आज ट्रेन में, सरिया से व्यक्ति की मौत हो गई। ना जाने, परिवार किस हाल में होगा! मैं उनके परिवार को आर्थिक मदद करना चाहता हूँ। अगर कोई परिवार का फ़ोन न. या पता दे दे तो मैं सहायता पहुँचा देता! अगर कोई बच्चे पढ़ रहे हों तो, एक के पढ़ाई का ज़िम्मेदारी ले लेता।
एक छोटी सी बात।
कबूतर की टट्टी में, क्रिप्टोकोकोल फफूद बहुतायत में पाया जाता है।
(बाक़ी चिड़ियों में से तोता, चिकन या काकटू में भी पाया जाता है पर कम मात्रा में!)
ये फफूद, कबूतर के बीट से हवा में आ जाते हैं और मनुष्य के सासों से होते हुए फेफड़े में चले जाते हैं!
अगर,
आश्चर्य है कि, एक छोटा लकवा, जो ५० पैसे के एक गोली ऐस्प्रिन खाने से ठीक हो सकती है, वो अगर ग़लत हाथों में पड़ गया तो, उसे लकवा पैकेज के नाम पर, १ लाख २५ हज़ार के पैकेज पर, आईसीयू में इलाज शुरू कर देंगे। मरीज़ के रिश्तेदार भी क्या करें! डर के मारे सब इलाज करा रहे! दुःखद!
बंद गोभी को कितना भी पका लें, उसमें कीड़ा नहीं मारेगा।
केवल गुनगुने पानी में, नमक डाल के आप कटे हुए बंद गोभी या ज़मीन में उगे सारे सब्ज़ी (गाजर मूली) आप ३० मिनट छोड़ दें।
सारे कीड़े, पानी के ऊपर तैरेंगे। वो पानी गिरा दीजिए और फिर आप पुनः सभी सब्ज़ियों को रगड़ के दो के खाइए।
गोविंद मिश्रा। रियल हीरो। आज, ज्ञानपुर में, जब स्कूल वैन में, सिलेंडर में आग लगी, तो गोविंद भी अंदर था। ड्राइवर, बीस बच्चों को गाड़ी में जलता छोड़ भाग गया गोविंद ने बिना देर किए गाड़ी के दरवाज़े को तोड़ सभी बच्चों की जान बचाई शाबास
@narendramodi
@myogiadityanath
@VCofficeBHU
कितने ख़तरनाक हैं ये पत्ते गोभी के कीड़े!
देखिए कि मनुष्य के पेट में पहुँचने के बाद, ये कैसे आपके शरीर में घुसते हैं!
पीजीआई चंडीगढ़ के न्यूरोलॉजी विभाग में, डॉ मनीष मोदी ने, पंजाब व चंडीगढ़ से कई हिस्सों से पत्ता गोभी को काट कर पत्तों पर मौजूद सिस्टिसर्कस के अंडों को जब लैब
बस थोड़ी सावधानी चाहिए!
पत्ता गोभी काटते समय, देखें।
फिर धो लें, तभी खायें।
याद रखिए, न्यूरो सिस्टिसर्कोसिस (NCC) दुनियाँ में मिर्गी का एक बड़ा कारण है।
NCC का मनुष्यों में पाया जाने के लिए पत्ते गोभी या सुवर के मांस को ज़िम्मेदार माना गया है।
अगले ७ दिन मैं पूर्वांचल और बिहार के पत्ते गोभी में कीड़े का निरीक्षण करना चाहता हूँ। इन्हीं कीड़ों से मिर्गी होती है।
ऐसे में अगर ���प मेरे पास आ रहे हों तो अपने यहाँ से एक सबूत बंद गोभी जगह के नाम के साथ, लाना ना भूलिएगा।
कल कबाड़ में, मुझे ३०० वर्ष से पुरानी ऐतिहासिक श्री रामचरितमानस जी की पाण्डुलिपि मिली।
अब संरक्षित कर रखने की ज़िम्मेदारी मेरी है।
अब तक मानस की ३१ पाण्डुलिपियों का संग्रह मेरे पास हो गया है जिसमें अवधी, बरवै, फ़ारसी, उर्दू, अंग्रेज़ी भाषा में ये हैं।
अगर -
॰ सुबह सो के उठने पर, चेहरे पर सूजन हो तो किडनी जाँच करायें।
॰रात में सोने पर साँस फूलता हो और बैठने पर ठीक हो जाता हो, तो हृदय जाँच करायें।
॰रात में आपके जीवन साथी, हाथ पैर चलाएँ, अकर बकर बोलें चिल्लायें, उठ के नींद में चलने लगें, झटके आने लगे तो दिमाग़ जाँच करायें।
आदरणीय रेल मंत्री जी
@AshwiniVaishnaw
जी, सर, लम्बी दूरी के ट्रेनों में, कृपया हार्ट अटैक, लकवा, दमा, आकस्मिक पेट दर्द, जैसी रोगों की दवा, रखवा दीजिए, तो अगले स्टेशन का इंतज़ार ना करना पड़ेगा। परामर्श के लिए, मैं और मेरे जैसे हज़ारों चिकित्सक और
@marijkesathi
आपके साथ होंगे।
हर ओपीडी में कोई ना कोई मरीज़ मिल जाता है, जिसके साथ ना तो कोई होता है, और ना ही, उनके पास कोई पैसा। ऐसे में, इनकी सेवा कर, मन को अद्भुत शांति मिलती है।
उम्र ७५ वर्ष। बीएचयू न्यूरोलॉजी में ये मरीज़ आये। बेहोश थे, पर अभी कोई चेस्ट में इन्फेक्शन ना था। जाँच की गई और उनका इलाज बताया गया। करवट रखना और नाक के नली से, ६ हफ़्ते या जब तक बेहोश हों के लिए बताया गया और, उनका इलाज घर पर ही करने की सलाह दी गई। इससे, घर पर बढ़िया केयर हो जाता
सैजन : दुकानों, सड़कों पर ढेले पर बिकने वाला अमृत
ये अकेला पेड़ है जिसके फूल पत्ते फली तना जड़ सभी को खाया जाता है।
पूरे दुनियाँ में सैजन को स्वस्थ जीवन शैली का हिस्सा मान कर खाया जाता है। इसके पत्तियों को पाउडर बना के ख़ाना में, पेय पदार्थ में, चटनी में, रोटी पराठे में खा
रेलवे के बोगियों में, वॉशरूम
का हाल ऐसा कि उल्टी आ जाए। मेरी
@RailMinIndia
@AshwiniVaishnaw
से अनुरोध कि, लम्बी दूरी के ट्रेन में, एक या दो बोगी, प्राइवेट वॉशरूम जैसे हों, जिसमें व्यक्ति यात्रा के दौरान, सुलभ शौचालय की तरह पैसे दे कर इस्तेमाल कर ले।
@PMOIndia
@NITIAayog
आधुनिक समाज का घिनौना सच है I
मेरी छोटी बेटी........... न्यूयॉर्क में हैं
मेरा छोटा बेटा............शिकागो में हैं
मेरा बड़ा बेटा और बहु..... टोरंटो में हैं
मेरी बेटी और दामाद...सेटलूडस में हैं
अरे वाह क्या बात है
आप बहुत खुश किस्मत वाले हैं l
लकवा हुआ। होश पूरी तरह था। सीटी स्कैन में छोटा सा ब्लीड हुआ। जिसको हुआ वो, लखनऊ में हाई सोसाइटी के लोग थे। तमाम सरकारी चिकित्सालयों को नाकार पहुँचे, पाँच सितारा चिकित्सालय। वहाँ तुरंत आईसीयू में रख इलाज शुरू। बेहोशी की दवा दे, वेंटीलेटर पर। ३ दिन बाद, गला काट के ट्यूब लग गया।
सावधान रहिए, छुट्टियों में अगर घूमने जा रहे हों तो, कुछ बातें याद रक्खें।
१. मेडिकल किट साथ ले जायें। अगर बूढ़े या बच्चों हो तो, ORS रखना ना भूलिएगा।
२. BP शुगर दमा गठिया सरदर्द पेट हाज़मा की अगर कोई दवा चलती हो तो ज़रूर रक्खें।
३. पेट ख़राब होना आम है। इसके लिए CIPLOX TZ
६ हफ़्ते पहले, बीएचयू की एक छात्रा, न्यूरोलॉजी विभाग में, बेहोशी के साथ मिर्गी के झटकों से आयी। एक दो तीन चार पाँच मिर्गी की दवाइयों से भी उसके मिर्गी ना ठीक हुई, और मरीज़ वेंटीलेटर पर रखना पड़ा। जाँच में, मश्तिष्क में इनसेफेलाइटिस के लक्षण दिखे। दवाइयों के दुष्प्रभाव से, और
अगर सुबह उठते, आपके चेहरे पर सूजन हो, तो किडनी की जाँच कराएँ। अगर, दिन भर काम के बाद, पैरों में सूजन हो तो, हृदय और रक्त धमिनी की जाँच कराएँ। यदि, भूख ख़त्म हो व उल्टी हो रही, तो लिवर जाँच कराएँ। और अगर सुबह सर दर्द के साथ, तेज उल्टी आवे तो ब्रेन टूमर के लिए दिखाएँ!
#medicaltips
#Omicron
के अभी तक के मरीज़ों के नाक बहना, गला जाम, खांसी ही दिखा। चौथे दिन से आराम हो रहा। कोई भी, मृत्यु नहीं। Tab Azithromycin (५०० mg) के पाँच दिनों के कोर्स में, ठीक हो जा रहा। पर
#COVIDAppropriateBehaviour
जारी रक्खें। घबराए नहीं, विपत्ति निकल जाएगा।
#medicaltips
सर पर टोपी, कान ढका हो, रात सोते समय शरीर ढका हो, नियमित व्यायाम, पोष्टिक आहार और BP शुगर कंट्रोल हो तो, ऐसे मनुष्य के शरीर में, लकवा आना पसंद नहीं करता। यही सूत्र आप अपने घर में अपने सगे संबंधियों को बताएँ, और स्वस्थ रहें। याद रखिए, लकवा में, बचाव ही इलाज है।
जल्द एक, ट्वीट what's app ग्रुप ला रहा हूँ, जहां आप अपने रिपोर्ट्स भेजिए और हम बताएँगे कि वेंटिलेटर लगना है कि नहीं! क्या इलाज सही है कि नहीं! इसके लिए, कुछ सामान सोच के चिकित्सकों की और डिजिटल एक्स्पर्ट्स की ज़रूरत है। आप सब भी सहयोग कर सकते हैं!
सभी भारतीयों भाई बहनों से अनुरोध कि, श्रीलंका को बचाने के लिए, आगे आएँ। अगर केवल एक बार सारे भारतीय टुरिस्ट एक बार घूमने श्रीलंका चले जाएँ और वहाँ के सामानों को ख़रीदें तो, वहाँ की अर्थव्यवस्था वापस पटरी पर आ जाएगी। याद रहे, भारतीय संस्कृति की अद्भुत निशानियाँ, श्रीलंका में हैं।
केवल Chest X-ray, TLC, DLC, B urea, S Cr, B Sugar, Urine R/M, का जाँच कर दिया जाए तो, लगभग ८०% रोंगों का पता लगाया जा सकता है। ऐसे जाँचों में नगण्य खर्च है व एक आम इंसान के स्वास्थ का पैमाना मिल जाता है। सरकार को, ऐसे हेल्थ चौराहे बनाने चाहिए, जहां ये सब एक साथ हो सके।
@PMOIndia
आज
@yadavakhilesh
जी से एक आत्मीय मुलाक़ात हुई।
एक अच्छे सुलझे इंसान होने के साथ पर्यावरण इंजीनियर है, और सबसे अच्छी बात लगी कि भारतीय संस्कृति के प्रति गहरा लगाव है।
बड़े भाई
@MahantMochan
जी के साथ एक बढ़िया सेल्फ़ी भी लिया।
लगभग हर घर में बुख़ार और जोड़ों में दर्द के मरीज़। सभी दर्द से परेशान। इस समय के लिये कुछ ज़रूरी बातें -
१) सबसे ज़रूरी परामर्श है कि आप २ हफ़्ते आराम करें।
२) खूब पानी या तरल पदार्थ पियें।
३) अगर बुख़ार हो तो Tab Paracetamol को सुबह शाम एक गोली ले सकते हैं, जैसा बुख़ार हो।
आज, मेरे एक मरीज़ जो एक रिक्शा चालक हैं, वो मुझे दिखाने आए तो रोने लगे। मुझे भी विश्वास नहीं हुआ कि ये अभी तक जीवित होंगे! उन्हें ब्रेन टियुमर था। जीवन की आशा कम थी। पर
@AyushmanNHA
योजना से मुफ़्त इलाज हुआ और वो आज अच्छे हैं।
वाराणसी की, बेहाल बदहाल, वरुणा नदी। आज शाम का फ़ोटो। इसी नदी के नाम पर, शहर का नाम, वाराणसी पड़ा है। अब ये नदी, सीवर के अलावा कुछ और नहीं, और २ किमी बाद, यहीं, जा के गंगा नदी में गिरती है। क्या प्रधानमंत्री जी
@narendramodi
जी को माँ की चिंता है?
@myogiadityanath
@priyankagandhi
जब भी मैंने,
@ghatwalk
पर, मणिकर्णिका महातीर्थ के फ़ोटो लिए, तो कुछ ना कुछ अलग ही दिखा। ईश्वर ही जाने, अपनी माया। पहली फ़ोटो, पिछले वर्ष की है और दूसरी कल की।
८ दिन पहले, पति को लेकर पत्नी चिकित्सालय ले आयी। इलाज कराने। पति बेहोश, गले में, साँस की नली लगाए, किसी तरह साँस ले पा रहा था। पत्नी रोकर कही कि, जहां भर्ती थे वहाँ ज़ेवर तक बिक गए पर, कोई सुधार नहीं हुआ। रिपोर्टस देखने से लगा बच जाएगा। BHU में भर्ती किया। काफ़ी सुधार है।
एमबीबीएस की ये छात्रा, बेलगाँव के केएलई विश्वविद्यालय में महिला छात्रावास की सचिव भी है। इन्होंने मेस में, वाशबेसिन के नज़दीक, ये बोर्ड लगाया है कि आज कितना खाना आप सबने छोड़ा और उससे कितने भूखों की भूख मिट जाएगी। अब छात्राओं ने खाना बर्बाद करना कम कर दिया है। सलाम बिटिया।
वन्दे भारत एक्सप्रेस (दिल्ली वाराणसी) में, शुरुआती दिनों में, पिंड बलूची के खाना खिलाते थे और उसका स्वाद शानदार था। पर आज, तो, खाना अलमुनियम फोयल में, लपेट के दे दिए। स्वाद भी ख़राब। मेरी
@AshwiniVaishnaw
जी से अनुरोध कि,पुरानी स्टैंडर्ड खाना खिलाने की व्यवस्था शुरू करें।
दुष्ट औरंग़जेब, नंदी बाबा की महिमा से अनभिज्ञ था। उसे नहीं पता था कि तुम मंदिर तोड़ यहाँ कुछ भी बना लो, बाबा नंदी, ये बताने के लिए मौजूद हैं और रहेंगे कि, बाबा का मंदिर और शिवलिंग कहाँ था!
वर्तमान के समय में, वायरल बुख़ार ने दर्द से मरीज़ों को तोड़ के रख दिया है। वो क्या है, ये एक चिंतनीय विषय है। किसी को डेंगू तो किसी को टाइफाइड जाँच में आ रहा है! पर इतना दर्द और जकड़न कभी नहीं देखा गया! ऐसे में सबसे पहले क्या करें !
ये करें -
१) आराम करें।
२) बुख़ार और
बड़ों से बदतमीज़ी से बात करना, उनके सामने सिगरेट के कश उड़ाना, बियर पीना, और तुम तड़ाक से बात करना, और गाली देना, ये आज कल के आधुनिक युवायों की पहचान बन गई है। और उधर उम्र में बड़ा, चुपचाप ये होते हुए देखने को मज़बूर! पहले ये बीमारी महानगरों में थी, अब छोटे शहरों में आ गई!
अगर किसी को हार्ट अटैक हो जाये और वो भी देर रात में तो कार्डिलॉजिस्ट की सेवाएँ खोजने में कई मर जाते हैं। कोई फ़ोन नहीं उठाता तो कोई आईसीयू में भर्ती कर लूटने को तैयार।
उत्तर प्रदेश के स्वास्थ विभाग को एक सुझाव :
प्रदेश के हर ज़िले में
@myogiadityanath
जी द्वारा चलाये जा रहे
देश के विख्यात आयुर्वेदाचार्य बीएचयू के आयुर्वेद संकाय के प्रोफेसर
@anandayubhu
जी से मैंने पूछा कि सहजन सब्ज़ी के खाद्य एवं औषधीय गुणों के बारे में, आम व्यक्तियों के लिए एक सरल भाषा में बताएँ।
आज एक बारहवीं की १७ साल की बिटिया, इमरजेंसी में बेहोश लायी गयी। जाँच ठीक। पता लगा, इम्तहान के डर से, बेहोश! हम सब ने बात किया, और कहा कि टापर होना ज़रूरी नहीं! हम सब ने अपने बारहवीं के न. बताए तो वो सामान्य हो गयी! कोई भी हममें से टापर नहीं! बच्चों को टापर बनने का प्रेशर ना दे।
आईसीयू के बाहर, एक मरीज़ का साथी, थैले कुछ देकर, एक काग़ज़ पर हस्ताक्षर कर, संभवतः लाख रुपये दूसरे व्यक्ति से लिए। शायद ज़ेवर गिरवी रख, पैसे लिया, मरीज़ के इलाज के लिए। ना जाने, कितने ऐसे कंगाल हो गये। सरकार को, आईसीयू में लंबे समय से रहने वाले मरीज़ों का इलाज फ्री करना चाहिए।
पानी व प्रोटीन के अभाव में, डेंगू मरीज़ के प्लेटलेट्स टूटने और बेकार होने लगते हैं। इसलिए, इन्हें पानी व प्रोटीन की मात्रा भरपूर देने से, मरीज़ में ना तो प्लेटलेट्स टूटेंगे, ना ही, ICU में जाने की ज़रूरत पड़ेगी। हम सबको ये पता होना चाहिए कि डेंगू का सबसे बड़ा इलाज, आराम करना है।
काम की बात -
॰बिना बात के शरीर की जाँच कराने का एक फ़ैशन सा चल गया।
॰फ़ुल बॉडी चेकअप के नाम पर, ऐसी ऐसी जाँच मैं देखता हूँ कि चक्कर आ जाये। और वो भी २० - ३० पेज के रिपोर्ट।
॰मुश्किल तब शुरू होती है, जब हम वो टेस्ट रिपोर्ट देखते हैं जो लैब वाले ने हाईलाइट कर दिया।
॰बस फिर
वर्तमान महामारी में, अगर गले में ख़राश और बुख़ार हो तो, तुरंत ये दवा शुरू करें। जाँच (सीटी स्कैन, आरटीपीसीआर) ये सब करते रहिए। पर, दवा शुरू करिए। देर ना हो जाए।
दुनियाँ के पास अभी भी, पार्किंसंस रोग की दवा नहीं है, पर भारत में, सैंकड़ों वर्षों से, कम्पवात (पार्किंसंस) के लिए, बकला दाल के सेवन को बताया गया है। इस दाल में, काफ़ी मात्रा में, लिवोडोपा पाई जाती है, जो इस रोग का इजाज़ है।
#ParkinsonsAwarenessMonth
ठंडे तेल का प्रकोप पूरे उत्तर भारत ( उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, बंगाल, नार्थ ईस्ट, राजस्थान) में है।
नशे का ये एक अलग तरीक़ा है। सर दर्द में इस तेल का औषधि के रूप में, अनैतिक ढंग से इस्तेमाल हो रहा, जिसमें महिलायें ना केवल इसे सर पर लगा रहीं बल्कि इसे नाक से और
दिमाग़ में कीड़े ही कीड़े!
ये व्यक्ति २५ वर्ष के हैं और पूर्ण रूप से शाकाहारी हैं!
इनकी एक पसंदीदा डिश थी, खेतों से सीधे सब्ज़ी खाने की, जिसमें ये हज़ार मूली पत्ता गोभी बस झारे और हल्का सा धो के खा लिये!
अब देखिये, जीवन भर के लिए ये कीड़े इनके शरीर में ही रहेंगे!
पैर हाथ
प्रिय अनंत - राधिका।
शादी की बहुत शुभकामनाएँ।
अरबों खर्च कर आप दोनों शादी कर रहे हो, पर जब फेरे लेने तो एक बार ये ज़रूर सोचना कि अगर थोड़ा कम खर्च कर के अगर आप ऐसी कोई योजना ले आते जिसमें भारत देश में रहने वाले उन सभी बिटियाओं जो ग़रीबी रेखा से नीचे के परिवार में जन्में पर
ट्रेनों में, जनरल कोच में, पशुओं की तरह, मनुष्य ठूसे रहते हैं। कष्ट होता है, देख कर। अगर,
@RailMinIndia
जनरल टिकट लेते समय, केवल पूछ ले, आप के यात्रा का क्या लक्ष्य है, तो ८०% यात्री कम हो जाएँ, और जो सही किसी काम से जा रहे वो, सुकून से यात्रा कर सकेंगे।
@AshwiniVaishnaw
अम्मा भगवान नहीं रहीं।
मध्यरात्रि १ बजे, माँ ने नश्वर शरीर काशी तीर्थ के तुलसी घाट तीर्थ पर, माँ गंगा के समक्ष अपने प्रिय कक्ष में, जिसमें उन्होंने ना जाने कितने बचपन सवारें, और दरवाज़े के ठीक सामने बाबू जी का कक्ष रहा जिसमें कोई आहट भी होती तो अम्मा चौकन्ना हो जातीं कि बाबू जी
मुझे मृतक के घर का फ़ोन न. मिल गया। पता चला कि परिवार चांदा के हैं। आज से, २३ वर्ष पहले, लखनऊ से बनारस, जाते समय मेरी फ़िएट ख़राब हो गई थी। मैं अकेला था और रात के, डेढ़ बज रहे थे! ठंड का समय, और सुनसान इलाक़ा! एक वृद्घ मूँछों वाला आदमी दिखा, तो पता चला कि ये जगह है, चांदा!
सभी वाइरल बुख़ार का एक ही इलाज - आराम करिए, खूब पानी पीजिए, बुख़ार हो तो, पैरसीटमॉल खाइए। बस, इंतज़ार करिए। परेशान ना होईए। ८०% लोग दो दिन में ठीक हो जाएँगे।
आज जौनपुर के प्रकाश को उनके परिवारजन बीएचयू चिकित्सालय के न्यूरोलॉजी ओपीडी में लाये।
माली हालत देख मुझे संदेह था कि ये लोग इलाज करा पायेंगे।
पर तब तक, अम्मा ने
@AyushmanNHA
कार्ड खोज लिया। हम सब ने राहत की सॉस ली, और मरीज़ का आयुष्मान से इलाज चालू हो गया!
@narendramodi
काशी में आज फूल बरसाने वाले हेलीकॉप्टर को, काम पूरा होने के बाद, बीएचयू हैलीपैड पर रखवा कर हेली एम्बुलेंस की सुविधा शुरू की जानी चाहिए। पूर्वांचल के मरीज़ों को, हेली लिफ्ट कर ज़रूरतमंदों को चिकित्सालय में पहुँचा देने से आकस्मिक चिकित्सा मिलने में सुविधा हो जाएगी। वाराणसी
@siddharthgzp
इन्हें आप तत्काल, मेरे पास नूरॉलॉजी विभाग में भेजिए। अगर
@AyushmanNHA
कार्ड हो तो अवश्य भेजिए। ना भी हो तो, हम इनका इलाज अपने संसाधन करेंगे। ये ठीक होने वाली बीमारी है।
एक टैक्सी ड्राइवर जो मुझे ले जा रहा था, उसे देख के मुझे लगा कि परेशान है। आँख गाल धँसें हुए, सॉस लेने में भी थोड़ी दिक़्क़त। पूछा तो कहा कि दमा की दवाई ले र��ा। पर मुझे लग रहा था कि उसे कुछ और है।
जिस चिकित्सालय मैं कार्य से गया था, वहाँ कह के एक छाती का एक्स रे कराया। पूरा
आज चांदा में, स्व हरिकेश दुबे जी के दोनों बच्चों ने मुझसे कहा कि वो बड़े हो कर कलक्टर बनेंगे। सुन के मन द्रवित हो गया। ईश्वर, आशीर्वाद दें।
@AshwiniVaishnaw
जी से अनुरोध कि ब��्चों के भविष्य को ध्यान रख कर, १ करोड़ रू का सहयोग दें। मैंने सहयोग राशि का चेक प्रदान की।
@PMOIndia
दाँत दर्द के साथ अगर दांतों में, ठंडक या गरम लगे और रात की नींद ख़राब गयी हो तो तत्काल, दंत चिकित्सक से मिलें। जबतक ना मिल रहे हों तो, वयस्कों में तब Tab Metrogyl 600 mg ER, Cap Augmentin 675, Tab Zerodol SP, Cap Probiotic 1 BD 5 days ले सकते हैं। दाँत दर्द में काफ़ी राहत मिलेगी।
एमबीबीएस के हज़ारों सीट्स बढ़ा देने से, देश को डिग्री धारी चिकित्सक तो मिल जा रहे हैं, पर इनमें से बहुत ऐसे हैं जो डिग्री तो पा गये पर, चिकित्सक होने के ना तो कोई गुण हैं और ना ही इलाज का ज्ञान! ऐसे चिकित्सक, देश के स्वास्थ सेवाओं पर बोझ बनते जाएँगे और चिकित्सा पेशे को बदनाम ही
आज बीएचयू में, एक छात्रा की, योगा करते समय, अचानक मृत्यु हो गयी। मैंने, नूरॉलॉजी विभाग
@directorimsbhu
के पूर्व अध्यक्ष प्रो रामेश्वर चौरसिया से मैंने, पूछा तो उन्होंने, हम सबके लिए, महत्वपूर्ण बातें बताईं। आप भी सुनिए, और आत्मसाथ करिए।
मेरी पहली PhD छात्रा विनीता ने आज, अपनी थीसिस परीक्षा सफलता पूर्वक पूरा कर लिया। विनीता ने, भूलने की बीमारियों से पहले, होने वाले बदलावों पर अध्ययन किया और ७ शोध पत्रों का प्रकाशन भी किया। मेरी बहुत शुभकामनाएँ एवं अभिनंदन।
सं १८६३ में लिखी गई, श्री राम चरित मानस में, शूद्र नहीं, बल्कि छूद्र लिखा हुआ है। (प्रति मेरे पास, संरक्षित)।पूर्व में कई महात्माओं ने अपनी मानस की प्रति लिखवाई! पूर्वांचल में, बिटिया की विदाई में, हस्तलिखित प्रति देने का भी रिवाज था! ये नहीं पता कि ये शूद्र शब्द, कब लिख दी गई!
दवाई के पर्चे लिख के, ट्वीट करता हूँ, ज़िससे दूर दराज के लोग, फ़ायदा ले सकें, जहां चिकित्सक ना हों। डेल्टा वेव में, मेरे एक पर्चे ट्वीट (जिसे डॉक्टर
@VarunKu94143182
जी ने अपने गाँव के मरीज़ के लिए लिखा था) से, ८२ लाख लोंगों का इलाज हुआ। मुझे संतोष है। ज़रुरी नहीं कि आप भी खाएँ।
नींद का महत्व - सोते ही दिमाग़, पूरे शरीर को कंट्रोल में ले, शरीर की सफ़ाई करती है। नींद के हर ७० मिनट के अंतराल पर, २० मिनट के लिए, BP को, दोगुना तक बढ़ा के, नसों को प्रेशर से साफ़ करती है। दिमाग़ के बंद पड़ी नसों में, खून दौड़ता है, जिससे सफ़ाई होती है और, इसी से सपने आते हैं।
पपीते के पत्ते, बकरी के दूध पी, ना जाने कितने लिवर फ़ेल्यर से विभिन्न चिकित्सालयों में भर्ती हो गए! ये तो कोई नहीं बताएगा, पर ना जाने किस ने ये अफ़वाह उड़ाई कि, पपीते के पत्ते से प्लेटलेट्स ठीक हो रहे! और करोड़ों लोग पत्ते पीस के या उसकी गोली खा रहे!
कितने दुःख की बात है कि, प्रधानमंत्री जी के संसदीय छेत्र में स्थित, बीएचयू का सर सुंदर लाल चिकित्सालय का MRI मशीन हफ़्तों से कार्य नहीं कर रहा, और किसी को कोई चिंता नहीं!
पूरे देश में, सभी मेडिकल टेस्ट का दाम, एक क्यों नहीं हो सकता? कहीं CT scan की जाँच फ़्री और कहीं, २५००/- और कहीं, १५००/-! कहीं MRI ८०००/- में, तो कहीं २०००/- में! कहीं वही ब्लड जाँच ५००/- में, तो कहीं ५०००/- में! आख़िर सरकारें, जाँच का दाम, किसी एक जगह से तय क्यों नहीं कर देती?
मैं और मेरा प्रिय भाई व मित्र, प्रो नीरज कुमार अग्रवाल। कक्षा ५ से बारहवीं साथ पढ़ाई की। एक साथ एमबीबीएस फिर एमडी मेडिसिन।एक ही दिन, प्रोफ़ेसर बने! आज, नीरज, देश के जाने माने एंडोक्रिनोलोजिस्ट, व आईएमएस बीएचयू के एसोसियेट डीन रिसर्च हैं। आज दोनों, एक ही रंग में थे, तो पिक हो गई।
पपीते के पत्ते के जूस से, ढेर सारे लोंगों को पेट व लिवर सम्बन्धी बीमारियाँ हो रहीं हैं। इससे बचना ही अच्छा। डेंगू एक स्वतः ठीक होने वाली बीमारी है, और इस बीमारी में, आराम करने से मरीज़ को फ़ायदा होता है।
महाराजा काशी नरेश डॉ अनंत नारायण सिंह जी को सलामी के साथ कल अनंत चतुर्दशी के शुभ अवसर पर, शुरू हुआ विश्व प्रसिद्ध रामनगर कि रामलीला।
इसके पीछे प्रचलित है कि, पीएसी द्वारा ये सलामी, सरकार और राजशाही के बीच हुए उस समझौते में हुआ जब सभी राजशाही पैसे ले कर भारत गणराज्य में विलय हो
कोई भी कहीं भी अगर साँप काटे तो मेरे what's app, ट्विटर एवं मेरा FB मेसेंजर पर आप मेसिज करें। यथोचित सहायता की कोशिश करूँगा। अच्छा तो होगा अगर आप शरीर के उस जगह का जहां, आपको काटा और साँप का (अगर लिया हो तो) फ़ोटो भी भेजें। साँप कटाने से अगर कोई मरता है तो ये, कष्ट की बात।
आज एक दुःखद दिन। सुबह से ओपीडी में बैठे अभी २ घंटे के लगभग हुए और २५ मरीज़ों को जिसको मैंने सुबह से देखे उनमें, ३ मरीज़ लड़कियाँ थीं जिन्हें टीबी हो गया। ये सभी स्टूडेंट्स हैं और अच्छे खाने पीने वाले घरों के बच्चियाँ हैं। बस बीमारी सबकी एक जैसी - सभी को वजन कम करने का शौक़, पिछले
डेंगू में ये चीज़ें याद रक्खें - हरारत बुख़ार हो तो पैरसीटमॉल टैब्लेट लें, आराम ही इलाज है, खूब पानी रसीले फल चूसें, BP शुगर कंट्रोल रक्खें, शराब सिगरेट को तौबा, रोज़ रोज प्लेटलेट्स ना नापिए, अक्सर १ हफ़्ते में स्वतः बुख़ार ख़त्म हो रहा है।
न्यूरोलॉजिस्ट विजय नाथ मिश्रा पिछले 25 सालों में 70 हज़ार मिर्गी के मरीज़ों का इलाज कर चुके हैं। इसका इलाज और लोगों के मन से Epilepsy से जुड़े अन्धविश्वास को दूर करना ही उनका मकसद है।