कुछ दिनों बाद,
आप बस एक फोन नंबर बन कर रह जाते हैं,
जो न तो जेहन में आता है और ना डायल होता है,
कभी कभार बस स्टेटस भर देख लिया जाता है,
न कोई प्रतिक्रिया होती है न कोई सवाल जवाब,
घर के स्टोर रूम में पड़े पुराने सामान की तरह,
मेरा फोन नंबर भी पड़ा है कईयों की संपर्क सूचियों में