@thekumarshyam
यहीं तो होता हैं ना कि सही को सही नहीं बोलने का
फर्क हम किसी दंगाई, बलात्कारी, या झगड़ालू को बड़े बड़े सामाजिक मंचो से बहिष्कृत कर देते है लेकिन यह लोग मजहबी का आदमी कितना ही बडा दगाई, हत्यारा होगा उनका साथ नहीं छोड़ेंगे
यहां तक की उन्ही के पदचिन्हों पर चलने की कसमें भी खायेंगे!