Dr. Rajendra Prasad Singh
3 years
रामचंद्र शुक्ल का " हिंदी साहित्य का इतिहास " पढ़ा, जिसमें दो प्रकार के कवि हैं, एक में " जी " लगा है, दूसरे में " जी " नहीं लगा है। रामानंद जी, तुलसीदास जी, सूरदास जी - ये "जी" वाले कवि हैं। कबीर, रैदास, दादू - ये बिना " जी " के कवि हैं। रैदास के शब्दों में जाति है कि जाती नहीं।