सुन बेटी, सुन तू बेटी है बिश्नोई की, सबसे सुन्दर सबसे महान है।
दुपट्टा सर पे ओढ़ के सूट पहना है जो, वो ही तेरी शान है ।
नियमों का पालन करती है तू, अमावस,पूर्णिमा का तुझको पूरा ज्ञान है।
शब्द वाणी पढती है, आरती साखी सुनती, भजन कीर्तन में ध्यान है।
फटे कपड़े ना पहने,पहले पहर में