ये हुकूमत फिरोन से ज़्यादा ज़ालिम नही और तुम मूसा अलैहिस्सलाम की कौम से ज़्यादा मजलूम नही,मगर अल्लाह वही था और रहेगा,अगर उनके लिए दरिया मे रास्ता बना सकता है तो तुम तो मोहम्मद ﷺ की उम्मत हो,एक बार अपने अल्लाह के तरफ जुड़कर तो देखो,दुनिया की कोई ताकत तुम्हारा कुछ नही बिगाड़ पाएगी