तुम्हीं पे मरता है ये दिल, अदावत क्यों नहीं करता
कई जन्मों से बंदी है, बगावत क्यों नहीं करता
कभी तुमसे थी जो, वो ही शिकायत है ज़माने से
मेरी तारीफ़ करता है, मोहब्बत क्यों नहीं करता
- डॉ कुमार विश्वास (
@DrKumarVishwas
)
हिन्दीनामा का ये सुंदर कैलेंडर घर आ चुका है और कुंवर नारायण की लिखी इन पंक्तियों से साल शुरू हो रहा है।
अगर आपको भी अपनी टेबल के लिए ये कैलेंडर चाहिए तो इस लिंक पर जाकर ख़रीद सकते हैं
कालिदास को उनकी उपमाओं और अलंकारों के लिए पढ़ा जाना चाहिए।
कुमारसंभव से एक उदाहरण है जो मुझे बहुत सुंदर लगा कि, 'पार्वती को ब्याहने जा रहे शिव को विष्णु ने हाथ का सहारा देकर बैल से उतारा, जैसे शरद के मेघ से सूरज को उतारा गया हो' 🌤️
#Kalidas
#Literature
स्वामी विवेकानंद के कुछ पत्रों में अंत में लिखा है 'किमधिकमिति', इसका बहुत अर्थ खोजा नहीं मिला।
तब रामकृष्ण मठ नागपुर से संपर्क किया, उन्होंने बताया 'किमधिकमिति'- किम+अधिकम+इति यानी इससे अधिक क्या।
#SwamiVivekananda
मैं एक ऐसे व्यक्ति के प्रेम में हूं
जिससे कभी नहीं कहूंगी
कि हां मैं प्रेम में हूं।
फिर भी मैं चाहती हूं कि
उसे बोध रहे कि,
प्रेम करता है कोई।
संसार में हर व्यक्ति को यह मानना चाहिए
कि, कोई मौजूद है जो उसे प्रेम करता है।
"जवाब माँगेंगे!
ये रोती माँएँ, बिलखते हुए बच्चे, बूढ़े...
बड़ी हवेलियो, ख़ुशहाल मोहल्ले वालो!
कटे अंगूठों की नीवों पे खड़े हस्तिनापुर!
ये लोग एक दिन तुझसे जवाब माँगेंगे"
-
@DrKumarVishwas
#Jawaab_Mangenge
#LabourersPain