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दुःखी न होना तुम्हारे हाथ की बात !
तुम निंदनीय काम न करो फिर भी अगर निंदा हो जाती है तो घबराने की क्या जरूरत है? तुम अच्छे काम करो । संसार है, कभी दुःख आयेगा, कभी सुख आयेगा, मान आयेगा, अपमान आयेगा, यश आयेगा, अपयश आयेगा । इसीका नाम तो दुनिया है । - संत श्री #आशारामजी बापू
संसार की लहरियाँ तो बदलती जायेंगी इसलिए हे मित्र ! हे मेरे भैया ! हे वीर पुरुष ! रोते, चीखते, सिसकते जिन्दगी क्या बिताना? मुस्कुराते रहो... हरिगीत गाते रहो... हरिरस पाते रहो... यही शुभ कामना । - पूज्य संत श्री #आशारामजी बापू
धन, सत्ता, सौंदर्य या बुद्धिमत्ता का अहंकार निरहंकार नारायण साथ में होते हुए भी उससे मिलने नहीं देता । इसलिए इस अहंकार को मिटाने के लिए धर्म ने दण्डवत प्रणाम करने का विधान किया है । - पूज्य संत श्री #आशारामजी बापू
#AsharamjiBapuQuotes
#AsharamBapuJi
सावधान और सतर्क रहें कि कहीं समय व्यर्थ तो नहीं जा रहा ? अपने परमात्मप्राप्ति के लक्ष्य को सदैव याद रखें और लक्ष्य की तरफ जानेवालों का संग करें । अपने से ऊँचों का संग करें । इससे उद्देश्य को पाने में सहायता मिलेगी । - पूज्य संत श्री #आशारामजी बापू
#Bapuji
जो श्रेष्ठ मनुष्य पापमोचनी एकादशी का व्रत करते हैं उनके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं । इसका माहात्म पढ़ने और सुनने से सहस्त्र गोदान का फल मिलता है । ब्रह्महत्या, सुवर्ण की चोरी, सुरापान और गुरुपत्नीगमन करनेवाले महापातकी भी इस व्रत को करने से पापमुक्त हो जाते हैं । (पद्म पुराण)
सकाम भाव से नामस्मरण करने पर वह हर इच्छा को पूर्ण कर देता है । निष्काम भाव से नामस्मरण करने पर वह पापों को भस्म कर देता है । श्रद्धापूर्वक ईश्वर-नाम का जप करने से वही ब्रह्म ऐसे प्रकट हो जाता है जैसे रत्न के जानने से उसका मूल्य । - संत एकनाथजी महाराज
जो ईश्वर के सिवाय अन्यत्र मन लगाता है, उसे अंत में मुँह की खानी पड़ती है तथा निराशा ही हाथ लगती है । इसलिए सभी ओर से मन को हटाकर केवल ईश्वर के चरणों में, भक्ति-भावना में लगाना चाहिए । - संत श्री #आशारामजी बापू
#AsharamJiBapu
रात को नींद बढ़िया आयेगी, परमात्मा के ध्यान में रूचि हो जायेगी । परमात्मास्वरूप में स्थिति हो जाएगी तथा वह कर्म, कर्म नहीं रहेगा बल्कि ईश्वर से मिलानेवाला कर्मयोग बन जाएगा । - संत श्री #आशारामजी बापू
स्वास्थ्यप्रद, गुणकारी पलाश फूलों का रंग
पलाश के फूल हमारे तन, मन, मति और पाचन-तंत्र को पुष्ट करते हैं । वर्षभर रोगप्रतिकारक शक्ति मजबूत बनी रहती है । यह सूर्य की तीक्ष्ण किरणों के दुष्प्रभाव तथा मौसम-परिवर्तन से प्रकुपित होनेवाले रोगों से रक्षा करता है ।
#Holi2022
#asharambapu
हमारा तो कोई नहीं है-ऐसा कर-करके हम भगवान के साथ का नाता काटते हैं । बाहर का कोई भी नहीं हो फिर भी भगवान तो हमारे थे, हैं और रहेंगे । इसलिए कभी अपने को अनाथ, असहाय, तुच्छ, दीन-हीन मानकर निराश नहीं होना चाहिए।-संत श्री #आशारामजी बापू
#AsharamjiBapuQuotes
जो सदा प्यास लगने पर ही पानी पीता है, भूख लगने पर ही भोजन करता है और नियमितरूप से प्रातःकाल में भ्रमण करता है, उसके घर वैद्य नहीं जाते अर्थात् वह स्वस्थ रहता है ।
#HealthTips
हमारे जीवन में यह सद्गुण आ जाय कि दूसरे में क्या दोष है यह न देखें बल्कि "दूसरों की उन्नति में हमारा क्या कर्त्तव्य है ?" इसका विचार करें और अपने कर्त्तव्य के प्रति हम सावधान हो जायें तो हमारा विवेक जगेगा, हमारी निर्दोषता सुरक्षित रहेगी । - संत श्री
#आशारामजी बापू
आलस्य सुखरूप प्रतीत होता है पर उसका अंत दुःख है तथा कार्यदक्षता दुखःरूप प्रतीत होती है पर उससे शाश्वत आत्मसुख की यात्रा हो जाती है । ऐश्वर्य, लक्ष्मी, लज्जा, धृति ओर कीर्ति – ये कार्यदक्ष पुरुष में ही निवास करती हैं, आलसी में नहीं । - संत श्री #आशारामजी बापू
संत तुकारामजी कहते हैं कि छाया का सुख वृक्ष के नीचे बैठने से ही मिलता है, उसे केवल देखते रहने से नहीं । दृढ़ भगवद्भाव के अभ्यास से ही तुम मुक्त हो सकोगे । केवल अभ्यास की विधि जान लेने से तुम्हें क्या मिलेगा?
#asharamjibapu
#AsharamjiBapuAshram
#Bapuji
संतोषरूपी धन से शीघ्र कल्याण होता है और शांति की प्राप्ति होती है । संतोषी पुरुष के दर्शनमात्र से आनंद की प्राप्ति होती है।संतोषी पुरुष को भोग-वासना बढ़ानेवाले साधन-वैभव की परवाह नहीं होती ।जो कुछ भी अनायास मिलता है उसीमें वह संतुष्ट रहता है और अप्राप्त वस्तु की इच्छा नहीं करता ।
माघः सर्वयुगेषु च... माघ का स्नान सभी युगों में श्रेष्ठ समझा गया है । यदि कोई भगवत्प्रसन्नता, भगवत्प्राप्ति के लिए माघ-स्नान करता है तो उसको भगवत्प्राप्ति भी बहुत-बहुत आसानी से होती है । - संत श्री #आशारामजी बापू
प्रतिदिन प्रातः काल सूर्योदय के बाद नीम व तुलसी के पाँच-पाँच पत्ते चबाकर ऊपर से थोड़ा पानी पीने से प्लेग तथा कैंसर जैसे खतरनाक रोगों से बचा जा सकता है और यादशक्ति भी बढ़ती है।40 दिन तक रोज बिल्वपत्र के7 पत्ते चबाकर ऊपर से थोड़ा पानी पीने से स्वप्नदोष की बीमारी से छुटकारा मिलता है
जब तक किसी वस्तु में आपकी ममता है तब तक वह एक तुच्छ वस्तु मात्र है और जब आप उससे अपनी ममता हटा लेते हो तो वह आपके लिए भगवान का प्रसाद अर्थात् दुःखनिवारक व सुखप्रदायक हो जाती है । – संत श्री #आशारामजी बापू
#AsharamjiBapuQuotes
#asharambapu
वरुथिनी एकादशी निमित्त पांडेपुर चौराहा, वाराणसी में संत श्री आशारामजी बापू के साधकों द्वारा किया गया निःशुल्क 1100 ऋषि प्रसाद पत्रिका का वितरण।
#RishiPrasad
#asharamjibapuashramactivities
दिल को पीडा देनेवाली कोई बात किसी को मत बोलो । न किसीके दोषों का चिंतन व प्रचार करो । तुम्हारा हृदय साधुतापूर्ण तो तब माना जायेगा, जब तुम्हारे हृदय में किसीके दोषों की स्फुरणा ही न हो । तब तुम स्वयं निर्दोष बन जाओगे । - संत श्री #आशारामजी बापू
#AsharamjiBapuQuotes
#Asharamijbapu
जिन संतों के हृदय में सबकी भलाई की भावना है, जिनका सबके ऊपर प्रेम है ऐसे संतों को सताने के लिए मूढ़ लोग तैयार हो जाते हैं । पेड़ की छाया में बैठकर अपनी गर्मी मिटाने की अपेक्षा उस पेड़ की जड़ों को काटने लग जायें तो सोचो यह कैसी मूर्खताभरी बात है । - संत श्री #आशारामजी बापू
वास्तव में देखें तो अपना कौन है ? अपनी देह भी अपने कहने में नहीं चलती, अपना मन भी अपने कहने में नहीं चलता, अपना बेटा भी अपने कहने में नहीं चलता, दोस्त भी अपनों से धोखा कर लेते हैं । अपना तो एक आत्मा-परमात्मा है जो मौत के बाद भी हमारा साथ नहीं छोड़ता। वही अपना है बाकी सब सपना है ।
कब्ज कई प्रकार की बीमारियों की जड़ है । इसके रोगियों को रोजाना विरेचक औषधियाँ लेने की आदत पड़ जाती है, जिससे उनकी आँतें शुष्क हो जाती हैं । 5 से 10 बूँद बादाम का तेल दूध में डालकर रात्रि को (सोने से कम-से-कम 1 घंटा पहले) पीने से आँतों की शुष्कता तथा कब्जियत दूर होती है ।
नींद में खर्राटे आना कई बार सामान्य होता है, कई बार थकान के कारण खर्राटे आते हैं तथा कई बार यह लक्षण किसी गंभीर बीमारी के साथ जुड़ा हुआ होता है । खर्राटे आना यह कुदरत का अलार्म है । जिससे की कुदरत अपनी जीवनशौली ठीक करने की चेतावनी देती है ।
#Snoring
#Healthtips
विद्यार्थी का प्राथमिक कर्तव्य है चरित्र-निर्माण । हम किसीके चरित्र को उसके कार्यों द्वारा आँक सकते हैं। कार्य ही चरित्र को व्यक्त करता है,किताबी जानकारों से मुझे घोर अरुचि है, मैं चाहता हूँ चरित्र, विवेक, कर्म । चरित्र के अंतर्गत सब कुछ आ जाता है..
शरीर में मालिश द्वारा प्रविष्ट 10 ग्राम तेल 50 ग्राम गाय का घी हजम कर लेने के बराबर अंगों को शक्ति देता है । शीतकाल में सरसों के तेल से, ग्रीष्मकाल में चंदनबला या क्षीरबला के तेल से एवं वर्षा ऋतु में तिल के तेल से मालिश करने से विशेष लाभ होता है ।
#health
#healthcare
आगे बढ़ो...
साधना-मार्ग में पतन होना यह पाप नहीं है लेकिन पतन होने के बाद पड़े ही रहना, उठना नहीं, यह पाप है । पतन और असफलता से डरो नहीं । साधना के मार्ग पर हजार बार निष्फलता मिले फिर भी रुको मत । पीछे न मुड़ो । निर्भयतापूर्वक साहस जारी रखो । तुम अवश्य सफल हो जाओगे ।
महाशिवरात्रि
ब्रह्मा आदि देवता और वशिष्ठ आदि मुनि इस चतुर्दशी की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हैं । इस दिन यदि किसीने उपवास किया तो उसे सौ यज्ञों से अधिक पुण्य होता है । - पूज्य संत श्री #आशारामजी बापू
#Shivratri
#Mahashivratri
#AsharamjiBapuInitiatedMppd
यदि जीवन गीत है तो साधन, भजन, सेवा उसका संगीत है । जैसे संगीत के बिना गीत सुहावना नहीं लगता ऐसे ही सत्संग, साधना, सेवा, आत्मचिंतन रहित जीवन कितना भी चमक-दमक एवं भोग-सुविधाओं से संपन्न हो तो भी वह विधवा के शृंगार जैसा ही माना जायेगा । - संत श्री #आशारामजी बापू
#AsharamjiBapuQuotes
वसंत ऋतु में होनेवाले कफ-प्रकोप को शांत करने के लिए ज्वार की धानी उत्तम है । तेल में हींग अथवा लहसुन व हल्दी का छौंक लगाकर ज्वार की धानी, भुने हुए चने व नमक मिला दें।पापड़ को सेंककर छोटे-छोटे टुकड़े करके इसमें डाल सकते हैं।यह स्वादिष्ट व पचने में बहुत ही हलकी होती है ।
#Bapuji
मैं कुर्बान जाऊँ...
‘जिस परमात्मा के सुमिरनमात्र से इस जीव का उद्धार हो जाता है, अंत:करण पवित्र तथा निर्मल हो जाता है, भय और चिंताएँ दूर हो जाती हैं, रोगप्रतिकारक शक्ति का विकास हो जाता है तथा काम, क्रोध और लोभ नष्ट हो जाते हैं, ऐसे सर्वकला भरपूर परमात्मा पर मैं कुर्बान जाऊँ !’
मधुमेह- बेलपत्र की 11 पत्तियाँ (एक में तीन अर्थात् 33 पत्तियाँ) डंठलसहित 50 ग्राम पानी में 3-4 काली मिर्च के साथ पीस लें, फिर इसे छानकर सुबह खाली पेट पियें । मधुमेह में यह प्रयोग 40 दिन तक करने से रक्त में शर्करा नियंत्रित हो जाती है, इंसुलिन के इंजेक्शन नहीं लेने पड़ते ।
जिसके साथ आपका वैर है, द्वेष है या तुम पर नाराज है, उसके गुण भी होंगे | उसका कोई-न-कोई गुण याद करके सुबह-शाम मन-ही-मन उसकी प्रदक्षिणा करो और उसको यह बोलो कि आप अच्छे हो, भले हो, सज्जन हो | बाकि जो उन्नीस-बीस है तो मेरा नजरिया बदल जाय और आपका दोष निकल जाय |
#TheAncientKnowledge
हजारों की खुशामद छोडकर एक ईश्वर से प्रीति करो और हजारों से ईश्वर के नाते प्रेम से मिलो तो आपके इस हाथ में भी लड्डू और उस हाथ में भी लड्डू- इस जहाँ में भी मौज और परलोक में भी खुशी ! - संत श्री #आशारामजी बापू
वशिष्ठजी बोलेः “राजन ! माघ मास में सूर्योदय से पहले जो स्नान करते हैं वे अपने पापों, रोगों और संतापों को मिटानेवाली पुण्याई प्राप्त कर लेते हैं । यज्ञ-याग, दान करके लोग जिस स्वर्ग को पाते हैं, वह माघ मास का स्नान करनेवाले को ऐसे ही प्राप्त हो जाता है ।”
भगवन्नाम में रोगनाशिनी शक्ति है । आप कोई औषदि लेते हैं, उसको अगर दाहिने हाथ पर रखकर ‘ॐ नमो नारायणाय’ का 21 बार जप करके फिर लें तो उसमें रोगनाशिनी शक्ति का संचार होगा । – संत श्री #आशारामजी बापू
#AsharamjiBapuQuotes
#AsharamBapu
कई देशों ने वेलेंटाइन-डे मनाने पर बंदिश डाली है । हम तो चाहते हैं कि भारत सरकार को भी भगवान सूझबूझ दें । वह ऐसा कानून बनाये कि बालक-बालिकाओं की तबाही न हो, आनेवाली संतति का भविष्य उज्ज्वल हो । यह सरकार का भी कर्त्तव्य है, आपका भी है और मेरा तो पहले ही है ।
गुरुदेव कहते हैं: तू अभी जहाँ है वहीं से प्रगति कर । उठ, ऊपर उठ । जैसे वायुयान पृथ्वी को छोड़कर गगन में विहार करता है, ऐसे ही तू मन से देहाध्यास छोड़कर ब्रह्मानंद के विराट गगन में प्रवेश करता जा । ऊपर उठता जा । विशालता की तरफ आगे बढ़ता जा । - संत श्री #आशारामजी बापू
2-3 खजूर अच्छी तरह धोकर गुठली निकाल दो । 5 ग्राम अदरक, थोड़ा-सा सेंधा नमक और काली मिर्च ले लो । पुदीना, धनिया भी डालना हो तो डाल सकते हो । इन सबकी चटनी बना लो और वह खा लो । फिर देखो तुम कितनी रोटी हजम करते हो ! इससे पेट भारी नहीं रहता है । यह चटनी पौष्टिक और बलप्रद है ।
दु:ख को योग बना लो-
हमारे कर्मों का, बेवकूफी का, नासमझी का फल है दु:खद अवस्था । कैसा भी दु:ख आये, शूली पर चढ़ जायें, उस समय भी भगवान की याद रहे बस । सत्संग से कितनी बड़ी समझ मिलती है ! - संत श्री #आशारामजी बापू
जो पूर्णरूप से सद्गुरु की शरण जाता है, उसे ब्रह्म की प्राप्ति होती है । परमात्मप्राप्ति के लिए अन्य किसी उपाय की आवश्यकता नहीं, केवल सद्गुरु की शरण जाओ । संत एकनाथजी कहते हैं कि एक सद्गुरु ही संसाररूपी समुद्र से पार करानेवाले नाविक हैं । -
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आप जैसा देते हैं, वैसा ही आपको वापस मिल जाता है । आप जो भी दो, जिसे भी दो भगवद्भाव से, प्रेम से और श्रद्धा से दो । हर कार्य को ईश्वर का कार्य समझकर प्रेम से करो, सबमें परमेश्वर के दर्शन करो तो आपका हर कार्य भगवान का भजन हो जायेगा । – संत श्री #आशारामजी बापू
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सुख और दुःख तो आते-जाते हैं, लाभ-हानि, मान-अपमान, हर्ष-शोक ये सब आते-जाते रहते हैं लेकिन इन सबको जो जानता है, इन सबको जो देखता है वह (परमात्मा) तो कहीं आता-जाता नहीं है । वह सदैव एकरस है । वही जाननेवाला साक्षी आत्मा सदैव तुम्हारे साथ है और वह साक्षी आत्मा तुम स्वयं ही हो ।
झूठी शिकायतें दर्ज करनेवाली महिलाओं को दंडित करना चाहिएः न्यायाधीश
अब समय आ गया है कि न्यायालयों को उन महिलाओं के साथ सख्ती से व्यवहार करना चाहिए जो दुष्कर्म की झूठी शिकायतें दर्ज कराती हैं ।
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संधिवात व गठिया में-
करेलों को आग पर भून के भुरता बनाकर दिन में एक बार 100 ग्राम तक यह भुरता खायें । 10 दिन तक यह प्रयोग करने से स्नायुगत वात, संधिवात आदि में लाभ होता है । करेले के रस को गर्म करके दर्दवाले स्थान पर प्रतिदिन 2-3 बार लेप करना भी लाभदायी है ।- #आशारामजी बापू
निरीक्षण करो कि किन-किन कारणों से उन्नति नहीं हो रही है । उन्हें दूर करो । बार-बार उन्हीं दोषों की पुनरावृत्ति करना उचित नहीं । अगर देखभाल नहीं करोगे तो उम्र यूँ ही बीत जायेगी परंतु बननेवाली बात नहीं बनेगी । -पूज्य संत श्री #आशारामजी बापू
गिरनार, जूनागढ़, गुजरात में महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं को संत श्री आशारामजी बापू के साधकों द्वारा किया गया 18500 ऋषि प्रसाद मासिक पत्रिका निःशुल्क वितरण ।
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जीव अपना कर्तव्य ईमानदारी से करता है तो ईश्वर उसके कर्तव्य से संतुष्ट होकर उसे कर्म का बदला कर्मयोग, भक्तियोग, ज्ञानयोग प्रदान करने में समर्थ हैं । जीव अगर ममता से कर्म करता है तो बँधता है लेकिन तटस्थ होकर कर्म करता है तो मुक्त होता है । - पूज्य संत श्री #आशारामजी बापू
तुलसी को घर का वैद्य कहा गया है । वैज्ञानिकों ने प्रयोग करके जाना कि अन्य पौधों के मुकाबले तुलसी में ऑक्सीजन की मात्रा तिगुनी होती है । तुलसी के पत्तों के सेवन से बल, तेज और यादशक्ति बढ़ति है । इसमें कैंसर-विरोधी तत्त्व भी पाये जाते हैं ।
#healthtips
गुरुदेव से पूछाः ‘‘गुरुदेव ! हम लोग साधारणतया चंचल मन से जप करते हैं, उसके अर्थ में तो मन लगता नहीं, फिर उसका लाभ ही क्या ?’’
गुरुजी बोलेः ‘‘बेटा ! मंत्रजप करते हो किंतु महत्त्व नहीं जानते । जाओ मेरे पूजा-घर में ..
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संकल्प-विकल्पों से कभी हार न मानो । गुरुमंत्र का जप इस तरह करते रहो कि तुम्हारे कान (सूक्ष्म रूप से) उसे सुनें और मन उसके अर्थ का चिंतन करे । - संत श्री #आशारामजी बापू
सोये हुए आदमी को उसका नाम लेकर कोई पुकारता है तो वह जाग जाता है । उसको जगाने के लिए अन्य किसी क्रिया की आवश्यकता नहीं है । उसी प्रकार अज्ञान में सोया हुआ जीव अपने निज आत्मस्वरूप का गुणगान सुनकर जाग जाता है । -पूज्य संत श्री #आशारामजी बापू
हनुमानजी के जीवन में दिखा जाय तो उनमें वीरता भी पूरी है और दासत्व भी पूरा है । मेघनाद जैसे को मूर्च्छित कर दिया, लंका जला दी । रावणको हराने का आधा काम तो करके आ गये थे । हनुमानजी के अंदर इतनी योग्यता थी । सप्त चिरंजीवियों में हनुमानजी का नाम आता है ।
#HanumanJayanti2022
तम्बाकू के व्यसन से मुक्ति हेतु-
100 ग्राम मेथी रात को पानी में भिगोकर रखें । सुबह पानी से निकालकर उस पर नींबू का रस डालें तथा धूप में सुखायें । जब-जब तम्बाकू खाने की इच्छा हो तब-तब इसे मुँह में फाँककर चूसें ।
झूठे आदमी की कीमत घट जाती है, उसकी विश्वसनीयता और प्रभाव चला जाता है । अपना आचरण-व्यवहार ऐसा होना चाहिए कि अपने लोग तो अपने पर विश्वास करें ही, दूसरे लोग भी विश्वास करें । - संत श्री #आशारामजी बापू
#asharamjibapu
#AsharamjiBapuAshram
#Bapuji
#Hinduism
भगवान महादेवजी कार्तिकेयजी से कहते हैः “जो तुलसी के पूजन आदि का दूसरों को उपदेश देता और स्वयं भी आचरण करता है, वह भगवान के परम धाम को प्राप्त होता है .” (पद्म पुराण, सृष्टि खंड: 58.131-132)
#TulsiPujanDiwas
1 कप दूध में 1 से 2 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण तथा 1 कप पानी मिला लें । धीमी आँच पर इतना उबालें कि पानी पूरा वाष्पीभूत हो जाय । इसमें आवश्यकतानुसार मिश्री भी डाल सकते हैं । इसका सुबह खाली पेट सेवन करें । इससे रक्त की वृद्धि होती है एवं वीर्य पुष्ट होकर धातुक्षीणता दूर होती है ।
आप चाहो ऐसी दुनिया हो जाय यह संभव नहीं है । किंतु दुनिया चाहे कैसी भी हो फिर भी आपको दबोच न सके यह संभव है । आप गुरुकृपा से, साधना से, सत्संग से, तत्तविचार से अपने-आपको ‘झंझटप्रूफ’ बना लो । बस, फिर मौत भी आ जाय तो कोई बात नहीं । आप मौत के भी साक्षी हो जाओगे । - #आशारामजी बापू
स्वस्तिकः यह आकृति हमारे ऋषि-मुनियों ने कई सूक्ष्य अनुसंधानों के बाद निर्मित की है । स्वस्तिक की खड़ी रेखा ज्योतिर्लिंग का सूचन करती है और आडी रेखा विश्व का विस्तार बताती है । स्वस्तिक की आकृति सर्वांगी मंगलमय भावना का प्रतीक है ।
विकार मनुष्य के शत्रु हैं । जो बुरे संग तथा विकारों का गुलाम है, वह अपना भला नहीं कर सकेगा और जो अपना भला नहीं कर सकता, वह दूसरों का भला भी क्या करेगा ? - संत श्री #आशारामजी बापू
#AsharamjiBapuQuotes
#Spirituality
अनुकूल परिस्थितियाँ सुख देकर नष्ट हो जाती हैं, प्रतिकूल परिस्थितियाँ दुःख दे के नष्ट हो जाती हैं, दोनों नष्ट हो जानेवाली चीजें हैं । नष्ट होनेवाली चीजों में अगर व्यक्ति दुःखी-सुखी होता ही रहा तो उसने कोई कीमती जीवन नहीं बिताया । - पूज्य संत श्री #आशारामजी बापू
गुरु अर्जुनदेव बलिदान दिवस-
गुरुदेव ने मंगलसेन से कहा : “जो श्रद्धा-विश्वास के साथ गुरुवचनों के अनुसार आचरण करता है, उसके संग प्रभु स्वयं होते हैं, गुरु का अथाह सामर्थ्य उसके साथ होता है, उसे किसी भी कार्य में कोई कठिनाई आड़े नहीं आती ।” - संत श्री #आशारामजी बापू
नृसिंह जयंती-संकटनाशक मंत्र-
नृसिंह भगवान का स्मरण करने से महान संकट की निवृत्ति होती है।जब कोई भयानक आपत्ति से घिरा हो या बड़े अनिष्ट की आशंका हो तो इस मंत्र का अधिकाधिक जप करना चाहिए :
ऊँ उग्रं वीरं महा विष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्।
नृसिंह भीषणं भद्रं मृत्यु मृत्युं नमाम्यहम्।।
देखो, तुम्हारे पास अनावश्यक वस्तुएँ कितनी हैं ? उनके बिना यदि संसार के बहुत से प्राणी दु:खी हैं, तो तुम्हें क्या अधिकार है कि तुम उन्हें अपने पास रखकर सड़ाओ ? उचित तो यह है कि तुम अपनी आवश्यकता का विचार किये बिना ही दूसरों की आवश्यकता पूरी कर दो । संत श्री #आशारामजी बापू
मोह की दलदल में आदमी फँस जाता है । कीचड़ में धँसे हुए व्यक्ति के साथ यदि तुम तादात्म्य करते हो तो तुम भी डूबने लगते हो । तुमको लगता है कि ये डूबे हैं, हम नहीं डूबते । मगर तुम ऐसा कहते भी जाते हो और डूबते भी जाते हो, बुद्धि में एक ऐसा भ्रम घुस जाता है । - संत श्री #आशारामजी बापू
एक ही ऋषि प्रसाद को बार-बार जब भी पढ़ते हैं तो नये रूप से दिखती है, मुझे भी आश्चर्य होता है । मैंने खुद ऋषि प्रसाद का एक ही अंक कई बार पढ़ा है और हर बार मुझे हर पंक्ति में नयापन लगता है, हर सूत्र में फिर से कोई नया सूत्र दिखता है । - श्री धनंजय देशाई
भारत में किसी भी प्रकार का सुधार या उन्नति की चेष्टा करने के पहले (सत्य सनातन) धर्म का प्रचार आवश्यक है । भारत को राजनितिक विचारों से प्लावित करने के पहले आवश्यक है कि उसमें आध्यात्मिक विचारों की बाढ़ ला दी जाय । -स्वामी #विवेकानंदजी
रोटी बनाते हो तो बिल्कुल तत्परता से बनाओ । खानेवालों की तन्दुरुस्ती और रूचि बनी रहे ऐसा भोजन बनाओ ।
कपड़े ऐसे धोओ कि साबुन अधिक खर्च न हो, कपड़े जल्दी फटे नहीं और कपड़ों में चमक भी आ जाय । झाडू ऐसा लगाओ कि मानो पूजा कर रहे हो । कहीं कचरा न रह जाय । - संत श्री #आशारामजी बापू
चन्द्र-ग्रहण-(26 मई)
विज्ञान हुआ नतमस्तक-
तुलसी में विद्युत शक्ति अधिक होती है | इससे तुलसी के पौधे के चारों ओर की २००-२०० मीटर तक की हवा स्वच्छ और शुद्ध रहती है | हमारी भारतीय संस्कृति में ग्रहण के पूर्व खाद्य पदार्थों में तुलसी की पत्तियाँ रखने की परम्परा है |
सिर में देशी गोघृत अथवा बादाम रोगन की मालिश स्मरणशक्ति को तीव्र करने में सहायक है । ललाट के आसपास दोनों ओर कनपटीवाले हिस्से में गोघृत से मालिश करने से सिरदर्द व सिर के अन्य रोग तथा नींद न आने की समस्या भी दूर होती है। #आशारामजी बापू
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देवर्षि नारद जयंती
नारदजी विद्वान तो हैं, साथ ही सच्चरित्रवान भी हैं । विद्वान होने पर भी सच्चरित्रवान होना बहुत ऊँची बात है । विद्वता व सच्चरित्रता हो और अभिमान न हो-ऐसा मिलना मुश्किल है लेकिन नारदजी में यह सद्गुण भी दिखता है-विद्वान, सच्चरित्रवान और निरभिमानी।- #आशारामजी बापू
कुबेर का सर्वदारिद्रयनाशक मंत्र
मंत्रः ॐ श्रीं ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः ।
शिवमंदिर में बैठकर श्रद्धापूर्वक इस मंत्र के 10 हजार जप करने से धन की वृद्धि होती है ।
#AsharamjiBapuAshram
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जीवन का दृष्टिकोण उन्नत बनाने की कला सिखाती है #गीता ! युद्ध जैसे घोर कर्मों में भी निर्लेप रहना सिखाती है गीता ! कर्तव्यबुद्धि से ईश्वर की पूजारूप कर्म करना सिखाती है गीता ! मरने के बाद नहीं, जीते-जी मुक्ति का स्वाद दिलाती है गीता ! – संत श्री #आशारामजी बापू
अपने मन के फँदे से बाहर निकलना हो तो जो मन के फँदे से निकल गये हैं उनके चरणों में अपने को फेंक देना पड़ता है । - पूज्य संत श्री #आशारामजी बापू
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सार कहाँ हैं ?
न अधिक ऐहिक पढाई अच्छी है न अनपढ़ रहना अच्छा है । न निर्धन होने में सार है, न धनवान होने में सार है । महिला होने में भी सार नहीं, पुरुष होने में भी सार नहीं । मूर्ख होने में भी सार नहीं, विद्वान होने में भी सार नहीं, जल्दी मरने में भी सार नहीं ।
क्या यही है जीवन ? क्या यही है हमारे मानव जन्म की उपलब्धि ? हम दुःख में भी परेशान हैं, हम जन्म में भी परेशान हैं, जवानी और बुढ़ापे में भी परेशान हैं और मौत में भी परेशान हैं । क्योंकि परम की कृपा नहीं दिख रही ।- पूज्य संत श्री आशारामजी बापू
कभी कोई भी कार्य आवेश में आकर न करो । विचार करना चाहिए कि इसकापरिणाम क्या होगा? गुरदेव अगर सुनें या जानें तो क्या होगा ? - पूज्य संत श्री #आशारामजी बापू
गुरुपूर्णिमा (23 जुलाई)
व्यासपूनम कहती है कि भाई ! मौत आकर गला दबोच दे और सब यहाँ धरा रह जाय उसके पहले वहीं पहुँचो जहाँ मौत की दाल नहीं गलती है । - संत श्री #आशारामजी बापू
उन्नति के सूत्र-
यदि अपने चिंतन का, अपनी बुद्धि का सदुपयोग करने की कला आ जाय तो मनुष्य संसार में खूब आनंद से, खूब शांति से एवं खूब प्रेम से जी सकता है । मृत्यु के पहले और बाद भी वह मुक्ति का अनुभव कर सकता है । - संत श्री #आशारामजी बापू
कोई घोड़ा मार दे, गधा मार दे,कुत्ते को मार दे,मनुष्य को मार दे तो यह पाप है लेकिन जो अपने परमात्म-स्वभाव की उपेक्षा कर उससे विमुख हो रहा है वह तो महापाप कर रहा है, अपने आपका ही गला घोंट रहा है । वह अपने-आपका ही शत्रु है । फिर उसके आगे बाहर के छोटे-मोटे शत्रु क्या मायना रखते हैं?
रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय-ध्यान व जप से औषधीय उपचारों की आवश्यकता कम पड़ती है।ध्यान के समय अनेक प्रकार के सुखानुभूतिकारक मस्तिष्क-रसायन आपकी तंत्रिका-कोशिकाओं को सराबोर करते हैं।इससे तनाव, अवसाद, अनिद्रा दूर भाग जाते हैं व मन में आह्लाद, प्रसन्नता आदि सहज में उभरते हैं ।
तुलसी पूजन दिवस व विश्वगुरु भारत कार्यक्रम
इस अभियान से जहाँ तुलसी गाँवों में भी आँगन से गायब होती गयी थी वहीं अब शहरों के बहुमंजिला भवनों में भी लगने वाली है । विदेशों में भी ‘तुलसी पूजन दिवस’ मनाया जाने लगा है ।
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