एक छोटी सी कील गाड़ी की
गति बदल सकती है,
तो याद रखिए एक छोटा सा
नेगेटिव विचार भी
मनुष्य की गति रोक सकता है !!
" जय गणेश "
" जय मां आदिशक्ति "
" जय श्री कृष्णा "
" ॐ नमः शिवाय "
🙏 #सुप्रभात 🙏
आपका दिन मंगलमय रहे 💐.
पिता और बेटी का रिश्ता अद्भुत है, शब्दों की परीधि से परे है, एक बेटी पिता से प्यार तो बहुत करती हैं, परन्तु कभी बता नहीं पाती,
वही पिता के दिल में बेटी के लिए फिक्र और प्यार तो होता हैं, पर वो दिखा नही पाता, वास्तव में ये रिश्ता अद्भुत होता है,
इस वीडियो में जब बेटी शहर से घर
प्रेम केवल प्रेमी से या प्रेमिका से नहीं किया जाता है, जिस रिश्ते में मोह हो, अपनापन हो,
लगाव हो, जुड़ाव हो,अधिकार हो,
प्रेम वहां भी विराजमान रहता है। प्रेम तो वह भी होता है जो सब कुछ जानने, समझने और खोने के
बाद भी चुपचाप अपने हिस्से के कर्तव्य को
पूरा करते हुए यादें बनकर चला
कई बार बस इसलिए अफ़सोस नहीं होता किसी खास चीज़ के नहीं मिलने से क्यूंकि हम हर तरह से कोशिश करके अंत तक दिलों-दिमाग़ से, थक चुके होते हैं... अंदर से इच्छाएं मर चुकी होती हैं...
नोट - यह किसी रिश्ते में भी हो सकता है और किसी कार्य में भी...
ज़िन्दगी अनएक्सपेक्टेड होती है। कब कौन सा सरप्राइज दे दे या कब कौन सा सदमा पता ही नहीं चलता। सब कुछ अनप्रेडिक्टबल है। लोग मिलते हैं, रहते हैं, जाते हैं, खो जाते हैं, छोड़ जाते हैं, छोड़ दिये जाते हैं, जिया जाता है तो बस वर्तमान। पीछे मुड़ो तो जान जाती है, और सामने ज़िन्दगी'।
लोग तो सिर्फ वही जानते हैं जो आप वर्तमान में हो। जैसे कि तुम क्या हो, कहां हो, कैसे हो इत्यादि। पर तुम कहाँ से आया हो, कौन से कल से और क्या सफर तय करके इस आज तक पहुँचे हो, वो पूरा निबंध सिर्फ आप जानते हो।
राजनीति में सादगी और शुचिता के प्रतीक, भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति, श्रद्धेय भैरोंसिंह शेखावत जी की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करती हूँ!
आपके विचार, सिद्धांत व आदर्श जीवन सदैव हमें राष्ट्र एवं समाज की सेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे।
कभी-कभी ऐसा भी होता है की ज़िन्दगी की दौड़ मे,
दौड़ते-दौड़ते एक रुकाव सा आ जाता है!
हम अगर उस समय अपने आस-पास मौजूद रिश्तो को देखे,
तो आपको लगेगा की काश ज़िन्दगी यही थम जाये
और हम फिर पुराने जैसे हो जाये!
"स्त्री" तुम पुरुष न हो पाओगी
रहने दो तुम ये सब, क्योंकि;
तुम सबल हो, तुम सरल हो,
तुम सहज हो, तुम निश्चल हो,
तुम निर्मल हो, तुम शक्ति हो,
तुम जीवन हो, तुम प्रेम ही प्रेम हो,
ईश्वर की अद्भुत सुंदरतम कृति हो तुम
"स्त्री हो तुम"
विपरीत परिस्थितियों में जो अकेले खड़े होने का साहस रखते हैं, वही इतिहास का निर्माण करते हैं"
भारतीय राजनीति में युवा तर्क के नाम से विख्यात भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री #चंद्र_शेखर जी की जयंती पर उन्हें शत शत नमन!
आज पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर की जयंती है उनको याद किया जाना क्यूं ज़रूरी है?आज जब राजनीति में रीढविहीन बिना स्टेंड के चापलूसों की खेप बढ़ती जा रही है तो बलिया की माटी के बैलोस चन्द्रशेखर बहुत याद आते है।बलिया से दिल्ली पहुँचने तक चन्द्रशेखर क़तई समझौतावादी नहीं रहे ना स्वभाव
मैं जब भी अकेले में बैठती हूं और खुद को देखती हूं तो मुझे ये महसूस होता है कि में कितनी बदल गई हूं न किसी से ज्यादा बात करना, न ही कोई दोस्त बनाना, न प्रेम की इच्छा रखना, ज्यादा वक्त खामोश रहना, हर वक़्त खुद में ही अस्त व्यस्त रहना, मसलन पहले में ऐसी बिल्कुल भी नहीं थी जैसी आज़..
स्वामी विवेकानन्द जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि।
आज भी कई युवाओं के लिए प्रेरणा एवं सामाजिक और धार्मिक सुधारों के अग्रणी स्वामी विवेकानंद जी के विश्व धर्म संसद में भाषण ने एक अमिट छाप छोड़ी और भारत को वैश्विक मानचित्र पर चिह्नित किया।
#swamivivekanand
ईश्वर ने हर युग में लिए अवतार
ताकि वो पहुंचा सकें
अपना संदेश हम तक ।
प्रिय मित्रो !
पता नहीं तुम जानते हो या नहीं
इस युग में
मेरी कविताएं ही
ईश्वर का भेजा संदेश हैं ।।
इस दुनिया में किसी का प्यार मिलना बड़ी बात नहीं होती।
बड़ी बात तब होती हैं जब कोई समझने वाला मिले।
प्यार के सहारे ज़िंदगी का कुछ वक्त ख़ुशफ़हमी में गुज़र ज़रूर जाता हैं, मगर पूरी ज़िंदगी उसी ख़ुशफ़हमी में निकले इसका कोई भरोसा नहीं।
इस जगह इस पल से मेरी भावनाएँ जुड़ी हैं इसलिए ये वाकई मेरे लिए फोटो 💖 से है ..
हिमालय का वो अनछुवा सौंदर्य और इतने पास जैसे गोद मे लेटे हो ..अभी हाल मे ही पिघली बर्फ मे खिले पर्पल फूलों का गलीचा बस ऐसा लगा जैसे ये वक्त ठहर गया हो सभी कुछ दिव्य और अद्भुत था ।
सर झुके बस उनकी शहादत में,
जो शहीद हुए हमारी हिफाजत में!
ईश्वर से प्रार्थना है कि वो अमर शहीद की दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और इस असीम दुःखद की घड़ी में शोकाकुल परिवारजनों को सहने की शक्ति दें।
जय हिंद 🇮🇳
ये उन दिनों की बात है जब पूरे गांव में लैंडलाइन फोन की सुविधा नहीं थी, तब घर के चूल्हे पर रखे तवे को हँसता देख घर की महिलाएं 2-4 रोटी एक्स्ट्रा बना देती थी और घर वालों को संकेत कर देती थी कि आज कोई न कोई मेहमान आने वाले हैं। घर के सभी सदस्य भी तवे को एलर्ट मोड में देख कर खुद भी
वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में जीत के महानायक, देश के पहले 'फील्ड मार्शल' स्व. सैम मानेकशॉ जी की पुण्यतिथि पर शत-शत नमन।
71' के युद्ध में पाकिस्तान को पराजित करने का आपका पराक्रम देश के युवाओं को राष्ट्र की रक्षा के लिए प्रेरित करता रहेगा।
बचाते ना तुम हम डूब जाते बाबा
कैसे लगाते किनारे पे नैया,
गमे जिंदगी से परेशान थी
रोते लबों को हंसी मिल गयी!!
तुम्हारी शरण मिल गयी #बाबा
तुम्हारी कसम जिंदगी बन गयी,
हमे देखने वाला कोई ना था
तुम जो मिले बन्दगी मिल गयी!!
🙏🙏जय बाबा री 🙏🙏
बिहार में सवर्ण आयोग की रिपोर्ट पढिये सवर्णों की स्तिथि भयावह है।
पढ़कर आपको आंसू आ जाएगा😢
लगभग देश के हर राज्यों में भी यही हाल है
जबकि सरकार की नजर में आप अमीर है
#Justice4EWS
मेरी एक दोस्त है। उसकी मम्मी को जैसे ही पता चलता है कि मेरी कॉल है। बोलती हैं- फोन काट, फोन काट। जब देखो, यह लड़की सिर्फ घूमने की बात करती है। यहां जायेंगे, वहां जायेंगे। यह तो खुद शादी ब्याह कर नहीं रही है, तेरी भी नहीं होने देगी। और मेरी दोस्त सच में कॉल काट भी देती है। आज उसी
"हमने जीवन मे बदलते
रिश्तो को देखा है......
मगर कुछ ऐसे फरिश्तो
को भी देखा है....
जो कोई रिश्ता न होने पर
भी रिश्ता निभाते है।
बस दुनिया मे वो ही दिल को
छू जाते है..!"
आज कल बादल रोज़ आते हैं
और बिना बरसे ही चले जाते हैं ।
मैं रोज़ देखती हूं उन्हें
ऐसा करते हुए
और सोचती हूं
कि बादलों को कितना मोह है
अपनी बूंदों से ।
जाने देना
कितना मुश्किल है
किसी के लिए भी ।।
फासले होते नहीं, बनाये जाते हैं.
मीलों दूर रहकर भी रिश्ते निभाए जाते हैं.
दिखावे से जिंदगी नहीं चलती, क्योंकि
कुछ रिश्ते भरोसे से निभाए जाते हैं.
🥰 #सुप्रभात 🥰
"सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे लिए"
ऐसे शब्दों में इज़्ज़त, ज़िम्मेदारी, प्राथमिकताएं, प्रेम सब छुपा रहता है... जीवन में इतना आसान नहीं है किसी की प्रायोरिटी लिस्ट में शामिल होना... वक़्त लगता है और वक़्त की अपनी एक कीमत होती है... और जहाँ आप किसी की प्रायोरिटी लिस्ट में शामिल नहीं
कभी कभी में भी बहुत रो देती हूं जब में ठीक हो और गलत साबित करने वाले ज्यादा हो, और हमारे पास खुद को सही साबित करने के लिए शब्द ना हो तब बहुत ज्यादा रोना आता।।
बहुत बार लगता है इतनी आबादी वाला देश गुलाम कैसे बना लेकिन सही बना क्योंकि हम जब मोबाइल और रील के गुलाम होकर मानवता भूल सकते है तो कुछ भी संभव है यदि आप आज़ादी को हक समझकर कुछ भी करे तो ऐसी आजादी गलत है भारत को बचाना है तो इन युवाओं को इनसे बचाना होगा अन्यथा आपका अतीत चाहे कितना
प्रेम, त्याग और साहस से भरी है कैप्टन अंशुमान सिंह और स्मृति सिंह की कहानी! जिसके बारे में सुनकर आज देश के हर इंसान को गर्व के साथ-साथ पीड़ा का अनुभव भी हो रहा है।
मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित कैप्टन सिंह, सियाचिन में भीषण आग के दौरान अपने साथी सैनिकों को