पत्रकार राघव त्रिवेदी
@RaghavTrivedi18
ने अमेठी में झूठे विकास का पर्दाफाश किया था। आज भाजपा के कार्यकर्ताओं द्वारा उन पर जानलेवा हमला किया गया। ये बहुत ही शर्मनाक और निंदनीय है।
ओमप्रकाश राजभर जी पहले कहते थे कि 69,000 शिक्षक भर्ती में पिछड़ों का हक़ लूटा गया और भाजपा में बैठे पिछड़े समाज के लोडर लोगों की ज़बान नहीं खुल रही है। अब इनकी भाषा बदल गई कह रहें हैं कि धरना पर बैठे पिछड़े समाज के अभ्यर्थी लात खाने लायक़ है।
सुनिए माननीय नेताजी को फूलन देवीजी की हत्या के बाद संसद में!
इतना अत्याचार सहने के बाद भी समाज ने कभी फूलन देवी को उचित सम्मान नहीं दिया, और जब नेताजी ने जेल से रिहा किया तो समाज और पत्रकारों ने उनके लिए क्या क्या नहीं कहा?
याद रहे कि उस समय की देश और प्रदेश की बीजेपी (वाचपेई और
चौधरी चरण सिंह जी को एक नहीं सौ भारत रत्न और पूरे जीवन भर प्रधानमंत्री पद का प्रलोभन दे दिया जाता तब भी वो सांप्रदायिक ताकतों से समझौता नहीं करते। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज काका जी को सुनिए।
माननीय लालू यादव जी जब बिहार के मुख्यंत्री बने तो ग़रीब और शोषितों को आवाज़ दिया। जब रेल मंत्री थे उनके रेल प्रबंधन का दुनिया भर के विशेषज्ञ सिंगापुर से लेकर अमेरिका के हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी तक क़ायल थे। लालु जी भारत के आइकॉन है।
#I_Love_You_Laluji
#We_Love_You_Laluji
सपा सरकार के कार्यकाल के दौरान कुल 110 एसडीएम की भर्ती हुई जिसमे मात्र 15 यादव समाज के एसडीएम का चयन हुआ। जातिवादी पत्रकार पुण्य प्रसून वाजपेयी ने अखिलेश यादव जी को बदनाम करने के लिये आज तक चैनल से 86 में 56 यादव के चयन की झूठी खबर चलाई। जिसके लिये उन्होंने आज तक माफ़ी नहीं
पूर्व विधायक मुख़्तार अंसारी बहुत पहले जेल में अपनी हत्या की साज़िश की आशंका जताया था।
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में उनकी संदेहात्मक परिस्थिति में मौत की सीबीआई जाँच होनी चाहिये।
समाजवादी पार्टी प्रवक्ता मनोज यादव जी को सुनिये वो बता रहे हैं कि लोग बड़ी संख्या में भारत की नागरिकता छोड़ रहें हैं और विदेश में मोदी जी का जो डंका बज रहा हैं उसे देखने भारतीय अवैध रूप से अमेरिका की सीमा क्रॉस करके देखने जा रहें है।
भारत में बेरोज़गारी का ये आलम हैं कि लोग जान जोखिम में डाल कर अवैध रूप से दूसरे देशों में प्रवेश कर रहें हैं। 2014 के बाद बिना वीसा के ग़ैरक़ानूनी रूप से अमेरिका में प्रवेश करने वाले भारतीयों की संख्या में भारी इजाफ़ा हुआ है। अब विश्वगुरु की डफ़ली फट चुकी है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज काका जी ने दिलीप मंडल को टीवी डिबेट में पूरी तरीक़े से एक्सपोज़ कर दिया। दो साल पहले तक दिलीप मंडल MSP के समर्थक हुआ करते थे, अचानक से क्या हुआ कि विरोध में आ गये। आज कल दिलीप मंडल अमेरिका के सबसे महँगे शहर में रह रहे हैं।
इस समय आईआईटी खड़गपुर में कुल 742 फैकल्टी हैं। इसमें मात्र 5.4% OBC (40), 2.3% SC (17) और 0.3% ST (2) कैटेगरी के फ़ैकल्टी हैं। 90% आबादी का प्रतिनिधित्व मात्र 8% है। लगभग सभी शिक्षण संस्थानों में यही स्थिति है। आख़िर कब तक PDA का हक़ मारा जायेगा।
उत्तर प्रदेश शिक्षक भर्ती घोटाले में OBC, SC और ST समाज की हकमारी हुई। हाईकोर्ट के आदेश के बावज़ूद उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया।
PDA के हक़ और हिस्सेदारी की लड़ाई माननीय अखिलेश जी के नेतृत्व में जारी रहेगी।
UPSC 2023 के रिजल्ट पर गौर करिये। OBC, SC और ST के ज़्यादातर अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में कम अंक मिले है। आख़िर क्या कारण है कि OBC, SC और ST अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में अच्छा अंक प्राप्त करते है पर साक्षात्कार में कम नंबर मिलते है। ये OBC, SC और ST अभ्यर्थियों का अनारक्षित सीटो
इस समय उत्तर प्रदेश के सभी ज़िलों के थानों में थानेदार पद पर एक दो जतियों का वर्चस्व है। अब जातिवादी मीडिया को दरोग़ाओं की जाति नहीं दिखती। अखिलेश यादव जी की सरकार को बदनाम करने के लिये जातिवादी मीडिया झूठी खबर चलाया करता था कि थानों पर एक ही जाति के थानेदार हैं।
आज कल तमाम परीक्षाओं में ओबीसी की मेरिट जनरल के मेरिट से अधिक जा रही है। ऐसा लगता है कि सामान्य वर्ग की 50% प्रतिशत सीटे केवल कुछ जातियो के लिये रिज़र्व है। अधिक नंबर पाने के बावजूद भी सामान्य सीटो पर ओबीसी और एससी एसटी को नौकरी नहीं दिया जाता। ये एक तरह का भ्रष्टाचार है और
उधर भाजपा सरकार किसान आंदोलन को ख़त्म करने के लिये तरह तरह के हथकंडे अपना रही है।
इधर लखीमपुर खीरी में किसानों को थार गाड़ी से कुचल देने वाले आशीष मिश्रा के पिता अजय मिश्रा को भाजपा ने फिर से लोकसभा का उम्मीदवार बनाया है। इन अत्याचारियों को जनता इस लोकसभा चुनाव में सबक़ ज़रूर
केंद्रीय विश्वविद्यालयों 83.2% ओबीसी, 75.6% एससी और 87.3% प्रोफेसर पद ख़ाली पड़े है। इसी तरह तमाम सरकारी नौकरियों में PDA की भागीदारी निर्धारित आरक्षण तक भी नहीं पहुँचा पाया है और समाज में झूठा नैरेटिव फैला दिया गया कि आरक्षण की सारी सीटे केवल कुछ जातिया ही ले रहीं हैं।
यूजीसी की 2022-23 वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर पद पर मात्र 6.2% OBC, 7.4% SC और 1.8% ST हैं। असिस्टेंट और असोसिएट प्रोफेसर पदों पर भी वंचित समाज का प्रतिनिधित्व बहुत कम है। चयन प्रक्रिया में आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया जाता और
एक तरफ पांच किलो राशन तो दूसरी तरफ समाजवादी सूखा राहत सामग्री जिसमें:
- दस किलो आटा
- पांच किलो चना दाल
- पांच लीटर सरसों का तेल
- एक लीटर देसी घी
- एक किलो मिल्क पाउडर
- पच्चीस किलो आलू
@yadavakhilesh
जी की सरकार में सभी गरीब परिवार को हर महीने ये सामग्री बाँटी गयी लेकिन
माननीय अखिलेश यादव जी के कार्यकाल ख़त्म होने के बाद से उत्तर प्रदेश में लगातार महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध बढ़ता ही जा रहा है। NCRB का डेटा बताता है कि 2017 से लगातार महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध में बढ़ोतरी हो रही है। 2016 की तुलना में 2022 में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध में 33% से
फ़र्क़ साफ़ है
पहली तस्वीर में अखिलेश जी द्वारा रैट माइनर्स को उत्तरकाशी की सुरंग में फँसे लोगों को बचाने के लिए सम्मानित करने की खबर
दूसरी तस्वीर में उन्हीं रैट माइनर्स के घर को बुलडोज़र से ज़मींदोज़ करने की खबर
सोचना आपको है कि आपको कैसा नेता चाहिए, संवेदनापूर्ण या
आरक्षण लागू होने के इतने वर्षों के बाद भी उत्तर प्रदेश ब्यूरोक्रेसी (IAS) में पिछड़ा वर्ग के मात्र 22.4% और अनुसूचित जाति 12.03% अधिकारी हैं। जो पिछड़ा वर्ग (27%) और अनुसूचित जाति/जनजाति (22.5%) को मिले आरक्षण के बराबर भी नहीं है। ये आबादी के अनुपात से बहुत कम है।
इसलिये 90% PDA
उत्तर प्रदेश पेपर लीक आयोग। आरक्षण में बेईमानी कर ओबीसी, एससी, और एसटी का हक़ मारते हैं। पेपर लीक कर अपने लोगों को पैसा लेकर नौकरियों में भरते हैं। उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की लीकेज सरकार चल रही है।
#PaperLeak
ANI की
@smitaprakash
स्मिता प्रकाश ने २०१४ में सपा सरकार के द्वारा दो अंग्रेज़ी पेपर में दिये ऐड को लेकर सवाल उठाये थे, आज पूरे देश के अख़बारों में प्रधानमंत्री और बीजेपी के मुख्यमंत्रियों के ऐड दिये जाते हैं, क्या आपने देखा उन्होंने कभी बीजेपी पर सवाल उठाया कि ये पैसा कहाँ से
इसमें PDA कहाँ है? नौ माहिला कुलपति में पिछड़े, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदाय से एक भी नहीं है। इसलिए समाजवादी पार्टी कोटा के अंदर कोटा की माँग करती है।
भारत के प्रमुख हिन्दी न्यूज़ चैनलों के मालिकों में OBC, SC, ST और अल्पसंख्यकों की भागीदारी लगभग शून्य है। इसलिये PDA/बहुजन समाज से आने वाले नेताओं के ख़िलाफ़ पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण रखते है। इन न्यूज़ चैनलों में PDA/बहुजन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा नहीं होती और दिन रात नफ़रत फैलाने
भाजपा ने यादव सम्मेलन किया और उसमें यादव समाज से एक भी व्यक्ति नहीं गया। लगता है जाति परिवर्तन का सम्मेलन चल रहा है। सबको यादव बनाया जा रहा है। वरिष्ठ पत्रकार
@AnilYadavmedia1
जी की ये रिपोर्ट देखिये।
उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों में कुलपति पद पर PDA की हिस्सेदारी अपने जनसंख्या के अनुपात में बहुत कम है। इसलिये PDA अपने हक़ की लड़ाई माननीय अखिलेश जी के नेतृत्व में लड़ रहा है।
पुण्य प्रसून वाजपेयी जी आप ने 86 में 56 यादव एसडीएम के चयन की झूठी खबर चलाकर माननीय अखिलेश यादव जी को बदनाम किया। जिसके लिये आपने आज तक माफ़ी नहीं माँगी। अब भी माफ़ी माँग लीजिये।
धरती पुत्र श्रद्धेय मुलायम सिंह यादव जी ने उपेक्षित समाज के सेवा लिये अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। इस वीडियो में उनके काम करने के तरीक़े की एक बानगी झलकती है। वो सदैव ज़मीन से जुड़े रहें। माननीय अखिलेश यादव जी में नेता जी की झलक दिखती हैं।
ED के ग्रुप A कर्मचारियों (अधिकारियों) में OBC, SC और ST का कुल प्रतिनिधित्व 14% से भी कम है। ज़्यादातर जाँच संस्थाओं का यहीं हाल है।
अभी खबर आयी थी कि कैसे ED भाजपा के लिये इलेक्टोरल बांड का हफ़्ता वसूली का काम करती थी। ED जिन कंपनियों पर छापा मारती थी वो तुरंत भाजपा के लिये
माननीय अखिलेश यादव जी ने पहले ही जनता को आगाह किया था कि जिस तरीक़े से भाजपा वैक्सीन को लेकर जल्दबादी और दबाव बना रही है उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
एस्ट्राजेनेका कोविड वैक्सीन ग्लोबल स्तर पर कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया ब्रांड नामों के तहत बेची गई
◆ यूके मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक
◆ एस्ट्राजेनेका ने यूके HC में दिए गए अपने अदालती दस्तावेजों में पहली बार माना
◆ TTS सिंड्रोम शरीर में खून के थक्के जमने की वजह बनती है
2015 में भाजपा सांसदों ने गाँव गोद लिया था। नौ साल बाद भी गावों की हालत बदतर है। स्मृति ईरानी ने अमेठी के सुजानपुर गाँव को गोद लिया वो अब गोद से उतरकर रेंगने लगा है। देखिए गाँव की हालत पर एक रिपोर्ट।
घोटालेबाजों और भ्रष्टाचारियों की पहली पसंद भाजपा है। ज़ाहिर सी बात है इलेक्टोरल बॉन्ड, नोटबंदी, राफ़ेल, पीएम केयर जैसे महाघोटालों की जननी भाजपा भ्रष्टाचारियों की पनाहगाह है।
उत्तर प्रदेश में मुख्य सचिव पद पर अधिकारियों का विवरण इस प्रकार है।
सवर्ण -04
ओबीसी -01 (जाट)
एससी -00
एसटी- 00
अल्पसंख्यक -00
मुख्य सचिवों के द्वारा ही सरकार चलाई जाती है। समाज के हर वर्ग का प्रतिनिधित्व आवश्यक है। इसलिये प्रमोशन में आरक्षण ज़रूरी है। सभी पार्टियों को इस
यूजीसी की 2022-23 वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पीडीए समाज के कुल प्रोफेसरों की संख्या ओबीसी 63, एससी 75, और एसटी 18 मात्र है। प्रत्येक केंद्रीय विश्वविद्यालय में ओबीसी, एससी और एसटी समाज के प्रोफेसरों की संख्या औसतन दो से कम है।
केंद्रीय
जातिवादी मीडिया के काम करने का तरीक़ा देखिये। अपराधी अपनी जाति का है तो उसे “क्��ाइम, करप्शन और कम्युनलिज़्म से समझौता न करने वाला” बता रहें हैं लेकिन बहुजन समाज का व्यक्ति कुख्यात है।
धनंजय सिंह के ऊपर 46 मुक़दमे दर्ज है। इसमें संगीन अपराध जैसे हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण,
मध्यप्रदेश में OBC आबादी 50% से अधिक हैं लेकिन OBC को आरक्षण मात्र 14% ही मिल रहा हैं। ये आबादी के अनुपात में बहुत कम है।
1990 में मंडल कमीशन के लागू होने के 34 वर्ष बाद भी मध्य प्रदेश में मंडल कमीशन सिफारिश के अनुसार ओबीसी का 27% आरक्षण अभी तक लागू नहीं हुआ है। भाजपा एक कठपुतली
जिसे आप गोदी मीडिया कहते हैं दरअसल वो जातिवादी मीडिया है। भारत की सभी मीडिया के संपादको और मालिको में OBC, SC, ST और अल्पसंखकों की भागीदारी नगण्य है। इसलिये जातिवादी मीडिया बहुजन हितों के मुद्दों पर कभी बात नहीं करता।
गाजीपुर में RO/ARO की परीक्षा के दौरान पेपर सीलबंद नहीं मिला, तो अभ्यर्थियों ने उसकी शिकायत की। लेकिन अब शिकायत करने का इनाम योगी सरकार ने उनके खिलाफ FIR करके दी है।
साथ ही, याद रहे कि 2022 में इसी प्रकार बलिया के पत्रकार दिग्विजय सिंह, अजीत ओझा और मनोज गुप्ता को भी पेपर लीक
RO/ARO Exam के अभ्यर्थियों के खिलाफ डीएम ने किया मुकदमा दर्ज!
11 फरवरी को हुए RO/ARO Exam में पेपर आउट जैसे अनेक आरोप लगने के बाद अब प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। आपको बता दें कि गाज़ीपुर से वायरल हुए एक वीडियो में दिखने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ डीएम ने मुकदमा दर्ज किया है।
हिन्दी न्यूज़ चैनलों पर रोज़ शाम प्राइम टाइम में मुर्ग़ा लड़ाने वाले एंकर्स में एक भी SC और ST समाज का एंकर नहीं है। ओबीसी समाज का थोड़ा बहुत प्रतिनिधित्व कुछ चैनलों में है। इसलिये ये बहुजन (PDA) समाज से आने वाले नेताओं और पैनलिस्ट को आये दिन टीवी डेबिट में अपमानित करने की कोशिश
देश का दुर्भाग्य है कि एक बड़ी आबादी का अग्रेज़ी समाचार पत्रों के संपादकों और मालिकों में प्रतिनिधित्व ओबीसी मात्र 2.94% और एससी/एसटी का शून्य (0%) है। लगभग 90% देश की आबादी का प्रतिनिधित्व न के बराबर है और जातिवादी पत्रकारों को लगता है कि ये सामान्य बात है।
ये लोग चाहते हैं कि अब हर चैनल में नौकरी के इंटरव्यू में संपादक पूछे- किस जाति के हो? आज़ादी के बाद से इतने साल धर्म के नाम पर देश को बांट कर रख दिया अब जाति पर बांटना चाहते हैं..बढ़िया है!
आधुनिक भारत के सबसे कमजोर चुनाव आयोग की देखरेख में आज प्रथम चरण का चुनाव है। ये चुनाव है तानाशाही के ख़िलाफ़ संविधान और लोकतंत्र बचाने का, ये चुनाव है अपनी खेती किसानी बचाने का, ये चुनाव है मणिपुर और देश के अनेक भागों में महिलाओं के अपमान का बदला लेने का, ये चुनाव है बेरोज़गारों
जनता के करोड़ों रुपयों से अप्रमाणित वैक्सीन का ठेका एक कंपनी को दिया और बदले में उस कंपनी से चुनावी चंदा वसूला, फिर जनता के ही पैसों से अपनी वाह वाही के समाचार पत्रों में प्रचार!
इनकी गारंटी जनता को मूर्ख बनाना है और ये पोल अब जनता के बीच खुल गयी है!
चित्र में 2021 में बीजेपी
आरक्षण लागू होने के इतने वर्ष बाद भी केंद्र सरकार की ग्रुप A नौकरियों में OBC 16.5%, SC 13.5% और ST 5.9% हैं। अभी तक आरक्षण पूर्णरूप से लागू नहीं हो पाया और झूठा नैरेटिव फैला दिया गया कि OBC और SC का पूरा आरक्षण कुछ जातिया खा जा रही हैं।
अब PDA झूठ और झाँसे में नहीं आने वाला है
भारत में बेरोज़गारी का ये आलम हैं कि लोग जान जोखिम में डाल कर अवैध रूप से दूसरे देशों में प्रवेश कर रहें हैं। 2014 के बाद बिना वीसा के ग़ैरक़ानूनी रूप से अमेरिका में प्रवेश करने वाले भारतीयों की संख्या में भारी इजाफ़ा हुआ है। अब विश्वगुरु की डफ़ली फट चुकी है।
भारत के इतिहास का बड़ा घोटाला, इलेक्ट्रोरोट बांड महाघोटाले में ED (Extortion Department) को टूल के रूप में इस्तेमाल किया गया। अब ED को Extortion Department के तौर पर जाना जायेगा।
आईआईटी दिल्ली और खड़गपुर में सत्र 2023-24 PhD एडमिशन में OBC, SC और SC आरक्षण के अनुपात में सीटें नहीं दी गई और नियमों का उल्लंघन किया गया। वंचित समाज के बच्चों के हक़ और अधिकार को छीना जा रहा है। PDA की लड़ाई देशव्यापी है।
सरकारी बैंकों के मैनेजर पद पर OBC, SC और ST का प्रतिनिधित्व बहुत कम है। आरक्षण लागू होने के इतने वर्षों बाद ये हालत है। मोदी सरकार धीरे धीरे आरक्षण को ख़त्म कर रही है। PDA के हक़ की लड़ाई को तेज करने की आवश्यकता है।
भारत में नीचे के 50% आबादी के पास देश के कुल संपत्ति का 6% है। ऊपर के मात्र 1% लोगों के पास 33% संपत्ति है। नीचे के लोगों की आय और संपत्ति लगातार साल दर साल घटती जा रही है और ऊपर के 10% लोगों के हाँथ में सब कुछ सिमटता जा रहा है।
ये नीचे के 90% प्रतिशत लोग ही PDA हैं जिसकी लड़ाई
विश्व की 5वीं अर्थव्यवस्था लेकिन 80 करोड़ जनता 5 किलो राशन पर निर्भर
विश्व की 5वीं अर्थव्यवस्था लेकिन किसान की बोरी से 5 किलो की चोरी जारी
विश्व की 5वीं अर्थव्यवस्था लेकिन अग्निवीर की भर्ती 5 साल के लिए भी नहीं
सपा प्रवक्ता राजकुमार भाटी जी बिल्कुल सही सवाल उठा रहें हैं। भारत से बाहर जाने वाले लोगों की संख्या में भारी बढ़ोत्तरी हुई हैं। पिछले साल लगभग एक लाख भारतीय अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश किया। अब बेरोज़गार लोग युद्ध ग्रस्त इज़राइल भी जा रहें हैं।
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के वेबसाइट पर 34 विश्वविद्यालयों के कुलपति की लिस्ट दी गई हैं।
आप ख़ुद देखिये कि इसमें 90% PDA की कितनी हिस्सेदारी हैं।
PDA सम्मान और हिस्सेदारी की लड़ाई है।
उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों में कुलपति पद पर PDA की हिस्सेदारी अपने जनसंख्या के अनुपात में बहुत कम है। इसलिये PDA अपने हक़ की लड़ाई माननीय अखिलेश जी के नेतृत्व में लड़ रहा है।
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के वेबसाइट पर 34 विश्वविद्यालयों के कुलपति की लिस्ट दी गई हैं।
आप ख़ुद देखिये कि इसमें 90% PDA की कितनी हिस्सेदारी हैं।
PDA सम्मान और हिस्सेदारी की लड़ाई है।
एक और स्वतंत्र पत्रकार को सरकार के भीतर भ्रष्टाचार को उजागर करने का साहस करने के लिए धमकी और हिंसा का सामना करना पड़ रहा है। प्रेस की स्वतंत्रता पर फिर से हमला हो रहा है। हमें इन अत्याचारों के खिलाफ खड़ा होना चाहिए और सत्ता से सच बोलने के अधिकार की रक्षा करनी चाहिए। #प्रेसफ्रीडम
दोषियों पर कार्रवाई करने बजाय एक पत्रकार जिसने सच लिखा उस युवा पत्रकार पर योगी सरकार द्वारा मुक़दमा करना घोर अलोकतांत्रिक और तानाशाही है, बीजेपी के राज सच बोलना गुनाह हो गया है, हम लोग इस तानाशाही रवैये का पुरज़ोर विरोध करते हैं,मुक़दमा वापस हो
@IndEditorsGuild
जयंत जी “बड़ी तस्वीर” दिखा रहे थे, कहते थे सात सौ से ज़्यादा हमारे किसान मारे गये और बीजेपी और हम में लड़ाई है, इसलिए हमारे कार्यकर्ताओं को बीजेपी को वोट नहीं करना चाहिए।
@jayantrld
जयंत जी, सात सौ किसानों की आत्मायें अभी भी न्याय के लिए भटक रहीं हैं। लखीमपुर खीरी में किसानों के
क्या आप जानते हैं?
एक RTI के अनुसार, CAG में 60% से ज़्यादा पदों पर उच्च वर्ग के लोग हैं और OBC एवं SC/ST का अनुपात देखिए 👇
क्या आपको नहीं लगता कि PDA का समुचित प्रतिनिधित्व नहीं होने के कारण इन संस्थाओं में बैठे मनुवादी लोग, PDA से आने वाले राजनीतिज्ञ/अधिकारियों को जानबूझकर
पार्टी, संगठन, नेतृत्व और सरकार हर जगह PDA आवश्यक है। अन्यथा लोग पार्टी को अपना कैरियर बनाने के लिए प्लेटफार्म की तरह इस्तेमाल करते हैं और फिर अपने मूल स्थान पर लौट जाते हैं। सच में समाजवाद की विचारधारा को मानने वाला रातोंरात आरएसएस की विचारधारा को आत्मसात नहीं कर सकता।
उत्तर प्रदेश में 2022 मे हर छठे दिन एक सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या, प्रतिदिन दस बलात्कार और प्रतिदिन 40 महिलाओं का अपहरण हुआ। पूरे देश में सबसे ज़्यादा महिलाओं का अपहरण, दहेज हत्या, सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या उत्तर प्रदेश में हुआ। उत्तर प्रदेश बलात्कार के मामले में दूसरे
माननीय अखिलेश यादव जी के कार्यकाल ख़त्म होने के बाद से उत्तर प्रदेश में लगातार महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध बढ़ता ही जा रहा है। NCRB का डेटा बताता है कि 2017 से लगातार महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध में बढ़ोतरी हो रही है। 2016 की तुलना में 2022 में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध में 33% से
समाजवादी लोग किसी को सर्टिफिकेट बाटने में विश्वास नहीं रखते। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज काका जी ने जो बात कहीं वो दिलीप मंडल जी के ट्वीट के संदर्भ में थी। जब 2021 में दिलीप मंडल के अनुसार MSP हटाना ग़द्दारी थी। तो 2024 में MSP के विरोध को वो क्या कहेंगे।
मध्यवर्ग, किसान, और ग़रीब घरों के बच्चे एक नौकरी के आश में अपना सब कुछ दाव पर लगा कड़ी मेहनत करते है। और उत्तर प्रदेश में हर प्रतियोगी परीक्षा का पेपर लीक हो जा रहा है। समाजवादी प्रवक्ता मनोज काका जी सही सवाल उठा रहें हैं। आख़िर तमाम तरीक़े का दावा करने वाली सरकार पूरी तरीक़े से
पलटीशियन नीतीश जी को सुनिये।
महागठबंधन 2022: मर जाना क़बूल हैं उनके साथ जाना हमको कभी क़बूल नहीं।
एनडी अलायन्स 2024: हम आपको आश्वस्त करते हैं इधर उधर होने वाले नहीं हैं।
अब आप सब तो हमको जानते ही है।😁
2014 से पहले भारत में 63 अरबपति थे। 2021 में इनकी संख्या बढ़ कर 177 हो गई। नीचे के 90% जनता की संपत्ति साल दर साल घटती जा रही है। ऊपर के 10% लोगों के हाँथ में सब कुछ सिमटता जा रहा है।
ये नीचे के 90% प्रतिशत लोग ही PDA हैं जिसकी लड़ाई माननीय अखिलेश यादव के नेतृत्व में लड़ा जा रहा
भारत में नीचे के 50% आबादी के पास देश के कुल संपत्ति का 6% है। ऊपर के मात्र 1% लोगों के पास 33% संपत्ति है। नीचे के लोगों की आय और संपत्ति लगातार साल दर साल घटती जा रही है और ऊपर के 10% लोगों के हाँथ में सब कुछ सिमटता जा रहा है।
ये नीचे के 90% प्रतिशत लोग ही PDA हैं जिसकी लड़ाई
Know why
#ElectoralBonds
were not only increased corruption but also dangerous for country's security?
नितीश कुमार जी की पार्टी जनता दल (यू) ने के.चु.आ. को दिए पत्र में बताया कि "कोई अनजान व्यक्ति उनके ऑफिस में आया और एक सील्ड लिफाफा देकर चला गया, लिफाफा को खोलने पर पता चला कि
उत्तर प्रदेश में एक और पेपर लीक हो गया। आरक्षण में बेईमानी कर ओबीसी, एससी, और एसटी का हक़ मारते हैं। ऊपर से पेपर लीक कर अपने लोगों को पैसा लेकर नौकरियों में भरते हैं। उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की लीकेज सरकार चल रही है।
#UPP_Paper_Leak
गाजीपुर में RO/ARO की परीक्षा के दौरान पेपर सीलबंद नहीं मिला, तो अभ्यर्थियों ने उसकी शिकायत की। लेकिन अब शिकायत करने का इनाम योगी सरकार ने उनके खिलाफ FIR करके दी है।
साथ ही, याद रहे कि 2022 में इसी प्रकार बलिया के पत्रकार दिग्विजय सिंह, अजीत ओझा और मनोज गुप्ता को भी पेपर लीक
पिछले बीस सालों में भारत की कुल जीडीपी (GDP) का आंकड़ा देखिए:
- 2004 में 0.7 ट्रिलियन डॉलर
- 2014 में 2.1 ट्रिलियन डॉलर
- 2024 में 3.7 ट्रिलियन डॉलर
मतलब UPA के दस साल के शासन में 200% की वृद्धि वहीँ मोदी के NDA शासन में सिर्फ 76% की वृद्धि, जबकि नरेंद्र मोदी ने 2024 तक 5
18वीं लोक सभा में उत्तर प्रदेश और देश की तस्वीर बदलेगी। इस बार माननीय अखिलेश यादव जी के नेतृत्व में PDA एक जुट हो गया है। PDA अपने हक और हुकूक की लड़ाई से नफ़रत और बाटने की राजनीति को शिकस्त देगा।
इस बदतमीज एंकर की भाषा देखिये दलित समाज से आने वाली महिला के साथ कैसा व्यवहार कर रहा है।दरअसल Zee News के एंकर्स में पिछड़ा, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व शून्य है। सभी न्यूज़ चैनल्स का यही हाल है। ये लोग बहुजन (PDA) समाज से आने वाले नेताओं और पैनलिस्ट को आये दिन
चाटुकार सवर्ण बेहूदा
@AbhisheKatyayan
अपने जात का परिचय देते हुए। इसको ये कैसे बर्दाश्त होगा कि एक दलित महिला
@SarikaPaswanRJD
जी इतने कॉन्फिडेंस से इसकी बातों का जवाब दे रही हो।
#दलित_विरोधी_ZeeMedia
लोकतन्त्र को बचाने का ये आख़िरी मौक़ा है। देश हित में सब संगठित होकर भाजपा की तानाशाही सत्ता को उखाड़ फेंकना है। इस बार चूक गये तो लोकतंत्र नहीं बचेगा।
टीम इंडिया हैं हम।
मोदी सरकार में केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। पिछले साल 2023 में आईआईटी खड़गपुर फैकल्टी चयन में कुल 101 पदों पर OBC के 10, SC के 2, और ST के शून्य लोगों का चयन हुआ। ये सरकार पिछड़ा, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक विरोधी है।
भारत में विदेशी निवेश (FDI) का आंकड़ा देखिए:
- 2004 में $4.30 बिलियन डॉलर
- 2014 में $36.00 बिलियन डॉलर
- 2023 में $70.90 बिलियन डॉलर
मतलब UPA के दस साल के शासन में 682.61% की वृद्धि जबकि मोदी के NDA शासन में सिर्फ 96.67% की वृद्धि !
समझ रहे हैं आप क्यों मोदीजी अपने भाषणों में
#DollarVsRupees
मनमोहन सरकार के दस वर्षों में डॉलर के सापेक्ष रुपया ने 29% की गिरावट दर्ज़ की थी वहीँ मोदी सरकार के दस वर्षों में 43% प्रतिशत गिरावट के साथ अपने ऐतिहासिक निम्न स्तर पर है, उस समय चिल्ला चिल्ला कर बोलने वाले नरेंद्र मोदी ने अभी इस पर चुप्पी साधी हुयी है!
During
ED के ग्रुप A कर्मचारियों (अधिकारियों) में OBC, SC और ST का कुल प्रतिनिधित्व 14% से भी कम है। ज़्यादातर जाँच संस्थाओं का यहीं हाल है।
अभी खबर आयी थी कि कैसे ED भाजपा के लिये इलेक्टोरल बांड का हफ़्ता वसूली का काम करती थी। ED जिन कंपनियों पर छापा मारती थी वो तुरंत भाजपा के लिये
इस लिस्ट को देखिये। मंडल कमीशन के लागू होने के वर्षों बाद भी कई प्रदेशों में मंडल कमीशन सिफारिश के अनुसार ओबीसी का 27% आरक्षण अभी तक लागू नहीं हुआ। अब समय आ गया हैं कि जातिगत जनगणना के बाद आरक्षण का दायरा प्राइवेट क्षेत्र में भी बढ़ाया जाय और आबादी के अनुपात के अनुसार हिस्सेदारी
ये है मोदी, बीजेपी और NDA का १४० करोड़ लोगों का परिवार….लेकिन इनका परिवार, परिवार और दूसरों का परिवार , परिवारवाद?
बीजेपी कभी भी जनता से जुड़े हुए मुद्दों पर चुनाव नहीं लड़ना चाहती है क्योंकि उसे पता है कि उन मुद्दों पर बहुत कमज़ोर है और हमेशा बेमतलब के मुद्दों को चुनावी
परिवारवाद क्या है? यही सवाल
@rajkumarbhatisp
श्री राजकुमार भाटी जी कर रहे हैं! आपको क्या लगता है ये परिवारवाद है या फिर नहीं?
BJP criticizes dynastic politics in opposition parties, yet promotes its own lineage-driven leadership within the party. Hypocrisy at its finest.
ओमप्रकाश राजभर जी पहले कहते थे कि 69,000 शिक्षक भर्ती में पिछड़ों का हक़ लूटा गया और भाजपा में बैठे पिछड़े समाज के लोडर लोगों की ज़बान नहीं खुल रही है। अब इनकी भाषा बदल गई कह रहें हैं कि धरना पर बैठे पिछड़े समाज के अभ्यर्थी लात खाने लायक़ है।
समाजवादी पार्टी प्रवक्ता मनोज यादव जी ने गोदी मीडिया के प्रोपेगंडा मोदी का विश्व में डंका बज रहा है की पोल खोल दी। आख़िर क्यों लाखों लोग भारत की नागरिकता छोड़ रहें हैं और बड़ी संख्या में लोग ग़ैरक़ानूनी रूप से बिना वीसा के दूसरे देशों में पलायन कर रहे हैं।
समाजवादी पार्टी प्रवक्ता मनोज यादव जी को सुनिये वो बता रहे हैं कि लोग बड़ी संख्या में भारत की नागरिकता छोड़ रहें हैं और विदेश में मोदी जी का जो डंका बज रहा हैं उसे देखने भारतीय अवैध रूप से अमेरिका की सीमा क्रॉस करके देखने जा रहें है।
प्रज्ञा जी आप अच्छी पत्रकारिता करती हैं। लेकिन एक बार उस किसान से भी पूछ लीजियेगा जिसने अपने मेहनत और पसीने से इस गेहूँ के फसल को सींचा होगा। आशा है अगली बार आप इस बात का ध्यान रखेंगी कि फसलों को नुक़सान न हो।
आज लोकतंत्र बचाने के लिए देश में द्वितीय चरण की 88 सीटों पर चुनाव हो रहा है, सभी मतदाताओं से विनम्र निवेदन है कि अधिक से अधिक संख्या में इंडिया गठबंधन को वोट देकर दस साल के झूठ और मक्कारी के शासन को उखाड़ फेंकने में अपना योगदान दें 🙏
जीतेगा इंडिया, तो बढ़ेगा इंडिया 🇮🇳
बीजेपी और गोदी मीडिया ने समाज में हिंदू और मुस्लिमों के बीच जो ज़हर भरा है वो अब किसी की मैयत और अंतिम संस्कार में जाने पर भी सवाल खड़ा करने लगी है।
कई बार के विधायक मुख़्तार अंसारी के अंतिम संस्कार में शामिल हुए लोगों के ऊपर धर्म के नाम पर तमाम टिप्पड़ियाँ की जा रही हैं।
नीचे
समाजवादी पार्टी प्रवक्ता मनोज यादव जी को सुनिये वो बता रहे हैं कि लोग बड़ी संख्या में भारत की नागरिकता छोड़ रहें हैं। विश्व गुरु बनने के बाद अवैध रूप से अमेरिका की सीमा क्रॉस करके अमेरिका में प्रवेश करने वाले भारतीयों की संख्या में भारी इजाफ़ा हुआ है। इसमें ज़्यादातर गुजराती हैं।
भारत में बेरोज़गारी का ये आलम हैं कि लोग जान जोखिम में डाल कर अवैध रूप से दूसरे देशों में प्रवेश कर रहें हैं। 2014 के बाद बिना वीसा के ग़ैरक़ानूनी रूप से अमेरिका में प्रवेश करने वाले भारतीयों की संख्या में भारी इजाफ़ा हुआ है। अब विश्वगुरु की डफ़ली फट चुकी है।
भारत में नीचे के 50% आबादी के पास देश के कुल संपत्ति का 5.9% है। ऊपर के मात्र 1% लोगों के पास 33% संपत्ति है। नीचे के लोगों की आय और संपत्ति लगातार साल दर साल घटती जा रही है और ऊपर के 10% लोगों के हाँथ में सब कुछ सिमटता जा रहा है।
ये नीचे के 90% प्रतिशत लोग ही PDA हैं जिसकी
ये किसी फ़िल्म की पटकथा नहीं बल्कि एक सच्ची घटना है जो बताता है कि कैसे उत्तर प्रदेश में अपराधियों और पुलिस का नेक्सस काम कर रहा है। उत्तर प्रदेश क़ानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है।
यूपी के गाजीपुर जिले में अंतिम संस्कार से लौटे रहे दो बसों से टोलप्लाज़ा मैनेजर ने पूरी टीम के साथ मिलकर की लूटपाट...स्थानीय थानेदार पर लगे मिलीभगत के गंभीर आरोप,
FIR पढ़कर आपकी रूह कांप जाएगी...बिल्कुल साउ�� की फिल्मों के गुंडों की तरह बर्ताव किया गया...
आगे तहरीर के
आज पाँचवे चरण का चुनाव है, ये साधारण चुनाव नहीं है बल्कि आरक्षण और संविधान बचाने का चुनाव है, इस बात को किसी को, ख़ासतौर से पीडीए वर्ग को, हल्के में नहीं लेना चाहिए। इसीलिए सभी मतदाताओं से आग्रह है कि अधिक से अधिक संख्या में इंडिया गठबंधन को वोट दें, क्योंकि जीतेगा इंडिया तभी तो
आरक्षण के बारे में योगी आदित्यनाथ लिखते हैं।
“किसी समाज अथवा जाति को अगर अकर्मण्य अथवा निकम्मा बनाना हो तो उसे बिना कर्म किये सुविधा प्रदान करते जाइये। निश्चित ही एक समय बाद अकर्मण्यता एवं निकम्मापन उस जाति अथवा समाज में सर्वत्र दिखाई देगा।”
ये लेख योगी आदित्यनाथ के वेबसाइट पर
दिल्ली में बैठे हुए शासक जो लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से जय और पराजय को झेलने का सामर्थ नहीं रखते वो सीबीआई/ईडी के सहारे भारत की राजनीतिक शक्तियों को परास्त करने पर लगे है।
-गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी
हिन्दी और अंग्रेज़ी अख़बारों में PDA सामज का प्रतिनिधित्व न के बराबर है। इसलिये PDA समाज से आने वाले नेताओं के ख़िलाफ़ ये अख़बार आये दिन ज़हर उगलते रहते हैं।
इसमें PDA कहाँ है?
#MainHoonPDAParivar