श्री कृष्णा, गोविंदा, हे माधव, बिहारी,
मैं आई तिहारे, शरण गिरधारी।
रखो लाज मेरी, यशोदा के नंदन,
पीताम्बरधारी है, माथे पे चंदन।
हे मुरली मनोहर, हे जग हितकारी,
मैं आई तिहारे, शरण गिरधारी।
जुड़ी तुमसे बस, भावना से मैं कान्हा,
तुम्ही सच्चे साथी, गोपाला ये माना।
हे रुक्मिणी रमण,