मैं समझता रहा,मैं तुझे देखता रहा।मुझे मेरी ही दुनिया दिखती रही,और मैं बहकता रहा।कभी चेहरे चढ़ाए,कभी आँसू बहाए,
आइना,मैं समझता रहा,मैं तुझे देखता रहा।तुझसे बातें कीं,कयी क़िस्से सुनाए,अपना हर किरदार दिखाता रहा।मैं टूटा,तू ना बदला,तेरे टूटते ही,तुझे बदलता रहा।आइना,मैं समझता रहा...