💞सर्द मौसम का मज़ा
कितना अलग सा हैं 💞
तन्हा रात में इंतजार
कितना अलग सा हैं
धुंध बनी नक़ाब और
छुपा लिया सितारों को
उनकी तन्हाई का अब
एहसास कितना अलग सा हैं ! 💞
तुम्हे पाना चाहती हूं खोना नहीं
तुम्हारे संग हंसना चाहती हूं
जुदा होकर रोना नहीं
हमारी मोहब्बत को बस
इतना समझ साजना
तुम्हारे संग जीना चाहती हूं
महज़ बिस्तर पर सोना नहीं…!!
बहका बहका सा हैं वो...
बहकी बहकी सी मैं...!
दीवाना मस्ताना हैं वो ...
और सहमी सहमी सी मैं...!!
क्या चीज हैं ये मुहब्बत भी...
कुछ दीवानी सी हैं ये रैन...!!!
क्या मांगू खुदा से❤
तुम्हें पाने के बाद....
किसका करूँ इंतज़ार
तेरे आने के बाद
क्यों इश्क़ में सब कुछ
भूल जाते हैं लोग....
मैंने यह जाना तुमसे
इश्क़ होने के बाद....!!❤