Dr. Rajendra Prasad Singh Profile Banner
Dr. Rajendra Prasad Singh Profile
Dr. Rajendra Prasad Singh

@563Rajendra

34,191
Followers
1
Following
349
Media
361
Statuses

A well known linguist, critic, author and historian. ।। अत्त दीपो भव ।।

Sasaram, India
Joined September 2020
Don't wanna be here? Send us removal request.
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
भारत का कोई भी प्रसिद्ध मंदिर खुदाई में धरती के नीचे से नहीं मिला है, जबकि कोई भी प्रसिद्ध बौद्ध विहार और स्तूप धरती के ऊपर नहीं मिले हैं। कौन प्राचीन?
Tweet media one
144
2K
8K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
जो जीता वह सिकंदर, जो सिकंदर को जिताया वह सेल्यूकस, जो सेल्यूकस को जीता वह मौर्य और जो मौर्य को भी जीता वह धम्म है। बधाई बुद्ध पूर्णिमा!
Tweet media one
83
989
5K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
मौर्य राजाओं को संस्कृत नहीं आती थी और चाणक्य को प्राकृत नहीं आती थी तो विचार कीजिए कि मौर्य राजा कैसे चाणक्य से सलाह लेते थे?
Tweet media one
163
1K
4K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
1 year
मुस्लिम आक्रमणकारियों ने बड़े पैमाने पर बौद्ध ग्रंथ जला दिए तो बड़े पैमाने पर संस्कृत ग्रंथ बचे कैसे रह गए?
Tweet media one
352
1K
4K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
21 days
भला हुआ कि अशोक स्तंभ के अक्षर पढ़ लिए गए वरना आज तक यह भीम की लाठी ही कही जाती।
Tweet media one
123
930
4K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
पीपल में भूत बसते हैं। यहाँ बुद्ध को ही लक्ष्य कर भूत कहा गया है। बुद्ध आत्मा को नहीं मानते थे। लेकिन यहाँ मृतकों की आत्माएं पीपल में बसती हैं। पीपल में घंट टांग जाता है। सब बौद्ध सभ्यता का छद्म विरोध है।
Tweet media one
77
960
4K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
कनिष्क ने भारत को जीता, लेकिन धम्म ने कनिष्क को जीता और वे बौद्ध हो गए.....
Tweet media one
30
745
4K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
10 months
राम ने रावण को मारा, कृष्ण ने कंस को मारा, मगर बुद्ध ने अंगुलिमाल को मारा नहीं, सुधार दिया....
Tweet media one
501
804
4K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
मेगस्थनीज ने मथुरा में जिस हेराक्लीज का आदर किए जाने का जिक्र किया है, वह हेराक्लीज कृष्ण नहीं बल्कि बुद्ध हैं। विस्तार के लिए फेसबुक पर जाएँ।
Tweet media one
71
765
4K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 years
राम ने रावण को मारा, कृष्ण ने कंस को मारा, लेकिन बुद्ध ने अंगुलिमाल को मारा नहीं बल्कि सुधार दिया....
Tweet media one
78
863
3K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
नालंदा महाविहार के नाम का जलवा 21 वीं सदी में भी बरकरार, जापान के ओसाका में बना -- नालंदा महाविहार वर्ल्ड बुद्धिस्ट यूनिवर्सिटी।
Tweet media one
Tweet media two
Tweet media three
Tweet media four
35
939
3K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
दुनिया भर में खुदाई से सर्वाधिक मूर्तियाँ मिलने का रिकाॅर्ड तथागत के नाम दर्ज है।
Tweet media one
43
804
3K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
मुस्लिम आक्रमणकारियों ने बड़े पैमाने पर बौद्ध - ग्रंथ जला दिए तो फिर बड़े पैमाने पर संस्कृत - ग्रंथ बचे कैसे रह गए?
171
957
3K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
11 months
भूटान को पता है कि भारत ने दुनिया को क्या दिया, मगर भारत को नहीं पता कि हमने दुनिया को क्या दिया?
Tweet media one
48
696
3K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
दुनिया को पता है कि भारत ने हमें क्या दिया, लेकिन भारत को नहीं पता है कि हमने दुनिया को क्या दिया। इसीलिए भारत में सबसे ऊँची मूर्ति बुद्ध की नहीं है, जबकि चीन, जापान, म्यांमार, थाईलैंड, श्रीलंका, भूटान आदि देशों में बुद्ध से ऊँची किसी की मूर्ति आज तक नहीं बनी है।
Tweet media one
Tweet media two
Tweet media three
Tweet media four
45
822
3K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
सीधे खबर चीन से आ रही है कि वहाँ की यांग्त्जी नदी में पानी घटने से तीन बुद्धिस्ट मूर्तियाँ निकल कर सामने आई हैं।
Tweet media one
Tweet media two
42
779
3K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
1 year
सिकंदर ने एशिया की 5% जमीन जीती, बुद्ध के विचारों ने पूरे एशिया को जीता.....
Tweet media one
72
633
3K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
प्रधानमंत्री जी यही आपका गाँव वडनगर है। कभी बौद्ध विहारों का नगर था। ह्वेनसांग 641 ई. में आपके गाँव गए थे। तब वहाँ 1000 से अधिक बौद्ध भिक्खु रहते थे। 10 बौद्ध विहार थे। ये बौद्ध विहार आपके गाँव में मिला है। अपना घर खोजिए, प्रधानमंत्री जी।
Tweet media one
Tweet media two
Tweet media three
77
904
3K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 years
कबीर खुद बड़े संत थे, कबीर ने रैदास को संतों का संत कहा, विचार कीजिए रैदास कितने बड़े संत थे।
Tweet media one
27
647
3K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 years
धर्मग्रन्थों ने रैदास की जाति को अछूत घोषित किया तो रैदास ने उन धर्मग्रन्थों को ही अछूत घोषित कर दिया।
Tweet media one
24
636
3K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
शंकराचार्य के मठ भारत के चार कोनों में स्थापित हुए, देश से बाहर कहीं नहीं, जबकि बौद्ध मठ चीन और कोरिया ही नहीं बल्कि तुर्की तक में स्थापित हुए थे। असली जगतगुरु कौन है?
Tweet media one
83
763
3K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 years
पाकिस्तान के बौद्ध कालीन शहर बाजीरा की खुदाई में मौर्य काल का बौद्ध विहार मिला। ब्रेकिंग न्यूज।
Tweet media one
25
624
3K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
छठ मूल रूप से बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्र का पर्व है। ये पूरा इलाका वहीं है, जहाँ गौतम बुद्ध पैदल घूमा करते थे। आश्चर्यजनक रूप से छठ के प्रसाद के रूप में जो ठेकुए या अघरवटा बनाए जाते हैं, उस पर पीपल - पाँत और धम्म चक्र की छाप होती है।
Tweet media one
Tweet media two
119
708
3K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
11 months
प्राचीन काल में सबसे अधिक मूर्तियाँ गौतम बुद्ध की बनीं और आधुनिक काल में डा. अंबेडकर की।
Tweet media one
Tweet media two
74
609
3K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
धम्म से ही धाम बना है, चारों धाम की यात्रा पूरी हुई, लुंबिनी - फिर बोध गया - फिर सारनाथ - और अंत में कुशीनगर.....
Tweet media one
60
505
3K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
बुद्ध के पास शस्त्र - विद्या थी, लेकिन उनको लगा कि ज्ञान उसके आगे की चीज है ......
Tweet media one
33
573
3K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
18 कैरेट सोने की बनी दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति तथागत की है। 13 - 14 वीं सदी की बैंकाॅक में स्थित इस 5500 किलोग्राम वजनी मूर्ति की कीमत आज 20 अरब रुपये से अधिक है। यह लूटेरों से बचाव के लिए पक्की हुई मिट्टी और रंगीन काँच के प्लास्टर ढँकी हुई थी। 1955 में पता चला कि यह सोने की है।
Tweet media one
36
585
3K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
फूलन देवी ने बौद्ध धम्म उस स्थान पर अपनाया था, जहाँ डॉ. अंबेडकर ने अपनाया था। उस तिथि को अपनाया था, जिस तिथि को गुरु रैदास का जन्म हुआ था। उस मार्ग को अपनाया था, जिसे गौतम बुद्ध ने बताया था। 15 फरवरी,1995 को फूलन देवी के समक्ष बुद्ध, रैदास और डॉ.अंबेडकर का अद्भुत समागम हुआ था।
Tweet media one
28
643
3K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
10 months
इंसान को इंसान बनाने के लिए बुद्ध ने राज्य छोड़ा, फुले ने घर छोड़ा और डॉ. अंबेडकर ने धर्म छोड़ा।
Tweet media one
Tweet media two
Tweet media three
112
662
3K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
1 year
नागपुर की दीक्षाभूमि में 24 अक्टूबर, 2023 को जंबूद्वीप के महान सम्राट असोक की 10 फीट ऊँची प्रतिमा स्थापित होगी।
Tweet media one
57
511
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
11 months
तथागत बुद्ध ही है। लिपि में लिखा है। साड़ी पहनाकर देवी बना दिया गया है।
Tweet media one
95
748
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
राजा बलि, वीर महिषासुर और छत्रपति शिवाजी महाराज को इतिहास की कब्र से खोदकर फिर से सँवारने वाले ज्योतिपुंज ज्योतिराव फुले का आज परिनिर्वाण दिवस है..... फूलों की बरसा!!!
Tweet media one
37
478
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
बौद्ध स्तूप की खुदाई में ही सिंधु घाटी की सभ्यता मिली है।
Tweet media one
28
592
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
अच्छा किया हमारे पुरखों ने लिख दिया ....दो हजार साल पहले लिख दिया - बोधासा साकामुनिसा पदानि अर्थात यह चरण - चिह्न शाक्यमुनि बुद्ध का है वरना कब और कौ�� इस चरण - चिह्न को किसका बताएगा, क्या पता?
Tweet media one
32
655
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
11 months
बन रहा था राम मंदिर और जमीन के नीचे मिले बुद्ध। कृष्णा जिले (आं.प्र.) के मेदुरु गांव की कुछ साल पहले की घटना है।
Tweet media one
67
584
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 years
बुद्ध यदि विष्णु के अवतार होते तो वे आस्तिक धारा में आते, लेकिन वे नास्तिक धारा में आते हैं, इसलिए वे विष्णु के अवतार नहीं हैं।
Tweet media one
57
528
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
11 months
भारत में अनेक विदेशी आए, सोना ले गए, चाँदी ले गए....वे ज्ञान के भूखे बौद्ध थे, जो किताबें ले गए।
Tweet media one
49
560
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
4 months
अगर बहुजन के हित में बोलने वाले कोई पत्रकार का नाम मुझसे पूछे तो मैं शंभू जी (नेशनल दस्तक) का नाम लेने में एक पल नहीं लगाऊॅंगा। अगर बहुजन पत्रकारिता के क्षेत्र में युग का विभाजन हो तो यह इक्कसवीं सदी के आरंभिक दो दशक शंभू- युग कहलाएगा।
74
559
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
8 months
भारत पर अनेक बौद्ध राजाओं ने शासन किया- सम्राट असोक, कनिष्क और हर्षवर्धन से लेकर धर्मपाल तक! इन बौद्ध राजाओं ने बुद्ध की अनेक मूर्तियां बनवाईं, अभिलेख लिखवाए। मगर इन बौद्ध राजाओं ने अपने अभिलेखों में कहीं नहीं लिखवाया कि बुद्ध विष्णु के अवतार हैं और न ऐसी कोई मूर्तियां बनवाईं।
Tweet media one
Tweet media two
66
771
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
10 months
ईसा को असभ्य तरीके से मारा गया, लेकिन आत्मा को नकारने वाले बुद्ध को महात्मा कहकर सभ्य तरीके से मारा गया।
Tweet media one
56
503
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
गणिका का मूल अर्थ है - गण की स्त्री न कि वेश्या, भला हो कि इतिहासकारों ने गणराज्य का अर्थ वेश्यालय नहीं माना।
Tweet media one
44
579
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
10 months
पीपल में भूत नहीं बल्कि बुध बसते हैं।
Tweet media one
80
456
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
8 months
भारत का कोई भी प्रसिद्ध मंदिर खुदाई में धरती के नीचे नहीं मिला, जबकि भारत का कोई भी प्रसिद्ध बौद्ध विहार बगैर खुदाई धरती के ऊपर नहीं मिला। बताइए, कौन - सा प्राचीन अवशेष है - धरती के ऊपर का या धरती के नीचे का?
Tweet media one
Tweet media two
74
730
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
8 months
फाहियान, ह्वेनसांग, इत्सिंग और हाइचो किसी ने नहीं लिखा कि तथागत बुद्ध किसी विष्णु के अवतार हैं। भारत में किसी ने इन्हें नहीं बताया कि बुद्ध किसी विष्णु के अवतार हैं। अनेक बौद्ध स्थलों की यात्राएं की, मगर बुद्ध को विष्णु के अवतार के रूप में पूजे जाते हुए इन्होंने नहीं देखा।
Tweet media one
61
659
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
भारत में जैसे अंग्रेजी में गाँवों के नाम नहीं हैं, वैसे ही संस्कृत में भी नहीं हैं ....
Tweet media one
41
535
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
मौर्य साम्राज्य का पतन बौद्ध धम्म को अपनाने के कारण नहीं बल्कि उसे छोड़ने के कारण हुआ।
Tweet media one
68
444
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 years
चीन, जापान और कोरिया के लोग बौद्ध भारत को ही स्वर्ग मानते थे और हम भारत के लोग आकाश में स्वर्ग खोज रहे हैं।
Tweet media one
31
487
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
आर्य आए द्रविड़ों के देश में, इसलिए आर्य हुए गैर द्रविड़ .....न कि द्रविड़ हुए अनार्य .... अंग्रेज आए भारत में तो अंग्रेज हुए अभारतीय ....न कि भारतीय हुए गैर अंग्रेज। अपना देश! अपना इतिहास!!....
Tweet media one
73
567
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 years
मध्य काल में फारसी आई तो हिंदी में फारसी के शब्द आ गए। आधुनिक काल में अंग्रेजी आई तो अंग्रेजी के शब्द हिंदी में आ गए। लेकिन प्राचीन काल में अशोक के शिलालेखों में एक भी शब्द संस्कृत के नहीं हैं। यदि अशोक के जमाने में संस्कृत रहती तो शिलालेखों में संस्कृत के शब्द जरूर आते।
Tweet media one
94
735
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 years
चीन, जापान और कोरिया में बुद्ध को विष्णु का अवतार नहीं माना जाता है, यह भारत में ही माना जाता है।
Tweet media one
35
528
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
9 months
ई. वी. रामास्वामी ने 94 साल तक जिंदा रहकर साबित किया कि नास्तिकता और मृत्यु के बीच कोई संबंध नहीं है।
Tweet media one
53
507
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
सिख धर्म का पंज - प्यारे बौद्ध धर्म के पंच - वग्गिय के तर्ज पर बना है।
Tweet media one
60
398
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
11 months
कुछेक लोग कहते हैं कि मैं बुद्ध को नहीं मानता तो बुद्ध खुद ही कहते हैं कि मुझे मत मानो, अपना दीपक स्वयं बनो।
Tweet media one
62
490
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
यदि बुद्ध के अहिंसा - सिद्धांत से देश गुलाम हुआ तो गाँधी के अहिंसा - सिद्धांत से देश आजाद कैसे हुआ? इतिहासकार मुँह देखकर फैसला सुना देते हैं।
Tweet media one
Tweet media two
75
589
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
तेलंगाना की मंजीरा नदी के तट पर कुल्चाराम के पास टेराकोटा पर लिखा मिला है ---- ओम् नमो बुद्दाय। दो हजार साल से भी अधिक पुराना है। पुरातत्व में इतना पुराना ओम् नमो लिखा मंत्र किसी दूसरे देवी - देवता का नहीं मिलता है।
Tweet media one
60
686
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
मौर्य काल में चाणक्य का कोई पुरातात्विक सबूत नहीं मिलता, चपड़ का मिलता है, जो अशोक के कुछ शिलालेखों के लेखक थे।
Tweet media one
54
674
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
चूँकि बुद्ध को भारत में विष्णु का अवतार बाद में घोषित किया गया, इसीलिए चीन और जापान से लेकर कोरिया तक बुद्ध को विष्णु का अवतार नहीं माना जाता है।
Tweet media one
55
488
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
4 months
पाँच हजार प्रतिमाएँ तो पूरे भारत में भी किसी लोकनायक की नहीं मिली, अकेले बुद्ध की पाँच हजार प्रतिमाएँ सिर्फ ब्रजमंडल में मिलीं...पूरे भारत की त�� बात ही मत कीजिए।
Tweet media one
43
646
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
तमिलनाडु के सलेम जिले में स्थित पेरियारी गाँव में थलाइवेट्टी मुनियप्पन का मंदिर है, मुनियप्पन की पूजा दूसरे देवता के रूप में होती थी। मद्रास हाई कोर्ट ने पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट पर आदेश दिया है कि यह बुद्ध की मूर्ति है और वहाँ बुद्ध की मूर्ति का बोर्ड लगाइए।
Tweet media one
Tweet media two
37
684
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
चीन के एक राजकुमार की आँखें जब दुनिया में कहीं ठीक नहीं की जा सकीं, तब इसी तक्षशिला में चीरकर ठीक की गईं थीं। भगवतशरण उपाध्याय
Tweet media one
23
502
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 years
एशिया के आधा का भी आधा भाग नहीं जीत सकने वाला सिकंदर यदि विश्वविजेता है तो लाइट आॅफ एशिया विश्वगुरु कैसे नही?
Tweet media one
33
500
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
अरस्तू को प्लेटो ने प्रभावित किया, प्लेटो को पाइथागोरस ने प्रभावित किया, लेकिन पाइथागोरस को बुद्ध ने प्रभावित किया है।
Tweet media one
Tweet media two
32
581
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
ह्वेनसांग ने लिखा है कि महापरिनिर्वाण के समय तथागत का सिर उत्तर दिशा की ओर था। उनके शरीर को अंतिम संस्कार के लिए नदी के किनारे नगर के उत्तर की ओर ले जाया गया था। ये सब बौद्ध परंपराएँ हैं। वे तमाम लोग बौद्ध हैं, जो इन परंपराओं को युगों - युगों से आज भी जिंदा रखे हैं।
Tweet media one
28
456
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
भारत में निचले तबके के लोगों को गुलाम बनाने के लिए अनेक पुस्तकें लिखी गईं, उन्हें प्रताड़ित करने के लिए अनेक सिद्धांत ईज़ाद किए गए, वो बाबा साहब थे, जिन्होंने निचले तबके के लोगों को इंसान बनाने के लिए अनेक पुस्तकें लिखीं, अनेक सिद्धांत ईज़ाद किए। जयंती पर जय!
Tweet media one
39
366
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
10 months
आश्चर्य कि जिन - जिन महापुरुषों ने जातिवाद का विरोध किया, उन्हीं के आंदोलनों को जातिवादी बता दिया गया और बाकी राष्ट्रवादी आंदोलन हो गए।
Tweet media one
Tweet media two
27
539
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 years
थेर से ही थ्योरी ( THEORY ) बना है, इसीलिए बुद्ध के विचार को सिद्धांत कहा जाता है।
Tweet media one
20
379
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 years
खबर नालंदा जिले के मकनपुर गाँव से आ रही है कि बाँध के किनारे भैंस के चरवाहों को तीन फीट ऊँची बुद्ध की प्रतिमा मिली है....
Tweet media one
22
447
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
11 months
मैं किसी का अंधभक्त नहीं हूँ, बुद्ध का भी नहीं, आप यही कहकर बौद्ध हो जाते हैं....
Tweet media one
65
395
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
संयुक्त राष्ट्र संघ दुनिया के किसी भी धर्म संस्थापक की जयंती नहीं मनाता, यदि मनाता है तो भारत के महान सपूत गौतम बुद्ध की। बधाई बुद्ध पूर्णिमा!
Tweet media one
37
554
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
11 months
जापान में भारत!
Tweet media one
Tweet media two
Tweet media three
31
445
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
जोतिराव फुले ने सबसे पहले रायगढ़ में शिवाजी की समाधि खोजी थी। उन्होंने ही सबसे पहले शिवाजी की पहली जयंती मनाई थी। उन्होंने ही सबसे पहले शिवाजी पर पोवाड़ा में पहली किताब लिखी थी। उन्होंने ही शिवाजी राज्याभिषेक तिथि पर 24 सितंबर को सत्यशोधक समाज की स्थापना की थी।
Tweet media one
26
594
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 years
बुद्ध अवतार नहीं हैं बल्कि अवतार ही बुद्ध के अवतार हैं। अवतार की परिकल्पना बुद्ध के बाद की गई है। इसीलिए अवतारों की मूर्तियाँ और उनका पुरातत्व में जिक्र बुद्ध के बाद मिलते हैं।
Tweet media one
23
548
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
12 वीं सदी में भारत से नालंदा बौद्ध महाविहार मिटा तो 8 वीं सदी में श्रीलंका ने, 15 वीं सदी में तिब्बत ने, फिर 18 वीं सदी में भूटान ने और 21 वीं सदी में जापान ने अपने देश में नालंदा बौद्ध महाविहार बना दिया, इस प्रकार नालंदा बौद्ध महाविहार की धारा कभी रुकी नहीं। ज्ञानभूमि को नमन!
Tweet media one
Tweet media two
38
587
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
यही कारण है कि पुराने जमाने में अनेक पुस्तकों का पालि से संस्कृत में अनुवाद हुआ, लेकिन संस्कृत से पालि में अनुवाद नहीं हुआ.....
Tweet media one
149
500
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
मनुष्य को अहिंसक होते सुना है, लेकिन स्टेट भी अहिंसक हो सकता है, यह दुनिया के सामने " भारत में असोक - राज " ने साबित किया.....
Tweet media one
32
482
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
11 months
चीन, जापान, म्यांमार, थाईलैंड, भूटान, श्रीलंका जैसे देशों में बुद्ध से ऊँची मूर्ति किसी की नहीं है। लेकिन अफसोस कि बुद्धभूमि भारत में सबसे ऊंची मूर्ति किसी और की है।
Tweet media one
Tweet media two
Tweet media three
Tweet media four
72
493
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
11 months
अरस्तू को प्लेटो ने प्रभावित किया, प्लेटो को पाइथागोरस ने प्रभावित किया और कनिंघम ने लिखा है कि पाइथागोरस को बुद्ध ने प्रभावित किया।
Tweet media one
67
447
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
पढ़िए लिखा है --- ओम् नमो बुद्दाय। दो हजार साल से भी अधिक प्राचीन है।
Tweet media one
37
461
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 years
सम्राट अशोक ने 84000 स्तूप बनवाए तो तिब्बत के साक्या बौद्ध मठ ने 84000 पुस्तकें संगृहीत की।
Tweet media one
16
473
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
10 months
जिस पीपल वृक्ष के नीचे तथागत बुद्ध को यह ज्ञान मिला कि आत्मा जैसी कोई चीज नहीं है, प्रतिगामियों ने उसी पीपल पर घंट टांगकर विरोध किया कि आत्मा है। भारत में तथागत का विरोध करने के अनेक सूक्ष्म तरीकों की खोजें हुईं हैं।
Tweet media one
78
522
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
व्यवस्था उसे कहते हैं जिससे समाज व्यवस्थित हो, काहे को जाति - व्यवस्था और वर्ण - व्यवस्था, सब अव्यवस्था है, व्यवस्था कह कर मूर्ख बनाया गया है तथा वर्ण और जाति को गौरवान्वित किया गया है।
Tweet media one
51
529
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 years
वेदों पर जो विश्वास करे, वह आस्तिक, जो नहीं करे, वह नास्तिक है। आस्तिक और नास्तिक की परिकल्पना वेद रचे जाने के बाद की है। इसलिए बुद्ध को बुद्ध के जमाने में नास्तिक नहीं कहा गया है, बाद में कहा गया है।
Tweet media one
43
470
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
10 months
स्वतंत्र भारत में डा अंबेडकर 2 बार लोक सभा के चुनाव लड़े थे और दोनों बार हार गए। जबकि जगजीवन राम 8 बार लोक सभा के चुनाव लड़े थे और आठों बार जीत गए। मगर बहुजन समाज की सैद्धांतिकी डाॅ. अंबेडकर के विचारों पर खड़ी है।
Tweet media one
Tweet media two
59
451
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
इब्न हौकल 10 वीं सदी में बगदाद से भारत आए थे। उनके बनाए नक्शे में भारत को " बुद्ध देश " लिखा हुआ है। ( सय्यद सुलैमान नदवी की पुस्तक " अरब और भारत के संबंध " से साभार )
Tweet media one
Tweet media two
72
631
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
8 months
सासाराम के असोक शिलालेख की हुई सफाई! पुरातत्व विभाग को बधाई!!
Tweet media one
Tweet media two
Tweet media three
Tweet media four
23
441
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 years
पुरानी बाइबिल में 5642, नई बाइबिल में 4800, मिल्टन में 8000 और डाॅ. अंबेडकर की अंग्रेजी में लगभग 8500 शब्दों का प्रयोग हुआ है।
Tweet media one
18
483
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 months
हल चलाते गोतम बुद्ध के पिता सुद्धोदन....बुद्ध का परिवार मूल रूप से खेतिहर था.... इसीलिए इन्हें खत्तिय कहा गया है..... आज भी खेत से संबंधित जो कागजात होते हैं.....खेत से संबंधित जो बही होती है....उन्हें खतियान, खतौनी कहा जाता है..... तलवार धारक नहीं, खतियान धारक ही खत्तिय थे...
Tweet media one
89
582
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
11 months
Tianzhu ( चीनी भाषा ), Tenjiku ( जापानी भाषा ) और Cheongug ( कोरियाई भाषा ) से साबित होता है कि चीन, जापान और कोरिया के लोग बौद्ध भारत को ही स्वर्ग मानते थे और हम भारत के लोग आकाश में स्वर्ग खोज रहे हैं।
Tweet media one
Tweet media two
Tweet media three
33
453
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
1 month
चीन और जापान से लेकर कोरिया तक..... भारत ने कोई फौजी हमला नहीं किया .... कोई गोली नहीं चली .... कोई तोप नहीं दागी गई .... एक बूँद भी खून नहीं बहा .... और जीत लिए गए .... वो बुद्ध की ताकत थी!
Tweet media one
99
509
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 years
राजा सुद्धोदन के हल चलाने के इतिहास से राजा जनक की कथा प्रेरित है।
Tweet media one
12
375
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
11 months
कनिष्क ने भारत को जीता, मगर भारत की संस्कृति ने कनिष्क को जीता और वह बौद्ध हो गया.....
Tweet media one
31
415
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
11 months
स्वीडन में बुद्ध की मूर्ति मिली है। स्वीडन सरकार ने उसी मूर्ति की प्रतिकृति बना कर डाक टिकट जारी किया है। प्राप्त मूर्ति 5 वीं सदी की है। यूरोप में तथागत बुद्ध।
Tweet media one
49
526
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
आरक्षण की नियमावली यही है कि आरक्षित कोटे के कैंडिडेट यदि मेरिट के अनुसार जनरल कैटिगरी में आ जाते हैं तो उनकी गणना जनरल कैटिगरी में होती है, न कि आरक्षित कैटिगरी में। कारण कि ऐसा नहीं करने पर जनरल कैटिगरी अपने - आप में जनरल के लिए आरक्षित हो जाएगी जो कि आरक्षण नियम के खिलाफ है।
Tweet media one
25
525
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 years
रामचंद्र शुक्ल का " हिंदी साहित्य का इतिहास " पढ़ा, जिसमें दो प्रकार के कवि हैं, एक में " जी " लगा है, दूसरे में " जी " नहीं लगा है। रामानंद जी, तुलसीदास जी, सूरदास जी - ये "जी" वाले कवि हैं। कबीर, रैदास, दादू - ये बिना " जी " के कवि हैं। रैदास के शब्दों में जाति है कि जाती नहीं।
Tweet media one
26
557
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
11 months
यूरोप में नॉर्स देवता Odin, जर्मनिक देवता Woden सब Buddha का रूपांतरण है। बुधवार को इसीलिए Woden's day कहा जाता है और अंग्रेजी में यह Wednesday है। Odin और Woden यूरोप के आधुनिक देवता नहीं हैं। इसीलिए मैं कहता हूं कि यूरोप में तथागत बुद्ध प्राचीन काल में पहुंच गए थे।
Tweet media one
101
452
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 months
शेष नारायण नहीं बल्कि तथागत बुद्ध हैं.
Tweet media one
64
485
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
2 years
नासिक की गुफा सं. 19 से पता चलता है कि भारत में सातवाहन काल में श्रमण मंत्रालय हुआ करता था और उस मंत्रालय में कैबिनेट रैंक का मंत्री होता था। ऐसा था श्रमण भारत!
Tweet media one
24
358
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
3 years
तुलसी ने जग को राममय देखा - " सिया राममय सब जग जानी ", लेकिन रैदास ने जग को चाममय देखा -" जित देखौं तित चामहिं चाम "। चाम का हाथी, चाम का राजा। चाम के ऊँट पर चाम का बाजा।
Tweet media one
14
354
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
10 months
पुरानी बाइबिल में 5642, नई बाइबिल में 4800, मिल्टन में 8000 और डाॅ. अंबेडकर की अंग्रेजी में लगभग 8500 शब्दों का प्रयोग हुआ है। नमन बोधिसत्व!
Tweet media one
Tweet media two
26
448
2K
@563Rajendra
Dr. Rajendra Prasad Singh
1 year
मलेशिया में मिला बौद्ध विहार। तालियां!
Tweet media one
Tweet media two
36
395
2K