इतनी बड़ी संख्या में सांसदों के निलंबन के बाद आपके पास सहानुभूति पाने का एक बड़ा मौक़ा था।
जिसे सभापति की मिमिक्री ले डूबी।
मिला क्या? चंद ठहाके, तालियाँ, मनोरंजन!
गया क्या? सहानुभूति, गंभीरता, सुनियोजन!!
बस चार ऐसे रणनीतिकार ले आइए और 24 को भूल जाइए!!
#शहजादा_बेशर्म_है