अर्नब बेवकूफ पत्रकार था, उसने भी अगर मौलाना, मौलवी, मदरसों, पादरी और चर्चों के महिमामंडन वाली पत्रकारिता की होती तो आज वो कई पुरष्कार पा चूका होता
उस मूर्ख ने तो सेक्युलर भारत में साधु संतों महंतों मंदिरों और सनातन संस्कृति के समर्थन वाली पत्रकारिता का भयानक गुनाह किया है.?