वी लोक है पृथ्वी नहीं।
अभिनवशङ्कर हरिहरानन्दसरस्वती धर्मसम्राट् श्रीस्वामी करपात्री जी के पृथ्वी चपटी विषयक अभिप्राय को स्पष्ट करते हैं इस लेख में। पाश्चात्य भौतिक विज्ञान(science)(ऋषिओं के विज्ञान से भिन्न)(विज्ञान शब्द पर
अभिनवशङ्कर हरिहरानन्दसरस्वती धर्मसम्राट् श्रीस्वामी करपात्री जी महाराज के द्वारा ही राम मन्दिर काशी विश्वनाथ और श्रीकृष्ण जन्मभूमि का अभियान चलाया गया है यह इस Video में पुरी के शङ्कराचार्य द्वारा पूर्ण रूप से स्पष्ट किया जा चुका है और
via
@YouTube
इस नीचे दिए लेख में अजीत भारती के प्रलापों का खण्डन पहले ही किया जा चुका है तथा ये दो कौड़ी का
@kushal_mehra
कोई चार्व्वाक नास्तिक नहीं है ये Atheist है चार्व्वाक दर्शन का इस मूर्ख को कुछ भी ज्ञान नहीं है इसका खण्डन तो चार्व्वाक दर्शन से ही हो जाता है और
Join me at 7.30 PM IST today as I chat with
@ajeetbharti
about the controversy surrounding the Shankaracharyas not attending the
#RamMandirPranPratishta
I will see you all in a bit.
How dare you punk. Shankaracharya has every contribution to mandir not BJP RSS It has Abhinavshankar hariharanandsaraswati Dharmsamrat Sriswami Karpatri ji maharaj Who have launched campaign for building ram mandir Kashi Vishwanath mandir and Krishna Janmabhomi it was he
अधर्मी नास्तिक अङ्ग्रेजों के चमचे BJP RSS अब इतिहास का आर्यसमाजीकरण करने में लगी है और कर रही है ये CBSE English medium school sixth standard के syllabus की Book के page का photo है जिसमें सत्य को विकृत कर बदल दिया गया है आप चित्र में देख सकते हैं सनातन हिन्दू धर्म के भारतीय
@RadharamnDas
Get the hell out of here you is ISKCON you are a Con on Sanatan Hindu Dharm neither you are Hindu so don’t lecture us on Sanatan Hindu Dharm.
अरे अनपढ़ गवार अब तो काल जादू ही देखना है ते को पुरी के शङ्कराचार्य श्री निश्चलानन्दसरस्वती जी का वेदादि शास्त्रानुसार स्पष्ट निर्णय हैं प्राण प्रतिष्ठा अशास्त्रीय होने से अमान्य हैं तथा यह मूर्ति दूषित होने से स्कन्द पुराण के अनुसार भूत प्रेत पिशाच डाकिनी शाकिनी यक्ष राक्षस
झूठ की दुकान सन्दीप देव
@sdeo76
अविमुक्तेश्वरानन्द भाट आदि कोई शङ्कराचार्य नहीं है वर्तमान में केवल दो ही शङ्कराचार्य शृङ्गेरी और पुरी बाक़ी दो पीठ रिक्त हैं चल भाग यहाँ से।
You yourself are a fake person on ground reality only on Twitter you worth something backed by BJP and it’s guinea pig atheist Right Wing you are somewhat authentic otherwise, you are a total loser.
@epanchjanya
ये देख लो इसीलिए हिन्दुओं के मन्दिर अभी seculars के क़ब्ज़े में है म्लेच्छों से भी ज़्यादा बड़े सनातन हिन्दू धर्म के ये शत्रु है फिर चाहे वह BJP RSS आदि कोई भी हो जब तक हम इनसे अपने मन्दिर वापस नहीं ले लेते तब तक मन्दिर की मर्यादा की रक्षा करना मन्दिर को मन्दिर के रूप में
पुरी के शङ्कराचार्य श्री निश्चलानन्दसरस्वती जी का वेदादि शास्त्रानुसार स्पष्ट निर्णय हैं प्राण प्रतिष्ठा अशास्त्रीय होने से अमान्य हैं तथा यह मूर्ति दूषित होने से स्कन्द पुराण के अनुसार भूत प्रेत पिशाच डाकिनी शाकिनी यक्ष राक्षस चाण्डाल के तेज युक्त होने से
अबे जा बे मुहूर्त्तचिन्तामणि पे ही शास्त्रार्थ हो गया तो ही नहीं टिकेगा गुरु परम्परा प्राप्त तपस्वी वेदज्ञ ब्राह्मणों के आगे चल भाग यहाँ से पुरी के शङ्कराचार्य श्री निश्चलानन्दसरस्वती जी का वेदादि शास्त्रानुसार स्पष्ट निर्णय हैं प्राण प्रतिष्ठा अशास्त्रीय होने से अमान्य हैं तथा
No, he didn’t you fool don’t distort history he was a very staunch traditionalist of kashi he just verified That Chapati Shivaji is Kshatriya being his ancestry from a very respectable lineage of Suryavanshi clan of Kshatriya from mewar ruling family of Rajputana.
तथाकथित शङ्कराचार्य सदानन्दसरस्वती का खण्डन पुरी के शङ्कराचार्य श्री निश्चलानन्दसरस्वती जी के द्वारा जो कह रहे हैं कि शङ्कराचार्य इसलिए वहाँ नहीं जा रहे है क्योंकि बहुत भीड़ होगी वहाँ पुरी के शङ्कराचार्य श्री निश्चलानन्दसरस्वती जी ने
via
@YouTube
@MisraNityanand
तो धर्मसम्राट् श्रीस्वामी करपात्री जी महाराज ने क्या ग़लत लिखा जो भी लिखा एक दम शास्त्र सम्मत लिखा कि पृथ्वी स्थिर है करपात्री जी महाराज के सामने आज का एक भी progressive liberal communist व्यक्ति नहीं टिक सकता था शास्त्रार्थ में सब का खण्डन करने में वे समर्थ थे इस विषय पर
चल बे मूर्ख
@MisraNityanand
पुरी के शङ्कराचार्य श्री निश्चलानन्दसरस्वती जी वासुदेवानन्द जो कि शङ्कराचार्य नहीं का नाम क्यो लें रहे हैं जिसका कारण शङ्कराचार्य श्री स्वरूपानन्दसरस्वती जी के मान्य शिष्य श्री गोविन्दानन्दसरस्वती जी अपने YouTube channel के एक video में
Puri Shankaracharya Ji says that if Adhokshajananda Tirtha (“terrorist”) is not hanged or jailed in 3.5 months, he will not let anybody live, will “chop/cut” one lakh people (एक लाख व्यक्तियोंको काटके छोड़ दूँगा), will establish the rule he wants, one lakh people will be killed.
Trad followers of Nischalananda Saraswati are celebrating this video of him visiting a Muslims house as "Hindu Muslim Ekta." Horseshoe effect is complete.
Same people will call Modi "Maulana" or "Pashmanda Sultan" for doing some empty token gestures that are common in
@MisraNityanand
@Sanjay_Dixit
मधुसूदन ओझा का एक भी अशास्त्रीय मत जिस प्रकार मान्य नहीं और जो खिलवाड़ शास्त्र का उन्होंने किया वहीँ यह विनय झा की कहानी है।
आयोध्या में राम जन्मभूमि पर राम मन्दिर निर्माण का भूमि पूजन और प्राण प्रतिष्ठा दोनों के मुहूर्त्त ग़लत है शङ्कराचार्य श्री स्वरूपानन्दसरस्वती जी ने
@MisraNityanand
वारे अब ये नक़ली किताब वाला बताएगा कि अन्दर की बात क्या है इसके भूत को भी पता है नहीं तेरे में दामों हो तो पुरी के शङ्कराचार्य के पास चले जा शास्त्रार्थ करने इसी विषय पर नक़ली संस्कृत के विद्वान् सारा ज्ञान निकाल देंगे तेरे। तेरे
@MisraNityanand
से बड़ा झूठा और कोई है नहीं।
पुरी के शङ्कराचार्य श्रीनिश्चलानन्दसरस्वती जी द्वारा शासन तन्त्र को दी गई चेतावनी के अब केवल दो दिन शेष हैं जिस प्रकार दुर्योधन से भगवान् श्री कृष्ण ने अन्त में केवल पाँच गाँव माँगे थे उसी प्रकार वह अपना शासन सुरक्षित देखना चाहते हैं तो
यह विधि शिखर के टूट जाने पर करनी चाहिए। नये मन्दिर में तो शिखर सहित प्रासाद का स्नपन करना चाहिए(रंगे हुए अक्षरों का अनुवाद) इसी प्रकार ईश्वरसंहिता का वचन भी गणेश्वर शास्त्री द्राविड के मत के विरुद्ध है तथा श्रीगणेश्व रशास्त्री द्राविड का मत जो कर्मकाण्ड प्रदीप में
मोदी जी मन्दिर तोड़ते रहते हैं उन्हीँ से प्राप्त हुई है यदि यह शीध्रता में जैसे तैसे शिखर बना रहे हैं केवल यह दिखाने के लिए कि मन्दिर पूर्ण हो गया तो फिर इसी ही शिखर के साथ इनको रहना पड़ेगा फिर इस शिखर को तोड़ कर इसके स्थान पर एक पक्का शिखर बनाने का इन्हें कोई अधिकार नहीं है।
"सब कुछ शास्त्रीय हो रहा है, अधूरे मंदिर में भी प्रतिष्ठा हो सकती है"
वैकल्पिक शिखर बनाकर कलश में प्रतीकात्मक पूजन करके जो आगम में शिखरभङ्ग होने के पश्चात की विधि है वह करेंगे क्या?
यदि हां, तो शिखरभङ्ग करने की विधि कहां से प्राप्त होगी?
@Ved99999
कोई बोहोत तोपचन्द बात नहीं है पहले मूर्ति श्वेत प्रकाश में थी बाद में रङ्गीन प्रकाश में पहले म्लेच्छ Rome Greece के god Goddess जैसी दिख रही थी बाद में राम मन्दिर में विवेकानन्द की मूर्ति लगा दी मोदी ने ठीक विवेकानन्द जैसा मूर्ति का मुख है राम का मुख वैसे भी बना सकते नहीं उस के
उज्जैन के महाराजा जिनका अखण्ड भारत पर एक छात्र राज्य था महाराज विक्रमादित्य के द्वारा राम जन्मभूमि अयोध्या में बनाया गया वह राम मन्दिर था जिसे बाबर ने खण्डित किया अयोध्या भी उन्हीँ की बसायी हुई है यह शङ्कराचार्य श्री स्वरूपानन्दसरस्वती जी स्पष्ट किया है कि
तुम अविमुक्तेश्वरानन्द भाट आदि तो फिर भी फ़र्ज़ी वसीयत वाले हों जब असली वसीयत वाला नहीं बचा तो तुम क्या बचोगे धर्मसम्राट् श्रीस्वामी करपात्री जी महाराज और श्री विधुशेखरभारती जी का निर्णय स्पष्ट है सर्व शास्त्र विशारदः ब्राह्मण दण्डी सन्न्यासी ही
एक बार फिर से पढ़ विष्णु पुराण को उसमें कहीँ नहीं लिखा कि चन्द्रगुप्त को चाणक्य ने धर्म के अनुसार क्षत्रियोचित्य विधान से राजा बनाया चाणक्य ने चन्द्रगुप्त को वैकल्पिक राजा बनाया और वह भी किसके विरुद्ध जो स्वयं वर्णसङ्कर राजा था काटे से काटा निकलता है इसे कहते हैं काँटे
@JaipurDialogues
You are a con Sanjay Dixit
@Sanjay_Dixit
@JaipurDialogues
any video below puri Shankaracharya Sri nichalanandsaraswati ji has clearly said pran pratistha is invalid Thus it is not a pran pratistha.
प्रभाव से भगवान् ने विश्वनाथ ज्योतिर्लिङ्ग का लोप कर लिया इसलिए कलियुग में उसके दर्शन नहीं हो सकते और पूर्णरूप से स्पष्ट किया है कि उसके लुप्त हो जाने पर काशीवासी आस्तिकजनों ने लिङ्गान्तर को काशी विश्वनाथ के रूप में स्थापित किया ऐसे ही लिङ्गान्तर को काशी विश्वनाथ के रूप में
दो कौड़ी के वर्णसङ्कर तू है और दूसरों को बोल रहा है तथा मुहूर्त्त भी ग़लत है मन्दिर भी पूरा नहीं बना पुरी के शङ्कराचार्य श्री निश्चलानन्दसरस्वती जी ने स्पष्ट कर दिया है रहीँ बात स्पर्शास्पर्श कि तो वह भी सही है शास्त्र प्रमाण होता है मोदी नहीं।
#दिक्कत दूर दूर तक न राम
लला की प्राण प्रतिष्ठा से है…
और न राम मंदिर से...
महूर्त से भी कोई दिक्कत नहीं हैं इन्हें…
मंदिर की जगह को लेकर भी को समस्या नहीं है…
#दिक्कत क्या है मैं बताता हूँ…
▫️हिंदुत्व का खुद को एकमेव ठेकेदार मानने वालों को बस इतनी है के एक पिछड़े का बेटा
@MisraNityanand
मुहूर्त्त को लेकर गणेश्वर शास्त्र द्राविड का खण्डन - ये लो शास्त्रीय पञ्चाङ्गों का निर्णय स्पष्ट है तथा कथित प्राण प्रतिष्ठा जो भगवान् श्रीराम की होनी है उस का मुहूर्त्त ग़लत है पुरी शङ्कराचार्य श्री निश्चलानन्दसरस्वती जी ने स्पष्ट कर दिया है अब काशी का कोई
शङ्कराचार्य बनाने का किसी को कोई अधिकार नहीं है और वह केवल धर्मसङ्ध के अध्यक्ष ही नहीं है वह एक पीठ के शङ्कराचार्य भी है यह वह स्पष्ट कह चुके हैं वर्तमान में केवल दो ही शङ्कराचार्य है पुरी और शृङ्गेरी के समय आने पर पुरी के शङ्कराचार्य श्री निश्चलानन्दसरस्वती जी उन दोनों पीठों का
ये Video देख लो झठ की दुकान सन्दीप देव
@sdeo76
और ढङ्ग से जान लो नक़ली शङ्कराचार्य के बारे में कि कोन और कैसे होता है कोई नक़ली शङ्कराचार्य पूरा पता धर्म के विषय का होता है नहीं और जो शङ्कराचार्य नहीं है अविमुक्तेश्वरानन्द भाट आदि उसे शङ्कराचार्य कह रहे हो
तू है कौन बे राम मन्दिर अभियान ही धर्मसम्राट् श्रीस्वामी करपात्री जी महाराज के द्वारा चलाया हुआ है जिसे उनके शिष्यों शङ्कराचार्य शिष्यों और अन्य परम्परा प्राप्त सम्प्रदाय के आचार्यों ने आगे बढ़ाया BJP RSS ने क्या किया प्राण प्रतिष्ठा अशास्त्रीय होने से अमान्य हैं।
@ShriRamTeerth
@satishsinha00
#प्राण_प्रतिष्ठा_के_मामले_पर_अनावश्यक_विवाद
अधिकांश लोगों का यह कहना है कि सनातन धर्म के वर्तमान संकट के समाधान के लिए वर्तमान शंकराचार्यों की कोई भूमिका नहीं रही है। अतः उन्हें राम जन्म भूमि पर प्राण प्रतिष्ठा के मामले अनावश्यक विवाद नहीं खड़ा करना चाहिए। यह बात काफी हद ठीक
चाल बे दो कौड़ी के आर्य समाजी भूत प्रेत पिशाच डाकिनी शाकिनी यक्ष राक्षस चाण्डाल के तेज से समन्वित मूर्ति है वो शङ्कराचार्य ने तो पहले ही उखाड़ लिया प्राण प्रतिष्ठा अमान्य हैं कह के मूर्ख किसी ओर को बनाना राम मन्दिर में विवेकानन्द की मूर्ति लगा दी मोदी ने ठीक विवेकानन्द जैसा
राजर्षि मोदीने तालठोककर मन्दिर के गर्भगृहमें प्रवेश किया और मूर्ति को भी स्पर्श किया।
शङ्कराचार्य कुछ नहीं उखाड सके। उनकी कोई नहीं सुनता, वह आज सारी सुनियाने देख लिया।
अब तुम नवीन वेदान्तीओ को जो उखाडना हो, उखाड लो।
#JaiShreeRam
#JaiShriRam
#RamMandirPranPrathistha
स्त्री और शूद्र आदि को वेदाध्ययन का निषेध यह कौनसा ग़लत इतिहास है उनके लिए अन्य शास्त्रों का अध्ययन प्रशस्त है सनातन हिन्दू धर्म में अब ये अधर्मी नास्तिक अङ्ग्रेजों के चमचे BJP RSS भारत के इतिहास का आर्यसमाजीकारण में लागे हैं और कर रहे हैं जो थोड़ा बोहोत विशुद्ध मूल शास्त्रानुसार
अधर्मी नास्तिक अङ्ग्रेजों के चमचे BJP RSS अब इतिहास का आर्यसमाजीकरण करने में लगी है और कर रही है ये CBSE English medium school sixth standard के syllabus की Book के page का photo है जिसमें सत्य को विकृत कर बदल दिया गया है आप चित्र में देख सकते हैं सनातन हिन्दू धर्म के भारतीय
"सभी मंदिरों के बाहर बोर्ड लगाकर उसमें लिख दिया जाए कि यहां गैर-हिंदुओं को अंदर आने की अनुमति नहीं है"
◆ मद्रास हाईकोर्ट ने कहा
High Court |
#HighCourt
केवल इस बिन्दु को छोड़ के चन्द्रयान में पुरी पीठाचार्य का गणित लगा था समस्त पे तुम्हारा खण्डन हो चुका है और विप्लव तो आएगा महाराजश्री ने मना कहाँ किया है अभी तो आना बाक़ी है और महाराजश्री ये नहीँ कहाँ काल भैरव आएङ्गे या जागेंगे video में नक़ली संस्कृत के विद्वान् बल्कि ये कहाँ कि
पुरी पीठ द्वारा प्रसारित दस झूठ—
१) पुरी पीठाचार्य सर्वोच्च सनातन पद है
२) कम्प्यूटर पुरी पीठ की देन है
३) ऑक्सफ़र्ड, केंब्रिज, उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया के गणितज्ञों ने कहा है विश्व में १% गणित है, पुरी पीठ में १००%
४) चन्द्रयान में पुरी पीठाचार्य का गणित लगा था
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रामलला की मूर्ति प्रकट की है राम मन्दिर राम जन्मभूमि अयोध्या में आज वह रामलला की मूर्ति उस दुष्ट मोदी के द्वारा स्थापित प्रेत के चरणों में रखी है भला म्लेच्���ों से हम हमारे मन्दिर वापस लेके करेंगे क्या जब हमें वैसे भी मन्दिर मिलना नहीं है जहाँ हम अपने सनातन हिन्दू धर्म के अनुसार
सुन बे मानसिक दिवालियापन तेरा होगा जो धर्म को मानता है नहीं और धर्म की बात कर रहा है तथा तेरे जैसे अधर्मियों को जो धर्म को नहीं मानते उन्हें भगवान् राम दण्ड देने के लिए तत्पर रहते हैं जो शास्त्र को नहीं मानता भगवान् राम उस को नहीं मानते हैं और
निश्चलानंद सरस्वती एक व्यक्ति का नाम नहीं है, निश्चलानंद उस मानसिक दिवालियापन का विकृत रूप है जिस दिवालियापन की आधारशिला स्वामी करपात्री ने रक्खी थी,
करपात्री जी ने काशी विश्वनाथ मंदिर में शूद्रों के प्रवेश का विरोध किया था, आज वही काम निश्चलानंद कर रहे हैं।
@rahuldev2
शङ्कराचार्य के लिए यह कोई नई बात नहीं है भगवान् श्री शङ्कराचार्य ने कपालिकों को अपने तीसरे नेत्र से भस्म कर दिया था इतिहास जाकर पढ़ लेना गोवर्धन मठ पुरी के शङ्कराचार्य श्री निश्चलानन्दसरस्वती जी ने हिन्दी में भगवान् श्री शङ्कराचार्य का जीवन चरित्र लिख रखा है मठ से प्रकाशित है।
शिष्य और धर्मसम्राट् श्रीस्वामी करपात्री जी महाराज के गुरु भाई जिन्हें करपात्री जी महाराज ने उन के बाद ज्योतिर्मठ का शङ्कराचार्य बनाया ज्योतिर्मठ के शङ्कराचार्य श्री कृष्णबोधाश्रम जी महाराज का नाम तक इसे ढङ्ग से लेते नहीं आ रहा है न भारत धर्म महामण्डल का जिन्होंने
@TheSquind
How dare you punk. Shankaracharya has every contribution to mandir not BJP RSS It has Abhinavshankar hariharanandsaraswati Dharmsamrat Sriswami Karpatri ji maharaj Who have launched campaign for building ram mandir Kashi Vishwanath mandir and Krishna Janmabhomi it was he
अधिक हैं, उन अवयवों में देवभाव कर न्यास करने का यह उपरोक्त विधान है इसलिए ही अडशिंगभट्ट विरचित भाष्य में भी ‘न्यूनाधिकावयवप्रासादविषयमाह’ न्यून और अधिक अवयवों वाले मन्दिर में इस प्रकार.. कहा गया है। निर्माणाधीन मन्दिर में नहीं कहा गया! उन अवयवों के न रहने पर वहाँ तो
@balajidbv
@thewire_in
@govardhanmath
That seen enough of your babbling nonsense if people propagate the truth, said by puri Shankaracharya doesn’t mean we have jointed with left get lost.