आवाज दे,तू कहाँ है?दुनिया मेरी जवाँ है!आ, रात जा रही है यूँ,जैसे चाँदनी की बारात जा रही है!चलने को अब फ़लक से,तारों का कारवाँ है!बेदर्द आसमाँ है!आवाज दे,तू कहाँ है?किस्मत पे छा रही है क्यों,रात का सियाही! वीराँ हैं मेरी नींदें,तारों से ले गवाही!बर्बाद मैं यहाँ हूँ,आबाद तू कहाँ है